दिल्ली को राष्ट्रों के सम्मानित ध्वजों को फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है: G20 समिट की मेजबानी के लिए दिल्ली की तैयारियों पर पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पिछले दस वर्षों ने एक नए भारत के निर्माण की दिशा में काम शुरू किया है; गांव से शहर तक, पानी से बिजली तक, घर से स्वास्थ्य तक, शिक्षा से रोजगार तक, जाति से वर्ग तक - एक व्यापक योजना, जो हर दरवाजे तक विकास और समृद्धि ला रही है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, इस बदलावकारी दशक में, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संचालित इस डेवलपमेंटल मोमेंटम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर उभरा है।

यह शहर, उस इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव के केंद्र में रहा है जिसने पूरे देश को एक नया रूप दिया है। आज अटल सेतु, चिनाब ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और जोजिला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के चमत्कार भारत के निरंतर विकसित होते परिदृश्य को दर्शाते हैं।

ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को नया रूप देने, शहरी सुविधाओं को उन्नत करने और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मोदी सरकार ने कई बदलावकारी पहल शुरू की हैं। रेलवे, हाईवेज से लेकर एयरपोर्ट्स तक, ये इनिशिएटिव, देश भर में इंक्लूजिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को गति देने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

मेट्रो रेल नेटवर्क के प्रभावशाली विस्तार ने भारत में शहरी आवागमन में क्रांति ला दी है। 2014 में मात्र 5 शहरों से, मेट्रो रेल नेटवर्क अब देश भर के 21 शहरों में सेवा प्रदान करता है - 2014 के 248 किलोमीटर से बढ़कर 2024 तक यह 945 किलोमीटर हो जाएगा, साथ ही 26 अतिरिक्त शहरों में 919 किलोमीटर लाइनें निर्माणाधीन हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो फेज-4 के दो नए कॉरिडोर; लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ को मंजूरी दी है। दोनों लाइनों की संयुक्त लंबाई 20 किलोमीटर से अधिक है और परियोजना की लागत 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है (केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से फंडेड)। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर पर चलने वाली भारत की पहली नमो भारत ट्रेन; रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इसके ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को और रेखांकित करती है।

इसके अलावा, भारतमाला परियोजना में लगभग 35,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास के माध्यम से बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर की योजना बनाई गई है, जिनमें से चार दिल्ली की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता से जुड़ेंगे: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-II। दिल्ली के लिए स्वीकृत कुल परियोजना लंबाई 203 किलोमीटर है, जिसके लिए 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार ने एयरपोर्ट्स की क्षमता बढ़ाने और भीड़भाड़ कम करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। IGI एयरपोर्ट दिल्ली देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जिसमें चार रनवे और एक एलिवेटेड टैक्सीवे है। हाल ही में विस्तारित अत्याधुनिक टर्मिनल 1 का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा, आगामी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) दिल्ली एयरपोर्ट की भीड़भाड़ कम करने में और योगदान देगा, जो सालाना लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा।

इसके अलावा, नए संसद भवन के उद्घाटन ने शहर के स्वरूप में सभ्यतागत और आधुनिक दोनों तरह के अर्थ जोड़ दिए हैं। यशोभूमि (India International Convention & Expo Centre) के उद्घाटन ने दिल्ली को भारत का सबसे बड़ा सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र दिया है, जो मिश्रित उद्देश्य वाला पर्यटन अनुभव प्रदान करता है। यशोभूमि के साथ, विश्व स्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र ‘भरत मंडपम’, दुनिया को भारत का दर्शन कराता है।

वेलफेयर की बात करें तो, मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ अब तक विकास और प्रगति के हाशिये पर पड़े लोगों को मिला है। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय रही है। इसी को हल करने के लिए, मोदी सरकार ने बलात्कार के लिए सजा की मात्रा बढ़ाकर आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 को मजबूत किया, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के लिए मृत्युदंड भी शामिल है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 में एक अलग महिला सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की। वन-स्टॉप सेंटर, सखी निवास, सेफ सिटी प्रोजेक्ट, निर्भया फंड, शी-बॉक्स, यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम और Cri-MAC (Crime Multi-Agency Center) आदि महिला सुरक्षा के प्रति सरकार के अभियान में महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम-उज्ज्वला योजना, पीएम-मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने भारत में नारी शक्ति को और सशक्त बनाया है।

जैसे-जैसे भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन रहा है, दिल्ली भी इस विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। आज दिल्ली में 13,000 से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप काम कर रहे हैं, साथ ही सरकार PM MUDRA योजना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 (26.01.2024 तक) के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के 2.3 लाख से अधिक लोन स्वीकृत किए गए हैं।

