एनडीए सरकार ने पूरे देश में जनता की भलाई के लिए कई कदम उठाए हैं: प्रधानमंत्री
स्वतंत्रता के कई साल बाद भी बहुत सारे गांवों में बिजली की सुविधा नहीं है, हम इसमें परिवर्तन लाने की दिशा में काम कर रहे हैं: प्रधानमंत्री
विमुद्रीकरण का फैसला ईमानदार लोगों के हितों की रक्षा के लिए है: प्रधानमंत्री
500 और 1000 रुपये के नोटबंदी से जाली नोटों और नशे का व्यापार करने वालों को ज्यादा नुकसान हुआ है: प्रधानमंत्री

भारत माता की..जय

भारत माता की..जय

मंच पर विराजमान हमारे साथी और उत्तर प्रदेश के प्रभारी श्री ओम जी माथुर, उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के युवा अध्यक्ष श्रीमान केशव प्रसाद जी मौर्य, केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी श्रीमान नरेंद्र सिंह जी तोमर, श्रीमान डॉ. महेश शर्मा, साध्वी निरंजन ज्योति जी, श्रीमान रामकृपाल जी यादव, श्रीमान राज्यवर्धन जी राठौड़, डॉ. अनिल जैन, श्रीमान स्वतंत्र देव सिंह, श्री अशोक कटारिया, रमेश बिधूड़ी, बीएल वर्मा, यहां के सांसद-भाई राम शंकर कठेरिया जी, श्री एसपीसी बघेल जी, चौधरी बाबूलाल जी, श्रीमान राजेश दिवाकर जी, श्रीमान हर्तवार जी दुबे और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाईयों और बहनों...

मुझे बताया गया कि आप सुबह 10 बजे से आना शुरु कर दिया था। घंटो से आप इंतजार कर रहे हैं, आप इतना कष्ट उठा करके मुझे आशीर्वाद देने के लिए आए... इसलिए मैं आप सब को प्रणाम करता हूं, आपका धन्यवाद करता हूं।

भाईयों-बहनों... आज सुबह ही कानपुर के पास रेल दुर्घटना के कारण अनेक लोगों की मृत्यु हो गई, अनेक लोग घायल हो गए, भाईयों-बहनों राहत के हर... बचाव के हर काम चल रहे हैं। केंद्र सरकार के तरफ से इस दुर्घटना की पूरी जांच तो होगी ही, लेकिन जो घायल हैं, जिनकी मौत हुई है। उन सबके परिवारों के आर्थिक सहायता, घायल लोगों की सारवार की चिंता... रेलवे की पूरी शक्ति लगी हुई है, लेकिन ये जो दुर्घटना घटी, जिन-जिन परिवारों ने अपने स्वजन खोये हैं, उन सब के प्रति मेरी संवेदना प्रकट करता हूं। मृतात्माओं के प्रति श्रंद्धाजलि प्रकट करता हूं। और भाईयों-बहनों आज मैं थोड़ी देर पहले यहां पड़ोस में ही भारत सरकार का एक बहुत बड़ा कार्यक्रम का आरंभ करके आपके बीच आया हूं। दो प्रमुख कार्यक्रम थे, एक था प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), 2022 में जब हमारा देश आजादी के 75 साल मनाता होगा तब हिंदुस्तान के गरीब से गरीब के पास अपना खुद का घर होना चाहिए, ये संकल्प लेकर के मैं काम कर रहा हूं। और इसलिए आज आगरा में हमारे नरेंद्र सिंह जी तोमर के नेतृत्व में, उनके साथी श्रीमान रामकृपाल जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का मुझे शिलान्यास करने का सौभाग्य मिला। 267 वर्गफीट का घर और पहली बार हमने... जो इलाका है उस इलाके के लोगों की आदत, जिस प्रकार के घर की है, जिन प्रकार के चीजों से वो घर बनाते हैं ऐसी लचीली व्यवस्था करके घर बनाने का एक बीड़ा उठाया है। 100 से ज्यादा अलग-अलग राज्यों के लोगों के आदत के अनुसार, उसके मॉडल तैयार किए हैं और घर भी सिर्फ चार दिवारें नहीं, घर भी यानि एक डिब्बा खड़ा कर दिया डिब्बा और परिवार वालों को डिब्बे में बंद कर दिया ऐसा नहीं, सच्चे अर्थ में घर बनाने का काम आज से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत पूरे देश के लिए योजना को आज उत्तर प्रदेश की आगरा की धरती से मैं प्रारंभ कर रहा हूं।

