प्रधानमंत्री मोदी ने आयरलैंड के प्रधानमंत्री एंडा केनी को दो आयरिश अधिकारियों से संबंधित पांडुलिपियां और दस्तावेज उपहारस्वरूप दिये
प्रधानमंत्री मोदी ने एंडा केनी को चांदी, संगमरमर और बलुआ पत्थर चट्टान की विशेष रूप से दस्तकारी कृति भी भेंट की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आयरलैंड के प्रधानमंत्री श्री ऐंडा केनी को दो आयरिश अधिकारियों से संबंधित भारतीय राष्‍ट्रीय अभिलेखागार में उपलब्‍ध पांडुलिपियों और दस्‍तावेजों के एक संकलन की प्रतिलिपियां उपहार स्‍वरूप भेंट कीं। यह दोनों आयरिश अधिकारी थॉमस ओल्‍डहम (1816-1878) और सर जॉर्ज अब्राहम ग्रीयरसन (1851-1941) हैं और संबंधित प्रतिलिपियां भारत में किए गए उनके योगदानों के विषय में हैं।

थॉमस ओल्‍डहम 1816 में डब्‍लिन में पैदा हुए थे और उन्‍हें भारत में भूगर्भीय संरक्षण करने के लिए 1850 में भूगर्भीय सर्वेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। उनकी सेवाएं बंगाल सरकार के अधीन थीं। उन्‍होंने मार्च 1851 में कार्यभार संभाला था और उनके कार्यभार संभालने वाले दिन को भारतीय भूगर्भीय सर्वेक्षण के स्‍थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का पहला व्‍यवस्थित कोल मैपिंग करने के साथ उन्‍होंने अन्‍य खनिजों की भी आरंभिक मैपिंग की थी। उन्‍होंने भारत के जीवाश्‍म पर विस्‍तृत लेखन किया है।

सर जॉर्ज अब्राहम ग्रीयरसन एक आयरिश नौकरशाह और भाषाविद थे। उन्‍होंने 1898 में भारत का पहला भाषाई सर्वेक्षण किया था। बाद में 1903-28 के दौरान यह सर्वेक्षण प्रकाशित हुआ था। सर जॉर्ज अब्राहम ग्रीयरसन के भारतीय भाषाई सर्वेक्षण ने सबसे पहले इंडो-आर्यन भाषाओं का वैज्ञानिक वर्गीकरण प्रस्‍तुत किया था, जिसके तहत हिंदी, उर्दू और इंडो आर्यन भाषाओं के अन्‍य स्‍वरूपों की भाषाई स्थिति आधारित है। डबलिन के ट्रिनिटी कॉलेज में गणित के छात्र होने के साथ-साथ सर जॉर्ज अब्राहम ग्रीयरसन ने संस्‍कृत और हिंदी में पुरस्‍कार भी प्राप्‍त किए थे। अक्‍टूबर 1873 में वे बंगाल गये, जहां उन्‍होंने 1898 तक सरकारी पदों पर काम करते हुए भाषा अनुसंधान में महत्‍वपूर्ण कार्य किए। उनके दो अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण कार्य – ‘सेवन ग्रामर्स ऑफ दी डायलेक्‍ट्स एंड सब-डायलेक्‍ट्स ऑफ दि बिहारी लैंग्वेज’ (1883-87) और ‘बिहार पीजेंट लाइफ’ (1885) हैं। उनके दूसरे कार्य में हर प्रकार की भाषाई सूचना है तथा उसमें जनजीवन, खेती के तरीके और बिहार के किसानों के विश्‍वास के बारे में भी जानकारी दी गई है। भारत सरकार ने 1994 में उनके सम्‍मान में एक पुरस्‍कार गठित किया, जो हिंदी में महत्‍वपूर्ण योगदान करने के लिए विदेशी अध्‍येताओं को प्रदान किया जाता है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने विशेष रूप से चांदी की दस्‍तकारी, संगमरमर और बलुआ पत्‍थर की एक आकृति भी भेंट की जो आरती दीप या प्रार्थना मोमबत्‍ती-स्‍टैंड संबंधी शैमरॉक आयरिश प्रतीक है। इस पर शैमरॉक पत्तियों पर मोर को बैठा हुआ दिखाया गया है तथा उस पर क्रिस्‍टल की बूंदे प्रदर्शित की गई हैं जो शांति एवं पवित्रता की निशानी हैं।

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Prime Minister meets with Crown Prince of Kuwait
December 22, 2024

​Prime Minister Shri Narendra Modi met today with His Highness Sheikh Sabah Al-Khaled Al-Hamad Al-Mubarak Al-Sabah, Crown Prince of the State of Kuwait. Prime Minister fondly recalled his recent meeting with His Highness the Crown Prince on the margins of the UNGA session in September 2024.

Prime Minister conveyed that India attaches utmost importance to its bilateral relations with Kuwait. The leaders acknowledged that bilateral relations were progressing well and welcomed their elevation to a Strategic Partnership. They emphasized on close coordination between both sides in the UN and other multilateral fora. Prime Minister expressed confidence that India-GCC relations will be further strengthened under the Presidency of Kuwait.

⁠Prime Minister invited His Highness the Crown Prince of Kuwait to visit India at a mutually convenient date.

His Highness the Crown Prince of Kuwait hosted a banquet in honour of Prime Minister.