मैं पूरे देश को, देश के प्रत्येक नागरिक को चाहे हिंदू हो या मुस्लिम को फिर ये कहना चाहता हूं कि इस कानून से किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता पर कोई असर नहीं होगा: प्रधानमंत्री मोदी
कांग्रेस और उसके साथी, इस मुद्दे पर मुसलमानों को भड़काने का, डराने का भयभीत करने का प्रयास करके अपनी राजनितिक खिचड़ी पकाना चाहते हैं: पीएम मोदी
मैं कांग्रेस सहित उन तमाम दलों को खुली चुनौती देता हूं, अगर उनमें हिम्मत है, तो वो खुलकर घोषणा करें, कांग्रेस और उसके सारे साथी खुलकर घोषणा करे कि वो पाकिस्तान के हर नागरिक को भारत की नागरिकता देने को तैयार हैं: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। अभी-अभी यहां आने से पहले मुझे अमर शहीद सिद्धू कान्हू, चांद भैरव को श्रद्धांजलि अर्पण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आपको लगा होगा कि हेलिकॉप्टर तो आ गया प्रधानमंत्री क्यों नहीं आए लेकिन प्रधानमंत्री तो वहां सर झुकाने के लिए चले गए थे। ये मेरा एक और सौभाग्य है कि इस बार के झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए आज ये मेरी अंतिम सभा वीरों की माटी और बाबा बागेश्वर नाथ के सानिध्य में हो रही है। ऐसे ही वीर-वीरांगनाओं के आशीर्वाद से भाजपा सरकार पूरे देश में आदिवासी सेनानियों से जुड़े संग्रहालय बना रही है, म्यूजियम बना रही है।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में, भारत के निर्माण में, हिंदुस्तान के हर कोने में इन आदिवासी वीरों के योगदान को भारत हमेशा-हमेशा याद रखेगा। आने वाली पीढ़ियां इनसे प्रेरित हों यही हमारी कामना है। मैं ऐसी तमाम पुण्य आत्माओं को नमन करता हूं, उनके संघर्ष को प्रणाम करता हूं। साथियो, झारखंड में चार चरणों का मतदान हो चुका है और हर चरण में भारी मतदान हुआ है, शांतिपूर्ण मतदान हुआ है। झारखंड के मतदाताओं ने डर और भय से मुक्त होकर मतदान किया है। इस बार भी हर तरफ एक ही आवाज है झारखंड पुकारा भाजपा दोबारा, झारखंड पुकारा भाजपा दोबारा, झारखंड पुकारा भाजपा दोबारा। भाइयो और बहनो, ये आवाज इसलिए बुलंद हुई है क्योंकि कमल के फूल से झारखंड को विकास और सुरक्षा की गारंटी मिली है। जब कमल का फूल खिलता है तो गरीब का भला होता है, महिलाओं का भला होता है, युवाओं का भला होता है, आदिवासियों का भला होता है, पिछड़े इलाकों का भला होता है, पूरे समाज का भला होता है।

साथियो, जब से भाजपा की, एनडीए की सरकार देश में है तब से हर वर्ग, हर संप्रदाय के हित में ही हमने काम किया है। झारखंड सहित पूरे देश के करोड़ों किसान परिवारों के बैंक खातों में अगर 36 हजार करोड़ रुपए सीधे जमा हो चुके हैं तो ये हर वर्ग, हर संप्रदाय के किसानों के खाते में जमा हुए हैं, कोई भेदभाव नहीं होने दिया है। देश भर के करोड़ों गरीब किसानों, खेत मजदूरों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, छोटे-छोटे दुकानदारों, कारोबारियों को 3 हजार रुपए की पेंशन की सुविधा मिली है तो ये भी बिना भेदभाव के सभी को मिली है। झारखंड सहित देश भर की आठ करोड़ से अधिक बहनो को पहली बार मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है। ये आदिवासी को भी मिला, पिछड़े को भी मिला, दलित को भी मिला, सामान्य वर्ग को भी मिला, हर पंथ और संप्रदाय के लोगों को भी इसका लाभ मिल रहा है। देश के करीब दो करोड़ गरीबों और झारखंड के 10 लाख गरीबों के लिए अगर घर बने तो ये भी बिना भेद के किया जा रहा है। जिसके पास नहीं है उन सबको मिले, पक्का घर मिले इसलिए हम काम कर रहे हैं। आयुष्मान भारत के तहत हर वर्ष पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज भी हर गरीब को मिल रहा है, इस योजना से पूरे देश के करीब 67 लाख और झारखंड के 2 लाख से ज्यादा गरीब परिवारों का मुफ्त इलाज हो ही चुका है।

