प्रधानमंत्री मोदी ने उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मीरज़ियोयेव के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए बातचीत की
पीएम मोदी और उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मीरज़ियोयेव के बीच कई समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया
भारत, उजबेकिस्तान के साथ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है: प्रधानमंत्री
हमने सुरक्षा, शांति और समृद्धि और सहयोग के क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया: उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मीरज़ियोयेव के साथ संयुक्त प्रेस वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी

Your Excellency

और मेरे मित्र राष्ट्रपति मिर्ज़ियोयेव,

उज़्बेकिस्तान से आए सम्मानीय अतिथि और मित्रगण,

भारतीय शिष्टमंडल के सदस्य,

नमस्कार।
राष्ट्रपति जी,

यह आपकी भारत की पहली state visit है। मुझे बेहद खुशी है कि यह यात्रा आप अपने परिवार और एक सशक्त delegation के साथ कर रहे हैं। आपका और आपके परिवार तथा delegation का स्वागत करते हुए मुझे बहुत हर्ष हो रहा है। उज्बेकिस्तान और भारत के बीच समानताएं और नज़दीकी रिश्तों के गवाह हमारे साझा इतिहास और संस्कृति हैं। ‘मेहमान’, ‘दोस्त’ और ‘अज़ीज़’ – ऐसे कितने ही शब्द दोनों देशों में सामान रूप से जाने जाते हैं। यह सिर्फ भाषा की समानता नहीं। यह दिलों और भावनाओं का मिलन है। मुझे गर्व है और प्रसन्नता भी, कि हमारे देशों के रिश्तों की बुनियाद इतनी मज़बूत नींव पर बनी है। राष्ट्रपति जी, आपसे मेरा परिचय 2015 में मेरी उज़्बेकिस्तान यात्रा के दौरान हुआ था। आपकी भारत के प्रति सदभावना और मित्रता ने, और आपके व्यक्तित्व ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। यह हमारी चौथी मुलाकात है। मुझे ऐसा महसूस होता है कि आप एक घनिष्ठ मित्र हैं। अज़ीज दोस्त हैं। मुझे और भी अधिक प्रसन्नता है कि आपके साथ एक सशक्त delegation है। आपके आदेश और मार्गदर्शन पर पिछले कुछ दिनों में भारत में उनकी उपयोगी मुलाकाते हुई हैं। आज हमारे बीच बहुत ही सार्थक चर्चा हुई। भारत और उज़्बेकिस्तान के ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा बनाने, और हमारी strategic partnership को और मज़बूत करने के हमारे vision और plans को हमने साझा किया है। हमारे पुराने दोस्ताना रिश्तों को आज के सन्दर्भ में और भी समृद्ध करने के लिए हमने long-term view लिया है। क्षेत्रीय महत्व के मुद्दे, जिनसे हमारी सुरक्षा, शान्ति, समृद्धि और सहयोग जुड़े हैं, उन पर भी सार्थक विचार-विमर्श हुआ है। इन मुद्दों पर, और Shanghai Cooperation Organisation समेत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर, हमने हमारे सहयोग को और गहरा बनाने का निर्णय लिया है। आज की मुलाकात में हम इस बात पर पूरी तरह सहमत हुए हैं कि अब हमारे देशों के बीच के प्राचीन और प्रगाढ़ संबंधों को हमारे लोगों की आशाओं और अपेक्षाओं के अनुरूप विस्तार देने का समय आ गया है।

Excellency,

आपके कई साहसी और ठोस क़दमों और सुधारों से उज़्बेकिस्तान पुरानी व्यवस्था को पीछे छोड़कर आधुनिकता की ओर तेज़ी से आगे बढ़ा है। यह आपके नेतृत्व और विज़न का परिणाम है। मैं इसका स्वागत करता हूँ। आपको बहुत बधाई देता हूँ और आगे और भी सफलता के लिए शुभकामनाएँ भी देता हूँ।

