Quoteहम वाराणसी की पुरातन संस्‍कृतियों और सभ्‍यता की पहचान सुरक्षित रखने के साथ वैज्ञानिक तौर पर शहर का विकास करने की कोशिश कर रहे हैं: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteपूर्वी भारत का गेटवे बनने जा रहा वाराणसी: पीएम मोदी
Quoteकाशी अब स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभर रही हैं: प्रधानमंत्री
Quoteहम सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, कृपया आगे आएं और नई काशी और नए भारत के निर्माण में अपना योगदान दें: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी में एक जनसभा में 550 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने पुरानी काशी के लिए एकीकृत्र विद्युत विकास योजना (आईपीडीएस) तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में अटल इंक्यूबेशन सेंटर का उद्घाटन किया। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में क्षेत्रीय नेत्र विज्ञान केंद्र की आधारशिला रखी।

|

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि वाराणसी में परिवर्तन लाने तथा शहर की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहर की प्राचीन पहचान को सुरक्षित रखते हुए शहर का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि काशी के लोगों के 4 वर्षो के संकल्प से जो परिवर्तन लाए गए हैं वो अब दिख रहे हैं।

|

श्री नरेन्द्र मोदी ने विद्युत, सड़क तथा अन्य बुनियादी क्षेत्रों में चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं में काफी प्रगति हुई है और इससे वाराणसी तथा आसपास के क्षेत्रों में लोगों के जीवन में सुधार आया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें उस समय बहुत खुशी होती है जब वे लोगों को वाराणसी कैंट स्टेशन की तस्वीरें ऑनलाइन पोस्ट करते हुए देखते हैं। प्रधानमंत्री ने परिवहन संरचना के आधुनिकीकरण की दिशा में किए जा रहे कार्य की चर्चा की। उन्होंने स्वच्छता की दिशा में किए जा रहे कार्यों और शहर की सुंदरता बढ़ाने के लिए किए जा रहे कार्य की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में परिवर्तन लाने का प्रयास एक निरंतर प्रयास है। इस संदर्भ में उन्होंने सारनाथ में किए जा रहे कार्य की भी चर्चा की।

|

प्रधानमंत्री ने कहा कि सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं वाराणसी के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों तक दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि काशी अब स्वास्थ केंद्र के रूप मे उभर रहा है। अटल इंक्यूबेशन सेंटर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्टार्टअप अब इससे जुड़ना शुरू कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब वाराणसी उन चयनित शहरों में है जहां पाइप से रसोइ गैस उपलब्ध कराई जा रही है।

|

प्रधानमंत्री ने शहर के बदलाव के समान संकल्प के प्रति वाराणसी के लोगों से स्वयं को समर्पित करने का आग्रह किया।

|

 

|

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Explore More
हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी
DigiYatra: A shining example of India's innovative DPI model in air travel

Media Coverage

DigiYatra: A shining example of India's innovative DPI model in air travel
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री ने टीबी मुक्त भारत अभियान की स्थिति एवं प्रगति की समीक्षा की
May 13, 2025
Quoteप्रधानमंत्री ने भारत की टीबी उन्मूलन रणनीति से संबंधित हाल के उन नवाचारों की सराहना की, जिनसे टीबी के मरीजों के लिए कम समय में उपचार, तेजी से निदान और बेहतर पोषण संभव हो पाया है
Quoteप्रधानमंत्री ने टीबी उन्मूलन के प्रति संपूर्ण सरकार एवं संपूर्ण समाज वाले दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने हेतु जनभागीदारी को मजबूत करने का आहवान किया
Quoteप्रधानमंत्री ने टीबी उन्मूलन के लिए स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया
Quoteप्रधानमंत्री ने हाल ही में संपन्न 100-दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा की और कहा कि इसे देशभर में तेजी से बढ़ाया व लागू किया जा सकता है

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) से संबंधित एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

वर्ष 2024 में टीबी के रोगियों की शीघ्र पहचान एवं उपचार की दिशा में हुई महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने देशभर में सफल रणनीतियों को लागू करने का आहवान किया और भारत से टीबी को समाप्त करने के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दोहराया।