करोड़ों-करोड़ों घर बनाने हैं। ये घर बनाने के लिए भी कारीगर लगेंगे, राजमिस्त्री लगेंगे। देश के पास बेरोजगार लोग तो मिलेंगे, लेकिन काम होने पर राजमिस्त्री नहीं मिल जाएंगे और इसलिए सरकार ने पिछले कुछ महीनों से पूरे हिंदूस्तान के कोने-कोने में राजमिस्त्री बनाने के लिए नौजवानों को ट्रेनिंग देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। ताकि गांव-गांव लोकल राजमिस्त्री तैयार हों, करोड़ो-करोड़ो घर बनें और उस घर के कारण नौजवान को रोजगार भी मिले। इसके साथ-साथ पहले मनरेगा का पैसा पता नहीं चलता था किसके काम आता है, किसके नहीं आता है। हमने कहा अगर परिवार के लोग खुद मेहनत करेंगे, अपना मकान बनाने के लिए काम करेंगे तो उस काम को भी मनरेगा मान कर उनको भी पैसा दिया जाएगा ताकि उनका घर खुद बनाएंगे तो ज्यादा अच्छा बनाएंगे, और खुद का घर भी बनाएंगे पैसे भी कमाएंगे... ऐसी योजना बनाई है। हमने घर ऐसा भी बनाना तय किया है जिस घर में बिजली भी हो, खाना पकाने की व्यवस्था हो। इतना ही नहीं... उज्ज्वला, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत उस गरीब को गैस का कनेक्शन भी मिल जाए, ताकि गैस के चूल्हे पर वो खाना पका सके। भाईयों-बहनों एक संपूर्ण योजना... हिंदुस्तान के गरीबों के लिए... गांव के गरीब के लिए और वैसे ही कुछ दिन पहले मैंने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी जनों के लिए उसको तो लांच कर दिया, आज मैं ग्रामीण आवास को लांच कर रहा हूं, इसका मतलब ये हुआ की शहरी क्षेत्र हो, ग्रामीण क्षेत्र हो सबसे पहला लाभ जिसके पास अपना घर नहीं है ऐसे मेरे गरीबों को मिलने वाला है। और आजादी के 75 साल होते-होते इस काम को पूरा कर देना है। आज मुझे रेलवे के अधिकारी तो मौजूद नहीं थे, मंत्री मौजूद नहीं थे, क्योंकि उनको कानपुर पहुंचना पड़ा लेकिन रेलवे की भी योजनाएं करीब-करीब 1100 करोड़ की योजनाएं मथुरा से पलवल, मथुरा से भूतेश्वर... चौथी लाईन... एक प्रकार से यहां आर्थिक गति देने वाला कार्यक्रम.... उसका भी मैंने शिलान्यास किया है, उसके कारण.... यहां जो रेल में ठहराव आ जाता है, चौथी लाईन होने से... गति बढ़ जाएगी। यहां के जीवन में बदलाव लाने में रेल बहुत बड़ी भूमिका अदा करेगा, उस काम का भी प्रारंभ किया है। भाईयों-बहनों ये सरकार गरीबों को समर्पित है। हमने प्रधानमंत्री जन-धन एकाउंट का काम किया ताकि गरीबों का बैंको में खाता हो, हमने आधार योजना लागू की ताकि गरीब को उसका हक का मिलना चाहिए कोई बिचौलिया गरीब के हाथ से छिनना नहीं चाहिए। भाईयों-बहनों हमने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना बनाई ताकि मेरी गरीब मां लकड़ी का चूल्हा जला करके एक दिन में जब खाना पकाती है तो 400 सिगरेट का धुआं उसके शरीर में चला जाता है वो गरीब मां की तबियत का हाल क्या होगा? और इसलिए मेरे प्यारे भाईयों-बहनों प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब माताओं को गैस का चूल्हा मिले, गैस का कनेक्शन मिले और गैस पर बडे-बड़े अमीर के घर में गैस के चूल्हे पर खाना पकता है, अब मेरे देश में गरीब के घर में भी गैस के चूल्हे पर खाना पकेगा। धुएं में मां को मरना नहीं पड़ेगा, धूएं में बच्चों को रोना नहीं पड़ेगा। लकड़ी खोजने के लिए गरीब को गांव-गांव, जंगल-जंगल भटकना नहीं पड़ेगा, खाना पकाने के लिए नौकरी धंधा काम छोड़ करके दो-दो घंटा किचन में नहीं बिताना पड़ेगा, गरीब की जिंदगी में बदलाव आएगा, ये काम मैंने प्रारंभ किया है। भाईयों-बहनों इस देश में 18000 गांव आजादी के 70 साल हो गए, 18000 गांव आजादी के 70 साल बाद भी 18वीं शताब्दी में जीते थे, बिजली क्या होती है उस गांव में कभी नजर नहीं आई थी। भाईयों-बहनों मैंने बीड़ा उठाया, 1000 दिन में बिजली का काम मुझे पूरा करना है, सबसे ज्यादा गांव अंधेरे में पड़े थे उत्तर प्रदेश के... 95% से ज्यादा काम पूरा कर दिया है भाईयों और बाकी काम भी तेज गति से चल रहा है।

