महामहिम प्रधानमंत्री मार्क रूट,
जून 2015 में मुझे भारत में आपका स्वागत करने का अवसर मिला था। उस समय मैंने कहा था कि जून में आमतौर पर भारत में काफी गर्मी होती है, लेकिन इतनी गर्मी के बावजूद आपने उसी महीने भारत आने का निर्णय लिया जिससे हमारे द्विपक्षीय संबंधों के प्रति आपकी प्रतिबद्धता जाहिर होती है।
उसके ठीक दो साल बाद आज मैं भी जून के महीने में ही नीदरलैंड आया हूं, लेकिन जहां तक तापमान का सवाल है तो दिल्ली और हेग के बीच निश्चित रूप से काफी अंतर है। यह लगभग रात और दिन की तरह है। मैं देख सकता हूं कि यहां का मौसम काफी सुहाना है।
महानुभाव, सबसे पहले मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं और न केवल मेरा बल्कि मेरे पूरे प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत के लिए आभार व्यक्त करना चाहता हूं। इस गर्मजोशी से स्वागत के माध्यम से आपने भारतीय लोगों के लिए गर्मजोशी से भावनाओं को व्यक्त किया है।
महामहिम, मेरा यह नीदरलैंड दौरा बहुत कम समय में तय किया गया था और लेकिन मुझे यह याद रखना होगा कि जिस तरह से इस यात्रा का आयोजन किया गया है, वैसे ही आपने इतने कम समय में न केवल इस यात्रा के लिए अपनी सहमति दी बल्कि इसके साथ काफी ठोस कार्यक्रम को भी रखा गया है और यह बेहद परिणामोन्मुख कार्यक्रम है। मैं आपके नेतृत्व की सराहना करता हूं और मैं समझता हूं कि इससे आपकी उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता प्रदर्शित होती है।
महामहिम, आप बिल्कुल सही हैं, भारत और नीदरलैंड के बीच संबंध सदियों पुराने हैं और हमारे दोनों देश हमेशा से उन्हें कहीं अधिक गहराई देना और करीबी बनाना चाहते हैं। महामहिम, जैसा आपने कहा है कि इस वर्ष हम भारत और नीदरलैंड के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और इसलिए यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि हम अपने द्विपक्षीय संबंधों पर कहीं अधिक ध्यान केंद्रित करें।
आज की दुनिया एक-दूसरे पर निर्भर और एक-दूसरे से जुड़ी हुई दुनिया है। इसलिए यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि हमारे विचार-विमर्श में हम न केवल द्विपक्षीय मुद्दों पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर भी चर्चा करें।
जहां तक अंतरराष्ट्रीय मुद्दों का सवाल है, हमारे दोनों देशों के विचार काफी हद तक एक जैसे हैं और नीदरलैंड की मदद से ही भारत ने पिछले साल एमटीसीआर की सदस्यता सफलतापूर्वक हासिल की और इसके लिए मैं आपको हार्दिक धन्यवाद देना चाहता हूं।
जहां तक द्विपक्षीय निवेश का संबंध है, अब तक नीदरलैंड विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का पांचवां सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है। वास्तव में पिछले तीन वर्षों के दौरान यह विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत था।
मुझे नहीं लगता कि इस तथ्य को दोहराने की कोई आवश्यकता है कि भारत के आर्थिक विकास में, विकास के लिए हमारी प्राथमिकताओं में, नीदरलैंड एक स्वाभाविक भागीदार है।
आज हमें डच कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक करने का भी अवसर मिलेगा और मुझे उम्मीद है कि भारत के संबंध में उनका सकारात्मक दृष्टिकोण बरकरार रहेगा और मैं उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक हूं।
आज मुझे नीदरलैंड में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों से मिलने का भी अवसर मिलेगा। यहां रहने वाले भारतीय समुदाय दो देशों के बीच एक जीवंत लिंक और पुल के रूप में मौजूद हैं। लोगों से लोगों के संपर्क को और अधिक मजबूत करने का भी हमारा प्रयास है।
वास्तव में मेरे लिए यह अच्छा सौभाग्य है कि मैं भी महामहिम राजा और महामहिम रानी से भी मुलाकात करूंगा और वास्तव में मैं उनके साथ मुलाकात के लिए उत्सुक हूं। मैं एक बार फिर प्रधानमंत्री रूट, उनकी सरकार और नीदरलैंड के लोगों के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।
धन्यवाद।
Ties between India and Netherlands are very old. Our bilateral relations are very strong: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 27, 2017
The world is inter-dependant and inter-connected. We would discuss both bilateral issues and those concerning the world: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 27, 2017
Netherlands is a natural partner in the economic development of India. Our trade and economic ties are increasing: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 27, 2017