भाइयो-बहनो, जब गरीब को, आदिवासी को लगता है कि मेरा कोई अपना है जो दिल्ली में बैठकर उसका ध्यान रख रहा है, उसके बच्चों का ध्यान रख रहा है तो गरीब से गरीब जंगलों में रहने वाला मेरा भाई, मेरी बहने, मेरी माताएं हम पर भरपूर आशीर्वाद बरसाती हैं। आप देखिए इतनी दूर-दूर से जहां भी मेरी नजर जाती है लोग ही लोग हैं। इतनी बड़ी तादाद में आप यहां मुझे आशीर्वाद देने आए हैं, हम सबको आशीर्वाद देने आए हैं। आपका यही स्नेह, यही आशीर्वाद तो जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी और देश भर के वामपंथियों को परेशान करता है उनकी नींद हराम कर देता है। मोदी को, भाजपा को मिल रहा देश का प्यार इनको पच नहीं रहा है, इनको ये समझ ही नहीं आ रहा है कि जिन बातों को लेकर दशकों तक देश को इन्होंने डराया वो आखिर झूठ क्यों साबित हुईं, सब झूठ चलाया था अब सच उजागर हो कर के सामने आ गया है कि अगर सबसे ज्यादा सुरक्षा कहीं है तो ये भाजपा की सरकारों में ही है। वे आखिर इस बात से परेशान हैं कि आखिर जिन मामलों को दशकों तक लटकाए रखा, ऐसे मसले जो लटके पड़े थे, लोगों को भी चिंतित कर देते थे, उत्तेजित कर देते थे, परेशान कर देते थे। ऐसे उलझे हुए मामलों को आज मोदी ने कैसे सुलझा दिया।

साथियो, ये हमारे बरहेट में राम-जानकी विराजमान हैं और भगवान राम जी ने 14 साल वनवास में आदिवासियों के बीच में अपनी जिंदगी गुजारी थी और इसलिए यहां भव्य श्रद्धा केंद्र, राम जी का मंदिर है। अब आप मुझे बताइए, अयोध्या में राम जन्मभूमि का मामला इतने सालों से लटकता रहा, इसका समाधान होना चाहिए था कि नहीं होना चाहिए था, ये मसला शांति से सुलझना चाहिए था कि नहीं सुलझना चाहिए था, सत्य के मार्ग पर सबको चलना चाहिए था कि नहीं चलना चाहिए था लेकिन क्यों नहीं हुआ? क्योंकि वो वही काम करते थे जिसमें उनकी राजनीति की रोटियां सिंकती रहें। इसलिए नहीं हुआ क्योंकि इसका हल कांग्रेस और उसके साथी कभी नहीं चाहते थे, लटकाना-भटकाना इसी में उनकी राजनीति की खिचड़ी पकती थी। वो राजनीति करते रहे, सबको डराते रहे और देश अयोध्या में राम मंदिर का इंतजार करता रहा। मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, हम राष्ट्रनीति पर चले और अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर के निर्माण का रास्ता आज साफ हो गया भाइयो-बहनो। कहीं कोई तनाव हुआ क्या, कोई दंगा हुआ क्या, मारपीट हुई क्या, शांति से हुआ कि नहीं हुआ, देश में सब काम शांति से होने चाहिए कि नहीं होने चाहिए? अब मोदी शांति से सब करने की कोशिश कर रहा है तो उनके पेट में चूहे दौड़ रहे हैं।