पीएम-स्वनिधि, जो स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराता है, दिल्ली में 1.67 लाख से ज़्यादा लाभार्थियों को मदद कर रहा है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान नए रोजगार के सृजन और रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए एंप्लॉयर्स को प्रोत्साहित करने के लिए 2020 में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत, दिल्ली में 2.2 लाख से ज़्यादा एंप्लॉयी लाभान्वित हुए।

इसके अलावा, पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत दिल्ली में लगभग 30,000 घरों को मंजूरी दी गई है और उनका निर्माण पूरा हो चुका है।

दिल्ली के लोगों के लिए वायु प्रदूषण एक सतत समस्या रही है। इस वास्तविकता को समझते हुए, केंद्र सरकार ने देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार के कार्यकाल ने दिल्ली में विभिन्न मोर्चों पर उल्लेखनीय बदलाव लाए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर गवर्नेंस रिफॉर्म्स तक, शिक्षा से लेकर रोजगार तक, सरकार की पहलों ने राजधानी शहर पर एक अमिट छाप छोड़ी है। जैसे-जैसे दिल्ली प्रोग्रेस और डेवलपमेंट के अपने सफर पर आगे बढ़ रही है, मोदी सरकार का योगदान आने वाले वर्षों में इसके भविष्य की दिशा को आकार देने के लिए तैयार है।

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नॉर्थ-ईस्ट के विकास अभियान का नेतृत्व करता मिजोरम
April 12, 2024

“मिजोरम की अपनी एक यात्रा के दौरान, मैंने ‘ट्रांसपोर्टेशन से ट्रांसफॉर्मेशन’ के लिए काम करने का वादा किया था। तब से, सभी क्षेत्रों में क्रांति आ गई है।”

- पीएम मोदी

पिछले एक दशक में, प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में मिजोरम ने महत्वपूर्ण विकास देखा है। भारत के शांत पूर्वोत्तर में बसे इस राज्य ने कल्याणकारी पहलों से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर की उन्नति तक, विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति का अनुभव किया है। आइए पिछले दस वर्षों में मिजोरम में हुए परिवर्तनकारी बदलावों पर नज़र डालें।

मोदी सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के तहत, मिजोरम ने कल्याणकारी उपायों में काफी सुधार देखा है। सरकार, पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराती है। इस व्यापक पहुंच से राज्य के 6.8 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, जिसका उद्देश्य सभी को आवास प्रदान करना है, ने मिजोरम में 69,000 से अधिक घरों को मंजूरी दी है। दूसरी ओर, जल जीवन मिशन ने लगभग 1.24 लाख घरों में नल के कनेक्शन सुनिश्चित किए हैं, जो पानी की उपलब्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भी उल्लेखनीय है कि मिजोरम ने 2019 में नाममात्र कवरेज (6.9%) के मुकाबले मिशन के तहत 100% ग्रामीण परिवारों को कवरेज हासिल किया है।

इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन जैसी पहलों के कारण लगभग 60,000 शौचालयों का निर्माण हुआ है, जिससे स्वच्छता और स्वास्थ्य की संस्कृति को बढ़ावा मिला है। आयुष्मान भारत के कार्यान्वयन से 5.3 लाख से अधिक व्यक्तियों को लाभ हुआ है, जिससे 12 जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दवाओं की उपलब्धता के साथ-साथ क्वालिटी हेल्थकेयर सर्विस तक पहुंच सुनिश्चित हुई है। इसके अतिरिक्त, पीएम-उज्ज्वला योजना जैसी योजनाओं ने लगभग 36,000 लाभार्थियों को एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए हैं, जिससे खाना पकाने की सुविधा और सुरक्षा में वृद्धि हुई है।

केंद्र सरकार ने भी देश के अन्नदाताओं को पर्याप्त सहायता दी है। पीएम-किसान ऐसी ही एक अग्रणी पहल है। आज मिजोरम में 77,000 से अधिक किसान इस योजना से लाभान्वित हैं। फाइनेंशियल इंक्लूजन की बात करें तो, राज्य में 3.7 लाख से अधिक जन-धन खाते खोले गए हैं, जिनमें से 53% महिलाओं के हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का युवा सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर ध्यान मिजोरम के विकास परिदृश्य में स्पष्ट है। Uttar Poorva Transformative Industrialisation Scheme, 2024 (UNNATI – 2024) की मंजूरी, पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्योगों को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

इसके अलावा, पीएम-मुद्रा योजना और स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं ने महत्वाकांक्षी उद्यमियों को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान की है, जिसका एक बड़ा हिस्सा हाशिए पर पड़े समुदायों के व्यक्तियों को लाभान्वित कर रहा है। जबकि पीएम-मुद्रा योजना के तहत 1.3 लाख से अधिक लाभार्थियों के लिए 2,100 करोड़ रुपये से अधिक मंजूर किए गए हैं, स्टैंडअप इंडिया के तहत 589 उद्यमियों को 141 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं (इनमें से 95% लाभार्थी एससी/एसटी श्रेणी के हैं)।

