Published By : Admin |
November 13, 2015 | 15:15 IST
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प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री श्री डेविड कैमरन को लकड़ी, संगमरमर और चांदी से बनी दस्तकारी वाले दो पुस्तक (बुकएंड) उपहारस्वरूप दिये
प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम कैमरन को डेविड ओमिसी की पुस्तक “इंडियन वॉइसेस ऑफ दी ग्रेट वॉर” भेंट कीं
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन की प्रथम महिला केरल की अनोखी दस्तकारी वाला अरनमूला धातु दर्पण और कुछ पशमिना शॉल भेंट कीं
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज ब्रिटेन के प्रधानमंत्री श्री डेविड कैमरून को लकड़ी, संगमरमर और चांदी से बनी दस्तकारी वाले दो पुस्तक अवलंब (बुक एंड) भेंट किए।
इन दोनों पुस्तक अवलंबों के बीच चांदी की एक घंटी लगी है जो आंतरिक मेघा तथा शुभ संकेत का प्रतीक है। इस पर श्रीमद्भग्वदगीता का श्लोक अंकित है।
इसका अंग्रेजी अर्थ भी अंदर की तरफ लिखा हुआ है। यह श्रीमद्भग्वदगीता के अध्याय 13 के श्लोक 15-16 से संबंधित है। दोनों घंटियों में एक-एक श्लोक खुदे हुए हैं-
Without all beings, yet within; immovable yet moving; so subtle that it cannot be perceived; so far yet so near It is. (Verse 15)
It is indivisible yet appears divided in all beings. Know it to be the creator, the preserver and the destroyer. (Verse 16)
इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री कैमरून की रुचि को देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें प्रथम विश्व युद्ध पर लिखी रॉबर्ट ग्रेव की पुस्तक “गुड बाय टू ऑल दैट” तथा डेविड ओमिसी की पुस्तक “इंडियन वॉइसेस ऑफ दी ग्रेट वॉर” भी भेंट की।
ब्रिटेन की प्रथम महिला को प्रधानमंत्री ने केरल की अनोखी दस्तकारी वाला अरनमूला धातु दर्पण और कुछ पशमिना शॉल भेंट कीं।
यह बजट सत्र 'विकसित भारत' के संकल्प को नई ऊर्जा देगा: पीएम
January 31, 2025
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सरकार समग्र विकास की दिशा में मिशन मोड में आगे बढ़ रही है, चाहे वह भौगोलिक, सामाजिक या आर्थिक रूप से हो: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने तीव्र विकास हासिल करने में सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के महत्व पर प्रकाश डाला
राज्य और केंद्र सरकारों को प्रदर्शन के लिए मिलकर काम करना चाहिए, जन भागीदारी से परिवर्तन होगा: प्रधानमंत्री
आगामी 25 वर्ष समृद्ध और विकसित भारत निर्माण के लिए समर्पित होंगे: प्रधानमंत्री
साथियों,
आज बजट सत्र के प्रारंभ मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रणाम करता हूं। और ऐसे अवसर पर सदियों से हमारे यहां मां लक्ष्मी का पुण्य स्मरण किया जाता है-
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि। मंत्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नमोस्तुते।
मां लक्ष्मी हमें सिद्धि और विवेक देती हैं, समृद्धि और कल्याण भी देती हैं। मैं मां लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब एवं मध्यम वर्ग समुदाय पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहे।
साथियों,
हमारे गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे हुए हैं, और ये हर देशवासी के लिए सर्वाधिक गौरवपूर्ण है, और विश्व के लोकतांत्रिक जगत के लिए भी भारत का ये सामर्थ्य अपनी एक विशेष स्थान बनता है।
साथियों,
