प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके जबर्दस्त फिटनेस और अथक परिश्रम करने के लिए जाना जाता है। लेकिन, पिछले कुछ महीनों में वे जिस पैमाने पर सक्रिय रहे हैं, वह आश्चर्यचकित करने वाला है।पीएम मोदी ने 125 दिनों की अवधि में 27 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में 200 कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इन कार्यक्रमों में 28 मार्च के बाद आयोजित हुईं 100 चुनावी सभाएं भी शामिल हैं।
सिर्फ दिल्ली की बात करें, तो प्रधानमंत्री मोदी ने यहां 30 कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इस साल अब तक कैबिनेट की ही 14 बैठकें हो चुकी हैं।
कार्यक्रमों के ये आंकड़े पीएम मोदी की सक्रियता और काम करने कीउनकी स्पीड और स्केल की कहानी कहते हैं। ये उनकी कार्यशैली और मल्टी-टास्किंग की योग्यता की झलक भी देते हैं।
जाहिर है, इन सभाओं और कार्यक्रमों के जरिए पीएम मोदी ने सवा सौ दिनों में सवा सौ करोड़ देशवासियों के मन को स्पर्श किया होगा।
इन कार्यक्रमों के संबंध में जो सबसेमहत्वपूर्ण बात है, वह है इसकी विविधता। पीएम मोदी के कार्यक्रमों के कैलेंडर में विद्यार्थियों से लेकर वैज्ञानिकों तक, किसानों से लेकर व्यवसायियों तक और विदेशी राष्ट्राध्यक्षों से लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं तक- सबके लिए समय निर्धारित था।
पीएम मोदी ने चुनाव के दौरान देश की लंबाई-चौड़ाई माप ली
कश्मीर से कन्याकुमारी तक और जामनगर से सिलचर तक, देश का कोई हिस्सा ऐसा नहीं है, जिसका दौरा पीएम मोदी ने नहीं किया हो।
फरवरी के महीने में पीएम मोदी जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने सिर्फ एक दिन में ही राज्य के तीनों क्षेत्रों यानि लद्दाख, जम्मू और कश्मीर घाटी का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री ने श्रीनगर में घाटी के लोगों के साथ विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। वे मशहूर डल झील भी गए और वहां उन्होंने यादगार नौकायन का आनंद उठाया।
पूर्वोत्तर हमेशा ही इस सरकार के फोकस में रहा है। प्रधानमंत्री तो नॉर्थ-ईस्ट का दौरा करते ही रहे हैं, हर पखवाड़े केंद्रीय मंत्री और अधिकारी भी इस क्षेत्र के दौरे पर रहे।
इस साल जनवरी से लेकर अब तक पीएम मोदी ने असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के कई दौरे किए। चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले संपन्न इन दौरों में पीएम मोदी ने इंफ्रास्ट्रक्चर सहित बिजली और कृषि से जुड़ी विभिन्नपरियोजनाओं को गति देने पर बल दिया।
जनहित के वादे, योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन
पहली फरवरी को एनडीए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना जैसी दो बड़ी और महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की। पहली योजना किसानों को आर्थिक मदद देने से जुड़ी है तो दूसरी योजना असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को मासिक पेंशन देने से जुड़ी है।