भाइयो-बहनो, आर्टिकल 370 को लेकर भी इन्होंने यही डर दिखाया, अगर 370 को हाथ लगाएंगे तो करंट लग जाएगा, बवाल हो जाएगा, देश का टुकड़ा हो जाएगा। यही बोलते थे ना, यही डर दिखाते थे ना? उन्होंने जम्मू कश्मीर में अलगाव को बढ़ने दिया, आतंकवाद को बढ़ने दिया, वहां से पंडित लोग निकाले गए, ये देखते रह गए लेकिन निर्णय नहीं किया, फैसला नहीं लिया। आपने जब इस सेवक को फिर आदेश दिया तो आर्टिकल 370 भी निकल गया और शांतिपूर्ण तरीके से आज कश्मीर आगे बढ़ गया। साथियो, आपने इस डर को, इस छल को नकार दिया। पूरे देश ने कांग्रेस और उसके साथियों की नकारात्मक सोच को ही नकार दिया। लेकिन साथियो, लोगों को डराने को, झूठी बातें फैलाने को उन्होंने अपनी राजनीति का आधार बना दिया है।

जनता की सेवा कर के राजनीति नहीं कर सकते, झूठ फैला कर के ही, डर का माहौल फैला कर के ही वे अपनी राजनीति करने की अपनी आदत अभी भी उसी के भरोसे चल रहे हैं। अब देखिए नागरिकता संशोधन कानून को लेकर फिर से ये सफेद झूठ बोलने लगे हैं, लोगों को डराने लगे हैं। कांग्रेस और उसके जैसे दलों और उसके वामपंथी इको सिस्टम ने पूरी ताकत झोंक दी है भारत के मुसलमानों को डराने के लिए। ये लोग देश में झूठ और डर का माहौल बना रहे हैं, हिंसा फैला रहे हैं जबकि ये बात पत्थर की लकीर की तरह साफ है कि नागरिकता संशोधन कानून से भारत के एक भी नागरिक को, चाहे वो हिंदू हो, मुसलमान हो, इसाई हो या पारसी हो, किसी की भी नागरिकता पर कोई असर नहीं होगा। ये मेरी बात आपको समझ में आ गई, बराबर आ गई, मैंने साफ-साफ बताया कि नहीं बताया? संसद में भी बताया था, आपको समझ में आता है उनको समझ में नहीं आता है क्योंकि उनकी राजनीति की खिचड़ी नहीं पक रही है।

भाइयो-बहनो, फिर भी कांग्रेस और उसके साथी झूठ फैला रहे हैं, अफवाह फैला रहे हैं, अपप्रचार कर रहे हैं। साथियो, आज झारखंड की इस धरती से, इन वीर पुत्रों की धरती से देश के लिए मर मिटने वाले इन शहीदों की धरती से मैं फिर एक बार पूरे देश को, देश के हर एक नागरिक को चाहे हिंदू हो, मुसलमान हो, हर किसी को फिर से कहना चाहता हूं कि इस कानून से किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता पर कोई असर नहीं होगा। हमने जो कानून बनाया है ये तो हमारे पड़ोस के तीन देशों में, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तीन देशों में धार्मिक अत्याचार की वजह से भारत आने वाले लोगों के लिए हमने कानून बनाया है। ये उन लोगों के लिए बनाया गया है जो बरसों से बहुत ही दयनीय स्थिति में हैं, जिनके पास वापसी का कोई रास्ता ही नहीं है। मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर इसमें भारतीय मुसलमानों या किसी भी भारतीय नागरिक के अधिकारों का हनन कहां होता है। क्यों झूठ बोल रहे हो, क्यों झूठ फैला रहे हो, क्यों देश को बर्बाद करने में तुले हुए हो।