हम निर्धारित समय में निर्धारित रुप में गरीबों की भलाई के काम को प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ रहे हैं। भाईयों-बहनों आज जब मैं आगरा की धरती पर आया हूं मैं आप सब के माध्यम से देश के गरीबों का, देश के मध्यम वर्ग के लोगों का, देश के पढ़े-लिखे लोगों का, देश के ईमानदार लोगों का सर झुका करके नमन करना चाहता हूं भाईयों-बहनों। देश को भ्रष्टाचारियों से मुक्त कराने के लिए, देश को कालाबाजारियों से मुक्त कराने के लिए, देश को काले धन से मुक्त कराने के लिए... मैंने जो बीड़ा उठाया है उसको सबसे ज्यादा आशीर्वाद गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों ने दिये हैं। मैं उनको प्रणाम करता हूं और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके सपने सच होके रहेंगे। भाईयों-बहनों मैंने 50 दिन कहा है मैंने पहले ही दिन कहा था ये काम बहुत बड़ा है, समय लेने वाला काम है, तकलीफ उठानी पड़ेगी ऐसा काम है, कुछ असुविधा होगी ये भी मैंने कहा था, लेकिन मैं हैरान हूं मेरे देशवासी तकलीफ झेलने के बाद भी... इस काम की सफलता के लिए कष्ट उठा रहे हैं। इस काले धन से देश को मुक्त कराने के लिए, भ्रष्टाचार से देश को मुक्त कराने के लिए, आप जो कष्ट उठा रहे हो, मेरे गरीब भाई जो कष्ट उठा रहे हैं, मेरे मध्यम वर्ग के भाई जो कष्ट उठा रहे हैं, मेरे दलित भाई कष्ट उठा रहे हैं, मेरे आदिवासी कष्ट उठा रहे हैं, मेरे किसान भाई कष्ट उठा रहे हैं, मेरी माताएं, बहने कष्ट उठा रही हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ये आपका तप कभी बेकार नहीं जाएगा। देश सोने की तरह तप करके बाहर निकलेगा, देश सोने की तरह तप करके बाहर निकलेगा... ये मेरा पूरा विश्वास है। और भाईयों-बहनों मैंने 8 तारीख रात को 8 बजे भी कहा था कि मैं हर दो-तीन दिन सारी अवस्था का मूल्यांकन करुंगा और जैसे-जैसे जरुरत पड़ेगी छूटछाट बढ़ानी है तो बढ़ाऊंगा, व्यवस्था में सुधार करना है तो करुंगा। हम ऐसे कोई लकीर के फकीर लोग नहीं हैं।

