स्थायी सरकार देने में उत्तर प्रदेश का अहम योगदान रहा: प्रधानमंत्री मोदी
कुशल युवा गरीबी मिटाने में अहम योगदान निभा सकते हैं: प्रधानमंत्री
केंद्र का एजेंडा भ्रष्टाचार मिटाना और गरीबों और वंचित वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करना है: प्रधानमंत्री
हमारा एजेंडा भ्रष्टाचार और काला धन को मिटाना है, लेकिन कुछ लोग संसद को रोक रहे हैं और बहस करने को भी तैयार नहीं हैं: नरेंद्र मोदी
यह राजनीतिक पार्टियों की जिम्मेदारी है कि वे गैर-भ्रष्टाचारी गतिविधियों और मिलने वाले चंदों के खिलाफ एक उदाहरण पेश करें: प्रधानमंत्री
आज हमारे मोबाइल फोन बैंक बन गए हैं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
इतिहास भ्रष्टाचार और काला धन के खिलाफ क्रांतिकारी कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री को नहीं बल्कि लोगों को याद रखेगा: प्रधानमंत्री

भारत माता की... मंच पर विराजमान संसद में मेरे साथी और उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष, युवा नेता श्रीमान् केशव प्रसाद जी मोर्य, हम सबके मार्गदर्शक और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता आदरणीय डॉ मुरली मनोहर जोशी जी, केंद्र में मंत्री परिषद के हमारे साथी साध्वी निरंजन ज्योति जी, संसद में मेरे साथी श्रीमान ओउम जी, श्री देवेंद्र सिंह जी, केंद्र में मंत्री परिषद के हमारे साथी श्रीमान् राजीव प्रताप रुडी जी, विधायक एवं महासचिव श्री सलिल विश्नोई जी, प्रदेश सचिव श्रीमान् स्वतंत्र देव पटेल जी, श्रीमान् विजय बहादुर पाठक जी, मानवेंद्र सिंह जी, कौशलेंद्र सिंह पटेल, बाबू राम निसद, श्रीमती कृष्णा पासवान जी, प्रकाश शर्मा जी, सुरेंद्र नैथानी जी, अरुण पाठक जी, राहुल अग्निहोत्री जी, सत्यदेव पचौरी जी, श्रीमती अनीता गुप्ता जी, रघुनंदन भदौरिया जी, रामशरण कटियार जी, सतीश महाना जी, श्रीमान् हरद्वार दूबे जी, और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाईयों और बहनों...पिछले कुछ दिनों में मुझे उत्तर प्रदेश में जहां-जहां जाने का सौभाग्य मिला है, मैं देख रहा हूं कि उत्तर प्रदेश में परिवर्तन की लहर नहीं, परिवर्तन की आंधी चल पड़ी है...आंधी चल पड़ी है। ऐसा लग रहा है कि आने वाले चुनाव में उत्तर प्रदेश का हर नागरिक परिवर्तन का संकल्प पूर्ण करने के लिए जी-जान से जुट गया है। भाईयों-बहनों, आपके बीच आने से पहले मुझे भारत सरकार के एक कार्यक्रम में शरीक होना था।

यहीं पर पास में ही उस कार्यक्रम का समारोह था। अनेक प्रकार की नई योजनाएं खासकर कि उत्तर प्रदेश के नौजवानों के लिए, देश के नौजवान जिसके पास ऊर्जा है, ऐसे ऊर्जावान नौजवान के हाथ में अगर हुनर आ जाए तो मेरा देश का ऊर्जावान नौजवान पूरे भारत को नई ऊर्जा दे सकता है, नई गति दे सकता है, विकास की नई उड़ान दे सकता है, और इसलिए आज यहां पर स्किल डेवलपमेंट के अनेक योजनाओं का आरम्भ किया है। पूरे देश में भी अनेक कार्यक्रमों को आज लांच किया गया है। देश और दुनिया में आने वाले दिनों में जिनके पास युवा धन है, युवा शक्ति है वो विश्व में अपनी ताकत दिखा सकता है। अपना अस्तित्व दुनिया के लिए उपकारक सिद्ध कर सकता है। भारत आज सौभाग्यशाली है कि भारत के पास पैंतीस से कम आयु की संख्या 65 प्रतिशत से ज्यादा है। जो देश नौजवान हो, जिस देश के पास ऊर्जावान युवा हो वह देश दुनिया के सामने अपनी ताकत का परिचय करवा सकता है। लेकिन वो तब संभव होता है, जब उसके हाथ में हुनर हो, काम का अवसर हो, देश में गति हो, विकास की उड़ान हो, तो भाईयों, बहनों भारत में गरीबी को खत्म करने में देर नहीं लग सकती है। भाईयों और बहनों, ये ताकत मेरे देश के