साथियो, नागरिकता संशोधन कानून ना किसी भारतीय का अधिकार छीनता है ना ही उसे किसी तरह का नुकसान पहुंचाता है लेकिन फिर भी कांग्रेस और उसके साथी इस मुद्दे पर मुसलमानों को भड़काने का, डराने का, भयभीत करने का प्रयास करके अपनी राजनीतिक खिचड़ी पकाना चाहते हैं। भाइयो-बहनो, कांग्रेस की बांटो और राज करो इसी नीति की वजह से देश का एक बार बंटवारा हो चुका है, मां भारती के टुकड़े पहले हो चुके हैं, यही कांग्रेस है। जितने अवैध तरीके से लाखों घुसपैठियों को भारत में घुसने दिया, यहां उनको वोट बैंक के नाते इस्तेमाल किया, घुसपैठियों के कारण जो समस्याएं पैदा हुई हैं उसके लिए भी कांग्रेस और उसके साथी दल जो इतने सालों तक सत्ता भोगते रहे वो ही जिम्मेदार हैं।

साथियो, मैं कांग्रेस सहित उन तमाम दलों को इस वीरों की धरती से आज चुनौती देता हूं। साथियो, बताइए, चुनौती दूं या ना दूं, आपके आशीर्वाद हैं ना, ये वीरों की भूमि से आवाज उठनी चाहिए कि नहीं उठनी चाहिए? मैं आज कांग्रेस और उनके जितने चेले-चपाटे हैं, जितने उनके साथी दल हैं उनको आज खुले आम चुनौती देता हूं, अगर उनमें हिम्मत है तो वो खुल कर के घोषणा करें कि वो पाकिस्तान के हर नागरिक को भारत में नागरिकता देने के लिए तैयार हैं, कह दें जरा, देश उनका हिसाब चुकता कर देगा। इतना ही नहीं अगर कांग्रेस में साहस है तो वो ये भी खुलकर घोषणा करें कि वो जम्मू कश्मीर और लद्दाख में फिर से आर्टिकल 370 को लागू करेंगे, बोलो जरा, हिम्मत हो तो बोलो। मोदी ने हटाया है आप वापस लाने का देश के सामने घोषणा करके दिखाओ, गुमराह कर रहे हैं लोगों को?

अगर कांग्रेस में हिम्मत है, अगर कांग्रेस के साथियों में हिम्मत है तो वो ये भी खुलकर के घोषणा करें कि तीन तलाक के खिलाफ जो कानून बना है उसे वो रद्द कर देंगे, जरा हिम्मत के साथ बताओ। कांग्रेस इस चुनौती को स्वीकार करे, खुल कर के ऐलान करे वरना देश से झूठ बोलना, देश में भ्रम फैलाना, दूसरों को अपनी ढाल बनाकर ये गोरिल्ला राजनीति करना बंद कर दें। मैं कांग्रेस और उनके साथियो को ये भी कहना चाहता हूं वो देश के युवाओं को बर्बाद करने के ये खेल खेलना बंद कर दें, किसी का भला नहीं होगा, देश के उज्जवल भविष्य का भला नहीं होगा। जिन मां-बाप ने गाढ़ी मजदूरी करके बच्चों को पढ़ने के लिए भेजा है, उन मां-बाप के सपनों को तहस-नहस करने का पाप अपनी राजनीति के लिए मत करो। देश देख रहा है कैसे सफाई से कांग्रेस ने सिटिजनशिप एमेंडमेंट कानून, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के बारे में बोलना ही बंद कर दिया है लेकिन दूसरे मुद्दों को उछाल कर के, उसके पीछे छिप कर के डर फैलाना, भ्रम फैलाना, गंदी राजनीति को हवा देना शुरू कर दिया है।

मैं फिर से स्पष्ट कर दूं भारत की सरकार का एक ही पवित्र ग्रंथ है, बाबा साहब अंबेडकर का दिया हुआ भारत का संविधान, यही हमारा ग्रंथ है। हमारे लिए एक ही मंत्र सर्वोपरि है, एक ही मंत्र हमारी प्रेरणा है, एक ही हमारा मंत्र हमें पुरुषार्थ करने के लिए प्रेरित करता है और वो मंत्र है भारत माता की जय। हम सिर्फ और सिर्फ भारत माता की जय, इस मंत्र के लिए जी रहे हैं, जूझ रहे हैं और जी-जान से जुटे हुए हैं। इनके दायरे में लिए गए हर फैसले के साथ मां भारती के कल्याण के लिए, मां भारती के जय-जयकार के लिए गए हर फैसले के साथ ये आपका सेवक खड़ा रहेगा।