और मैंने पिछले दिनों जहां से जनता से मेरे कान पे कोई बात आई, कहीं लचीलापन होना पड़ा तो हम होते रहे हैं। गरीबों की भलाई के लिए काम उठाया है लेकिन भाईयों-बहनों आप जानते हो एक समय था, जिस शहर को बिजली का 5 करोड़ बिल इकठ्ठा करने में आंखो पानी आ जाता था। 8 तारीख के बाद 500 और 1000 की नोट पर मोदी ने हाथ लगाया, भाईयों-बहनो जहां 5 करोड़ का बिल आता था, इस म्युनीसीपालिटी को 15 करोड़ का बिल आना शुरु हो गया। ये बिल कौन नहीं देते थे, नियमों का पालन कौन नहीं करते थे, क्या मध्यम वर्ग नहीं करता था?, क्या गरीब नहीं करता था? जिनकी पहूंच ज्यादा है जो नेताओं के अगल-बगल पहुंच सकते हैं, जो बाबुओं के अगल-बगल पहुंच सकते हैं वही मजा ले सकतृते थे। आज उन सब को 8 तारीख के बाद पाई-पाई चुकता करनी पड़ रही है। भाईयों-बहनों अभी तो आज 18 तारीख हुई है। भाईयों-बहनों 8 तारीख को शुरु किया 10 तारीख को बैंक ने काम शुरु किया, आज 20 तारीख हुई है। मेरे भाईयों-बहनों 5 लाख करोड़ से ज्यादा रकम लोगों ने आके बैंको में जमा करवायी है, 5 लाख करोड़। भाईयों-बहनों आप मुझे बताइए किसी मध्यम वर्ग व्यक्ति के पास काला धन होता है? गरीब के पास काला धन होता है? नौकरी करके कमाने वालों के पास काला धन होता है? लेकिन अगर उसको बच्चे को स्कूल में छोड़ना है तो स्कूल वाला कहता है, 2000 रुपया कैश देना पड़ेगा, 5000 रुपया कैश दोगे तब बच्चे का स्कूल में दाखिला होगा, कोई गरीब आदमी को भी अपना गोरा धन भी काला करके देना पड़ता है। उसको मजबूरन बैंक से अपनी ईमानदारी का पैसा उठा करके उसको कैश में देना पड़ता है। भाईयों-बहनों ये जो मैंने कदम उठाया है, ये गरीब, मध्यम वर्ग के मां-बाप जो बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं, पैसों के अभाव में लुटेरों के कारण नहीं दे पाते हैं अब वो बीमारी जाने वाली है, मेरे भाईयों-बहनों बीमारी जाने वाली है। भाईयों-बहनों एक मध्यम वर्ग का व्यक्ति मकान खरीदना चाहता है, अपना घर बनाना चाहता है, पैसे इकठ्ठे किये हैं बैंक में रखे हैं, कानूनन मेहनत की, ईमानदारी का पैसा है, लेकिन जब मकान खरीदने जाता है तो मकान वाला बोलता है, 3 लाख रु कैश देना पड़ेगा और इतना    चेक से देना होगा वो कहता है कि मेरे पास तो कैश है नहीं... वो कहता है कुछ भी करो ले आओ। उसको बेचारे को सफेद को काले में बेचना पड़ता है, उसका भी पैसा जाता है वो काला लाके इसको देना पड़ता है। पूरी कॉलोनी को कुछ लोगों ने बर्बाद करके मेरे देश के गरीब को मेरे देश के मध्यम वर्ग को लूटा है। ये 500 और 1000 के नोटों को बंद करने के कारण आपको तो असुविधा हुई है, इसका मैंने पहले दिन भी इनकार नहीं किया था। लेकिन कुछ लोगों की तो सारी जिंदगी तबाह हो जाए,  ऐसा उनलोगों को दंड दिया है मैंने। क्योंकि उन्होंने गरीब का लूटा है, मध्यम वर्ग का लूटा है आपका हक का पैसा लूटकर के अपना कारोबार चलाया है। इसलिए भाईयों-बहनों ये लड़ाई मैंने छेड़ी है, और मैं जानता हूं कि कैसे-कैसे लोग मेरे खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

