विविधता में एकता हमारा गर्व है, हमारा गौरव है, हमारी पहचान है, हमारे यहाँ विविधता को, diversity को सेलिब्रेट किया जाता है: प्रधानमंत्री मोदी
आज सरदार साहब की जन्म जयंती पर, मैं आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला, सरदार साहेब को समर्पित करता हूं: पीएम मोदी
अब जम्मू कश्मीर में एक राजनीतिक स्थिरता आएगी, अब निजी स्वार्थ के लिए सरकारें बनाने और गिराने का खेल बंद होगा, अब क्षेत्र के आधार पर भेदभाव के शिकवे और शिकायतें भी दूर होंगी: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारत की समृद्ध विविधता और सदियों पुरानी जीवन शैली की सराहना करते हुए कहा कि इसने राष्ट्रीय एकता और एकजुटता बनाए रहने के संकल्प में सहायता की है।

प्रधानमंत्री मोदी आज केवडिया में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर मनाए जाने वाले राष्ट्रीय एकता दिवस पर लोगों को संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा हमने अपनी विविधता में एकता पर गर्व है। इससे हमें पहचान और सम्मान मिलता है। हम विविधता में एकता का उत्सव मनाते हैं। हमें अपनी विविधता में कोई अंतर्विरोध नहीं दिखता,बल्कि इसमें एकता का मजबूत सूत्र दिखता है।

हम विविधता में एकता का उत्सव मनाते हैं, विविधता का पर्व वास्तव में हमारे दिलों में एकता के तार को स्पर्श करता है।

जब हम अलग-अलग जीवन शैली और पंरपरा का सम्मान करते हैं तो सौहार्द और भाईचारा बढ़ता है और इसलिए हमें अपनी विविधता का समारोह मनाना चाहिए और यह राष्ट्र निर्माण है।

भारत की विविधता एक ऐसी शक्ति है जो दुनिया में किसी ओर जगह नहीं मिलती। दक्षिण भारत से आए शंकराचार्य ने उत्तर में मंदिर की स्थापना की और बंगाल के स्वामी विवेकानंद ने दक्षिण के कन्याकुमारी में ज्ञान की प्राप्ति की।

 

पटना में जन्मे गुरू गोविंद सिंह ने पंजाब में खालसा पंथ की स्थापना की और रामेश्वरम में जन्मे ए. पी. जे. अब्दुल कलाम देश में सर्वोच्च पद पर पहुंचे।

भारत के संविधान की प्रस्तावना में “वी द पीपुल” का जिक्र देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह संविधान की शुरूआत में केवल एक वाक्य नहीं, बल्कि भारत में जीवन की हजारों साल पुरानी संरचना का प्रदर्शन है।

जब सरदार पटेल के सामने देश भर में 500 से अधिक रियासतों को एकजुट करने की बड़ी चुनौती थी, तो यह वह चुंबकीय शक्ति थी जिसने उन्हें भारत से जुड़े रहने के लिए आकर्षित किया।

उन्होंने कहा कि आज भारत की प्रसिद्धि और प्रभाव विश्वभर में बढ़ रहा है।

आज संपूर्ण विश्व भारत को गंभीरता से देखता है और इसका कारण हमारी राष्ट्रीय एकता है।अगर आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तो इसके पीछे राष्ट्रीय एकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो हमसे युद्ध नहीं जीत सकते,वो हमारी एकता को चुनौती दे रहे हैं। लेकिन वो भूल रहे हैं कि सदियों की ललक के बाद भी कोई भी हमारे बीच से एकता की इस भावना को परास्त नहीं कर पाया है।

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की शुभकामनाओं के साथ देश में कुछ सप्ताह पहले ऐसी अलगावादी शक्तियों को परास्त करने के लिए अनुच्छेद 370 को हटाने का बड़ा फैसला लिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 ने जम्मू और कश्मीर को सिर्फ अलगाववाद और आतंकवाद दिया है।

