महामहिम राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन,
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री माननीया जयललिता जी,
मंत्री सुषमा स्वराज जी,
मंत्री पोन राधाकृष्णन,
मेरे प्रिय मित्रो !
नमस्कार,
वनक्कम !
आज कादिन सचमुच एक विशेष दिन है।
आज महामहिम पुतिन और मुझे कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र की पहली इकाई को समर्पित करने का सम्मान प्राप्त हुआ है।
इस अवसर पर मैं विशेष रूप से राष्ट्रपति पुतिन की उपस्थिति के लिए उनका कृतज्ञ हूं।
इस अवसर पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता जी की उपस्थिति से भी प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूं।
मित्रो, कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र की पहली इकाई को समर्पित करना भारत-रूस संबंधों में एक अगले ऐतिहासिक कदम का प्रतीक है।
इसकी सफल समाप्ति न केवल हमारे विशेष और विशिष्ट रणनीतिक साझेदारी की शक्ति का एक अच्छा उदाहरण है, बल्कि यह हमारी मित्रता का एक उत्सव भी है।
और, यह इस क्षेत्र में हमारे सहयोग की एक शुरूआत भर है।
शायद यह आम लोगों की जानकारी में नहीं है कि 1000 मेगावॉट क्षमता वाले कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र की पहली इकाई भारत में विद्युत शक्ति की एक सबसे बड़ी इकाई है।
आने वाले वर्षों में, हम परमाणु बिजली के उत्पादन की एक महत्वाकांक्षी योजना को शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
केवल कुडनकुलम में ही, 1000 मेगावॉट क्षमता वाली पांच और अधिक इकाइयों की योजनाएं हैं।
इस क्षेत्र में सहयोग की कड़ी में, हम कई बड़ी परमाणु बिजली इकाइयां स्थापित करने की योजना बना रहे हैं।
मित्रो,
आज का आयोजन भारत और रूस के अभियंताओं, वैज्ञानिकों और तकनीशियनों के समूह के लिए एक आनंददायक अवसर है।
मैं उनके समर्पण और कठिन परिश्रम को सलाम करता हूं और उनके श्रम की सफलता पर उन्हें बधाई देता हूं।
मित्रो,
व्यापक प्रौद्योगिकीय उन्नति और बढ़ती आर्थिक समृद्धि, मानव विकास की गाथा रही हैं।
किंतु, हम सभी जानते हैं कि हमारे पर्यावरण पर कुप्रभाव के बिना यह संभव नहीं हुआ है।
भारत के लिए मेरा एक दृष्टिकोण है, जहां हमारे आर्थिक विकास की उपलब्धियां धरती माता के प्रति सम्मानपूर्ण हों और जहां हमारे औद्योगिक विकास के ईंजन स्वच्छ ऊर्जा द्वारा अधिकाधिक संचालित हों।
कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र की पहली इकाई भारत में स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में भारत के सतत प्रयासों की एक अन्य महत्वपूर्ण कड़ी है।
यह हरित विकास के लिए साझेदारी का मार्ग प्रशस्त करने की दिशा में हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता का संकेत है।
महामहिम राष्ट्रपति पुतिन,
परमाणु बिजली उत्पादन के क्षेत्र में हमारे प्रयासों की सफलता हमारे सहयोग की एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है।
यह हमारे संबंधों को दुरूस्त और सतत बनाए रखने की दिशा में हमारे साझा संकल्प को दर्शाता है।
इनके अलावा, यह आपकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता, सतत समर्थन और हमारे संबंधों के मूलविषय और विशेषता में सुधार लाने की दिशा में आपके सशक्त नेतृत्व को दर्शाता है।
इसके लिए मैं महामहिम राष्ट्रपति आपका कृतज्ञ हूं।
भारत के लोग स्वाभाविक तौर पर और अत्यधिक सहजता के साथ आपके महान देश की जनता से जुड़े हैं।
और, व्यक्तिगत तौर पर भी मैंने हमेशा अपनी मित्रता को काफी महत्व दिया है।
इसलिए आज केवल यह कहना, उपयुक्त है कि हम अपनी मित्रता और सहयोग की शक्ति और उत्साह की दिशा में कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र की पहली इकाई को समर्पित करने के लिए एक साथ उपस्थित हैं। भारत-रूस मैत्री जिंदाबाद !
इस समर्पण कार्यक्रम में मेरे साथ उपस्थित होने के लिए महामहिम पुतिन, मैं आपको पुन: धन्यवाद देता हूं।
हमारे साथ उपस्थित होने के लिए जयललिता जी को भी मैं हार्दिक धन्यवाद देता हूं।
आप सबों को धन्यवाद।
आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद।
Kundankulum 1 is an important addition to India's continuing efforts to scale up production of clean energy in India: PM Modi
— PMO India (@PMOIndia) August 10, 2016
Kudankulam 1 also signals our joint commitment to build pathways of partnership for green growth: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 10, 2016
I have always deeply valued our friendship with Russia & it is fitting that we jointly dedicate Kudankulam Nuclear Power Plant Unit 1: PM
— PMO India (@PMOIndia) August 10, 2016