क्या देश नहीं जानता है चिट-फंड के कारोबार में किसके रुपए लगे थे। लाखों, करोड़ों गरीबों ने चिट-फंड में पैसा जमा कराया और राजनेताओं के आशीर्वाद से करोडों, करोड़ों रुपए के चिट-फंड के पैसे गायब हो गए  और चिट-फंड के कारण सैकड़ों परिवार के मुखियों को आत्महत्या करने की नौबत आ गई थी, मरना पड़ा था जरा इतिहास गवाह करके देख लो वो आज मुझे सवाल पूछ रहे हैं। भाईयों-बहनों देश का सामान्य व्यक्ति मेहनत करता है, ईमानदारी से जीना चाहता है, लेकिन कुछ बेईमान लोग उसको जीने नहीं देना चाहते। क्या उसकी रक्षा करना ये सरकार का दायित्व है कि नहीं और इसलिए भाईयों-बहनों जो मध्यम वर्ग के मानवीय मेहनत करके कमाता है, लेकिन उसका काले धंधे करने वाले शोषण करते हैं, उससे लूटते हैं... मेरे इस कदम से मध्यम वर्ग के मानवीय को सुरक्षा मिलने वाली है। और जो गरीब है जिसका हक है, लेकिन उसको हक का मिलता नहीं है, उसको पीने का शुद्ध पानी चाहिए, उसको बच्चों को पढ़ने के लिए शिक्षा चाहिए, उसको बुजूर्गों के लिए बीमार है तो सस्ते में दवाई चाहिए, गरीब को उसका हक चाहिए, ये बीच में लूटेरों के कारण गरीबों को उसका हक नहीं मिल पा रहा है। मध्यम वर्ग का शोषण बंद होगा, गरीब को हक मिलेगा, पैसे जमा होंगे। इन बैंको में 5 लाख करोड़ रुपया आया है, आगे भी आएगा, बैंक वाले क्या करेंगे इसको... क्या डिब्बे में बंद रखेंगे क्या...? उनको बाजार में देना पड़ेगा... लोगों को कुछ खरीदना है तो देना पड़ेगा... लोन देनी पड़ेगी, कोई नाई की दुकान करना चाहता है तो लोन देनी पड़ेगी, धोबी की दुकान करना चाहता है तो लोन देनी पड़ेगी, कपड़े की दुकान, बर्तन की दुकान करना चाहता है तो लोन देनी पड़ेगी और इतने सारे पैसे निकालने के लिए उनको ब्याज भी कम करने का पड़ेगा.. भाईयों।  बहुत कम ब्याज दर पर रुपया गरीब और मध्यम वर्ग को मिलने वाला है। भाईयों-बहनों हमारे देश में सीमा पार से एक तरफ आतंकवाद हमारे सेना के जवानों को मौत के घाट उतारता है, दूसरी तरफ आर्थिक आतंकवाद नौजवानों को ड्रग्स में और देश को आर्थिक तबाही की ओर ले जाता है। जाली नोट छाप,छाप करके हिंदुस्तान में घूसेड़ना, आपने देखा होगा कि ड्रग्स का कारोबार कैश में चलता है, नशीली चीजों का कारोबार कैश में चलता है, उसका कोई हिसाब-किताब नहीं है। थैले में पैसे होते हैं इधर-उधर जाते रहते हैं....आते रहते हैं। भाईयों-बहनों 500,1000 बंद करने के कारण जाली नोट के पूरे कारोबार को बड़ा... बड़ा झटका लगा है भाईयों। करोड़ों की... करोड़ों की जाली नोट इस देश में घुसेड़ दी गई हैं और देश को बर्बाद कर दिया गया है। ड्रग और इन पैसों से शस्त्र लाकर के आतंकवादियों को पहुंचाएं गए और आतंकवादियों ने मेरे देश के नौजवानों को  गोलीयों से भून दिया है। भाईयो क्या ऐसा पाप चलने देना चाहिए क्या?  क्या मेरे देश के सेना के जवानों को मरने देना चाहिए क्या?  कब तक चुप रहेगा देश, 70 साल तक चुप रहे भाईयो, 70 साल चुप तो रहे और चुप इसलिए रहे इसलिए नहीं की उनको पता नहीं था, इसलिए नहीं की उनको बीमारी का मालूम नहीं था, लेकिन उनको देश की चिंता कम थी और कुर्सी की चिंता ज्यादा थी, इसलिए कदम उठाने को तैयार नहीं थे। भाईयों-बहनों मैं जानता हूं कि कुछ लोगों का तो सब कुछ लूट गया है। आपको एमएलए बनना है.. इतनी नोटें लाओ, इतनी नोटें लाओ... तब एमएलए बनोगे। नोटें भर-भर के रखी थी क्या हुआ उन नोटों का....? ये नोटें किसकी थी गरीब और ईमानदार आदमी की थी कि नहीं भाईयों...? ये खेल बंद होना चाहिए। देश में और इसलिए मेरे भाईयो  और बहनों हमने जो कोशिश की है देश के मध्यम वर्ग को उसका हक मिले, देश के गरीबों की आशाएं पूरी हो, मध्यम वर्ग का शोषण बंद हो ये काले जो अर्थनीति चली है, जिसने देश को अंदर से खोखला किए हुए है भाईयों-बहनों मैंने कोई निर्णय किसी को परेशान करने के लिए नहीं किया है, मैंने निर्णय देश की भावी पीढ़ी का भला करने के लिए किया है, नौजवानों का भाग्य बदलने के लिए किया है।