Excellency,

उज़्बेकिस्तान की प्राथमिकताओं के अनुसार भारत उन प्रयासों में सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे मौजूदा सहयोग को नए क्षेत्रों में बढ़ाने के लिए हमनें आज खासतौर पर चर्चा की। हम व्यापार और निवेश के रिश्तों को बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। हमने 2020 तक एक बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार का target रखा हैं। हमने प्रिफरेन्शियल Trade Agreement पर negotiations शुरू करने का भी निर्णय लिया है। उज़्बेकिस्तान के प्रस्ताव पर, हमने उज़्बेकिस्तान के सामाजिक क्षेत्रों में कम लागत के घरों और ऐसे और भी social infrastructure projects के लिए 200 मिलियन डॉलर की Line of Credit प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, 800 मिलियन डॉलर की Lines of Credit तथा Exim Bank द्वारा buyers क्रेडिट के अन्तर्गत भी हम उज़्बेकिस्तान के प्रस्तावों का स्वागत करेंगे। अंतरिक्ष, human resource development और Information Technology के क्षेत्रों में उज़्बेकिस्तान के हित के लिए भारत के अनुभव से लाभ उठाने का प्रस्ताव हमने रखा है। भारत और उज़्बेकिस्तान के राज्यों के बीच बढ़ते सहयोग का हम स्वागत करते हैं। आज आगरा और समरकंद के बीच ट्विनिंग agreement और गुजरात और उज़्बेकिस्तान के अंदिजन के बीच समझौते हुए हैं। भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच connectivity में वृद्धि करने के रास्तों पर हमने विचार किया है। व्यापार और connectivity के लिए चाहबहार एक महत्वपूर्ण कड़ी है। भारत Ashgabat Agreement का February 2018 में सदस्य बना है। इसमें समर्थन के लिए हम उज़्बेकिस्तान के आभारी हैं। हमे ख़ुशी हैं कि उज़्बेकिस्तान International North South Transport Corridor में शामिल होने पर सहमत हुआ है।

Excellency,

आपके वरिष्ठ सलाहकार और मन्त्री कल Gandhi Sanitation Convention के समापन समारोह में शामिल हो रहे हैं। महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा और शान्ति के संदेश के प्रति आपके मन में जो सम्मान है, उसने भारतीयों के हृदय को छू लिया है। ताशकंद से भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की स्मृति जुड़ी है। Shastri Jiके स्मारक और Lalbahadur Shastri School के renovation के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूँ। इन दोनों महान नेताओं की जन्मतिथि की पूर्व संध्या पर आपकी भारत में मौजूदगी हमारे लिए विशेष महत्व रखती है।

 Excellency,

यह प्रसन्नता का विषय है कि हमारे रक्षा संबंधों में वृद्धि हो रही है। आज की मुलाकात के दौरान हमने संयुक्त सैन्य अभ्यास और सैन्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण समेत अन्य आवश्यक क्षेत्रों में रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की है। राष्ट्रपति जी, आपसे विचार-विमर्श ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि भारत और उज़्बेकिस्तान एक सुरक्षित और समृद्ध external environment चाहते हैं। क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए उज़्बेकिस्तान के प्रयासों की हम सराहना करते हैं। इसमें भारत उज़्बेकिस्तान के साथ हर संभव सहयोग करेगा। स्थिर, लोकतांत्रिक और समावेशी एवं समृद्ध अफ़ग़ानिस्तान हमारे पूरे क्षेत्र के हित में है। मुझे खुशी है कि इस संदर्भ में हमारे दोनों देशों के बीच नियमित रूप से सम्पर्क बनाए रखने का निर्णय हमने लिया है। सांस्कृतिक और people-to-people contacts हमारे संबंधों के आधार स्तंभ हैं। e-वीजा, पर्यटन, academic exchanges और air connectivity इत्यादि विषयों पर आज हमने चर्चा की है।

Excellency,

अब हम एक नए दौर की ओर बढ़ रहे हैं जिसमें हमारे द्विपक्षीय संबंध नई ऊँचाइयां छुएंगे और हमारी strategic partnership को और मजबूत करेंगे। एक बार फिर आपका और आपके delegation का स्वागत करते हुए मैं भारत में आपके सुखद और फलदायी प्रवास की कामना करता हूँ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

Thank you.

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.