दोनों ही योजनाएं बेहद महत्वाकांक्षी हैं और जिस बड़े पैमाने पर इन्हें लागू किया जा रहा है, वह अपने-आप में अभूतपूर्व है। इन योजनाओं को पीएम मोदी ने अपनी खास शैली में बेहद कम समय में लागू कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना का शुभारंभ किया, तो 5 मार्च को अहमदाबाद से श्रमयोगी मानधन योजना की शुरुआत की।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से अगाध लगाव
प्रधानमंत्री मोदी 24 फरवरी को प्रयागराज में पवित्र संगम तट पहुंचे, जहां उन्होंने आस्था की डुबकी लगाई और पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया। पिछले कई वर्षों में कुंभ मेला में शिरकत करने वाले वे पहले प्रधानमंत्री बने।
पीएम मोदी की प्रयागराज की यह यात्रा देश की समृद्ध संस्कृतिके प्रति उनके गौरव भाव का द्योतक है। वे नई पीढ़ी को देश की महान विरासत की ओर आकर्षित करने के पक्षधर रहे हैं।
पिछले कुछ महीनों में पीएम मोदी नेदेश के इतिहास और संस्कृति से जुड़े ऐसे कई स्थलों का दौरा किया।
दिसंबर, 2018 के आखिरी हिस्से में पीएम मोदी पोर्ट ब्लेयर के समुद्रीतट पर पहुंचे, जहां उन्होंने ऐतिहासिक सेल्यूलर जेल में वीर सावरकर और कई अन्य महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
पीएम मोदी ने पोर्ट ब्लेयर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा तिरंगा झंडा फहराए जाने के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में तिरंगा फहराया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने झंडा फहराने के बाद जिस स्थान पर अपना संबोधन दिया था,पीएम मोदी ने भी उसी स्थान पर एक जनसभा को संबोधित किया।
पीएम मोदी पर हमेशा से ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस का गहरा प्रभाव रहा है। सुभाष बाबू की जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने नेताजी और इंडियन नेशनल आर्मी से जुड़े एक संग्रहालय का भी उद्घाटन किया, जिसे उन्होंने ‘क्रांति मंदिर’ का नाम दिया। दिल्ली के लाल किला में स्थापित यह म्यूजियम आईएनए के साहस और पराक्रम को दर्शाता है।
संग्रहालय परिसर में जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों की स्मृति में उस घटना के इतिहास और घटनाक्रम को भी प्रदर्शित किया गया है। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि यानि30 जनवरी को पीएम मोदी गुजरात के दांडी में एक अत्याधुनिक नमक सत्याग्रह मेमोरियल और म्यूजियम के उद्घाटन के लिए वहां पहुंचे।
देश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने के प्रयास के क्रम में हीपीएम मोदी ने कन्याकुमारी का भी दौरा किया, जहां उन्होंने प्रसिद्ध सांस्कृतिक स्थल विवेकानंद केंद्र में कुछ वक्त बिताया।
अपने विभिन्न दौरों के बीच पीएम मोदी ने देश के कई हिस्सों में स्थित प्रसिद्ध मंदिरों में पूजा-अर्चना की। जनवरी के महीने में वे तिरुअनंतपुरमके श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर पहुंचे, तो मार्च में उन्होंने त्रिपुरा के उदयपुर में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में पूजा-अर्चना की।
संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में एक मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी ने अपनी शुभकामनाएं भी प्रेषित कीं।
काशी, जहां पीएम एमपी बन जाते हैं!