युवा में है। आज हमने गैस पाईप लाइन का भी लोकार्पण किया। बिजली के लिए भी सबस्टेशन का भी लोकार्पण किया। ये प्रोजेक्ट एक प्रकार से ऊर्जा के प्रोजेक्ट हैं, एनर्जी के प्रोजेक्ट हैं। ये प्रोजेक्ट भी आर्थिक बदलाव लाने में ऊर्जा का काम करते हैं। भाईयों, बहनों आपने देखा होगा कि ये उत्तर प्रदेश का अधिकार है, ये उत्तर प्रदेश का गौरव है कि उत्तर प्रदेश ने देश को शीर्ष सरकार देने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। तीस साल तक देश में स्थिर सरकार नहीं थी, समझौते से गाड़ी चल रही थी, निर्णय नहीं होते थे। पूरी देर एक को संभालो तो दूसरा नाराज, दूसरे को संभालो तो तीसरा नाराज, वो अपनों को संभालने में लगे, देश को संभालने का उनके पास समय नहीं था। देश को संभालने की उनकी प्रायोरिटी नहीं थी। भाईयों और बहनों आज आपने दिल्ली में ऐसी सरकार बनाई है जो सरकार गरीबों को समर्पित है। पहले दिन से ही हमने जो-जो योजना लाए हैं वो सारी योजनाएं इस देश के गांव, गरीब, किसान, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, माताएं, बहनें, युवा उन्हीं के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमारी सभी योजनाएं केंद्रित हैं। मैं हैरान हूं....एक तरफ हम देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने की लड़ाई लड़ रहे हैं, काले धन से देश को मुक्त कराने की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारा एजेंडा है भ्रष्टाचार बंद हो, काला धन बंद हो, लेकिन उनका एजेंडा है संसद बंद हो, संसद बंद हो, संसद बंद हो। पूरा महीना संसद चलने नहीं दी। पार्लियामेंट में चर्चा क्यों नहीं की? राष्ट्रपति के कहने के बाद भी हो-हल्ला करते रहे, नारे बुलाते रहे। ये इसलिए करते थे कि सरकार जिस मुद्दे पर चर्चा चाहती थी, उससे वो भाग रहे थे। डर रहे थे, अब तक जिन्होंने सरकारें चलाई हैं, उनके लिए हिसाब देना जरा महंगा पड़ रहा था। इसलिए संसद में हो-हल्ला करो, नारेबाजी करो, स्पीकर महोदया पर कागज के टुकड़े फेंको यही काम करते रहे। मुन्सीपालिटी में चुने गए लोग भी ऐसा व्यवहार करने से पहले पचास बार सोचते हैं। देश की संसद को उसकी गरीमा को अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए चोट पहुंचाने का प्रयास मेरे देशवासियों, ये बातें समान्य नहीं है, गंभीर है। देशवासियों को समझना होगा संसद पहले भी रुकती थी, संसद में पहले भी रुकावटें आती थी, लेकिन तब रुकावटें आती थी क्योंकि विरोधी दल मिलकर के बेईमानों के खिलाफ लड़ाई लड़ना चाहते थे घोटालों को उजागर करना चाहते थे। घोटालेबाजों को सजा मिले इसकी मांग कर रहे थे और इसलिए कभी-कभी संसद में व्यवधान आते थे। पहली बार देश में ऐसा हुआ पहली बार कि बेईमानें की मदद के लिए कुछ लोग संसद में नारे लगा रहे थे। सरकार बेईमानें को ठिकाने लगाने में लगी थी और विरोधी दल बेईमानों को बचाने के लिए एकजुट हो रहे थे। देश आज दो हिस्सों में बंटा हुआ है।

एक तरफ मुट्ठी भर वो नेता हैं जो काले धन को, भ्रष्टाचार को, बेईमानों को बचाने में लगे हैं, दूसरी तरफ पूरा हिंदुस्तान है जो ईमानदारी के रास्ते पर  चलने के लिए कुछ भी सहने को तैयार है। भाईयों और बहनों ये भ्रष्टाचार, ये काला धन, काला मन, काला कारोबार यही है जिसने मध्यम वर्ग का शोषण किया है, और गरीबों के हक को छीना है। भाईयों और बहनों, आज दिल्ली में ऐसी सरकार बैठी है जो गरीबों को हक दिलाना चाहती है। जो मध्यम वर्ग को शोषण से मुक्त कराना चाहती है, जो देश में ईमानदारी के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहती है, और देशवासी जिस ईमानदारी के लिए पहचाने जाते हैं, उसको लेकर के एक नई ताकत