जिस वक्त सभी लोग खुद को बचाने में व्यस्त हैं, उस समय भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुद को गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित कर दिया: प्रधानमंत्री मोदी
भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोविड-19 के संकट के दौरान इतने लंबे समय तक और इतने बड़े स्तर पर जो देशव्यापी कल्याणकारी काम किये हैं, वह इतिहास में सबसे बड़ा ‘सेवा यज्ञ' है: पीएम मोदी
हमारे संगठन का मतलब है कि सबका संग, सबका साथ, सबको साथ लेकर चलना है, सबका सुख, सबकी समृद्धि है, हमारा संगठन समाज हित के लिए काम करने वाला है, समाज और देश के लिए खप जाने वाला है: प्रधानमंत्री

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान् जेपी नड्डा जी, पार्टी के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारीगण, राज्यों के पदाधिकारीगण और देश के कोने-कोने में उपस्थित सभी मेरे कार्यकर्ता साथियो!

एक ऐसे समय में जब दुनिया में सब अपने-आपको बचाने में लगे हों, आप सबने अपनी चिंता छोड़कर, खुद को गरीबों, जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित कर दिया है।

ये सेवा का बहुत बड़ा उदाहरण है!

कई शहरों में हमारे कुछ कार्यकर्ताओं का इस सेवा मिशन में काम करते-करते, खतरा है ये पता था, फिर भी कर्तव्य के पालन के लिए इस महामारी के बीच भी कार्य करते रहे, ऐसे अपने कई साथियों ने अपना शरीर छोड़ दिया, उनका दुखद निधन हो गया! 

मैं उन सभी साथियों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं, उनके परिवारों के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूं। और मैं वहां पार्टी की इकाई से भी आग्रह करूंगा कि इन सभी परिवारों को हम पूरी तरह संभालें, परिवारों की आवश्यकताओं की ओर देखें।  

साथियो,

जनसंघ और बीजेपी के जन्म का मूलतः उद्देश्य यही था कि हमारा देश सुखी और समृद्ध कैसे बने। 

इसी मूल प्रेरणा के साथ, भारतीयता की प्रेरणा के साथ, सेवा-भावना के साथ हमलोग राजनीति में आए। 

हमलोगों ने राजनीति में सत्ता को सेवा का माध्यम माना, हमने कभी भी सत्ता को अपने लाभ का माध्यम नहीं बनाया।

निःस्वार्थ सेवा ही हमारा संकल्प रहा है, हमारे संस्कार रहे हैं!

हमारे यहां कहा जाता है- 

‘यथा यथाय तुष्यत, तथा संतोषयेत् तुम्’

अर्थात, जिसकी हम सेवा करते हैं, उसका सुख ही हमारा संतोष है। 

इसी भावना से, गरीबों के प्रति इसी सम-भाव और मम-भाव से, हमारे कार्यकर्ताओं ने इतने कठिन समय में ‘सेवा ही संगठन’ का इतना बड़ा अभियान चलाया है।

आज जो मैंने प्रेजेंटेशन देखा तो मुझे सच में बहुत अचरज हुआ!

मुझ मालूम था कि कोरोना काल में आप निरंतर काम कर रहे हैं।

लेकिन, लॉकडाउन की मुश्किल परिस्थितियों में, जब सब कुछ बंद था, और ये बीमारी कभी भी हमारे गले पड़ सकती थी, ऐसा भय का माहौल था, लेकिन आपने समर्पित भाव से लाखों-करोड़ों लोगों का जीवन आसान करने के लिए जो भी कर सकते हैं, किया है।

आप उनका सहारा बने हैं, उनके साथी बने हैं।

ये बहुत ही बड़ा काम है।

किसी ने मास्क बनाकर लोगों में बांटे, किसी ने घर-घर गरीबों को राशन पहुंचाया, तो किसी ने प्रवासी कामगारों का जिम्मा उठा लिया। 

कितने ही कार्यकर्ता ऐसे हैं, जिन्होंने तो दो, चार, दस गरीबों को एक तरह से अपने परिवार का ही सदस्य बना लिया!

जिसकी जितनी क्षमता थी, उसने उससे ज्यादा करने की कोशिश की!