पिछले 150 दिनों में पीएम मोदी, वाराणसी के संदर्भ में कहें तो एमपी मोदी, ने 5 बार अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा किया।
काशी में पीएम मोदी ने विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। जनवरी के महीने में पीएम मोदी प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वहां गए तो फरवरी में उन्होंने काशी में कई विकास कार्यों की शुरुआत की। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानि 8 मार्च को पीएम मोदी ने काशी में विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय कई महिलाओं और सेल्फ हेल्प ग्रुप के लोगों से बातचीत की। वे अप्रैल के महीने में एक बार फिर वाराणसी गए, जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र भरा। इस अवसर पर पीएम मोदी ने एक विशाल रोड शो किया, जिसमें उनके समर्थन में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए।
पावन धरती के लिए एक अनोखा प्रोजेक्ट
पीएम मोदी केकाशी का सांसद चुने जाने के बादवहां स्थानीय इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजली और स्वच्छता के क्षेत्र में विकास के अभूतपूर्व कार्य किए गए।
काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट एक ऐसा अनूठा प्रोजेक्ट है, जो वाराणसी में एक बदलाव लेकर आएगा। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य काशी विश्वनाथ मंदिर और उसके आसपास इंफ्रास्ट्रक्चर का समुचित विकास करना है। इस प्रोजेक्ट की सबसे आकर्षक और महत्वपूर्ण बातों में से एक बात यह है कि विश्वनाथ मंदिर के आसपास के घरों में स्थित सैकड़ों छोटे-बड़े मंदिरों का पुनरुद्धार किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत गंगाजी को काशी विश्वनाथ मंदिर से जोड़ा जाएगा। काशीवासियों का कहना है कि देवी अहिल्याबाई होल्कर के बाद यह पहला अवसर है, जबकिसी ने इतने बड़े पैमाने पर विश्वनाथ मंदिर और उसके आसपास के इलाकों के विकास के बारे में सोचा हो।
रक्षा-शक्तिके सम्मान और महान सेनानियों की स्मृति में
फरवरी के महीने की एक शाम दिल्ली के ध्यानचंद स्टेडियम में हजारों दिग्गज जमा हुए। उस वक्त हल्की बारिश भी हुई, लेकिन इससे कार्यक्रम में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हुई और माहौल उत्सवधर्मी बना रहा। दरअसल, यह ध्यानचंद स्टेडियम में भूतपूर्व सैनिकों की ऐतिहासिक रैली का अवसर था, जिसे पीएम मोदी ने संबोधित किया। अपने संबोधन के बाद उन्होंने राष्ट्रीय समर स्मारक (नेशनल वॉर मेमोरियल) को राष्ट्र को समर्पित किया।
आजादी के बाद सत्तर सालबीत गए, लेकिन देश के लिए जान की बाजी लगाने वाले जांबाजों की स्मृति में किसी ने नेशनल वॉर मेमोरियल बनाने की बात नहीं सोची। ये पीएम मोदी ही थे, जिन्होंने वॉर मेमोरियल बनाने का फैसला किया और बेहद कम समय में एक भव्य मेमोरियल बनकर तैयार हो गया।
पीएम मोदी ने इस रैली में सुरक्षा क्षेत्र को लेकर अपने दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में स्वदेशीको बढ़ावा देने और भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के मुद्देपर भी अपनी बात रखी।
रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के पीएम मोदी के इरादे का ही परिणाम है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के अमेठी में 4 मार्च को एक राइफल फैक्ट्री का उद्घाटन
किया।इस फैक्ट्री में अत्याधुनिक बंदूकों का उत्पादन होगा।इससे पहले, जनवरी के महीने में पीएम मोदी ने गुजरात के हजीरा में लार्सन एंड टुब्रो गन फैक्ट्री का उद्घाटन किया था। इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने के-9 वज्र टैंक की सवारी भी की।
अंतरिक्ष में छलांग
