सायप्रस और भारत प्राचीन सभ्यताओं की समृद्ध विरासत का हिस्सा, हमारी सभ्यताओं नें वर्षों से एक दूसरे को प्रभावित किया: प्रधानमंत्री 
सायप्रस और भारत के बीच घनिष्ठ आर्थिक संबंध:पीएम मोदी
सायप्रस की खूबसूरती और 'इनक्रेडिबल इंडिया' दोनों ही देशों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है: प्रधानमंत्री
भारत और सायप्रस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रारंभिक सुधार लाने के सामान्य उद्देश्य को साझा करते हैं: प्रधानमंत्री मोदी
सायप्रस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत का समर्थन करेगा

महामहिम, साइप्रस के राष्ट्रपति,
विशिष्ट प्रतिनिधिगण,
मीडिया के मित्रों,
 
महामहिम भारत की पहली राजकीय यात्रा पर आपका स्वागत करते हुए मुझे अत्यंत हर्ष हो रहा है। मैं जानता हूं कि साइप्रस के प्रत्येक राष्ट्रपति के हृदय में भारत के लिए विशेष स्थान रहा है। लगभग सभी ने भारत की यात्रा की है। इसलिए एक परम मित्र और भारत के प्रखर समर्थक का स्वागत करना मेरे लिए सम्मान की बात है। भारत और साइप्रस प्राचीन सभ्यता की समृद्ध विरासत को साझा करते हैं। हजारों वर्ष से हमारी सभ्यताओं का एक दूसरे पर प्रभाव रहा है। आधुनिक समय में, हमारे संबंध स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले से हैं, जब हमारे संस्थापकों ने साइप्रस के स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन किया।  साइप्रस ने भी गर्मजोशी और मित्रतापूर्वक इसका प्रतिदान किया। भारत सभी तरह के मुद्दों पर हमेशा साइप्रस के साथ खड़ा रहा। 1974 में भारत साइप्रस गणराज्य की संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के समर्थन में दृढ़ता से खड़ा रहा। भारत ने साइप्रस में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक सेना में जवानों के रूप में योगदान दिया है। तीन भारतीयों ने बल के कमांडर के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं और यह मेरे लिए हर्ष का विषय है कि सभी को साइप्रस में बड़े प्यार से याद किया जाता है।
 
महामहिम,
 
मुझे साइप्रस मसले के समाधान के लिए आपके द्वारा की गई पहल की जानकारी है। शांति, विकास और सुरक्षा के नए युग की शुरुआत के लिए आप आगे रहकर प्रयास कर रहे हैं। यह न सिर्फ साइप्रस बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए है। हम इन प्रयासों में आपको सफलता मिलने की कामना करते हैं। आपके नेतृत्व में, साइप्रस हाल की वित्तीय एवं बैंकिंग चुनौतियों से सफलतापूर्वक उबर गया है। वह वर्ष 2016 में यूरोजोन में सबसे अधिक वृद्धि दर हासिल करने वालों देशों में से एक रहा है। महामहिम, अपने देश को संकट से बाहर निकालने और आर्थिक समृद्धि की राह पर ले जाने के लिए आपके दृष्टिकोण और नेतृत्व की हम सराहना करते हैं।
मित्रों,
 
आज, राष्ट्रपति और मेरे बीच विस्तार से चर्चा हुई है। हमारी बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े सभी मुद्दे शामिल थे। हमने आपसी चिंता के महत्वपूर्ण वैश्विक और क्षेत्रीय मु्द्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। भारत और साइप्रस के बीच नजदीकी आर्थिक रिश्ते हैं। साइप्रस भारत में आठवां सबसे बड़ा निवेशक है। गत वर्ष, हमारे पूंजी और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने के लिए हमने दोहरे कराधान से बचाव के समझौते को संशोधित किया है। राष्ट्रपति और मैं, इस बात से सहमत हैं कि भारत साइप्रस के उद्यमियों के लिए निवेश के उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। हमारी अर्थव्यवस्थाओं में, मेरी सरकार द्वारा शुरू किए गए फ्लैगशिप कार्यक्रमों के जरिए उद्योग और व्यापार जगत आकर्षक भागीदारी बना सकते हैं। साइप्रस का खूबसूरत परिदृश्य और 'अतुल्य भारत' का व्यापक क्षितिज दोनों देशों के बीच पर्यटन के प्रचार का एक स्रोत हो सकता है।
 
मित्रों,
 
भारत और साइप्रस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जल्दी सुधार लाए जाने के समान उद्देश्य को साझा करते हैं। हम दोनों का मानना है कि सुधारयुक्त  सुरक्षा परिषद उस दुनिया को प्रतिबिंबित करेगी जैसी कि यह है, न कि जैसी यह थी। यह दुनिया की जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक है। महामहिम, इस संदर्भ में, मैं विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत के दावे को आपके समर्थन की सराहना करता हूं। राष्ट्रपति और मैंने अन्य अंतर-सरकारी संगठनों और व्यवस्थाओं में हमारी साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा की।
मित्रों,
 
अपनी स्थिति को देखते हुए, साइप्रस यह स्वीकार करता है कि आतंकवाद वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए खतरा है। भारत खुद दशकों से सीमापार आतंकवाद से जूझ रहा है। हम दोनों इस बात पर सहमत हैं कि सभी देशों को उन राष्ट्रों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है, जो हमारे क्षेत्र में आतंकवाद पैदा करते हैं, उन्हें सहायता, प्रश्रय देते हैं और आतंक के इन कारखानों को बने रहने देते हैं। राष्ट्रपति और मैंने एक व्यापक वैश्विक कानूनी ढांचा विशेषकर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के शुरुआती निष्कर्ष के माध्यम से तैयार करने की आवश्यकता पर चर्चा की है।
 
महामहिम,
 
हमारे द्विपक्षीय संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए मैंने आपके साथ मजबूत प्रतिबद्धता साझा की है। मुझे विश्वास है कि आज की चर्चा और निर्णय हमारी साझेदारी को एक नई दिशा और गहराई देंगे। मैं एक बार फिर भारत में आपका स्वागत करता हूं। मैं आपके फलदायी और उपयोगी प्रवास की कामना करता हूं।
 
धन्यवाद,
 
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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