अब देखिए, राष्ट्रीय अध्यक्ष जी...। अपने घर से रोज 500 लोगों का खाना बनाना और पहुंचाना, और वो भी तीन महीने तक! ऊपर से नीचे तक यही हमारे संस्कार रहे हैं और इतना सब करने के बाद भी छोटे-मोटे तो लाखों कार्यकर्ताओं ने काम किया है। कहां सबकी तस्वीर टीवी पर आई है! कहां नाम अखबार में छपा है! अपने गांव के बाहर कौन जानता है! फिर भी, सेवा परमो धर्म:- नि:स्वार्थ भाव से काम करते रहे।  

साथियो,  

दुनिया की नजरों में आप कोरोना काल में काम कर रहे थे, यह सच्चाई होने के बाद भी, लेकिन मैं अपने नजरिए से कहूं, तो अगर आप खुद को कसौटी पर कस रहे थे, ऐसा मैं कह सकता हूं, आप अपने आदर्शों और व्यवहारों के बीच अपने-आपको तपा रहे थे। 

साथियो,

एकाध आफत आई तो आपने उस आफत को भी अवसर में बदल दिया!

ये कोरोना हमेशा इस बात के लिए तो याद रहेगा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने-आप को एक डिजिटल एडिशन के रूप में डेवलप कर दिया है। हर कार्यकर्ता डिजिटल एक्टीविटी करने में माहिर होता जा रहा है। 

अवसर ये कि आप ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा कर सकें, ज्यादा से ज्यादा लोगों की तकलीफ कम कर सकें, उन्हें इस मुसीबत से उबार सकें!

जिस पार्टी के इतने सैकड़ों सांसद हों, हजारों एमएलए हों, फिर भी वो पार्टी, उसका प्रत्येक कार्यकर्ता सेवा को प्राथमिकता दे, सेवा को ही अपना गंतव्य और मंतव्य माने, जीवन मंत्र माने, भारतीय जनता पार्टी के रूप में, एक कार्यकर्ता के नाते मुझे बहुत गर्व होता है, बहुत आनंद होता है कि हम सब ऐसे संगठन के साथी हैं, सदस्य हैं। 

साथियो,

ये विनम्रता, ये प्रेरणा हमें जनसंघ के जमाने से लेकर अब तक जो चार-चार, पांच-पांच पीढ़ियों ने तप किया है, उस परंपरा से हमारे अंदर ये संस्कार संक्रमित हैं, उनकी तपस्या से हमें ये सब मिला है। और जब हमारे पूर्वगामियों की तपस्या से हमें ये मिला है तो हमारा ये काम, हमारा ये संस्कार, हमारा ये व्यवहार, हमारा ये समर्पित जीवन आगे की पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का कारण बनेगा, प्रेरणा देता रहेगा।

साथियो,

भारतीय जनता पार्टी अगर इतना कुछ कर पाती है, तो इसके पीछे हमारी एक और बहुत बड़ी विशेषता है।

हमारा संगठन, कार्यकर्ता से अध्यक्ष पद तक ये जो हमारी श्रृंखला है, हमारे संगठन की रचना है, हमारे संगठन में जो जीवंतता है, हमारे संगठन में जो संवेदनशीलता है- ये उसकी बहुत बड़ी ताकत है। राजनीतिक कमेंटेटर या एक्सपर्ट होते हैं वो हमेशा ऐसी बात करते हैं कि संगठन की शक्ति लगती है तो चुनाव जीते जाते हैं, चुनाव लड़े जाते हैं, वगैरह-वगैरह। वो चुनाव के दायरे में ही संगठन को देखते हैं। अन्य राजनीतिक दलों के लिए शायद ये सच होगा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लिए ये आकलन अधूरा है।   

साथियो, 

हमारे लिए हमारा संगठन चुनाव जीतने की मशीन नहीं है! 

हमारे लिए हमारे संगठन का मतलब है- सेवा 

व्यक्ति के जीवन में, समाज के जीवन में, राष्ट्र के जीवन में बदलाव लाने के लिए अहर्निश यज्ञ में आहुति देते रहना... 

हमारे लिए हमारे संगठन का मतलब है- सबका संग, सबका साथ!