पीएम मोदी ने 27 मार्च को ऐतिहासिक ‘राष्ट्र के नाम संदेश’ दिया, जिसमें उन्होंने ए-सैट यानि एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट की सफलता का एलान किया। देश के इतिहास में यह पल मील का पत्थर बन गया, जब भारत ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया। देश के 130 करोड़ लोगों के मन में गौरव और आत्मविश्वास का भाव भरने वाले पीएम मोदी के इस संबोधन को लोगों ने बहुत उत्सुकता से देखा-सुना।
साइंस और इनोवेशन को बढ़ावा
पिछले कुछ महीनों में पीएम मोदी ने कई मंचों से साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन से जुड़े अपने दृष्टिकोण को सामने रखा।
इस साल की शुरुआत में ही पंजाब के जालंधर में सालाना आयोजित होने वाले इंडियन साइंस कांग्रेस का आयोजन हुआ। पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में नोबेल पुरस्कार विजेताओं और शीर्ष वैज्ञानिकों से बातचीत की।
पीएम मोदी फरवरी के महीने में स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में शामिल हुए, जहां युवा प्रतिभाओं ने टेक्नोलॉजी से जुड़े अपने इनोवेशन को प्रधानमंत्री के साथ साझा किया।
पीएम मोदी ने कई सॉफ्टवेयर कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठकें कीं, जिनमें साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे का रास्ता तय करने के संबंध में बातचीत हुई।
उन्होंने प्रतिष्ठित शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारप्राप्त करने वाले वैज्ञानिकों के साथ भी विस्तृत बातचीत की।
मनोरंजन का बड़ा केंद्र बनता भारत
भारत के मनोरंजन उद्योग ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को गौरवान्वित किया है। पीएम मोदी गाहे-बगाहे इस उद्योग के प्रतिनिधियों से मिलते रहे हैं और इसे कैसे बढ़ावा दिया जाए, इसके संबंध में बातचीत करते रहे हैं।
पीएम मोदी ने 19 जनवरी को फिल्मी सितारों से खचाखच भरे एक कार्यक्रम में भारतीय सिनेमा से जुड़े नेशनल म्यूजियम का उद्घाटन किया। यह म्यूजियम दर्शकों को भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम इतिहास से रूबरू कराता है।पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान मनोरंजन उद्योग के कामकाज को आसान बनाने के लिए कई सुधारात्मक कदमों की भी घोषणा की।
पीएम मोदी ने करण जौहर, रणवीर सिंह, विक्की कौशल, रणबीर कपूर और आलिया भट्ट जैसी बॉलीवुड की हस्तियों से भी बातचीत की।
संवेदना के कुछ अनोखे पल
पीएम मोदी के कैलेंडर में कुछ ऐसे कार्यक्रम भी शामिल रहे हैं, जो अपनी मानवीय और संवेदनशील प्रकृति के लिए खास हैं।
प्रयागराज में आयोजित कुंभ के दौरान पीएम मोदी द्वारा सफाई कर्मचारियों के पैर धोने की घटना को कौन भूल सकता है!पीएम मोदी ने भी खुद कहा कि यह पल हमेशा के लिए उनकी स्मृति का हिस्सा बना रहेगा।
पीएम मोदी ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वच्छ भारत मिशन के सिपाहियों को भी सम्मानित किया।
पीएम मोदी की एक काशी यात्रा के दौरान दिव्यांग बहनों और भाइयों का एक समूह उन्हें रिसीव करने एयरपोर्ट पर मौजूद था। उनमें से एक दिव्यांग भाई ने पीएम मोदी और दूसरे मंत्रियों की मिमिक्री भी की। अपनी मिमिक्री देख पीएम मोदी जोर से हंस पड़े।
पीएम मोदी फरवरी महीने में अक्षय पात्र फाउंडेशन केएक कार्यक्रम में 300 करोड़वीं थाली परोसनेमथुरा पहुंचे। वहां उन्होंने छोटे बच्चों से बातचीत की और उनके लिए भोजन परोसा।
पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत के लाभार्थियों के साथ भी बातचीत की। झारखंड, तमिलनाडु, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के कुछ लाभार्थियों ने पीएम मोदी को बताया कि कैसे आयुष्मान भारत योजना ने उनकी जिंदगी बदल दी।उनमें से कई तो अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए भावुक हो गए।
विकास, अर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर
पीएम मोदी नेअर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से जुड़े कई कार्यक्रमों में शिरकत की। 15 फरवरी को उन्होंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ‘वंदे भारत’ एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।‘वंदे भारत’ बेहतरीन इंजीनियरिंग का नमूना है, जो देश के लोगों को तेज और आरामदायक यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
पीएम मोदी ने केरल में कोल्लम बाइपास और असम में बोगीबील ब्रिज जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन किया।
पीएम मोदी ने जनवरी में वाइव्रेंट गुजरात समिट में दो दिन बिताए, जहां उन्होंने सरकार के आर्थिक एजेंडे पर विस्तार से बात की।समिट के दौरान ही उन्होंने कई द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।
पीएम मोदी ने माल्टा के प्रधानमंत्री, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री और डेनमार्क के प्रधानमंत्री सहित कई अन्य के साथ बैठकें कीं।
अप्रैल के महीने में पीएम मोदी ने दिल्ली में व्यापारियों के एक कार्यक्रम को संबोधित किया।उन्होंने MSME सेक्टर और छोटे व्यापार-व्यापारियों के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से बातचीत की।
पार्टी के लिए परिश्रम
भारतीय जनता पार्टी ने तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ श्रृंखला के तहत अपने कार्यकर्ताओं से जुड़ने का अनोखा माध्यम अपनाया। ऐसे कार्यक्रमों की सीरीज में पीएम मोदी ने देश के विभिन्न संसदीय क्षेत्रोंके बीजेपी कार्यकर्ताओं से संवाद स्थापित किया और उनके प्रश्नों के उत्तर भी दिए।ऐसे कार्यक्रम बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की पीएम मोदी की कोशिशों और उनके संगठनात्मक कौशल की झलक देते हैं।
साक्षात्कार और वाद-संवाद
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कई साक्षात्कार दिए। उनके साक्षात्कारों में प्रधानमंत्री आवास के लॉन में टाइम्स नाउ को दिया गया वॉक-इन इंटरव्यू और इंडिया टुडे को वाराणसी में गंगा के तट पर दिया गया इंटरव्यू शामिल रहा।
फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने पीएम मोदी का एक अराजनीतिक इंटरव्यू किया, जिसमें पीएम मोदी ने बचपन से लेकर अब तक अपने जीवन के कई अनसुने पक्षों को साझा किया।
पीएम मोदी ने Financial Times के संपादक से भी बातचीत की। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था और वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका के संबंध में अपना दृष्टिकोण साझा किया।
टाउन हॉल कार्यक्रम
नई पीढ़ी से बेहतर तालमेल बिठाने के प्रयास में पीएम मोदी ने तीन रिकॉर्डतोड़ टाउन हॉल कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
सूरत के टाउन हॉल कार्यक्रम में पीएम मोदी ने 21वीं सदी के भारत को लेकर अपना दृष्टिकोण युवाओं से साझा किया।
पीएम मोदी ने दिल्ली के टाउन हॉल कार्यक्रम में ही ‘परीक्षा पर चर्चा- 2.0’ के तहत विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों से परीक्षा और परीक्षा की तैयारी के दौरान स्ट्रेस या तनाव से निपटने के तरीकों पर चर्चा की।
पीएम मोदी ने मार्च के महीने में ‘मैं भी चौकीदार’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जिसमें एक बार फिर समाज के सभी क्षेत्रों और वर्गों में सक्रिय युवा मौजूद रहे।
विशाल और जीवंत रोड शो
कोई भी चुनावी अभियान बिना जीवंत रोड शो के पूरा नहीं होता। रोड शो नेताओं और मतदाताओं को एक-दूसरे से रूबरू होने का विशेष अवसर प्रदान करते हैं। पीएम मोदी अभी तक भुवनेश्वर, रांची और वाराणसी में कुल तीन रोड शो कर चुके हैं। इन तीनों में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
कुशल विदेशी नीति