प्यारे मेरे देशवासियों पहले दिन से मैंने आपसे 50 दिन मांगे है कि नहीं मांगे है आप बताईए मांगे है कि नहीं मांगे है... 50 दिन थोड़ी तकलीफ रहेगी मैंने कहा है कि नहीं कहा है, इतना बड़ा देश, इतना बड़ा निर्णय थोड़ा कष्ट झेलना पड़ेगा मैंने कहा था कि नहीं कहा था...? भाईयों-बहनों आज मैं आपसे आग्रह करने आया हूं, मेहरबानी करके ये बदमाशी करने वाले जो लोग होते हैं बड़े चतुर होते हैं, जो गरीबों के जन-धन अकाउंट खुले हैं न... वहां पहुंच जाते हैं और समझाते हैं देखो तुम्हारे खाते में ढाई लाख डाल दो 6 महीने के बाद मैं उसमे से तुम्हें 50 हजार दे दूंगा, दो लाख मैं ले जाउंगा... भाईयों-बहनों ऐसे पापियों को घुसने मत देना क्योंकि कानून इतना सख्त है पैसा देने वालों का तो जो होगा, सो होगा वो तो कह देगा कि मैंने तो दिए ही नहीं थे, ये तो मेरे पैसे है ही नहीं, खाते में जिसके होगा वो बोलेगा और बेकार में मेरा गरीब भाई-बहन परेशान हो जाएगा। मैं नहीं चाहता हूं कि मेरा कोई गरीब भाई-बहन परेशान हो। ये लोग देने वाले पकड़े जाएंगे तो झूठ बोलेंगे कि मैंने तो दिया ही नहीं... ये हाथ ऊपर कर देंगे कि मैंने तो दिया ही नहीं और आप मुसीबत पड़ जाएगी... आपके सर पर भाईयों-बहनों किसी का भी रुपया 500 और 1000 का नोट कोई पकड़ा देता है, मेहरबानी करके मेरे भाईयों-बहनों उससे जितना दूर रह सको.. रहो। वरना आप में डाल दिया तो आपको फंसा कर भाग जाएगा और मेरा गरीब आदमी मर जाएगा। भाईयों-बहनों ये गरीबों को बचाने के लिए मेरी योजना है, ये मध्यम वर्ग के लोगों को बचाने के लिए मेरी योजना है, ये मेरे आदिवासी भाई-बहनों को बचाने की मेरी योजना है, उनका भला करने के लिए मेरी योजना है, मेरे किसानों का भला करने के लिए योजना है, और मेरी एक-एक योजना इन लोगों को तकलीफ दे रही है और इसलिए मौके के इंतजार में रहते हैं कि मोदी का क्या होता है? आपको मालूम है मेरे किसान भाईयों-बहनों जब खेत में यूरिया की जरुरत होती थी तो यूरिया के लिए इस देश में दो-दो, तीन-तीन दिन मेरा किसान कतार में खड़ा रहता था। ठंड में भी वो फुटपाथ पर सोकर करके यूरिया लेने के लिए कतार में खड़ा रहता था।