प्रधानमंत्री ने हाल ही में संपन्न 100-दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा की, जिसमें उच्च फोकस वाले जिलों को शामिल किया गया था और 12.97 करोड़ व्यक्तियों की जांच की गई थी। कुल 7.19 लाख टीबी के मामलों का पता चला, जिनमें 2.85 लाख लक्षणविहीन टीबी के मामले शामिल थे। इस अभियान के दौरान एक लाख से अधिक नए नि-क्षय मित्र इस प्रयास में शामिल हुए। यह अभियान जनभागीदारी का एक ऐसा मॉडल साबित हुआ है, जिसे देशभर में तेजी से आगे बढ़ाया जा सकता है और संपूर्ण सरकार एवं संपूर्ण समाज वाले दृष्टिकोण के साथ लागू किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों और उनके व्यवसायों के आधार पर टीबी रोगियों के रुझानों का विश्लेषण करने की आवश्यकता पर बल दिया। इससे उन समूहों की पहचान करने में मदद मिलेगी जिन्हें शीघ्र जांच एवं उपचार की आवश्यकता है, विशेष रूप से निर्माण, खनन, कपड़ा मिलों और इसी तरह के अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को। जैसे-जैसे स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बेहतर प्रौद्योगिकी का समावेश होता है, नि-क्षय मित्रों (टीबी रोगियों के सहायकों) को टीबी रोगियों से जुड़ने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। ये नि-क्षय मित्र संवादात्मक तथा उपयोग में आसान तकनीक का प्रयोग करके रोगियों को बीमारी एवं उसके उपचार को समझने में मदद कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चूंकि टीबी अब नियमित उपचार से ठीक हो सकती है, इसलिए लोगों में इसके प्रति भय कम होना चाहिए तथा जागरूकता बढ़नी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने टीबी के उन्मूलन में जनभागीदारी के माध्यम से स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने प्रत्येक रोगी तक व्यक्तिगत रूप से पहुंचने के प्रयासों का आग्रह किया ताकि उन्हें उचित उपचार मिलना सुनिश्चित किया जा सके।

बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2024 के उत्साहजनक निष्कर्षों के बारे में बात की। इस रिपोर्ट में टीबी के मामलों में 18 प्रतिशत की कमी (2015 और 2023 के बीच प्रति एक लाख की जनसंख्या पर टीबी की रोगियों की संख्या 237 से घटकर 195 होने) की पुष्टि की गई है, जो वैश्विक दर से दोगुनी है। टीबी से होने वाली मृत्यु दर में 21 प्रतिशत की कमी (प्रति एक लाख जनसंख्या पर 28 से घटकर 22 होने) और 85 प्रतिशत का उपचार कवरेज, इस कार्यक्रम की बढ़ती पहुंच और प्रभावशीलता को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री ने टीबी डायग्नोस्टिक नेटवर्क के विस्तार सहित प्रमुख बुनियादी ढांचे में उन्नति की समीक्षा की, जिसमें 8,540 एनएएटी (न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्टिंग) प्रयोगशालाएं और 87 कल्चर एवं ड्रग ससेप्टिबिलिटी प्रयोगशालाएं शामिल हैं। कुल 26,700 से अधिक एक्स-रे इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिनमें 500 एआई-सक्षम हैंडहेल्ड एक्स-रे उपकरण शामिल हैं तथा 1,000 और इकाइयां पाइपलाइन में हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में मुफ्त जांच, निदान, उपचार और पोषण संबंधी सहायता सहित सभी टीबी सेवाओं के विकेंद्रीकरण पर भी प्रकाश डाला गया।

प्रधानमंत्री को कई नई पहलों की शुरूआत के बारे में अवगत कराया गया, जैसे कि जांच के लिए एआई संचालित हैंड-हेल्ड एक्स-रे, दवा प्रतिरोधी टीबी के लिए कम समय वाली उपचार व्यवस्था, नए स्वदेशी आण्विक निदान, पोषण संबंधी उपाय और खानों, चाय बागानों, निर्माण स्थलों, शहरी मलिन बस्तियों आदि जैसे सामूहिक स्थानों में पोषण संबंधी पहलों सहित जांच एवं शुरुआती पहचान। नि-क्षय पोषण योजना के तहत 2018 से 1.28 करोड़ टीबी रोगियों को डीबीटी भुगतान और 2024 में प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर 1,000 रुपये किया गया है। नि-क्षय मित्र पहल के तहत 2.55 लाख नि-क्षय मित्रों द्वारा 29.4 लाख खाद्य पदार्थों की टोकरियां वितरित की गई हैं।

इस बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्र, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव-2 श्री शक्तिकांत दास, प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री अमित खरे, स्वास्थ्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।