सबको लेकर के चलना है।

हमारे लिए हमारे संगठन का मतलब है- सबका सुख, सबकी समृद्धि!

हमारा संगठन समाज हित के लिए काम करने वाला है, संघर्ष करने वाला है, समाज और देश के लिए खप जाने वाला है!

हमारे लिए हमेशा ‘राष्ट्र प्रथम’, नेशन फर्स्ट रहा है!

और साथियो, 

ऐसा नहीं है कि ये बात हमने पार्टी के प्रस्ताव में लिखकर पास कराई हो! जी नहीं। 

राष्ट्रहित के इस भाव को, राष्ट्र प्रथम के इस भाव को स्थापित करने में हमारी कई पीढ़ियां खप गई हैं!  

दीनदयाल उपाध्याय जी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी, अनेक महापुरुष, सभी वरिष्ठ नेता, अनगिनत, जिनके संस्कारों ने, जी कर के दिखाए हुए संस्कार की श्रृंखला ने हमें प्रेरित किया है और इसी प्रेरणा से भारतीय जनता पार्टी ने वंचित हो, शोषित हो, दलित हो, पीड़ित हो, सभी को समाज के अन्य वर्गों की बराबरी में लाने का, उन्हें सशक्त करने का निरंतर प्रयास किया है। आज इसी का परिणाम है कि भारतीय जनता पार्टी में, और हम गर्व से कह सकते हैं, हम कोई भेदभाव से नहीं देखते हैं लेकिन दुनिया को समझाने के लिए कहना पड़ता है, हमें गर्व है कि आज देश में जो संसद है उसमें से 52 दलित सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं!

43 सांसद मेरे आदिवासी भाई हैं, बहनें हैं।

पिछड़ा वर्ग की अगर बात करें तो भाजपा के 113 सांसद से भी ज्यादा पिछड़े वर्ग से आते हैं। 

साथियो, 

विधानसभाओं में करीब-करीब डेढ़ सौ से ज्यादा आदिवासी एमएलए हैं बीजेपी के। 

यानि कि, भारतीय जनता पार्टी हर वर्ग से जुड़ी है, और समाज का हर वर्ग हमसे जुड़ा है! 

आपके परिश्रम से भाजपा का हर समाज से विश्वास का एक अटूट रिश्ता बना है।

साथियो,

वैसे राजनीति का मूल स्वभाव, हमलोग रोज-ब-रोज जिंदगी को जीते हैं, मालूम है, राजनीति का मूल स्वभाव स्पर्धा होती है। लोकतंत्र का एक गुण भी है। लोकतंत्र में इसको अच्छा माना गया है। लेकिन एक समान लक्ष्य के साथ, समान भाव से सेवा का काम संगठन की शक्ति बन जाता है। जब हम इस तरह का काम करते हैं तो एक टीम स्परिट पैदा होती है। इस तरह के कार्यों से व्यक्ति विकास और व्यक्तित्व का विकास भी, नई संभावनाएं पैदा हो जाती हैं। आपने खुद भी अनुभव किया होगा, इस तरह, सेवा अभियानों से लोगों की मदद तो होती ही है, पार्टी कार्यकर्ताओं के तौर पर भी आप सबको भी समाज को जानने का, समाज को समझने का, नए तरीके से सोचने का, स्वयं का विकास करने का अवसर मिला होगा। ऐसे अभियान हमारे कार्यकर्ताओं के लिए एक तरह से प्रशिक्षण का काम करते हैं। हम एक कमरे में बैठकर के भाषण सुनके, चर्चा करके, संवाद करके, प्रश्न-उत्तर करके प्रशिक्षण करते हैं। ये एक प्रकार से प्रैक्टिकल एक्सपीरिएंस से हमारा प्रशिक्षण था। ये भी एक प्रकार से हमने आफत को अवसर में पलट करके. कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण का काम सहज रूप से हो गया है।        

साथियो,

चुनाव के समय आपलोग सब जानते हैं, हमलोग जनता के बीच जाते हैं, और जब जनता के बीच जाते हैं चुनाव के समय में तो अच्छी-बुरी, खट्टी-मीठी हर प्रकार की बातें सुनने को मिलती हैं। कोई कहेगा ये नहीं किया, वो नहीं किया, कोई व्यंग्य करेगा, कोई ताना साधता है, कभी वार-पलटवार भी होते रहते हैं, ये सब होता है। 

लेकिन आपने देखा होगा कि जब इस बार आप जनता के बीच गए हैं, तो आपके अनुभव कुछ और रहे होंगे। और मैं चाहता हूं कि आप थोड़ा मन में इन तीन महीनों को याद कीजिए। आपको जनता-जनार्दन जो ईश्वर का रूप होता है, उसका साक्षात्कार किया होगा। याद कीजिए, इस दौरान आपने महसूस किया होगा कि समाज से आपको कितना कुछ मिला है!