पीएम-स्वनिधि योजना ने 2,100 से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स, विशेषकर महिलाओं को उनके कारोबार के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करके सशक्त बनाया है।

नेशनल डेवलपमेंट और कोऑपरेटिव फेडरलिज्म की स्पिरिट में, पीएम मोदी की सरकार ने पिछली सरकारों के हाथों नॉर्थ-ईस्ट की ऐतिहासिक उपेक्षा को समाप्त कर दिया है। मोदी सरकार के नेतृत्व में मिजोरम में सेंट्रल ट्रांसफर और अनुदान सहायता में पर्याप्त वृद्धि देखी गई है। टैक्स डिवॉल्यूशन में 590% से अधिक की वृद्धि हुई है, जो संसाधनों के समान वितरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अनुदान सहायता में भी 81% से अधिक की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2020-21 से, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विशेष सहायता पैकेज के हिस्से के रूप में मिजोरम को 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण (27 फरवरी 2024 तक) के रूप में 1,400 करोड़ रुपये से अधिक प्रदान किए गए हैं।

इसके अलावा, राज्य, GST व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण लाभार्थी के रूप में उभरा है, जिसने प्रभावशाली रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की है। यह राजकोषीय स्थिरता को मजबूत करने और मिजोरम में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में कर सुधारों की सफलता को दर्शाता है।

इसके अलावा, इंफ्रास्ट्रक्चर का डेवलपमेंट पिछले 10 वर्षों में मिजोरम की प्रगति का आधार रहा है। मोदी सरकार में 60 मेगावाट की तुइरियल हाइड्रो पावर परियोजना का पूरा होना इसका एक प्रमुख उदाहरण है।

इसके अलावा, स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत आइजोल का चयन और RURBAN क्लस्टर के रूप में Aibawk का डेवलपमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इसके अतिरिक्त, सड़क और रेलवे में महत्वपूर्ण निवेश किया गया है, जिससे राज्य के भीतर और बाहर कनेक्टिविटी बढ़ी है और साथ ही आर्थिक विकास और क्षेत्रीय एकीकरण को भी बढ़ावा मिला है।

भारतमाला परियोजना के तहत, राज्य के लिए 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की कुल पूंजी लागत के साथ 593 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास को मंजूरी दी गई है। मिजोरम को 2016 में यात्री ट्रेन सेवाओं के लिए बैराबी में भारतीय रेलवे के ब्रॉड गेज नेटवर्क से जोड़ा गया है। मिजोरम के लिए राजधानी रेल संपर्क के लिए बैराबी-सैरांग रेल लाइन परियोजना (51.38 किमी) पर काम चल रहा है और इसके पूरा होने पर कनेक्टिविटी को काफी बढ़ावा मिलेगा। सैरंग रेलवे स्टेशन (आइजोल) का भी अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रीडेवलप किया जा रहा है।

हवाई मार्गों के मामले में, रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम UDAN के तहत राज्य में दो नए हवाई मार्ग चालू किए गए हैं। राज्य में लेंगपुई हवाई अड्डे को कृषि उड़ान योजना के तहत शामिल किया गया है ताकि किसानों को अपनी उपज के परिवहन में सहायता मिल सके।

इसके अलावा, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और बेहतर संपर्क ने राज्य के पर्यटन उद्योग को लाभ पहुंचाया है। इसकी मदद के लिए, स्वदेश दर्शन योजना के तहत तेनजावल और दक्षिण क्षेत्र और इको-एडवेंचर सर्किट के डेवलपमेंट के लिए 150 करोड़ रुपये से अधिक स्वीकृत किए गए हैं। केंद्र सरकार की PRASHAD योजना के तहत पर्यटन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए भी 40 करोड़ रुपये से अधिक प्रदान किए गए हैं।

मोदी सरकार के नेतृत्व में मिजोरम का सफर; इंक्लूजिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट की दिशा में एक आदर्श बदलाव को दर्शाता है। मजबूत फिस्कल ट्रांसफर और ट्रांसफॉर्मेटिव फ्लैगशिप स्कीम से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर में स्ट्रैटेजिक इंवेस्टमेंट तक, सरकार के बहुमुखी दृष्टिकोण ने राज्य को प्रगति और समृद्धि के पथ पर अग्रसर किया है। जैसे-जैसे मिजोरम अपने विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है, क्षेत्र के विकास के लिए मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता दृढ़ बनी हुई है, जो इसके नागरिकों के लिए एक उज्जवल और अधिक समृद्ध भविष्य की नींव तैयार कर रही है।