हाल के वर्षों में पीएम मोदी ने अलग-अलग महाद्वीपों में द्विपक्षीय यात्राओं के माध्यम से भारत की वैश्विक साझेदारी को काफी मजबूत किया है। ये यात्राएं भारत की विदेश नीति को आगे बढ़ाने, रणनीतिक सहयोग बढ़ाने और दुनिया भर के प्रमुख देशों के साथ आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रही हैं। खाड़ी से लेकर यूरोप, दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका तक पीएम मोदी की डिप्लोमेसी आउटरीच, उनके नेतृत्व में भारत की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति का प्रतीक है।
संयुक्त अरब अमीरात: खाड़ी के साथ संबंधों को मजबूत करना
पीएम मोदी की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा 9 वर्षों में उनकी 7वीं यात्रा है, जो भारत और खाड़ी देश के बीच गहरे संबंधों को दर्शाती है। यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने 'अहलान मोदी' कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया, जो दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों का एक जीवंत उत्सव था।
यूएई में 'अहलन मोदी’कार्यक्रम में पीएम मोदी
यह यात्रा संयुक्त अरब अमीरात में पहले हिंदू मंदिर, अबू धाबी में BAPS स्वामीनारायण मंदिर के उद्घाटन के साथ एक मील का पत्थर साबित हुई। यह मंदिर भारत की सांस्कृतिक कूटनीति और खाड़ी क्षेत्र में भारत की विविधता की बढ़ती स्वीकार्यता का प्रतीक है। इस यात्रा ने भारत की ऊर्जा और आर्थिक विकास में एक प्रमुख पार्टनर के रूप में संयुक्त अरब अमीरात की भूमिका को मजबूत किया, साथ ही प्रवासी भारतीय समुदाय के बढ़ते महत्व को भी मजबूत किया।
कतर: नवीनीकृत द्विपक्षीय सहयोग
पीएम मोदी की कतर यात्रा ने भारत और खाड़ी देश के बीच पहले से ही मजबूत द्विपक्षीय संबंधों में "नया जोश" भर दिया। यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण थी, क्योंकि कतर ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को रिहा कर दिया था, जिन्हें जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया गया था, यह संकेत भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए कतर की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस यात्रा से विशेष रूप से एनर्जी, ट्रेड और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने में मदद मिली।
कतर में अपने समकक्ष के साथ पीएम मोदी
इसके अतिरिक्त, भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था में कतर के निवेश पर जोर दिया गया, जिससे भविष्य में सहयोग बढ़ाने के रास्ते खुलेंगे।
भूटान: क्षेत्रीय साझेदारी को मजबूत करना
पीएम मोदी की भूटान यात्रा का एक महत्वपूर्ण पहलू थिम्पू में भारतीय सहायता से निर्मित एक अत्याधुनिक अस्पताल का उद्घाटन था।
थिम्पू में एक अत्याधुनिक अस्पताल के उद्घाटन पर पीएम मोदी
यह कदम भूटान के विकास के लिए भारत के निरंतर समर्थन, द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने और क्षेत्र में भारत के रणनीतिक प्रभाव को सुनिश्चित करने का प्रतीक है। भूटान भारत की "नेबरहुड फर्स्ट" पॉलिसी में एक महत्वपूर्ण पार्टनर है और इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच शांति, स्थिरता और प्रगति के साझा मूल्यों को और मजबूत किया है।
ऑस्ट्रिया: एक ऐतिहासिक माइलस्टोन
2024 में पीएम मोदी की ऑस्ट्रिया यात्रा अभूतपूर्व थी, क्योंकि यह 41 वर्षों में किसी भारतीय पीएम की इस देश की पहली यात्रा थी। यह यात्रा भारत और ऑस्ट्रिया के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई। यह यात्रा कारोबार, टेक्नोलॉजी और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित थी। रिन्यूएबल एनर्जी, इंजीनियरिंग और रिसर्च में ऑस्ट्रिया की विशेषज्ञता को सहयोग के संभावित क्षेत्र के रूप में उजागर किया गया।
पीएम मोदी ने ऑस्ट्रिया में सीईओ से बातचीत की
इस यात्रा ने यूरोपीय राजनयिक हलकों में भारत के बढ़ते महत्व और भारत के विकास पथ में भागीदार के रूप में ऑस्ट्रिया की भूमिका को रेखांकित किया।