खड़ी करना चाहती है। लेकिन भाईयों और बहनों, जिनको आदत बेईमानी की पड़ी है, जिनको आदत गलत काम करने की पड़ी है उनसे अब देश ज्यादा अपेक्षा नहीं कर सकती और इसलिए मेरे प्यारे देशवासियों, मेरे प्यारे भाईयों, बहनों ये परिवर्तन की आग, ये परिवर्तन की ललक, ये परिवर्तन की आंधी उत्तर प्रदेश में क्यों आई है? यहां के लोग गुंडागर्दी से तंग आ चुके हैं, तंग आ चुके हैं। हर कोई गुंडागर्दी कर रहा है सरकार में बैठे लोग गुंडागर्दी करने वालो को सह दे रहे हैं। भाईयों, समान्य मानवीय जाएगा कहां उसका मकान छीन लें, उसकी जमीन छीन लें वो जाएगा कहां भाईयों, बहनों जब तक लखनऊ में सरकार नहीं बदलोगे ये गुंडागर्दी करने वाले ठिकाने नहीं लगेंगे। समान्य मानवीय को परेशान करने वाले लोग चुप बैठने वाले नहीं है। और इस चुनाव में भी ये गुंडागर्दी पालने वाले, गुंडागर्दी करने वाले बेखौफ होकर के चुनाव में अनाप-शनाप सब कुछ करने पर तुले होंगे। लेकिन ईमानदारी के रास्ते पर चलने वाला हिंदुस्तान का नेक दिल इंसान उत्तर प्रदेश के भविष्य के लिए संकल्पबद्ध होकर के परिवर्तन  लाने वाला है ये मैं साफ देख रहा हूं। भाईयों, बहनों मैं आज देश के चुनाव आयोग का धन्यवाद करता हूं। उन्होंने देश के राजनीतिक दलों को भी काले धन से मुक्ति के लिए आह्वान किया है। भारतीय जनता पार्टी इसका स्वागत करता है। भाईयों, बहनों संसद के सत्र के पहले ऑल पार्टी मीटिंग में सभी राजनीतिक दलों के सभी वरिष्ठ नेताओं के बीच में मैंने उनके सामने कहा था कि देश ईमानदारी चाहता है, देश ईमानदारी के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहता है। राजनीतिक दल, सभी नेता उनके प्रति जनता के दिल में अविश्वास भरा पड़ा है। लोकतंत्र में हम राजनेताओं की, हम राजनीतिक दलों की ये जिम्मेवारी बनती है कि हन जनता को ईमानदारी का विश्वास दिलाएं। और मैंने कहा था कि इस बार संसद में हम खुल कर के चर्चा करें। दो विषयों पर खुल कर के चर्चा करें ये पॉलिटिकल पार्टियां, ये राजनीतिक दल उनको चंदा कैसे मिलना चाहिए?  ये चंदे का हिसाब-किताब कैसे होना चाहिए? देश की जनता के सामने ये चंदे के संबंध में राजनीतिक दलों पे जो उंगलियां उठाई गई हैं। क्या देश की जनता के इच्छा, आकांक्षा के अनुकूल हम मिलकर के रास्ता खोज सकते हैं कि नहीं खोज सकते हैं, ये बात मैंने ऑल पार्टी मीटिंग में कही थी। और मैंने आग्रह किया था कि सदन में इस पर चर्चा होनी चाहिए। मैंने दूसरी बात भी कही थी जो हमारे देश के राष्ट्रपति ने उसका उल्लेख किया। आदरणीय प्रणव मुखर्जी ने कहा कि हमारे देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव अलग-अलग होते हैं, उसके कारण देश पर बहुत बड़ा बोझ पड़ता है। काले धन के कारोबार को अवसर मिल जाता है, क्यों ना देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ-साथ कराने का वातावरण क्यों न बनाया जाए? व्यवस्था क्यों ना खड़ी की जाए आए दिन चुनाव के कारण गांव-गांव में तनाव पैदा हो जाता है। सारी विकास की यात्रा रुक जाती है। अगर पांच साल में एक बार चुनाव हो, पांच साल जो भी सरकारें आए वो काम करे। मैंने सभी पार्टियों से कहा था कि इस पर भी चर्चा होनी चाहिए। लेकिन सदन चलने नहीं दिया गया क्योंकि ये दोनों बातें ऐसी थी कि जिससे ये चर्चा में भाग लेना नहीं चाहते थे। भाईयों, बहनों मैं इलेक्शन कमीशन से फिर से आग्रह करता हूं कि इस बात को वो आगे बढ़ाए। देश के राजनीतिक दलों पर वे दबाव पैदा करें। सबसे मिलकर के चर्चा करके करें और हमारी सरकार जो फैसला होगा जो जनता के हित में होगा, ईमानदारी के पक्ष में होगा उसको तुरंत लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। ये मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं। भाईयों, बहनों भ्रष्टाचार और काले धन से लड़ाई हर प्रकार से हमें जीतनी है।