मैं देश के कॉलेजों और युनिवर्सिटी के युवा साथियों से भी आग्रह है कि आप अपने महत्व को समझें, आपके जीवन के इस मूल्यवान समय को समझें, जहां आप पढ़ रहे हैं उन संस्थानों के महत्व को समझें। सरकार के फैसले और नीतियों को लेकर चर्चा करें, डिबेट करें, आप को कुछ गलत लगता है तो लेकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करें, सरकार तक अपनी बात पहुंचाएं। ये सरकार आपकी हर बात, आपकी हर भावना को सुनती है, समझती है लेकिन आपको ये भी समझना होगा कि कहीं कुछ दल, कथित अर्बन नक्सल, कही अपने आप को बुद्धिजीवी कहने वाले लोग आपके कंधे पर बंदूकें चलाकर अपना राजनीतिक उल्लू तो सीधा तो नहीं कर रहे हैं, आपकी बर्बादी करने के पीछे इनका षड्यंत्र नहीं है। याद रखिएगा और ये देश 20 साल से देख रहा है, उन्हें सिर्फ और सिर्फ मोदी से नफरत है। देशहित से जुड़ा कोई भी मुद्दा हो, वो मोदी के प्रति उनकी जो नफरत है उससे आगे देख ही नहीं पाते हैं।

भाइयो-बहनो, जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी और वामपंथियों के सिर्फ नाम अलग हैं, इनकी सोच और कारनामे एक जैसे ही हैं। इन्होंने झारखंड के निर्माण को लेकर भी तो इसी तरह झूठ और डर की राजनीति की थी। झारखंड जब बिहार का हिस्सा था तब इन्होंने वहां के लोगों से झूठ बोला, उनको डराया लेकिन आपके संघर्ष और भाजपा की प्रतिबद्धता के कारण ही आज झारखंड देश के विकास में अहम भागीदारी निभा रहा है। हालांकि आदिवासियों को, पिछड़ों को, दलितों को डराने का काम आज भी कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी वाले पहले की तरह कर ही रहे हैं, फिर यहां झूठ प्रचार किया जा रहा है। कहीं पिछड़ों को डरा रहे हैं तो कहीं आदिवासियों को डरा रहे हैं। भाइयो-बहनो, मैं सिद्धू कान्हू की इस धरती से पूरे जनजातीय समाज को, आदिवासी साथियो को फिर एक बार आश्वस्त करता हूं कि आपके जल, आपके जंगल और आपके जमीन पर कोई आंच नहीं आएगी। आपके साथ आपके विश्वास से ही यहां का विकास होगा। आपको मालूम है ना ये लगातार कहते रहते थे मोदी आएगा तो आरक्षण चला जाएगा। ये झूठ फैलाते थे कि नहीं फैलाते थे, ये झूठ बोलते थे कि नहीं बोलते थे, दिन-रात बोलते थे कि नहीं बोलते थे? अभी हमने पार्लियामेंट में आरक्षण के कानून को फिर से आगे बढ़ा दिया, फिर दस साल के लिए आगे बढ़ाने का काम ये मोदी सरकार ने पिछले हफ्ते कर दिया है, अब उनकी बोलती बंद हो गई, उनके मुंह पर ताला लग गया, इनका एक झूठ चलने वाला नहीं है।