रहता था कि नहीं रहता था भाईयों...? और जब यूरिया वाला यूरिया नहीं देता था हो-हल्ला होता था तो ये पुलिस आकर के किसानों को डंडा मारती थी कि नहीं मारती थी? हमारा किसान लहू-लुहान होता था कि नहीं होता था...? भाईयों-बहनों ये इसलिए होता था कि काला बाजारी करने वाले लोग यूरिया की चोरी करते थे। आता था किसान के नाम से सब्सिडी वाला यूरिया और वो ट्रक से उतरता ही नहीं था, कैमिकल के कारखाने में चला जाता था क्योंकि कैमिकल कारखाने वाले को वो सस्ते में मिल जाता था, और मेरा किसान यूरिया के बिना परेशान रहता था। मैंने आकर के एक काम कर दिया, मैंने यूरिया का नीमकोटिंग कर दिया और यूरिया और यूरिया का नीमकोटिंग किया वो भी शत प्रतिशत किया, हंडरेड परसेंट किया और जब तक कोई काम हंडरेड परसेंट नहीं करते हैं न... सफलता नहीं मिलती है भाईयों-बहनों। 500 और 1000 का भी हंडरेड परसेंट करना पड़ा मुझे..। यूरिया का नीमकोटिंग किया, नीमकोटिंग करने के कारण अब यूरिया किसी भी कैमिकल के काम नहीं आता है, वो सिर्फ और सिर्फ किसान के खेत में ही काम आ सकता है, उसका कोई उपयोग नहीं हो सकता और उसके कारण यूरिया की काला बाजारी गई, यूरिया का गोरखधंधा गया, किसानों की कतार गई, किसानों पर लाठी चार्ज गया औऱ मेरे किसान के खेत को नीमकोटेड यूरिया मिलने के कारण उसके खेत में भी फायदा हुआ क्योंकि नीमकोटिंग यूरिया से जमीन को ज्यादा लाभ होता है वो भी हुआ, फसल को भी लाभ हुआ। भाईयों-बहनों अच्छा करने के लिए अब मुझे बताईए... जो व्यापारी, जो कैमिकल के कारखाने वाले... जिनको सस्ते में यूरिया मिलता था... मोदी ने दरवाजे बंद कर दिए वो मोदी से नाराज होगा कि नहीं होगा...? वो मोदी से हिसाब चुकता करने का रास्ता खोजेगा की नहीं खोजेगा, मोदी परेशान होगा तो उसको आनंद होगा कि नहीं होगा...? अब ऐसे तो कितने लोग हैं। चंडीगढ़ में... चंडीगढ़ ऐसा शहर है,  जिसमें सब घरों में बिजली है, सब घरों में गैस का कनेक्शन है, वहां केरोसिन की कोई जरुरत नहीं है फिर भी 30 लाख लीटर केरोसिन चंडीगढ़ को जाता था।