भ्रष्टाचार और काले धन से देश को मुक्त कराना है। हमारे देश की बर्बादी के मूल में यही बीमारी है, जिसने गरीब को गरीब रहने के लिए मजबूर किया है। और इसलिए भाईयों, बहनों आवश्यक है कि हम इस लड़ाई में एक सिपाही बनकर के देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करें। भाईयों, बहनों 8 नवंबर को हमने नोटबंदी का निर्णय किया। आप जानते हैं कि कैसे-कैसे लोगों के पसीने छूट गए। जिन्होंने गरीबों को लूटा है वे आज परेशानियां झेल रहे हैं, रास्ते खोज रहे हैं। गरीबों के घर जाकर कतार लगाकर खड़े हो गए थे कि मेरे पैसे हैं कुछ तुम रख लो बैंक में जमा कर दो ताकि मैं बच जाऊं। भाईयों, बहनों जब हजार की नोट थी तो सौ की नोट को कोई पूछता नहीं था। अब हजार और पांच सौ चली गई तो सौ वालों की ताकत बढ़ गई....ताकत बढ़ गई। वो भी दिन थे जब बड़े-बड़े लोगों की पूछ होती थी, छोटे लोगों को कोई पूछता नहीं था। अब छोटी नोट भी पूछी जाती है, पूजी जाती हैं, छोटे लोग भी पूछे जाते हैं, पूजे जाते हैं, ये बदलाव आया है। भाईयों-बहनों, कांग्रेस पार्टी पैंतालीस साल, पैंतीस साल पहले जो कानून बनाया था। पॉलिटिकल पार्टियों के हिसाब-किताब के समझ में हमारी सरकार ने उस पर फुलस्टॉप, कोमा को भी हाथ नहीं लगाया है। और कल मैंने देखा कि कांग्रेस के नेता हमें बदनाम करने के लिए उछल पड़े थे। मैं जरा कांग्रेस वालों को याद कराना चाहता हूं। कांग्रेस पार्टी के लोग सीना तानकर बोलते थे, मीडिया के सामने बोलते थे, बेशर्मी से बोलते थे। जब सीताराम केसरी कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हुआ करते थे, परमानेंट कोषाध्यक्ष थे। और सीताराम केसरी कैसे कोषाध्यक्ष थे, तो खुद कांग्रेस के लोग बोलते थे “ना खाता ना कही, जो केसरी कहे वही सही”, “ना खाता ना कही, केसरी कहे वही सही” ऐसे उनके हिसाब-किताब के तरीके थे। देश की जनता को कभी हिसाब न देना। भ्रष्टाचार पनपे तो पनपने देना, खुद के फायदे में हो वो करते रहना। इसी का परिणाम है कि देश तबाह हो गया है भाईयों-बहनों, हम विकास की नई ऊचाईयों पर देश को ले जाना चाहते हैं। आप मुझे बताइए की आजादी के सत्तर साल बाद उत्तर प्रदेश में इतनी सरकारें आकर गई, इतने सारे प्रधानमंत्री बने उत्तर प्रदेश से उसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश में करीब-करीब पंद्रह सौ, सोलह सौ गांव ऐसे हैं जहां पर 21वीं सदी में भी बिजली का खंभा नहीं पहुंचा, बिजली का तार नहीं पहुंचा, बिजली का लट्टू नहीं लगा..क्यों भाई मेरे उत्तर प्रदेश के उन पंद्रह सौ, सोलह सौ गांवों का क्या दोष है? कि उनको 18वीं शताब्दी में जीने के लिए मजबूर किया गया। क्या कारण है?  भाईयों औऱ बहनों मैंने लाल किले से आह्वान किया था पिछले वर्ष और मैंने कहा था कि एक हजार दिन में हिंदुस्तान के जो 18000 गांव जिसमें उत्तर प्रदेश के पंद्रह सौ, सोलह सौ गांव हैं एक हजार में बिजली पहूंचा दुंगा। भाईयों, बहनों आज..आज बड़े संतोष के साथ उत्तर प्रदेश के भाईयों, बहनों को मैं कहना चाहता हूं, जो पंद्रह सौ..