ये देश की जनता ने मुझे तीसरी बार ये दायित्व दिया है, और इस तीसरे कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट है, और मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे, विकसित भारत का जो संकल्प देश ने लिया है, ये बजट सत्र, ये बजट एक नया विश्वास पैदा करेगा, नई ऊर्जा देगा, कि देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा, तब विकसित होकर रहेगा। 140 करोड़ देशवासी अपने सामूहिक प्रयास से इस संकल्प को परिपूर्ण करेंगे। तीसरी टर्म में हम मिशन मोड में देश को सर्वांगीण विकास की दिशा में, चाहे वो भौगोलिक रूप से हो, सामाजिक रूप से हो या आर्थिक भिन्न-भिन्न स्तर के संदर्भ में हो। हम सर्वांगीण विकास के संकल्प को लेकर के मिशन मोड में आगे बढ़ते जा रहे हैं। इनोवेशन, इंक्लूजन और इन्वेस्टमेंट ये लगातार हमारे आर्थिक गतिविधि के रोडमैप का आधार रहा है।
इस सत्र में हमेशा की तरह कई ऐतिहासिक दिन, कल सदन में चर्चा होगी और व्यापक मंथन के साथ वो राष्ट्र की ताकत बढ़ाने का काम करने वाला कानून बनेंगे। विशेषकर नारी शक्ति के गौरव को पुन: प्रस्थापित करना, पंथ संप्रदाय के भेद से मुक्त होकर के हर नारी को सम्मानपूर्ण जीवन मिले, उसको भी समान अधिकार मिले, उस दिशा में ये सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। रिफॉर्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म, जब विकास की तेज गति को प्राप्त करना होता है, तो सबसे ज्यादा बल रिफॉर्म पर रहता है, राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर के परफॉर्म करना होता है और जन भागीदारी से हम ट्रांसफॉर्मेशन देख सकते हैं।
हमारा युवा देश है, युवा शक्ति है और आज जो 20-25 साल की आयु के नौजवान हैं, जब वे 45-50 साल के होंगे, तब वो विकसित भारत के सबसे बड़े बेनिफिशियरी होने वाले हैं। उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, नीति निर्धारण की व्यवस्था में उस जगह पर बैठे होंगे, कि वे गर्व के साथ आजादी के बाद जो शताब्दी शुरू होगी, एक विकसित भारत के साथ आगे बढ़ेंगे। और इसलिए ये विकसित भारत के संकल्प की पूर्ति का प्रयास, ये अथाग मेहनत, आज जो हमारी, हमारे टीनएजर्स हैं, हमारी युवा पीढ़ी है, उनके लिए ये बहुत बड़ा तोहफा बनने वाली है। जो लोग 1930 में, 1942 में आजादी के जंग में जुट गए थे, पूरी देश की युवा पीढ़ी खप गई थी, आजादी के जंग में, और उसके फल, 25 साल के बाद जब पीढ़ी आई, उसको नसीब हुए। उस जंग में जो नौजवान थे, उनको नसीब हुए। आजादी के पूर्व के वो 25 साल, आजादी का जश्न बनाने का अवसर बना। वैसे ही ये 25 वर्ष समृद्ध भारत, विकसित भारत, ये संकल्प से सिद्धि और सिद्धि से शिखर तक पहुंचने का देशवासियों का इरादा, और इसलिए इस बजट सत्र में सभी सांसद विकसित भारत को मजबूती देने के लिए अपना योगदान देंगे, विशेषकर के जो युवा सांसद हैं, उनके लिए तो सुनहरा अवसर है, क्योंकि वो आज सदन में जितनी जागरुकता, जितनी भागीदारी बढ़ाएंगे और विकसित भारत के जो फल है, वो तो उनकी नजर के सामने देखने को मिलने वाले हैं। और इसलिए युवा सांसदों के लिए एक अनमोल अवसर है।
साथियों,
मैं आशा करता हूं कि हम देश की आशा-आकांक्षाओं पर इस बजट सत्र में खरे उतरेंगे।
साथियों,
आज एक बात आपने जरूर नोट की होगी, मीडिया के लोगों को तो जरूर करनी चाहिए। शायद 2014 से लेकर अब तक, शायद ये पहला पार्लियामेंट का सत्र है, कि जिसके एक-दो दिन पहले कोई विदेशी चिंगारी नहीं पकड़ी है, विदेश में से आग लगाने की कोशिश नहीं हुई है। 10 साल से, 2014 से देख रहा हूं, हर सत्र के पहले शरारत करने के लिए लोग तैयार बैठते थे, और यहां इसको हवा देने वालों की कोई कमी नहीं है। ये पहला सत्र मैं पिछले 10 साल के बाद देख रहा हूं कि जिसमें किसी भी विदेशी कोने से, कोई चिंगारी नहीं हुई।