मैंने पूछा कि भाई चंडीगढ़ में तो केरोसिन की जरुरत ही नहीं है, कुछ झुग्गी-झोपड़ी के घर हैं, उनको चाहिए तो कितना चाहिए? 500, 1000 लीटर चाहिए, 50,000 लीटर चाहिए, ये 30 लाख लीटर... तो पता चला कि पिछले दरवाजे से डीजल में मिक्स करने के लिए काले काम करने वालों को चला जाता है। हमने एक-एक घर की जांच की, हमने एक-एक घर की जांच की... जहां गैस नहीं था, जहां बिजली नहीं थी, ऐसे घर को गैस कनेक्शन दिया और ये 30 लाख लीटर केरोसिन जो चंडीगढ़ में चाऊ हो जाता था, वो बंद हो गया, और किसी का नुकसान तो हुआ होगा। इतने दिन जो मलाई खाते थे, उनको तकलीफ तो हुई होगी..., हुई होगी की नहीं हुई होगी,,, तो क्या वो मोदी को फूल चढ़ाएगा क्या?  क्या मोदी का जयजयकार करेगा क्या? गाली देगा कि नहीं देगा ,   मोदी का बुरा चाहेगा कि नहीं चाहेगा, ऐसी सरकारें इन लोगों को चाहिए जो उनके इशारे पर नाचने वाली हो, उनके पैसे लेकर सोने वाली हो, भाईयों-बहनों ये बिकाऊ माल आपने नहीं भेजा है, उत्तर प्रदेश ने बिकाऊ माल नहीं भेजा है। ये उत्तर प्रदेश के लोगों की शान है कि उन्होंने बिकाऊ माल बाजार में नहीं रखा है। दम के साथ गरीब के लिए जीने मरने वाला इंसान  आज दिल्ली में आपने सेवा करने के लिए बिठाया है और इसलिए मेरे प्यारे भाईयों और बहनों ये लड़ाई लंबी है .. ये लड़ाई लंबी है लेकिन गरीबों के लिए लड़ने का आनंद कुछ और होता है। मैं गरीबों के लिए लड़ूंगा, मैं मध्यम वर्ग के लिए लड़ूंगा, मैं आपके हक के लिए लड़ूंगा, ये लुटेरों से आपको बचाने के लिए लड़ूंगा, मुझे आपके आशीर्वाद चाहिए, मुझे आपके आशीर्वाद चाहिए, दोनों हाथों को ऊपर करके आशीर्वाद दीजिए भाईयों...  दोनों हाथों को ऊपर करके आशीर्वाद दीजिए, भाईयों-बहनों ये 50 दिन तकलीफ है वो आप झेलेंगे, जोर से जवाब दीजिए ये 50 दिन की तकलीफ झेलेंगे, 50 दिन की तकलीफ झेलेंगे, ये बेईमानों की लड़ाई, बेईमानों के खिलाफ जीतेंगे, ये बेईमानों से देश बचाना चाहिए, ईमानदारों की रक्षा होनी चाहिए, आपका मुझे आशीर्वाद है...? आपका मुझे आशीर्वाद है...? आपका मुझे आशीर्वाद है....? भाईयों-बहनों आपके सपने सच होकर के रहेंगे, देश सोने की तरह तप करके बाहर निकलेगा, ये मेरा विश्वास है। मेरे साथ बोलिए भारत माता की.... जय, भारत माता की....जय, भारत माता की....जय

 

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Chairman and CEO of Microsoft, Satya Nadella meets Prime Minister, Shri Narendra Modi
January 06, 2025

Chairman and CEO of Microsoft, Satya Nadella met with Prime Minister, Shri Narendra Modi in New Delhi.

Shri Modi expressed his happiness to know about Microsoft's ambitious expansion and investment plans in India. Both have discussed various aspects of tech, innovation and AI in the meeting.

Responding to the X post of Satya Nadella about the meeting, Shri Modi said;

“It was indeed a delight to meet you, @satyanadella! Glad to know about Microsoft's ambitious expansion and investment plans in India. It was also wonderful discussing various aspects of tech, innovation and AI in our meeting.”