सोलह सौ गांव थे, उसमें अब सत्तर, बहत्तर गांव बाकी रहे हैं, बाकी गांवो में बिजली पहुंच गई। लोगों ने बिजली घरों में लेना शुरु कर दिया। भाईयों, बहनों जो सत्तर, बहत्तर गांव बाकी रहे हैं उनमें से पचास गांव ऐसे हैं। जहां कोई लोग ही नहीं रहते सिर्फ कागज पर गांव का नाम बचा है। एक प्रकार से सिर्फ बीस, बाईस गांव बचे हैं जिसका काम तेजी से चल रहा है। अगर यहां की सरकार कोई रुकावट न डाले तो वो काम भी बहुत तेज गति से मैं पूरा कर दूंगा ये हिसाब मैं आपको द रहा हूं। भाईयों, बहनों एक समय था गैस का कनैक्शन लेना हो, गैस का सिलेंडर लेना हो तो कितने पापड़ बेलने पड़ते थे। ये माता-बहनों ने तो कभी सोचा भी नहीं था। गरीब मां-बहनों ने कि उनके घर में भी गैस का चूल्हा होगा, गैस का सिलेंडर होगा और पटाक से खाना पकाके बच्चों को खिलाकर के रोजी-रोटी कमाने के लिए जा पाएंगे, सोचा तक नहीं था। हमने बीड़ा उठाया है कि तीन साल के भीतर-भीतर हिंदुस्तान के गरीब परिवारों में गैस का कनेक्शन देना, गैस का सिलेंडर पहुंचाना, और लकड़ी के चूल्हे से सेहत बर्बाद हो रही मां-बहनों को बचाने का हमने बीड़ा उठाया है।

और आज अकेले उत्तर प्रदेश में लाखों परिवारों में कोई भ्रष्टाचार की शिकायत नहीं है, कोई भाई-भतीजेवाद की शिकायत नहीं है। कोई जातिवाद की शिकायत नहीं है। जिसका भी नाम गरीब की रेखा के नीचे रिकार्ड में है। पैंतीस लाख से ज्यादा लोगों के घरों में गैस का कनेक्शन पहुंच गया। गैस का चूल्हा जलने लग गया, बच्चों को अच्छा खाना मिलना शुरु हो गया। भाईयों, बहनों अगर काम करना चाहें तो काम कैसे हो सकता है, इसका ये उदाहरण आप देख सकते हैं। भाईयों, बहनों ये उत्तर प्रदेश कोई साल ऐसा नहीं जाता है जबकि गन्ना किसान परेशान न होता हो। मीलें समय पर चालू न होना, गन्ना किसानों को पैसा नहीं मिलना, मिलें देर से चालू होने के कारण गन्ने का वेट कम होता है। मिलों वालों को मुनाफा होता है। पहली बार भाईयों, बहनों समय पर मिलें चालू हुई हैं। गन्ना किसानों के 2013-14-15 में जो बकाया राशि बीस-बाईस हजार करोड़ थी उसको भुगतान करने में हमारी सरकार ने सफलता पाई है। भाईयों, बहनों ये काम होता है। और इसलिए हम देश के किसान को भी ताकत देना चाहते हैं। सॉइल हेल्थ कार्ड, यूरिया की नीमकोटिंग। आप जानते हैं कि यूरिया का क्या उपयोग होता था? मैं जरा दिल्ली वालों को कहना चाहता हूं, दिल्ली वाले बड़े चाव से जो दूध पीते थे ना उनको पता भी नहीं चलता था कि सही में गाय, भैंस का दूध कौन सा है? और यूरिया से बना हुआ सिंथेटिक दूध कौन सा है? पता तक नहीं चलता था। यूरिया का उपयोग खेत में किसानों को मिलने के बजाय देश को बर्बाद करने पर तुले हुए मुट्ठी भर लोग उसमें से सिंथेटिक दूध बनाकर के दिल्ली के लोगों तक पहुंचा देते थे। अब हमने यूरिया का नीमकोटिंग कर दिया। यूरिया का नीमकोटिंग करने के कारण उसका सिर्फ एक ही उपयोग हो सकता है वो भी जमीन में डालने के सिवा कोई उपयोग नहीं हो सकता है। बताईए मेरे भाईयों, बहनों करोडों बच्चों की जिंदगी हमने बचाई की नहीं बचाई, बताईए मेरे भाईयों, बहनों करोडों बच्चों की जिंदगी हमने बचाई की नहीं बचाई। एक निर्णय नीमकोटिंग, यूरिया का नीमकोटिंग सिंथेटिक दूध बनाने वालों के धंधो पर चोट पहुंचा दी। और देश के करोड़ों बच्चे जिनको इस प्रकार का यूरिया से बना हुआ दूध पिलाने के लिए मजबूर किया जाता था। उनकी जिंदगी बचाने का काम एक निर्णय से हमने कर लिया। ये नोटबंदी भी ऐसी ही है एक निर्णय से.. एक निर्णय से अच्छे-अच्छों का खेल खत्म हो चुका है। कुछ लोगों को लगता था कि बैंक में पैसे डाल दिए तो सफेद हो जाएंगे। ये गलती कर गए, उनको पता नहीं था। ये सरकार ईमानदरी की सरकार है, ईमानदारी के लिए सरकार है, ईमानदारों के कारण ये सरकार है और इसलिए जो सरकार ईमानदारों के कारण हो, जो सरकार ईमानदारी के लिए हो, जो सरकार ईमानदारों के लिए हो, उस सरकार को कम मत आंकिए, कम मत आंकिए। फंस गए उनको लग रहा था अब हमने टेक्नोलॉजी से ढूंढ रहे हैं।