रूस: रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि
22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए अपनी रूस यात्रा में पीएम मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि की।
16वें ब्रिक्स समिट में भाग लेने लिए रूस में पीएम मोदी
16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में डिफेंस, एनर्जी और टेक्नोलॉजी में आपसी सहयोग पर जोर दिया गया। महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों की आपूर्ति सहित भारत की रक्षा आवश्यकताओं के लिए रूस का समर्थन द्विपक्षीय संबंधों की आधारशिला बना रहा। इसके अलावा, दोनों देश विशेष रूप से तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्रों में ऊर्जा सहयोग को और बढ़ाने पर सहमत हुए, जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
पोलैंड: मजबूत होते राजनयिक संबंध
2024 में पीएम मोदी की पोलैंड यात्रा ऐतिहासिक थी, जो 45 वर्षों में किसी भारतीय पीएम की पहली यात्रा थी। यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई। यात्रा के दौरान, भारत और पोलैंड ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया।
पीएम मोदी ने पोलैंड में शहीद नायकों को श्रद्धांजलि दी
वार्ता रक्षा सहयोग, वैज्ञानिक सहयोग और व्यापार और निवेश में व्यापक भागीदारी पर केंद्रित रहीं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे वैश्विक संस्थानों में भारत के प्रवेश के लिए पोलैंड का समर्थन भी इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण पहलू था।
यूक्रेन: संघर्ष के बीच डिप्लोमेटिक इंगेजमेंट
पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा की विशेष रूप से चर्चा हुई, यह ऐसे समय में हो रही थी जब दोनों युद्धरत पक्षों ने सैन्य कार्रवाई निलंबित कर दी थी। इस यात्रा ने वैश्विक शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और युद्ध के बाद के पुनर्निर्माण के लिए मानवीय और तकनीकी सहायता की पेशकश करने की इच्छा को प्रदर्शित किया।
पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति को मानवीय सहायता दी
प्रधानमंत्री ने यूक्रेन को उसके युद्धग्रस्त बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में भारत के समर्थन का आश्वासन दिया, जो वैश्विक संघर्षों में शांतिदूत के रूप में भारत की भूमिका को दर्शाता है। इस यात्रा ने विवादों के गैर-हस्तक्षेप और शांतिपूर्ण समाधान पर भारत की स्थिति पर भी प्रकाश डाला।
ब्रुनेई: भारत की 'एक्ट ईस्ट' पॉलिसी में माइलस्टोन
पीएम मोदी की ब्रुनेई यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। यह यात्रा भारत और ब्रुनेई के बीच राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई। ब्रुनेई भारत की "एक्ट ईस्ट" पॉलिसी और विशेष रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र में एक प्रमुख पार्टनर है।
पीएम मोदी की ब्रुनेई यात्रा किसी भारतीय पीएम की पहली द्विपक्षीय यात्रा
यह यात्रा व्यापार, ऊर्जा और समुद्री सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित थी। ब्रुनेई की रणनीतिक स्थिति और क्षेत्रीय सुरक्षा में इसके महत्व ने इस यात्रा को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम बना दिया।
सिंगापुर: मजबूत होते राजनयिक संबंध
पीएम मोदी की सिंगापुर यात्रा ने द्वीप राष्ट्र के साथ विशेष रूप से एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटलाइजेशन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट में भारत की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर जोर दिया। इस यात्रा से भारत और सिंगापुर के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के बीच तालमेल के विकास में मदद मिली। दोनों देशों ने रिसर्च, इनोवेशन और ग्रीन टेक्नोलॉजिज में सहयोग के अवसर तलाशे, जो भारत के भविष्य के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक हैं।
