मजबूत सरकार होती है तो देश का भला होता है, मजबूर सरकार होती है तो सिर्फ गठबंधन में शामिल दल और उनके नेता का भला होता है: प्रधानमंत्री मोदी
हम सुख बांटने वालें हैं, वो समाज बांटने वाले हैं, हमें सुख बांटकर हर किसी की जिंदगी में सुख लाने का काम करना है, उनको समाज बांटकर खुद के परिवार का भला करना है: पीएम मोदी
भारतीय संस्कृति नित्य नूतन चिर पुरातन है, भारत के पास वो सांस्‍कृतिक विरासत है जिसकी आवश्यकता पूरी दुनिया को है, दुनिया के सामने खड़ी चुनौतियों के बीच जीवन जीने की कला सिखाती हमारी संस्कृति एक आशा की किरण है: प्रधानमंत्री
यह दुर्भाग्य की बात है की पहले सत्ता में बैठे लोगों को हमारी अपनी संस्कृति पर नाज़ होने के बजाय शर्म आती थी: प्रधानमंत्री मोदी
आर्थिक हो या सामाजिक वरिष्ठ नागरिक आत्म निर्भर रहें इसको सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार ने काम किया है, हमारी विभिन्न योजनाओं के मूल में यही है कि वरिष्ठ नागरिकों का जीवन सरल एवं सुगम हो: पीएम मोदी
भाजपा एक कैडर बेस्ड पार्टी है, सरकार और पार्टी के लिए कार्यकर्ताओं का फीडबैक महत्वपूर्ण होता है, यही वजह है कि हम समाज के गरीब, शोषित और वंचित तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सफल हो रहे हैं: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संवाद की शुरुआत करते हुए कहा, "मेरे लिये यह सौभाग्य की बात है की नवरात्री के पहले ही दिन देशभर के कार्यकर्ताओं से बातचीत का अवसर मिल रहा है। हमारी आज की यह बातचीत हम सब को देश के लिए, गाँव-ग़रीब के लिए और अधिक ऊर्जा और अधिक प्रतिबद्धता के साथ काम करने के लिए प्रेरित करेI”

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से भाजपा कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी बोले, "कुछ लोग पिछली सरकारों के काम को आगे बढ़ाने के लिए हमारी आलोचना करते हैं। लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं, आपने उन कार्यों को पूरा क्यों नहीं किया? यह हमारी सरकार है जो कितने समय से लंबित परियोजनाओं को पूरा कर रही है।"

दमोह के एक पार्टी कार्यकर्ता के विपक्ष की विभाजनकारी राजनीति के बारे में प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हम सुख बांटने वालें हैं, वो समाज बांटने वाले हैं, हमें सुख बांटकर हर किसी की जिंदगी में सुख लाने का काम करना है, उनको (कांग्रेस को) समाज बांटकर खुद के परिवार का भला करना है। हमारा मन्त्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ है। "

आगरा के एक कार्यकर्त्ता के वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए सरकार कि योजनाओं के बारे में सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को सरल और चिंता-मुक्त बनाने के लिए उठाये गए कई कदमों, जैसे ‘लाइफ सर्टिफिकेट’ पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार की 'जन औषधि योजना' और वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स बेनिफिट बढाने जैसी योजनाओं के बारे में बताया जिनसे हमारे वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

चुनावों के दौरान विपक्षी दलों की विभाजनकारी रणनीतियों और उनके अस्तित्वहीन 'महागठबंधन' के बारे में ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीतिक सत्ता के लिए देश के हितों से समझौता करने के लिए इन पार्टियों पर निशाना साधा और हाल ही में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव का उदाहरण भी दिया जिसमें पूर्व प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने कर्नाटक में सत्ता हासिल करने के लिए गठबंधन बना लिया।

रायपुर से एक भाजपा कार्यकर्ता से संवाद के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने वर्णन किया कि कैसे 'नवरात्रि' के शुभ और पवित्र दिन उन्हें अच्छे कर्मों को जारी रखने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा, “मेरे पास 130 करोड़ भारतवासियों की ताकत है। उनके भरोसे की ताकत है। उनका विश्वास मेरे लिए बहुत बड़ी ऊर्जा का स्त्रोत है। नवरात्रि के इस पर्व से मुझे जीवन में सदा ही कुछ अच्छा करते रहने की प्रेरणा शक्ति मिलती है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के प्रति अपनी निस्वार्थ सेवा के लिए भारत के पूर्व नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों जैसे नानाजी देशमुख, जयप्रकाश नारायण और राजमाता विजया राजे सिंधिया जी के योगदानों का भी उल्लेख किया।