कहां से रुपया आया? कब आया? वो आया था वो कौन था? सीसीटीवी कैमरै में देखा जा रहा है और आपने देखा होगा दमादम रुपए पकड़े जा रहें है कि नहीं पकड़े जा रहे हैं। पहले कभी ये दृश्य देखा था, पहले कभी देखा था, ये लूटने वालों पर हाथ लगाने की किसी की ताकत थी। भाईयों, बहनों आज हिंदुस्तान के हर कोने में जिन्होंने देश के गरीबों के साथ खिलवाड़ किया है, उनका हिसाब मैं चुकता कर रहा हूं। मैं जानता हूं.. मैं जानता हूं कि इनकी ताकत कितनी है? जो लोग इतनी ताकत रखते हैं कि बैंक के अफसरों को भी खरीद सकते हैं, भाईयों, बहनों वो कुछ भी कर सकते है लेकिन मेरे देशवासियों ये लड़ाई देश के ईमानदारों की लड़ाई है, देश के गरीबों की लड़ाई है और ये सरकार ये लड़ाई जीत के रहने वाली है, क्योंकि देश ईमानदारी की लड़ाई जीतना चाहता है। मेरे भाईयों, बहनों ये बात मैं भली-भांति जानता हूं कि इतना बड़ा देश, इतनी बड़ी जनसंख्या, इतना बड़ा नोटों का कारोबार और इतना बड़ा निर्णय लोगों को क्या कुछ सहना पड़ा है इसका मुझे अंदाज है। मेरे देशवासियों ने ये जो कुछ भी सहा है, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए सहा है। मेरे देशवासियों ने 8 नवंबर से अब तक भांति-भांति के कष्ट झेले हैं। लेकिन मेरे देशवासियों आपने जो कष्ट झेला है, अपने स्वार्थ के लिए नहीं झेला है। देश के स्वार्थ के लिए झेला है, देश की भलाई के लिए झेला है। और इसलिए भाईयों, बहनों आपको कभी निराश होने का अवसर नहीं आएगा, क्योंकि इसके साथ ईमानदारी है, पवित्रता है, प्रमाणिकता है। भाईयों, बहनों मैंने पहले दिन से ही कहा है कि पचास दिन तक ये कठिनाई, भांति-भांति की कठिनाईयां आती रहेंगी। कभी कम दिखती होगी, कभी बढ़ती दिखती होगी, पचास दिन तक ये होने वाला है, मैंने पहले ही दिन कहा था। पचास दिन के बाद ये कठिनाईयां बढ़ना बंद कर देगी। बढ़ नहीं पाएगी, कठिनाईयां कम होने की शुरुआत हो जाएगी। ये मैंने पहले दिन कहा था, आज भी कह रहा हूं। जो लोग एटीएम के ऊपर कतार लगाकर खड़े रहते हैं, जो लोग बैंक में पैसे लेने जाते हैं। मैं जरा हमारे विरोधियों से कुछ सवाल पूछना चाहता हूं। एक तरफ वो कहते हैं कि लोगों का बैंक में खाता ही नहीं है..खाता ही नहीं है और दूसरी तरफ कहते हैं कि लोग बैंक में पैसे लेने गरीब आदमी जाता है उनको पैसा नहीं मिलता है। भाई एक चीज तो सच बताओ एक तरफ कहते हो कि गरीब का खाता नहीं, दूसरी तरफ कहते हो गरीब पैसा लेने जाता है मिलता नहीं, जनता को गुमराह करने के लिए झूठ क्यों बोलते हो? ये लोग जब मैं कहता हूं डिजिटल, ऑनलाइन, लेसकैश, लीडबैककैश, भाईयों-बहनों, एक जमाना था बड़ा चांदी का रुपया होता था तभी बाजार में चलता था। बदलते-बदलते-बदलते कागज की नोट तक रुपया आ गया। भाईयों, बहनों अब तो वक्त वो आया है कि हाथ लगाए बिना भी मोबाईल फोन से रुपए का कारोबार किया जा सकता है।

आपकी मोबाईल फोन ही आपकी बैंक बन जाती है। चाय पीकर के मोबाईल से पैसे दिए जा सकते हैं। चाय पीने वाले से मोबाईल से पैसा लिया जा सकता है, नोटों के बिना ये किया जा सकता है। जब मैं ये बताता हूं तो ये लोग किया कहते हैं गरीब देश में कहां लोगों के पास मोबाईल है? इस देश में कहां ये है ? यही लोग..यही लोग हर चुनाव में ये भाषण देते थे कि राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तो हिंदुस्तान में कम्प्यूटर युग लाए, राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे इस देश में मोबाईल फोन लाए, राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तो इस देश के गरीबों के हाथ में उन्होंने मोबाईल फोन देकर इमपावरमेंट लाए, यही भाषण ये लोग करते थे। लेकिन अब जब मैं कह रहा हूं कि मोबाईल फोन को बैंक बना लो तो कहते हैं कि मोबाईल फोन है ही कहां? गरीब के पास मोबाईल है कहां? इतना झूठ बोलते हो आप लोग यही