रविवार, 12 अप्रैल 2015 की शाम को प्रधानमंत्री ने जर्मनी के हनोवर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। प्रधानमंत्री ने गांधी जी और उनके आदर्शों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर भारी संख्या में लोग उपस्थित थे। gandhi-GER-inner3

हनोवर के कुलेमंसट्रास में महात्मा गाँधी की प्रतिमा के अनावरण के बाद प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ

महात्मा गांधी भारत में जन्मे जरूर थे। महात्मा गांधी पिछली शताब्दी में जन्मे जरूर थे लेकिन न वह सिर्फ भारत के थे, न ही वह बीती हुई शताब्दी के थे। वे पूरे विश्व के थे और वे युग पुरुष थे और युगों तक जब-जब मानवता की चर्चा होगी तब महात्मा गांधी का जीवन, उनके शब्द, उनके संकल्प, संकट की घड़ी में भी मानव जाति को मार्गदर्शन दिखाएंगे। विश्व दो संकटों से गुजर रहा है। एक आंतकवाद और दूसरा ग्लोबल वार्मिंग। पूरे विश्व को इसकी चिंता है और अगर हम महात्मा गांधी की तरफ देंखे तो इन दोनों समस्याओं का समाधान महात्मा गांधी के विचारों में से मिलता है, उनके आदर्शों में से मिलता है। वे प्रकृति को प्रेम करते थे। वे प्रकृति के साथ-साथ जीवन की बात करते थे और वे पर्यावरण की रक्षा के लिए बड़े जागरुक थे।

उस समय विश्व में कहीं पर भी Environment की चर्चा नहीं होती थी उस समय वह प्राकृतिक जीवन के प्रति लोगों को आकर्षित करने के लिए अपने जीवन के माध्यम से संदेश देते रहते थे। दुनिया जो आज रक्तरंजित हो रही है। मानव जीवन पर आतंकवाद का साया मानवता को नष्ट करने पर तुला हुआ है। तब, महात्मा गांधी का अहिंसा का संदेश महात्मा गांधी का सह-जीवन का संदेश और भारत की धरती का ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का संदेश इस संकट से मानवता को बचाने का उत्तम रास्ता है और उस अर्थ में महात्मा गांधी आज भी पूरी मानव जाति के लिए आदर्श हैं, प्रेरक हैं| gandhi-GER-inner2

मैं मेयर Stefan का, हेनोवर की जनता का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं कि आज महात्मा गांधी की प्रतिमा यहां लगी है और मुझे बताया गया कि यहां की जनता ने मतदान करके तय किया था कि हमारे हेनोवर में महात्मा गांधी की प्रतिमा होनी चाहिए।

लोकतांत्रिक तरीके से, और इसलिए आज महात्मा गांधी की प्रतिमा की स्थापना हर हेनोवर के नागरिक के लिए गर्व का विषय है, जर्मनी के लिए गर्व का विषय है और मैंने जैसे कहा, हर भारतीय तो गर्व करेगा लेकिन मानवता में विश्वास करने वाले विश्व के हर व्यक्ति के लिए आज गर्व का अवसर है। मैं फिर से एक बार मेयर Stefan का बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। gandhi-GER-inner

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डॉ. मनमोहन सिंह को हमेशा एक नेक इंसान, विद्वान अर्थशास्त्री और रिफॉर्म्स के प्रति समर्पित लीडर के रूप में याद किया जाएगा: पीएम
December 27, 2024
डॉ. सिंह का जीवन भावी पीढ़ियों को विपरीत परिस्थितियों से उबरकर ऊंचाइयों को प्राप्त करना सिखाता है: प्रधानमंत्री
डॉ. सिंह को हमेशा एक दयालु व्यक्ति, एक विद्वान अर्थशास्त्री और सुधारों के लिए समर्पित नेता के रूप में याद किया जाएगा: प्रधानमंत्री
डॉ. सिंह का विशिष्ट संसदीय जीवन उनकी विनम्रता, सौम्यता और बुद्धिमत्ता से परिपूर्ण रहा: प्रधानमंत्री
डॉ. सिंह हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों के व्यक्तियों के साथ संपर्क बनाए रखते थे और सभी के लिए आसानी से उपलब्ध रहते थे: प्रधानमंत्री

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन ने हम सभी के हृदय को गहरी पीड़ा पहुंचाई है। उनका जाना, एक राष्ट्र के रूप में भी हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है। विभाजन के उस दौर में बहुत कुछ खोकर भारत आना और यहां जीवन के हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करना, ये सामान्य बात नहीं है। अभावों और संघर्षों से ऊपर उठकर कैसे ऊंचाइयों को हासिल किया जा सकता है, उनका जीवन ये सीख भावी पीढ़ी को देता रहेगा।

एक नेक इंसान के रूप में, एक विद्वान अर्थशास्त्री के रूप में और रिफॉर्म्स के प्रति समर्पित लीडर के रूप में उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। एक अर्थशास्त्री के रूप में उन्होंने अलग-अलग स्तर पर भारत सरकार में अनेक सेवाएं दीं। एक चुनौतीपूर्ण समय में उन्होंने रिजर्व बैंक के गवर्नर की भूमिका निभाई। पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न श्री पी.वी. नरसिम्हा राव जी की सरकार के वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने वित्तीय संकट से घिरे देश को एक नई अर्थव्यवस्था के मार्ग पर प्रशस्त किया। प्रधानमंत्री के रूप में देश के विकास में और प्रगति में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

जनता के प्रति, देश के विकास के प्रति उनका जो कमिटमेंट था, उसे हमेशा बहुत सम्मान से देखा जाएगा। डॉ. मनमोहन सिंह जी का जीवन, उनकी ईमानदारी और सादगी का प्रतिबिंब था, वो विलक्षण सांसद थे। उनकी विनम्रता, सौम्यता और उनकी बौद्धिकता उनके संसदीय जीवन की पहचान बनी। मुझे याद है कि इस साल की शुरुआत में जब राज्यसभा में उनका कार्यकाल समाप्त हुआ, तब मैंने कहा था कि सांसद के रूप में डॉ. साहब की निष्ठा सभी के लिए प्रेरणा जैसी है। सत्र के समय अहम मौकों पर वो व्हील चेयर पर बैठकर आते थे, अपना संसदीय दायित्व निभाते थे।

दुनिया के प्रतिष्ठित संस्थाओं की शिक्षा लेने और सरकार के अनेक शीर्ष पदों पर रहने के बाद भी वो अपनी सामान्य पुष्ठ भूमि के मूल्यों को कभी भी नहीं भूले। दलगद राजनीति से ऊपर उठकर उन्होंने हमेशा हर दल के व्यक्ति से संपर्क रखा, सबके लिए सहज उपलब्ध रहे। जब मैं मुख्यमंत्री था तब डॉ. मनमोहन सिंह जी के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अनेक विषयों पर उनसे खुले मन से चर्चाएं होती थी। यहां दिल्ली आने के बाद भी मेरी उनसे समय-समय पर बात होती थी, मुलाकात होती थी। मुझे उनसे हुई मुलाकातें, देश को लेकर हुई चर्चाएं हमेशा याद रहेगी। अभी जब उनका जन्मदिन था तब भी मैंने उनसे बात की थी।

आज इस कठिन घड़ी में मैं उनके परिवार के प्रति अपने संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं डॉ. मनमोहन सिंह जी को सभी देशवासियों की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।