उन्होंने कहा कि वर्षों से इस अनुच्छेद ने देश के लोगों के बीच फूट पैदा की है।

प्रधानमंत्री मोदी आज केवडिया में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि स्वरूप मनाए जाने वाले राष्ट्रीय एकता दिवस पर लोगो को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 ने अलगागवादी विचार और आतंकवाद को बढ़ावा दिया और हमारे भाई और बहने जो इस छद्म दीवार के दूसरी ओर थे वो इससे भ्रम की स्थिति में थे।

प्रधानमंत्री ने कहा अब ये दीवार नष्ट हो चुकी है।

पूरे देश भर में सिर्फ जम्मू और कश्मीर एक ऐसा स्थान था जहां अनुच्छेद 370 लागू था।

पिछले तीन दशकों में 40 हजार से अधिक लोग आतंकवादी गतिविधियों के कारण मारे गए, माओं ने अपने बच्चों को खो दिया,बहनों ने भाईयों को खोया और बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया।

प्रधानमंत्री ने कहा “ सरदार पटेल ने कहा था कि यदि जम्मू और कश्मीर का मुद्दा मेरे पास रहता तो इसका समाधान करने में इतना समय नहीं लगता।”

मैं अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के इस निर्णय को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर उन्हें समर्पित करता हूं।

मुझे खुशी है कि हमारा यह निर्णय जम्मू और कश्मीर को विकास के पथ पर सुनहरे भविष्य की ओर ले जाएगा।

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए खंड विकास परिषद के चुनावों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा “ इसमें 98 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। मतदाता जो कि पंच और सरपंच थे, उन्होंने बड़ी संख्या में मतदान किया और इसने एक बड़ा संदेश दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक स्थायित्व का दौर शुरू होगा। व्यक्तिगत रूचि के चलते सरकार बनाने का खेल अब खत्म होगा और क्षेत्रीय आधार पर भेदभाव की भावना भी दूर होगी।

क्षेत्र में सहयोगी संघवाद की सच्ची भावना की शुरूआत होगी। नए राजमार्ग, नई रेलवे लाइन,नए स्कूल,नए कालेज,नए अस्पताल जम्मू और कश्मीर को विकास के नए पथ पर ले जाएंगें।

पूर्वोत्तर राज्यों में हुए विकास का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूर्वोत्तर में अलगाववादी प्रवृत्ति की छवि बदलकर विकास और समावेश के रूप में बदल रही है। सदियों पुरानी समस्याओं का अब समाधान हो रहा है। पूरा पूर्वोत्तर अब सदियों पुरानी हिंसा और नाकेबंदी से खुद को मुक्त पा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार पटेल के कार्य से प्रेरणा लेकर आज हम देश में पूर्ण आर्थिक, संवैधानिक एकीकरण पर जोर दे रहे हैं। यह एक ऐसा प्रयास है जिसके बिना हम 21वीं सदी में सशक्त भारत की कल्पना नहीं कर सकते।

सरदार पटेल के आदर्शों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा “ देश में स्थायित्व के लिए उद्देश्य में एकता,प्रयास में एकता और लक्ष्य में एकता आवश्यक है और यह सरदार पटेल की विचारधारा है कि हमें अपने उद्देश्यों,लक्ष्यों और प्रयोजन में समतावादी भाव रखने होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम राष्ट्रीय एकता के इस पथ पर आगे बढेंगे तब ही हम “एक भारत- श्रेष्ठ भारत” का लक्ष्य प्राप्त कर सकेंगे।

 

PM: अब से कुछ देर पहले ही राष्ट्रीय एकता का संदेश दोहराने के लिए राष्ट्रीय एकता दौड़ संपन्न हुई है।देश के अलग-अलग शहरों में, गावों में, अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों ने इसमें हिस्सा लिया है। pic.twitter.com/J1qMwsSItX

— PMO India (@PMOIndia) October 31, 2019

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।