लोग ढोल पीटते थे, कि राजीव गांधी ने मोबाईल फोन दिया। और अब मैं कहता हूं कि मोबाईल फोन का बैंक बनेगा तो कहते हैं मोबाईल फोन है ही नहीं। आप इनको पहचानो ये कितना झुठ बोलते हैं? ये लोग गुमराह कैसे करते हैं? आप इनको पहचानो ये कितना झूठ बोलते हैं? ये लोग गुमराह कैसे करते हैं? लोगों को भड़काने का काम कैसे करते हैं? भाईयों, बहनों ये सरल कारोबार है और भारत सरकार ने देश के गरीबों के लिए एक बहुत अच्छी योजना बनाई है। मैं ये योजना आपको बताता हूं आप घर-घर पहुंचाओगे, घर-घर पहुंचाओगे, जोर से बताइए घर-घर पहुंचाओगे, हर दुकानदार को पहुंचाओगे, गांव-गांव पहुंचाओगे, पक्का पहुंचाओगे, भारत सरकार ने ये ऑनलाइन पेमेंट के लिए, ई-वॉलेट के लिए, डिजिटल करेंसी के लिए, मोबाईल बैंक के लिए एक बहुत बड़ी योजना बनाई है। 25 दिसंबर क्रिसमस के गिफ्ट के रुप में इसकी शुरुआत हो रही है। और योजना ये है कि 8 नवंबर से अब तक 25 तारीख तक अगर आपने डेबिट कार्ड से, क्रेडिट कार्ड से कोई खरीदी की होगी, आपने मोबाईल फोन के वॉलेट से कोई खरीदी की होगी, तो उसका एक विशिष्ट नंबर जनरेट होता है, इन सारे नंबरों का 25 तारीख को ड्रा निकलेगा, ईनाम का ड्रा निकलेगा और पंद्रह हजार लोग, कम नहीं, जिनका नंबर लगेगा उनके खाते में सरकार की तरफ से एक हजार रुपया जमा हो जाएगा। ये काम हर दिन होने वाला है, एक दिन नहीं हर दिन होने वाला है... सौ दिन तक चलने वाला है मतलब कि हर दिन नए पंद्रह हजार लोग, जिनको एक बार मिल जाएगा, उसको दोबारा नहीं मिलेगा। हर दिन पंद्रह हजार लोगों को एक- एक हजार रुपया उनके खाते में जाएगा। सौ दिन में पंद्रह लाख परिवारों में एक-एक हजार रुपया पहुंच जाएगा। दूसरा सात दिन के बाद 30 दिसंबर को एक बड़ा ड्रा होगा, जिसमें लाखों के ईनाम दिए जाएंगे। और तीन महीने के बाद 14 अप्रेल डॉ बाबा साहेब अंबेडकर की जन्म जयंती पर एक बंपर ड्रा होगा और 8 नवंबर से लेकर 14 अप्रैल तक जिसने भी इस प्रकार से कारोबार में खरीद-बिक्री की होगी उनको करोड़ों-करोड़ों रुपए का ईमान दिया जाएगा। भाईयों-बहनों.. ये तो हो गया ग्राहक के लिए लेकिन दुकानदारों के लिए भी ईनाम है। जो दुकानदार ये मोबाईल फोन से माल बेचता है, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड से माल बेचता है, उसका भी अलग नंबर निकलेगा। और उसका भी ड्रा होगा और हर सप्ताह उसको हजारों रुपए के ईनाम दिए जाएंगे। ये हर सप्ताह होता रहेगा, व्यपारियों को भी ईनाम मिलेगा, ग्राहक को भी ईनाम मिलेगा। लेकिन ये ईनाम बड़े लोगों के लिए नहीं है, ये ईनाम छोटे लोगों के लिए हैं, जो पचास रुपए से ज्यादा खरीद करता है और जो तीन हजार रुपए से कम खरीदता है उसी को इसका लाभ मिलेगा। तीन हजार से ज्यादा खर्च करने वाले को ईनाम की जरुरत नहीं होती है। ये गरीब के लिए है..गरीब के लिए, उसी प्रकार से दुकानदार जिसका साल भर का कारोबार दो करोड़ से कम है, उस दुकानदार को ही ईनाम मिलेगा, बड़े-बड़े अरबों-खरबों के दुकानदारों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। छोटे-छोटे लोग धोबी होगा, मोची होगा, दर्जी होगा, दूध बेचने वाला होगा, चाय बेचने वाला होगा, कपड़े बेचने वाला होगा, किराने बेचने वाला होगा, बिस्किट बेचने वाला होगा।