साथियो, 

कोरोना के इस संकट काल में समाज ने आपको स्नेह दिया है, आपको विश्वास दिया है।

आप किसी गरीब की मदद कर सकें, इसके लिए समाज ने आपको सामान भी दिया है और साधन भी दिए हैं और सम्मान भी दिया है। आप अगर अपने घर से कुछ राशन लेकर निकले, तो कई और लोगों ने भी आपको कहा होगा कि कुछ राशन मेरी तरफ से ले जाइए, कुछ सामान मेरी तरफ से ले जाइए, आप भाईसाहब जा रहे हो, जरूर पहुंचा दीजिए। यही वो स्नेह है, वो ऊर्जा है, जिसकी ताकत ने आपको कभी थकने नहीं दिया।

हमें इस ऊर्जा को समझना चाहिए। 

हमें समाज की इस शक्ति को समझना चाहिए।

इस शक्ति को आत्मसात करना चाहिए।

इसका साक्षात्कार करना चाहिए। 

मुझे विश्वास है, आप ये करते रहेंगे, बीजेपी का हर कार्यकर्ता ये करता रहेगा तो ऊर्जा का प्रवाह हमेशा हमें प्रेरणा देता रहेगा, पुरुषार्थ का नई ताकत देता रहेगा। लोगों के आशीर्वाद, एक प्रकार से ईश्वर के ही आशीर्वाद होते हैं। ये आशीर्वाद बहुत बड़ी ताकत होते हैं। 

साथियो, 

आपने ये भी अक्सर देखा होगा कि ज्यादातर समय लोग जब मिलते हैं सामान्य दिवसों की मैं बात करता हूं, उसमें भी जब आप सत्ता में हों, तो सामान्य तौर पर लोग क्या करते हैं, कोई-न-कोई आपको मेमोरैंडम देंगे, मांग पत्र देंगे, और बहुत स्वाभाविक चीज है। ये जरूरी नहीं कि लिखकर ही कोई मांग पत्र दें, लेकिन सार्वजनिक जीवन में आपको ऐसे लोग मिल जाएंगे जो मुंहजबानी भी आपको कुछ न कुछ बताते रहेंगे कि ये होना चाहिए, कहीं कोई सड़क की मांग है, तो कहीं कोई गड्ठा भरवाने की बात करेगा, तो कोई बिजली की बात करेगा। कई बार वो शिकायत के रूप में कहेगा, तो कई बार वो अपेक्षा के रूप में कहेगा।    

ऐसे में कुछ नेता-कार्यकर्ता सोचते हैं ये क्या है?

जब देखो कोई न कोई काम, कोई न कोई मांग, कोई न कोई शिकायत!

लेकिन साथियो, आप सभी सार्वजनिक जीवन में हैं, सेवा करने के लिए आए हैं, इसलिए हम सबको इसमें अन्तर्निहित जो भाव है, उसको समझना होगा। और कोरोना की इस लड़ाई में इसको समझने में हमें सुविधा मिली है कि यही समाज हम पर कितना भरोसा करता है, हमसे कितना स्नेह करता है और संकट की घड़ी में हमारे साथ रहकर के समाज की भलाई के लिए कैसे आगे आता है, इस शक्ति को हमने अनुभव किया है। इसमें अन्तर्निहित भाव यही है कि आओ, आप समाज की मदद करो।  

समाज ने आपको ये अवसर दिया है। हम सबको अवसर दिया है। हम सबको समाज ने इस काम के लिए चुना है, दायित्व दिया है। 