मैसुरू में अपने संवाद को समाप्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भाजपा एक कैडर बेस्ड पार्टी है। सरकार और पार्टी के लिए कार्यकर्ताओं का फीडबैक महत्वपूर्ण होता है। यही वजह है कि हम समाज के गरीब, शोषित और वंचित तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सफल हो रहे हैं।” उन्होंने बताया कि भाजपा की पहचान एक परिवार या वंश तक ही सीमित नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा, “अनगिनत कर्मयोगी कार्यकर्ताओं और जीवन का सर्वस्व खपा देने वाले निस्वार्थ नेताओं ने ही भाजपा को ‘पार्टी विद डिफरेंस’ बनाया है। अगर भाजपा ‘पार्टी विद डिफरेंस’ है तो उसके कार्यकर्ताओं की छवि भी डिफरेंट होनी चाहिए।”

अंत में उन्होंने भाजपा के विश्व कि सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी होने का श्रेय अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को देते हुए संवाद को समाप्त किया।

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प्रधानमंत्री ने 45वें प्रगति संवाद की अध्यक्षता की
December 26, 2024
प्रधानमंत्री ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की नौ प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की
परियोजनाओं में देरी से न केवल लागत बढ़ती है, बल्कि जनता भी परियोजना के अपेक्षित लाभों से वंचित हो जाती है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान प्रभावित परिवारों के समय पर पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया
प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की समीक्षा की और राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया
प्रधानमंत्री ने उन शहरों में अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां मेट्रो परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं या पाइपलाइन में हैं ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं महत्वपूर्ण सीखों को समझा जा सके
प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की समीक्षा की और शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर जोर दिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रगति, जो केन्द्र एवं राज्य सरकारों को शामिल करते हुए सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन से संबंधित आईसीटी-आधारित बहु-स्तरीय प्लेटफॉर्म है, के 45वें संस्करण की बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में, आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें शहरी परिवहन की छह मेट्रो परियोजनाएं और सड़क कनेक्टिविटी तथा थर्मल पावर से संबंधित एक-एक परियोजना शामिल है। विभिन्न राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में फैली इन परियोजनाओं की संयुक्त लागत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र और राज्य, दोनों स्तरों पर सभी सरकारी अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि परियोजना में देरी से न केवल लागत बढ़ती है बल्कि जनता को भी अपेक्षित लाभ प्राप्त करने में बाधा आती है।

संवाद के दौरान, प्रधानमंत्री ने बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र से संबंधित लोक शिकायतों की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने जहां निपटान में लगने वाले समय में कमी लाने का उल्लेख किया, वहीं उन्होंने शिकायतों के निपटान की गुणवत्ता पर भी जोर दिया।

यह देखते हुए कि अधिक से अधिक शहरों में पसंदीदा सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में से एक के रूप में मेट्रो परियोजनाओं की शुरुआत की जा रही है, प्रधानमंत्री ने उन शहरों के लिए अनुभव साझा करने हेतु कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी जहां ऐसी परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रहीं हैं या पाइपलाइन में हैं, ताकि सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों एवं अनुभवों से सीख ली जा सके।

समीक्षा के दौरान, प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दौरान परियोजना से प्रभावित होने वाले परिवारों के समय पर पुनर्वास और पुनर्स्थापन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नई जगह पर गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करके ऐसे परिवारों के लिए जीवनयापन में आसानी को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की भी समीक्षा की। उन्होंने एक गुणवत्तापूर्ण विक्रेता इकोसिस्टम विकसित करके राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में रूफटॉप की स्थापना की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने मांग के सृजन से लेकर रूफटॉप सोलर के संचालन तक की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने राज्यों को चरणबद्ध तरीके से गांवों, कस्बों और शहरों के लिए संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया।

प्रगति बैठकों के 45वें संस्करण तक, लगभग 19.12 लाख करोड़ रुपये की कुल लागत की 363 परियोजनाओं की समीक्षा की गई है।