सिंगापुर में बिजनेस लीडर्स के साथ गोलमेज बैठक में पीएम मोदी
वित्तीय केंद्र और दक्षिण पूर्व एशिया के गेटवे के रूप में सिंगापुर की भूमिका ने इस यात्रा को भारत की दीर्घकालिक आर्थिक महत्वाकांक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बना दिया।
गयाना: प्रवासी भारतीयों तक पहुंच बनाना
पीएम मोदी की गयाना यात्रा ऐतिहासिक थी क्योंकि यह 50 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। यह यात्रा प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर देने के लिए महत्वपूर्ण थी, जिसका गयाना के साथ 185 वर्षों से अधिक समय से गहरा ऐतिहासिक संबंध रहा है। यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने ट्रेड, टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत-गयाना संबंधों को रणनीतिक दिशा देने पर चर्चा की।
गयाना में दूसरे कैरिकॉम-भारत शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने भारत और गयाना के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में उनकी भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रवासी भारतीयों के योगदान को श्रद्धांजलि दी।
नाइजीरिया: अफ्रीकी साझेदारी को मजबूत करना
नवंबर 2024 में पीएम मोदी की नाइजीरिया यात्रा, दशकों में किसी भारतीय पीएम द्वारा पश्चिम अफ्रीकी देश की पहली यात्रा थी। यह यात्रा नाइजीरिया के साथ भारत की साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अफ्रीका में सबसे अधिक आबादी वाले और प्रभावशाली देशों में से एक है। यह यात्रा विशेष रूप से ऊर्जा, व्यापार और सुरक्षा में रणनीतिक सहयोग पर केंद्रित थी। भारत और नाइजीरिया हेल्थकेयर, एजुकेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास जैसे क्षेत्रों पर मिलकर काम करने पर सहमत हुए। इस यात्रा ने दोनों देशों द्वारा साझा किए गए लोकतांत्रिक मूल्यों और बहुलवाद के महत्व को भी रेखांकित किया।
पीएम मोदी ने नाइजीरिया में प्रवासी भारतीयों से बातचीत की
कुवैत: आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाना
पीएम मोदी की कुवैत यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण थी क्योंकि यह 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। यह यात्रा आर्थिक संबंधों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाने पर केंद्रित थी। कुवैत, खाड़ी में अपनी रणनीतिक स्थिति के साथ, भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हितों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कुवैत में 'हला मोदी' कार्यक्रम में पीएम मोदी
इस यात्रा का उद्देश्य व्यापार, ऊर्जा और निवेश में सहयोग को बढ़ावा देना, दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करना है। यह कुवैत में विशाल प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ने का भी एक अवसर था, जो खाड़ी देश की अर्थव्यवस्था और द्विपक्षीय संबंधों दोनों में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है।
कूटनीति और रणनीतिक साझेदारी में एक ग्लोबल लीडर
महाद्वीपों की पीएम मोदी की प्रभावशाली द्विपक्षीय यात्राओं ने भारत की राजनयिक स्थिति और वैश्विक प्रभाव को काफी बढ़ाया है। उनके प्रयासों ने न केवल पारंपरिक गठबंधनों को मजबूत किया है, बल्कि नई रणनीतिक साझेदारियों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे भारत वैश्विक मामलों में एक प्रमुख प्लेयर के रूप में स्थापित हो गया है। उनके नेतृत्व में भारत ने विश्व के भविष्य को आकार देने में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करते हुए बहुपक्षीय सहयोग, सतत विकास और शांतिपूर्ण संघर्ष समाधान का समर्थन किया है। ये डिप्लोमेटिक इंगेजमेंट वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती प्रमुखता को दर्शाती हैं, जो एक समृद्ध और परस्पर जुड़े भविष्य की नींव रखती हैं।