छोटे-छोटे लोग, ऐसे छोटे-छोटे दुकानदारों को ये ईनाम मिलने वाला है और इसलिए मेरे भाईयों, बहनों ये कोशिश करें कि आपके गांव में भी ईनाम आए। आप के गांव के लोग भी मोबाईल फोन से खर्च करने की आदत डालें। व्यपारी भी मोबाईल फोन से लेन-देन करना शुरु करें आप देखिए भ्रष्टाचार और काला बाजारी करने वालों के दिन समाप्त हो जाएंगे। भाईयों-बहनों, फिर से कभी इस देश में काले धन की नौबत नहीं आएगी, फिर से इस देश में भ्रष्टाचार के खेल नहीं हो पाएंगे। ये काम हम सबको मिलकर करना है। भाईयों-बहनों, मैं आज इस कानपुर की धरती से देशवासियों को ह्रदय से अभिनंदन करना चाहता हूं। ये लड़ाई जीत हम इसलिए रहे हैं क्योंकि देश के करोड़ों-करोड़ों लोगों ने आशीर्वाद दिए है। ईमानदारी की लड़ाई इसलिए आगे बढ़ रही है कि करोड़ों-करोड़ों गरीब देशवासियों ने, मध्यम वर्ग लोगों ने, ईमानदार लोगों ने देश के लिए कष्ट झेला है, घंटों तक कतार में खड़े रहे। लोगों ने आकर के उसको उकसाने की कोशिश की, राजनेताओं ने भड़काने की कोशिश की, भांति-भांति की बातें चलाई गई लेकिन कश्मीर से कन्याकुमारी तक, अटक से कटक तक पूरा हिंदुस्तान ईमानदारी के साथ खड़ा रहा। इससे बड़ा किसी देश का सौभाग्य नहीं हो सकता। भाईयों-बहनों, मैं मीडिया के मित्रों से, मैं पत्रकारिता जगत से भी आग्रह करता हूं, मैं इंटेलेक्चुएल वर्ग से भी आग्रह करता हूं, लिखने-पढ़ने की ताकत वालों से भी आग्रह करता हूं आप दुनिया को बताओ, आप दुनिया को बताओ की ये सवा सौ करोड़ का देश..कई लोग ऐसे हैं जिसको स्कूल-कॉलेज जाने का अवसर नहीं मिला अशिक्षा है, गरीबी है, उसके बावजूद भी सवा सौ करोड़ का देश ईमानदारी की लड़ाई के लिए कष्ट झेलने के लिए तैयार हुआ है। ये दुनिया के लिए बहुत बड़ी खबर है, बहुत बड़ा अजूबा है।

दुनिया में कहीं ये संभव नहीं हो सकता जो मेरे देशवासियों ने कर के दिखाया है। उनके जितने गीत गाएं उतना कम है, उनके जितने गुणगान करें उतना कम है। दुनिया को भारत की ताकत का परिचय कराए उतना कम है। और इसलिए मैं बुद्धिजीनियों से कहना चाहता हूं कि भारत के गरीब ने, भारत के अनपढ़ व्यक्ति ने, भारत के ईमानदार व्यक्ति ने जो ताकत दिखाई है, उससे जरा दुनिया को परिचय करवाइए। ये मेरे देश की ताकत है इसी ताकत से देश आगे बढ़ने वाला है। भाईयों, बहनों जब अच्छा करते हैं तो तप करना पड़ता है, तपस्या करनी पड़ती है, और तप झेलना भी पड़ता है। मेरे देशवासियों ने अद्भुत कमाल की है, अद्भुत कमाल की है। इतिहास इस घटना को इसलिए याद नहीं करेगा कि कौन प्रधानमंत्री था? और किसने निर्णय किया था? इतिहास इस घटना को इस रुप में देखेगा कि सवा सौ करोड़ का देश ईमानदारी के लिए कैसे खड़ा हो गया था? ये इतिहास दर्ज करने वाला है इस लड़ाई का विजय किसी प्रधानमंत्री का नहीं है, इस लड़ाई का विजय किसी दल का नहीं है, इस लड़ाई का विजय किसी सरकार का नहीं है, ये लड़ाई का विजय ईमानदार देशवासियों का विजय है। ईमानदारी का विजय है, ईमानदारी पर देश को आगे ले जाने की लड़ाई का विजय है। और इसलिए मेरे प्यारे भाईयों-बहनों, आपने जो आशीर्वाद दिया है... आपने जो आशीर्वाद दिया है इसको मैं शत्-शत् नमन करता हूं। मुझे फिर एक बार भाईयों-बहनों, मुझे बताइए, हाथ ऊपर करके बताइए ईमानदारी की लड़ाई लड़नी चाहिए की नहीं लड़नी चाहिए, बेईमानी खत्म होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए, भ्रष्टाचार जाना चाहिए की नहीं जाना चाहिए, काला धन मिटना चाहिए कि नहीं मिटना चाहिए, काला धन के कुबेरों को सजा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए, देश का शुद्धिकरण होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। आप मुझे दोनों हाथ ऊपर करके आशीर्वाद दीजिए, आप मुझे आशीर्वाद दीजिए। आप ही की ताकत का बदौलत.. आप ही की ताकत का बदौलत ये देश जीतने वाला है, ये देश ईमानदारी के रास्ते पर चलने वाला है। भाईयों-बहनों, आओ..आओ हम मिल करके आगे बढ़ें और जो सपना लेकर के निकले हैं, उस सपने को पूरा करके रहें। बहुत-बहुत धन्यवाद, बहुत-बहुत धन्यवाद आपका मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.