कैंसर एक बड़ी चुनौती, हमे एक कॉमन प्लेटफार्म बनाने की जरुरत है जिसके माध्यम से वहा कैंसर के रोगी अपना उचित इलाज करा सकें: प्रधानमंत्री 
कैंसर के उपचार के लिए सर्वोत्तम विशेषज्ञों वाला डिजिटल कैंसर नर्व सेंटर स्थापित किया गया: पीएम मोदी 
हम देश भर में नए एम्स और मेडिकल कॉलेज की स्थापना कर रहे हैं, प्रत्येक नागरिक तक सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएं पहुंचाना हमारा लक्ष्य: पीएम

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने टाटा मेमोरियल सेंटर की प्‍लेटिनम जुबली पुस्‍तक का आज अपने निवास से  विमोचन किया ।

श्री रतन टाटा ने अपने स्‍वागत भाषण में सस्‍ती स्‍वास्‍थ्‍य सुवि‍धा और अनुसंधान की दिशा में प्रधानमंत्री को उनके समर्थन, सहयोग और दृष्टिकोण के प्रति प्रधानमंत्री का आभार व्‍यक्‍त किया ।

टाटा मेमोरियल सेंटर के डॉक्‍टरों और छात्रों को विडियों कांफ्रेसिंग के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने मानवीय सेवाओं और सामाजिक दायित्‍वों विशेषकर केंसर के उपचार, देखभाल और अनुसंधान के क्षेत्र में टाटा परिवार के अमूल्‍य योगदान की सराहना की ।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री के संबोधन का पूर्ण पाठ नीचे दिया जा रहा है :-

श्री रतन टाटा जी,

टाटा मेमोरियल सेंटर के डायरेक्टर डॉ. आर. . बडवे,

टाटा मेमोरियल सेंटर के सभी चिकित्सकों, विद्यार्थियों साथियों

 

टाटा मेमोरियल सेंटर के प्लेटिनम जुबली के अवसर पर आप सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं।

टाटा मेमोरियल सेंटर के 75 वर्ष पूरे होने पर Platinum Jubilee माइलस्टोन Book रिलीज करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है।

टाटा मेमोरियल सेंटर को इस मुकाम पर पहुंचाने में टाटा परिवार का अनवरत सेवाभाव और सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के उनके एहसास का अमूल्य योगदान रहा है।

आज इस संस्थान से इन 75 वर्षों में जुड़े रहे सभी लोगों को याद करने का अवसर है।

इस किताब के पन्ने पलटते हुए मुझे 1931 में हुए एक वाकये का पता चला। उस समय मेहरबाई टाटा जी ने कैंसर के इलाज के लिए अमेरिका जाते हुए अपने पति सर दोराबजी टाटा को ये कहा था कि- मैं तो खुशकिस्मत हूं कि इलाज के लिए अमेरिका जा रही हूं लेकिन अपने देश के उन लाखों लोगों का इलाज कैसे होगा जिनके पास इतने संसाधन नहीं है

मेहरबाई जी के निधन के बाद दोराबजी टाटा को ये बात याद रही और आगे यही टाटा मेमोरियल सेंटर का आधार बनी।

आज 75 वर्षों बाद ये संस्थान कैंसर के इलाज, कैंसर के इलाज के लिए पढ़ाई और कैंसर पर रिसर्च तीनों का प्रमुख केंद्र है।

देश में ऐसे बहुत कम संस्थान हैं जो इतने वर्षों से लगातार राष्ट्र सेवा में लगे हुए हैं।

लाखों गरीबों के इलाज के लिए जिस तरह इस संस्थान ने आगे बढ़कर काम किया है, वो देश के बाकी अस्पतालों के लिए भी प्रेरणा है।

ये संस्थान इसका भी उदाहरण है कि सरकार और प्राइवेट संगठन मिलकर कैसे गरीबों की सेवा के लिए एक साथ काम कर सकते हैं।

कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का असर किसी भी परिवार के लिए अग्निपरीक्षा से गुजरने जैसा होता है। शरीर को कष्ट, मानसिक परेशानी और पैसे का सवाल – सभी इससे जुड़े हैं।

जब गरीब बीमार पढ़ता है तो सबसे पहले उसके सामने दवा से पहले रोटी तथा नौकरी का संकट आता है।

इसलिए जब टाटा मेमोरियल सेंटर जैसे संस्थान, उसमें काम करने वाले लोग गरीबों के इलाज के लिए दिन-रात एक करते हैं, उनका इलाज करते हैं, उनकी पीड़ा कम करते हैं तो ये मानवता की बड़ी सेवा होती है।

मैं रतन टाटा जी, टाटा मेमोरियल सेंटर और उससे जुड़े लोगों को एक बार फिर टाटा मेमोरियल सेंटर के 75 वर्ष पूरे होने पर बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों, कैंसर मानवता के सामने उपस्थित बड़ी चुनौतियों में से एक है। अकेले हमारे देश में ही हर साल 10 लाख से ज्यादा लोगों में कैंसर का पता चलता है। हर साल साढ़े 6 लाख लोगों की मौत कैंसर से होती है।

International Agency for Research on Cancer ने अंदेशा जताया है कि अगले 20 वर्षों में ये संख्या दोगुनी हो जाएगी।