साथियो, 

हमारे समाज में दूसरों के लिए कुछ करने की, सेवा भाव की बहुत बड़ी ताकत है। 

हमें समाज की इस ताकत को पूजने का कोई अवसर छोड़ना नहीं चाहिए।

और आपको तो संतोष होना चाहिए कि समाज ने हम सबको इस काम के लिए चुना है। सेवा करने के लिए ईश्वर ने हमें राह दिखाई है। जनता ने हमारा हाथ थामा है। समाज, सेवा करना चाहता था, गरीब की मदद करना चाहता था, तो उसने हम सब को माध्यम बनाया है। 

वैसे हम चाहे कार्यकर्ता की भूमिका में हों या सरकार में, वास्तव में हम देश की, गरीब की सेवा का एक माध्यम हैं।    

ये सरकार छह सालों से इसी विचार के साथ काम कर रही है, हमारे राज्यों की सरकारें भी इसी विचार से काम कर रही हैं। 

देश ने सही समय पर लॉकडाउन का फैसला किया, तो आज दुनिया के मुकाबले भारत में हम कहीं ज्यादा लोगों की जिंदगी बचा पा रहे हैं।  

इस दौरान गरीबों को कम से कम दिक्कत हो, इसके लिए पौने दो लाख करोड़ रुपए के गरीब कल्याण पैकेज से लेकर गरीबों को अन्न के लिए, रोजगार के लिए सरकार ने विशेष योजनाएं शुरू की हैं। 

अभी हाल ही में, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को सरकार ने दीपावली-छठ पूजा तक के लिए यानि कि नवंबर के अंत तक बढ़ा दिया है।

साथियो,

130 करोड़ देशवासियों ने हम पर हमेशा जो भरोसा किया है, हमें इस भरोसे को संभाल कर रखना है, सहेज कर रखना है।

हमें देशवासियों की आशाओं-आकांक्षाओं को, उनके सपनों को अपना सपना मानकर के हमें काम करना है। अपना सपना मान करके हमें खपना भी है। 

मैंने पहले भी कहा है और आज फिर दोहरा रहा हूं।

भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता को अपने साथ, मैंने ये इलाहाबाद में पार्टी की कार्यसमिति में शायद कहा था, हमारे साथ सात ‘स’, मैंने कहा था उस दिन, हमारे साथ सात‘स’ Seven ‘S’ इसकी शक्ति लेकर आगे बढ़ना चाहिए। देखिए वो सात बातें क्या कही थी मैंने, जब हमलोग इलाहाबाद में वर्किंग कमेटी में मिले थे, तब मैंने कहा था-

पहला- सेवाभाव, 

दूसरा- संतुलन, 

तीसरा- संयम, 

चौथा- समन्वय, 

पांचवां- सकारात्मकता, 

छठा- सद्भावना

और सातवां- संवाद।

बीजेपी के हर कार्यकर्ता के आचरण और नीति में, इन दिनों इस कोरोना की लड़ाई में भरपूर रूप से इसका प्रभाव दिखाई दिया है। और हर भाजपा के कार्यकर्ता के लिए ये गर्व का विषय है।  

साथियो, 

कोरोना के इस काल में हमारा ये महायज्ञ, ये हमारा सेवायज्ञ रुकना नहीं चाहिए, और महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई भी कमजोर नहीं पड़नी चाहिए।  

अभी त्योहारों का सीजन शुरू हो रहा है। लेकिन कोरोना का खतरा अभी भी उतना ही है। 

इसके लिए खुद भी सावधानी बरतनी है और दूसरों को भी जागरूक करते रहना है।  

साथियो,  

आज आपके पास से जो कुछ भी सुनने को मिला, उसने मुझे भी एक नई ऊर्जा दी है, काम करने के संकल्प को और मजबूत किया है। 

मैं फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मैं नड्डा जी को और पार्टी का भी अभिनंदन करता हूं कि मुझे, क्योंकि पहले तो प्रवास के कार्यक्रम होते थे, आप सबके दर्शन का मौका मिल जाता था, लेकिन इन दिनों कोरोना के कारण ये संभव नहीं होता है। आज आप सबको सुनने का मौका मिला, आपके दर्शन करने का अवसर मिला। मेरे लिए बहुत शुभ अवसर था ये। फिर एक बार आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। 

बहुत-बहुत धन्यवाद!

 

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।