साथियो, भाजपा का संकल्प, हमारा एक ही संकल्प है देश का विकास हो, झारखंड का विकास हो। भाजपा आपके हित और आपके सपनों को पूरा करने के लिए समर्पित है, यही कारण है कि आपकी मूल समस्याओं पर हम ध्यान दे रहे हैं। बीते पांच वर्षों में सड़क और बिजली जैसे काम पर हमने ध्यान दिया, बहनो को शौचालय और गैस कनेक्शन की सुविधा दी। आने वाले पांच वर्षों में अब उसी तरह पूरे समर्पण भाव से हम घर-घर पानी पहुंचाने के काम पर जुटे हैं। साल 2024 तक हर घर जल, ये पहुंचे इसके लिए हम काम कर रहे हैं। किसान को, हमारी बहनो को पानी के लिए परेशान ना होना पड़े, ये काम भारतीय जनता पार्टी ये कमल के फूल वाली सरकार कर रही है। इसके लिए हम अलग से मंत्रालय बनाकर और जल-जीवन मिशन के तहत हमने काम शुरू भी कर दिया है। इसके तहत आने वाले पांच वर्षों में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जिसमें से झारखंड को 200 करोड़ से अधिक स्वीकृत भी हो चुके हैं। ये पैसा ठीक से यहां लगे, यहां ठीक से पानी की पाइप गांव-गांव तक पहुंचे इसके लिए यहां भाजपा सरकार बनाना बहुत जरूरी है वरना लूटने वालों की सरकार अगर बन गई तो वो आपको पानी तो नहीं देंगे, आपके हक के इस पैसे को भी लूट लिया जाएगा। इनकी नीयत अगर आपको पानी देने की होती तो आपको पाइप से पानी के लिए इतना इंतजार नहीं करना पड़ता। एक बार साफ पानी आपके घर पहुंचा तो अनेक बीमारियां अपने आप दूर हो जाएंगी। 

साथियो, ये क्षेत्र तो गुमानी और मेराल की धारा से समृद्ध है, आपको मां गंगा का आशीर्वाद भी मिला है। यह पानी का उपयोग पीने और सिंचाई के साथ-साथ रोजगार के लिए भी उपयोग हो सकता है, ये सोच भी कांग्रेस और जेएमएम सरकारों को कभी नहीं आई। आजादी से पहले तो यहां से खूब व्यापार, कारोबार विदेशों के लिए होता था लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस जेएमएम की सरकारों ने इसको भी ठप कर दिया। भाइयो-बहनो, भाजपा सरकार ने ही गंगा के पानी को परिवहन के लिए, यातायात के लिए उपयोग करने का बीड़ा उठाया है। हल्दिया से वाराणसी तक गंगा जी पर जहाज चलने का रास्ता साफ हो चुका है। यहां साहिबगंज में भी मल्टीमॉडल टर्मिनल बनाने का काम आज तेजी से चल रहा है। इससे साहिबगंज, देश और विदेश के तमाम हिस्सों में पानी के रास्ते जुड़ जाएगा, इसका लाभ यहां के कोयला आधारित उद्योगों को भी मिलेगा। स्टोन चिप्स, खाद, सीमेंट और चीनी के साथ-साथ अन्य सामानों की धुलाई भी आसानी से हो पाएगी यानी यहां नए उद्योगों के लिए, व्यापार-कारोबार के लिए नए रास्ते खुलेंगे। साथियो, इस इलाके के विकास को प्राथमिकता देते हुए यहां रेलवे सहित आवाजाही की तमाम दूसरी सुविधाओं को भी सशक्त किया जा रहा है। यहां जो गंगा जी पर पुल निर्माण की शुरुआत होनी है उसको लेकर दिक्कतों को भी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। साथियो, यहां पहले से ही अनेक प्राचीन मंदिर हैं, यहां प्राचीन जीवात्मा भी है। ऐसे में जब कनेक्टिविटी सुधरेगी, पर्यटन उद्योग का भी विस्तार होगा तो इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बनेंगे।

भाइयो-बहनो, भाजपा की सरकार झारखंड को रेशम का, कपड़े का हब भी बनाना चाहती है, इसके लिए बीतें पांच वर्षों में करोड़ों रुपए की मदद झारखंड को दी गई है। इसी का परिणाम है कि पहले जहां हर वर्ष 2 हजार मीट्रिक टन का उत्पादन होता था अब करीब-करीब 2700 मीट्रिक टन उत्पादन होता है। इसी का परिणाम है कि बीते पांच वर्षों में सिर्फ रेशम उद्योग में ही पौने 2 लाख नए रोजगार मिले हैं। भाजपा की सरकार यहां रेशम उत्पादन की ईकाइयों को सशक्त बनाने में जुटी है। वन विभाग और जनजातीय विभाग मिलाकर रेशम के उत्पादन और उसको नया बाजार देने के लिए काम करे, इसके लिए अनेक काम किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं यहां के हजारों बुनकर परिवारों को हस्तशिल्पियों को पहली बार आईडी कार्ड दिए गए हैं। उनको मशीनों के लिए, कच्चे माल के लिए बैंकों से ऋण लेना अब आसान हुआ है।

