प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वाराणसी में कोविड टीकाकरण अभियान के लाभार्थियों और टीका लगाने वालों के साथ संवाद किया।
प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम से जुड़े बनारस के लोगों, सभी चिकित्सकों, अस्पतालों के मेडिकल स्टाफ, पैरा मेडिकल स्टाफ, स्वच्छता कर्मचारियों और कोरोना टीके से जुड़े हर व्यक्ति को बधाई दी। उन्होंने कोविड के कारण इस अवसर पर लोगों के साथ होने में असमर्थ रहने पर अफसोस प्रकट किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में आज दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है। उन्होंने बताया कि पहले दो चरणों में, 30 करोड़ देशवासियों का टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज देश के पास अपना टीका बनाने की इच्छाशक्ति है। आज जल्द से जल्द देश के हर कोने में टीकों को पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। आज भारत विश्व की सबसे बड़ी इस जरूरत को लेकर पूरी तरह आत्मनिर्भर है और भारत कई अन्य देशों की भी मदद कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने पिछले छह साल के दौरान बनारस और उसके आसपास के इलाकों में चिकित्सा अवसंरचना में हुए बदलाव का उल्लेख किया, जिससे कोरोना काल में पूरे पूर्वांचल को मदद मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि अब बनारस में भी टीकाकरण की अच्छी गति देखने को मिल रही है। बनारस में 20 हजार से ज्यादा स्वास्थ्य पेशेवरों का टीकाकरण होगा। इसके लिए, 15 टीकाकरण केन्द्रों की स्थापना की गई है। प्रधानमंत्री ने इस व्यवस्था के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनके साथियों की भी प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि आज के संवाद का उद्देश्य टीकाकरण के संबंध में व्यवस्थाओं और संभावित समस्याओं को लेकर पूछताछ करना है। उन्होंने टीकाकरण अभियान से जुड़े लोगों के साथ बात की। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि वाराणसी के लोगों से मिले फीडबैक से वहां के हालात को समझने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने परिचारिकाओं, एएनएम कार्यकर्ताओं, चिकित्सकों और लैब तकनीशियनों के साथ संवाद किया। प्रधानमंत्री ने देश की तरफ से उन्हें आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री ने एक संत की तरह दिखाए गए समर्पण के लिए वैज्ञानिकों की सराहना भी की। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि स्वच्छता अभियान में उठाए गए कदमों के चलते महामारी का सामना करने के लिए देश के बेहतर तरीके से तैयार होने का भी उल्लेख किया, जिससे देश में स्वच्छता की संस्कृति स्थापित हुई है। प्रधानमंत्री ने महामारी और टीकाकरण के बारे में प्रामाणिक संवाद के लिए कोरोना योद्धाओं को श्रेय दिया।