तंजानिया और कुछ अन्य अफ्रीकी देशों से लगभग 30 "सौर मांओं" के एक समूह ने आज प्रधानमंत्री के समक्ष सौर लालटेनों और घरेलू प्रकाश व्यवस्थाओं के निर्माण, मरम्मत और रखरखाव में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने शहद निकालने और सिलाई करने के तरीकों को भी प्रस्तुत किया तथा एक गीत "वी शाल ओवरकम" (हम होंगे कामयाब) गाया।
भारत सरकार द्वारा समर्थित कार्यक्रमों के तहत तिलोनिया (राजस्थान ) का बेयरफुट कॉलेज अफ्रीका की ग्रामीण महिला सौर इंजीनियरों (सौर मांओं) को प्रोत्साहित कर रहा है और उन्हें सौर लालटेनों व घरेलू सौर प्रकाश व्यवस्था के निर्माण, स्थापना, उपयोग, मरम्मत और रखरखाव के लिए प्रशिक्षित कर रहा है। सौर विद्युतीकरण कौशल (प्रशिक्षण) प्रदान करने और प्रशिक्षुओं के बीच सौर किट वितरण के लिए उन्होंने तंजानिया और अन्य अफ्रीकी देशों के जंजीबार द्वीप में बेयरफुट महिला पेशेवर प्रशिक्षण कॉलेज की स्थापना की है। ये कॉलेज मधुमक्खी पालन और सिलाई जैसे विभिन्न उद्यमिता कौशलों का समर्थन करता है। इन सौर मांओं ने सौर ऊर्जा किट बनाई और स्थापित की हैं और अब अपने समुदायों में वे सौर विद्युतीकरण की प्रणाली का रख-रखाव करती हैं।
Celebrating the Solar Mamas!PM interacts with women trained in vocational skills under India's developmental support pic.twitter.com/ar5Cr92zed
— Vikas Swarup (@MEAIndia) July 10, 2016
The Solar Mamas come from across Africa, and are trained at Barefoot College in Rajasthan, or the centre in Tanzania pic.twitter.com/3ulVyHd9Tg
— Vikas Swarup (@MEAIndia) July 10, 2016
The Solar Mamas are trained in solar electrification and entrepreneurial skills such as bee-keeping& tailoring pic.twitter.com/9hLoivxICj
— Vikas Swarup (@MEAIndia) July 10, 2016
One for the cameras and an iPad! PM @narendramodi poses with the Solar Mamas pic.twitter.com/C7Cy9p4SzC
— Vikas Swarup (@MEAIndia) July 10, 2016