इस स्थिति में हर मरीज को इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अलग-अलग कैंसर हॉस्पिटलों को एक प्लेटफॉर्म पर लाना आवश्यक है।

एक ऐसा प्लेटफॉर्म जहां पर कैंसर के मरीजों को सस्ता इलाज उपलब्ध कराने में मदद मिले और इलाज के दौरान आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाए।

2014 में जब ये सरकार बनी तो कैंसर के 36 संस्थान Cancer ग्रिड से जुड़े हुए थे। अब आज की तारीख में उससे ठीक दोगुने संस्थान यानि 108 कैंसर सेंटर इस ग्रिड से जोड़े जा चुके हैं।

अभी कुछ दिन पहले ही Digital Cancer Nerve Centre की शुरुआत की गई है। इसी तरह Virtual Tumor Board की मदद से कैंसर के अलग-अलग एक्सपर्ट्स को एक ही समय पर इंटरनेट से जोड़कर मरीज के इलाज की रूपरेखा तय करने में मदद दी जा रही है।

कैंसर के क्षेत्र में टाटा मेमोरियल सेंटर के अनुभव का, उसकी expertise का फायदा उठाते हुए, उसकी मदद से देश में चार और बड़े कैंसर संस्थानों की स्थापना की जा रही है।

ये कैंसर सेंटर वाराणसी, चंडीगढ़, विशाखापट्टनम और गुवाहाटी में बनेंगे। इससे इलाज के लिए लंबी दूरी तय करके अस्पताल तक पहुंचने वाले मरीजों को मदद मिलेगी।

इसके अलावा हरियाणा के झज्झर में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट का भी निर्माण किया जा रहा है

साथियों, सरकार का लक्ष्य है कि गरीब से गरीब व्यक्ति को सस्ते से सस्ता इलाज मिले और सारी सुविधाओं के साथ मिले।

इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए 15 वर्षों के बाद अब इस सरकार में एक नेशनल हेल्थ पॉलिसी बनाई गई है।

Preventive और Promotive Health Care System को सरकार जन-जन तक पहुंचाना चाहती है। सरकार का इरादा आने वाले वर्षों में GDP का 2.5 प्रतिशत तक स्वास्थ्य पर खर्च करने का है।

नई हेल्थ पॉलिसी में चिकित्सा की अलग-अलग पद्धतियों को कैसे integrate किया जाए, इस पर भी काम होगा। जैसे एलोपैथी के जरिए कैंसर के इलाज के समय मरीज को जो दूसरी तकलीफें उठानी पड़ती हैं, उसमें आयुर्वेद और योग से बहुत मिल सकती है।

इस बारे में आपका संस्थान भी कोई पहल कर सकता है।

साथियों, आज भी देश में 70 प्रतिशत मेडिकल उपकरण विदेश से ही आते हैं। इस स्थिति को भी बदलना है और क्योंकि ये भी महंगे इलाज का बड़ा कारण हैं। इसलिए नई हेल्थ पॉलिसी के तहत सरकार मेडिकल उपकरणों के भारत में ही निर्माण को भी प्रोत्साहन दे रही है।

टाटा मेमोरियल सेंटर जैसे संस्थानों की इसमें भी बड़ी भूमिका है

आपके सेंटर के डॉक्टरों की मदद से ही भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर ने स्वदेशी रेडिएशन मशीन "भाभाट्रोन" का विकास किया।  

मैं जब दो वर्ष पहले मंगोलिया गया था तो देश की तरफ से मंगोलिया को "भाभाट्रोन" उपहार में दिया था।  

इसलिए सस्ती मशीनें, बेहतर मशीनें बनाने की दिशा में भी हमें मिलकर काम करना होगा।

देश भर में हेल्थकेयर सिस्टम को मजबूत करने के लिए सरकार नए एम्स (AIIMS) खोल रही है, मेडिकल कॉलेजों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है, ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुअट स्तर पर सीटें बढ़ाई जा रही हैं।

गरीबों को सस्ती दवा के लिए भारतीय जनऔषधि परियोजना शुरू की गई है। 500 से ज्यादा दवाइयों को कम करके उन्हें essiancial दवाइयों की लिस्ट में रखा गया है।

आपने देखा है कि कैसे स्टंट की कीमत में भी 85 प्रतिशत तक की कमी आई है। ऐसे अनेक फैसले हैं जो affordable healthcare को ध्यान में रखते हुए सरकार ने लिए।

साथियों,

 हेल्थकेयर से जुड़े लोगों को ध्यान रखना होगा कि स्वास्थ्य सेवा, सेवा ही रहे कमोडिटी ना बने। किसी बीमार का इलाज बिजनेस नहीं है, ये कभी नहीं भूलना चाहिए।

ये भी नहीं भूलना चाहिए कि किसी और प्रोफेशन के व्यक्ति को भगवान का दर्जा नहीं मिला है। देश के करोड़ों लोगों की आस्था आप में है और आप ही उनके लिए भगवान हैं। 

आखिर में, मैं आप सभी को टाटा मेमोरियल सेंटर के 75 वर्ष पूरा होने पर फिर से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपने अपनी माइलस्टोन बुक के विमोचन का अवसर दिया, इसके लिए आपका फिर से धन्यवाद।

जय हिंद !!!

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.