प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए रामनाथ गोयंका पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर वक्तव्य देते हुए , उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान समाचार पत्र अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम बने थे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उपनिवेशक शासक उन व्यक्तियों से डर गए थे जिन्होंने समाचार पत्रों के माध्यम से लेखन और अपनी अभिव्यक्ति की।
स्वर्गीय श्री रामनाथ गोयंका की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मीडिया में कुछ ही लोग हैं जिन्होंने आपातकाल को चुनौती दी थी और इसमें श्री रामनाथ जी ने अग्रणी भूमिका निभाई थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी ने मीडिया के समक्ष चुनौती खड़ी की है, क्योंकि जो समाचार पहले 24 घंटों में प्रसारित किये जा सकते थे अब वह केवल 24 सेकेंड में प्रसारित हो जाते हैं।
Ramnath ji was always committed to his ideals: PM @narendramodi #PMatRNGAwards
— PMO India (@PMOIndia) November 2, 2016
Ramnath ji was always committed to his ideals: PM @narendramodi #PMatRNGAwards
— PMO India (@PMOIndia) November 2, 2016
The colonial rulers were scared of those who wrote and expressed themselves through the papers: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 2, 2016
There were few in the media who challenged the Emergency and this was led by Ramnath Ji and the @IndianExpress: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 2, 2016
Technology poses a challenge to the media. News that could earlier be disseminated in 24 hours now happens in 24 seconds: PM #PMatRNGAwards
— PMO India (@PMOIndia) November 2, 2016
I congratulate all those who have been awarded today: PM @narendramodi #PMatRNGAwards
— PMO India (@PMOIndia) November 2, 2016
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