दिल्ली के वैभव कन्नौजिया, ओडिशा के अभिभावक सुजीत कुमार प्रधान, जयपुर की कोमल शर्मा और दोहा के एरोन एबेन ने पीएम मोदी से परीक्षा के लिए प्रेरित रहने के बारे में पूछा।
पीएम मोदी ने उनके सवालों का समाधान किया और कहा, "मोटिवेशन के लिए कोई इंजेक्शन या फॉर्मूला नहीं है। इसके बजाय आप उन चीजों का पता लगाइए जो आपको सहज रूप से प्रेरित करती हैं और उस पर काम कीजिए। पीएम मोदी का मतलब था कि प्रेरणा को Enforce नहीं किया जाता है बल्कि यह स्वाभाविक रूप से उत्पन्न होता है।
पीएम मोदी ने स्टूडेंट्स को अपने आस-पास के परिवेश को ऑब्जर्व करने की सलाह दी। उन्होंने कहा," हमें अपने आस-पास के परिवेश को ऑब्जर्व करना चाहिए और उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। हमें देखना चाहिए कि एक दिव्यांग अपनी कमजोरी पर कैसे विजय पाता है। वे अपनी कमजोरियों को ताकत में कैसे बदलते हैं।"
पीएम मोदी ने मजेदार अंदाज में स्टूडेंट्स से 'एग्जाम' का ही एग्जाम लेने की सलाह दी। उन्होंने अपनी पुस्तक 'एग्जाम वॉरियर्स' के एक अंश का उल्लेख करते हुए स्टूडेंट्स से कहा, 'एग्जाम' को ही एक चिट्ठी लिख दो, हे डियर एग्जाम! तुम अपने आपको क्या समझते हो। मैंने पूरी मेहनत से तैयारी की है। तुम कौन होते हो मेरा मुकाबला करने वाले। तुम मेरा एग्जाम लेने वाले कौन होते हो, मैं खुद तुम्हारा एग्जाम लूंगा।"