प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज विख्यात कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम एस स्वामीनाथन के व्यक्तित्व पर लिखी गई पुस्तक शृंखला के दो भागों का लोकापर्ण किया। इस श्रृंखला का शीर्षक – एम एस स्वामीनाथन : दी क्वेंस्ट फोर ए वर्ल्ड विदआउट हंगर’ है। इस अवसर पर अनेक केंद्रीय मंत्री और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए प्रधानमंत्री ने उन क्षणों को याद दिलाया कि गुजरात के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के रूप में उन्होंने प्रोफेसर स्वामीनाथन के साथ सलाह मशविरा करके मृदा स्वास्थ्य कार्ड पहल की शुरूआत की थी।
प्रोफेसर स्वामीनाथन की लगन और वचनबद्धता की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें एक ‘किसान वैज्ञानिक’ बताया – मात्र ‘कृषि वैज्ञानिक’ की अपेक्षा वे किसानों के वैज्ञानिक थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रोफेसर स्वामीनाथन की विशेषताओं को जमीनी हकीकतों को यथार्थ धरातल से जोड़ती हैं। उन्होंने प्रोफेसर स्वामीनाथन की सादगी को भी सराहा।
कृषि क्षेत्र की वर्तमान चुनौतियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र की सफलता को पूर्वी भारत में विस्तार दिए जाने की आवश्यकता है और वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी गत उपायों को इसे यथार्थ रूप दिया जाना अपेक्षित है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक वैज्ञानिक पद्यतियों तथा पारंपरिक कृषि ज्ञान के सम्मिश्रण से सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। कतिपय राज्यों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के प्रत्येक जिले की एक अपनी ‘कृषि पहचान,’ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे विपणन को बढ़ावा और औद्योगिक-क्लस्टरों की तर्ज पर कृषि-क्लस्टर का विकास करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य का उल्लेख किया और बताया कि इसके लिए अनेक महत्वपूर्ण क्षेत्र में लक्ष्य परक दृष्टिकोण अपनाये जाने की जरूरत है। उन्होंने इस बात संतोष प्रकट किया कि पिछली कृषि बीमा योजनाओं की अपेक्षा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को कृषक समुदाय बड़े पैमाने पर अंगीकार कर रहा है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की जोखिम उठाने की सामर्थ्य बढ़ाने में मदद मिलेगी और नवाचार को ‘प्रयोगशाला से खेत’ तक पहुंचाने की प्रक्रिया आसान बनेगी।
डॉ. एम एस स्वामीनाथन ने प्रधानमंत्री के उदगारों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और उनके दृष्टिकोण को सराहा। उन्होंने प्रौद्योगिकी और लोक नीति के बीच सामंजस्य के महत्व पर जोर डाला।
I have known and closely interacted with Dr. M S Swaminathan since my days as the Chief Minister of Gujarat: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) May 19, 2017
There is a farmer alive in Dr. M S Swaminathan...he is not only a 'Krishi Vaigyanik' but also a 'Kisan Vaigyanik' : PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) May 19, 2017
As a young scientist, Dr. M S Swaminathan pledged that India will not starve, it is possible to bring a change for the better: PM
— PMO India (@PMOIndia) May 19, 2017
Dr. M S Swaminathan has interacted with all Prime Ministers & so many other eminent people but he is extremely humble: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) May 19, 2017
Time has come to look at soil management, improving productivity in the agriculture sector: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) May 19, 2017
We are focussing on water conservation but the challenges still remain. We can do so much more to increase awareness of this issue: PM
— PMO India (@PMOIndia) May 19, 2017
When Dhumal Ji was HP CM, there was extensive work done on mushroom cultivation in the state: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) May 19, 2017