किसी भी प्रधानमंत्री के लिए विदेश नीति बेहद महत्वपूर्ण कार्य क्षेत्र होता है। फरवरी के महीने में, पीएम मोदी द्विपक्षीय वार्ता के लिए दक्षिण कोरिया गए। इस यात्रा के दौरान ही पीएम मोदी को सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पिछले कुछ महीनों में अर्जेंटीना के महामहिम राष्ट्रपति श्री मौरिसियो मैक्री और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस महामहिम मोहम्मद बिन सलमान ने भारत की यात्रा की। फरवरी के महीने में इन दोनों विदेशी राष्ट्राध्यक्षों की यात्राओं से दक्षिण अमेरिका और पश्चिम एशिया में भारत के इन महत्वपूर्ण सहयोगियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिली।
पिछले दो महीनों में, पीएम मोदी को रूस और संयुक्त अरब अमीरात के शीर्ष नागरिक सम्मानों से नवाजा गया। अबू धाबी के क्राउन प्रिंस ने व्यक्तिगत रूप से पीएम मोदी को जायेद मेडल प्रदान करने की घोषणा की तो रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इस बात का एलान किया कि पीएम मोदी को‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द अपॉस्टल’ सम्मान से नवाजा जाएगा।
पीएम मोदी ने इन सम्मानों को भारत की जनता और शांति एवं भाईचारे की भारत की संस्कृति को समर्पित किया।
संसदीय प्रणाली के प्रति आस्था
पीएम मोदी ने संसद के बजट सत्र में हिस्सा लेते हुए दो बार अपना संबोधन दिया।उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए सदन को संबोधित किया तो दूसरी बार सत्र की समाप्ति पर अपना संबोधन दिया। पीएम मोदी के इस संबोधन के साथ ही16वीं लोकसभा का भी अवसान हो गया।
राष्ट्ररक्षा सर्वोपरि
फरवरी के महीने में पुलवामा की भयावह घटना हुई, जहां आतंकवादियों ने भारतीय जवानों की गाड़ी पर आतंकी हमला कर दिया। किसी भी परिस्थिति में अटल रहने वाले पीएम मोदी ने इस संकट के समय साहस और राजनीतिक कौशल का परिचय दिया। उन्होंने देश को भरोसा दिया कि जवानों की कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी। हमारे सशस्त्र बलों को कार्रवाई करने और जवाब देने की खुली छूट दी गई और परिणामस्वरूप, भारतीय सेना ने एयर स्ट्राइक की कार्रवाई की, जिससे पाकिस्तान को रक्षात्मक रवैया अपनाना पड़ा।
पीएम मोदी की सक्रिय विदेश नीति से वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की छवि और आवाज धूमिल एवं ध्वस्त हो गई। संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया। इसमें, बड़ी संख्या में दुनिया के देशों ने भारत के रुख का समर्थन कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
‘मन की बात’ के दो कार्यक्रम
पीएम मोदी ने जनवरी और फरवरी के महीने में रेडियो के जरिए ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपनी बात रखी। फरवरी के कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने घोषणा की कि चूंकि, अब वे लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने जा रहे हैं, इसलिए मार्च और अप्रैल के महीने में ‘मन की बात’ कार्यक्रम नहीं हो पाएगा। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि मन की बात का अगला कार्यक्रम मई महीने के अंतिम रविवार यानि 26 मई को होगा। 26 मई ही वह तारीख है, जब पीएम मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
विस्तृत, व्यापक और व्यस्ततम!
इंटरव्यू से लेकर बातचीत तक, टाउन हॉल कार्यक्रम से लेकर द्विपक्षीय वार्ता तक, जनसभाओं से लेकर राजनीतिक रैलियों तक- पिछले कुछ महीने पीएम मोदी के लिए बेहद व्यस्त रहे।
इस दौरान पीएम मोदी ने लंबी हवाई यात्राएं कीं तो हेलिकॉप्टर से भी एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचे। पिछले कुछ महीने पीएम मोदी के दिन की शुरुआत जल्दी होती और समाप्ति देर से होती।
हालांकि, पीएम मोदी के लिए जनता के बीच जाकर उनसे रूबरू होना अपने-आप में आनंददायक अनुभव होता है। यह उन्हें ऊर्जावान रखता है। यह पीएम मोदी की ऊर्जा और उनका जज्बा ही है, जिसने 130 करोड़ भारतवासियों के दिलों में उन्हें मजबूती से स्थापित किया है।