प्रधानमंत्री मोदी ने एक साक्षात्कार में बताया कि उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने के लिए 28 सितंबर 2016 को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार जाने वाले सैनिकों को क्या कहा था।
पीएम मोदी ने कहा कि जब उरी की घटना हुई थी और जवान मारे गए थे, तो इसने उन्हें बेचैन कर दिया था और उन्होंने केरल में एक जनसभा में इसका उल्लेख भी किया था। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “उरी हमले में जवानों को जिंदा जलाए जाने के बाद मेरे और सेना के भीतर ही भीतर एक गुस्सा पनप रहा था जिसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाई गई थी।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनके लिए सबसे बड़ा विचार सैनिकों की सुरक्षा था। पीएम मोदी ने कहा “मैंने उन्हें साफ निर्देश दिए थे कि आपको सफलता मिलती है या आप असफल भी रहते हैं। इन सबके बारे में मत सोचिएगा लेकिन सूर्योदय से पहले वापस लौट आइएगा। बेवजह के किसी उम्मीद में मत फंसिएगा और न ही इसे आगे बढ़ाइएगा।” जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह नहीं चाहते थे कि ऑपरेशन के दौरान कोई भी सैनिक शहीद हो, इसके लिए साफ तौर पर निर्देश थे कि यदि वह असफल भी होते हैं तो वे सूर्योदय से पहले वापस लौट आएं।