मुद्रा योजना के तहत उनको बिना गारंटी का ऋण मिल पा रहा है। साथियो, हमारा प्रयास है कि गांव की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका को सशक्त किया जाए, इसके लिए हम निरंतर नई-नई योजनाओं पर काम कर रहे हैं। उज्जवला योजना से सबसे ज्यादा लाभ किसका हुआ, हमारी माताओ-बहनो का हुआ, हमारी बहन-बेटियो को हुआ। शौचालय का सबसे ज्यादा लाभ किसको हुआ, हमारी बहन-बेटियो को हुआ। मुद्रा योजना से सबसे ज्यादा लाभ हुआ हमारी बहन-बेटियो को, यहां तक कि प्रधानमंत्री आवास योजना से भी घर की मालकिन बनने का हक मिला, वो भी हमारी बहन-बेटियो को मिला। यहां की भाजपा सरकार ने तो इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए एक रुपए में ही महिलाओं के नाम रजिस्ट्री करने की सुविधा भी कर दी है।

भाइयो-बहनो, यही नहीं हम सखी मंडलों को भी ताकत दे रहे हैं, उनको स्वरोजगार से जोड़ रहे हैं। ये भाजपा की ही सरकार है जिसने महिलाओं को खानों के अंदर काम करने का रास्ता साफ कर दिया है, इससे जुड़ा कानून बनाया है इससे झारखंड की इन सभी बहनो को सबसे अधिक लाभ हो रहा है। साथियो, भाजपा का प्रयास है कि आदिवासी क्षेत्रों के बेटे-बेटियां खूब पढ़ें, खेलों में भी आगे बढ़ें। इसके लिए झारखंड के हर ब्लॉक में एकलव्य मॉडल स्कूल की सुविधा तैयार की जा रही है। जंगल से जो उपज आदिवासी परिवार इकट्ठा करते हैं उसके अधिक दाम मिलें इसके लिए वन-धन केंद्र बनाए जा रहे हैं।

भाइयो-बहनो, मुफ्त इलाज हो, गैस कनेक्शन हो, किसानों को मिल रहा पैसा हो, पक्का घर हो ऐसी अनेक सुविधाओं को जारी रखने के लिए भाजपा की सरकार बहुत जरूरी है। आपका आने वाला 50 साल का भविष्य तय करने के लिए ये पांच वर्ष बहुत महत्वपूर्ण हैं वरना जहां भाजपा सरकार नहीं है वहां के लोगों तक ये सुविधाएं पहुंचने में रोड़े अटकाए जा रहे हैं, दीवारें खड़ी की जा रही हैं, मैं दिल्ली से कितना ही जोर लगाऊं वो राजधानी में भी अटका कर के बैठ जाते हैं। झारखंड का तेज विकास तभी संभव है जब दिल्ली और रांची में दोनों एक ही सोच वाली, एक ही उद्देश्य वाली डबल इंजन की सरकारें हों। इसी को ध्यान में रखते हुए आपको फूल छाप पर बटन दबाना है। याद रखिए आपका वोट सिर्फ विधायक बनाने के लिए नहीं है, सिर्फ मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं है, विकास कर के दिखाने वाली सरकार बनाने के लिए है। आपका वोट सिर्फ झारखंड को ही नहीं बल्कि मुझे भी मजबूत करेगा और इसलिए मैं आप सबसे फिर से एक बार आग्रह करता हूं कि आप बड़ी संख्या में जा कर के आखिरी चरण का जब मतदान है तो कमल के फूल पर बटन दबाकर के भारतीय जनता पार्टी को और मुझे आपकी सेवा करने का मौका दीजिए। फिर एक बार आप सभी का, झारखंड के हर साथी का बहुत-बहुत आभार। भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!