नोबेल पुरस्कार को दुनियाभर के लोग मौलिक विज्ञान पर आधारित रचनात्मक विचारों, ज्ञान और कार्य के लिए दिया जाने वाले पुरस्कार के तौर पर देखते हैं: प्रधानमंत्री
हम भारत को अगले 15 सालों में जहां देखना चाहते हैं उसे लेकर सरकार का दृष्टिकोण बिल्कुल स्पष्ट है: प्रधानमंत्री
विज्ञान और प्रोद्योगिकी के प्रति हमारी सोच यह है कि ये सभी युवाओं के लिए अवसर उपलब्ध कराए: प्रधानमंत्री मोदी
हमारे वैज्ञानिकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह पूरे देश के विद्यालयों में विज्ञान की पढ़ाई के लिए प्रोग्राम्स का विकास करें, इसमें शिक्षकों का प्रशिक्षण भी शामिल हो: प्रधानमंत्री
भारत बड़े जनसांख्यिकीय विभाजन को एक समर्थकारी और अनोखा अवसर और उत्कृष्ट शिक्षक प्रदान करता है: प्रधानमंत्री
विज्ञान और प्रोद्योगिकी सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण संचालक के रूप में उभरा है: प्रधानमंत्री

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी जी
मेरे सहयोगी केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन जी
स्वीडन की मंत्री महामहिम सुश्री अन्ना एक्स्ट्रोम
उपमुख्यमंत्री श्री नितिनभाई पटेल जी
गणमान्य नोबेल पुरस्कार विजेता
नोबेल फाउंडेशन के उपाध्यक्ष डॉ. गोरान हैनस्सन
प्रिय वैज्ञानिक गण
एवं गणमान्य जनों!

सुप्रभात!

सबसे पहले मैं भारत सरकार के बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग, गुजरात सरकार, नोबेल मीडिया को बधाई देता हूं, जिन्होंने पांच सप्ताह तक चलने वाले विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया।

मैं प्रदर्शनी के शुरू होने की घोषणा करता हूं और उम्मीद है कि आप सभी लोग अनुभव हासिल करने के इस अवसर का लाभ लेंगे।

नोबेल पुरस्कार को रचनात्मक विचारों, विचार और मौलिक विज्ञान पर काम करने के लिए उच्चतम स्तर पर दुनियाभर में मान्यता प्राप्त है।

इससे पहले, ऐसे तमाम मौके आए जब एक, दो या तीन नोबेल पुरस्कार विजेता भारत आए और सीमित संख्या में छात्रों एवं वैज्ञानिकों से बातचीत की।

लेकिन, आज हम गुजरात में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के एक आकाशगंगा के उतर आने से इतिहास बना रहे हैं।

मैं तहेदिल से यहां उपस्थित सभी नोबेल पुरस्कार विजेताओं का स्वागत करता हूं। आप भारत के मूल्यवान मित्र हैं। आप में से कई पहले भी यहां कई बार आ चुके हैं। आप में से एक की जन्म भी यहां हुआ है और वास्तव में आप बड़ौदा में पले-बढ़े हैं।

मैं अपने इतने युवा छात्रों को आज यहां के देखकर खुश हूँ। मैं आप सभी से साइंस सिटी में पांच सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम में अपने दोस्तों, अपने परिजनों को आने के लिए आग्रह करने को कह रहा हूं।

हमारे छात्र आप के साथ बातचीत के इस असाधारण अनुभव को हमेशा याद रखेंगे। यह नए और महत्वपूर्ण चुनौतियों का कार्य करने के लिए उन लोगों के लिए प्रेरित करेगा जो हमारे टिकाऊ भविष्य को साझा करने के लिए एक कुंजी साबित होगी।

मुझे पूरी उम्मीद है कि यह प्रदर्शनी और श्रृंखला आप व हमारे छात्रों, विज्ञान के शिक्षकों और हमारे वैज्ञानिकों के बीच एक मजबूत कड़ी बनेगी।

भारत को अगले 15 वर्षों में जहां होना चाहिए उसे लेकर हमारी सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी वह धुरी है, जहां दृष्टीकोण रणनीति एवं कार्रवाई में परिणित हो जाए।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमें अपनी दृष्टि पर पूरा यकीन है कि हमारे सभी युवाओं के लिए अवसर उपलब्ध होंगे। प्रशिक्षण और भविष्य की तैयारी इस तरह होनी चाहिए कि हमारे युवाओं को सबसे अच्छे स्थानों पर रोजगार मिल सके। भारत एक महान विज्ञान गंतव्य होना चाहिए। हम इस तरह के गहरे समुद्र में अन्वेषण और साइबर सिस्टम में प्रमुख चुनौतियों को प्रेरणादायक तौर पर लेना चाहिए।

हमें एक ऐसी योजना बनानी चाहिए जिसमें अपने काम के जरिये हमारा दृष्टिकोण विकसित हो।

हमने अपने वैज्ञानिकों से देश भर में स्कूलों में विज्ञान शिक्षण पर कार्यक्रम विकसित करने के लिए कहा है। इसमें शिक्षकों के प्रशिक्षण में शामिल भी होंगे।

इसकी अगली कड़ी में, उन्हें कौशल और हाईटेक ट्रेनिंग के लिए नए कार्यक्रम तैयार करने को कहा जाएगा।
ये कार्यक्रम नए ज्ञान वाली अर्थव्यवस्था में आप को रोजगार के लायक और उद्यमी व विचारवान वैज्ञानिक बनाएंगे। आप विभिन्न परिस्थितियों में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे और यहां तथा दुनियाभर में कहीं भी नौकरी पा सकेंगे।

आगे, हमारे वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं को विभिन्न शहरों से जोड़ देंगे। इससे आप अपने विचारों, सेमिनार, संसाधनों और उपकरणों को साझा कर सकते हैं। यह हमें और अधिक और बेहतर सहयोगी विज्ञान की अनुमति देगा।

हमारी विज्ञान एजेंसियां प्रत्येक राज्यों में स्थानीय जरूरतों के लिहाज से विज्ञान अधारित उद्यमितता और व्यावसायीकरण को विस्तार देंगी। इस तरह से आपके स्टार्ट-अप्स और उद्योग वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।

इसके बीज इस साल पड़ जाएंगे और आप देखेंगे कि धीरे धीरे इनमें फल आने लगेंगे।

मेरे नौजवान दोस्तों, आप भारत और दुनिया के फल हैं। भारत अपने सबसे अच्छे शिक्षकों और एक बड़े जनसांख्यिकीय लाभांश का एक समर्थकारी और अनूठा अवसर प्रदान करता है।

प्यारे छात्रों, आप वो धारा हैं जो ज्ञान रूपी कुआं को भरते हैं। आपका प्रशिक्षण और भविष्य यही है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी का शुक्रिया कि उससे मानव जाति निखरती है। मानव इतिहास में इसके चलते बड़ी संख्या में जीवन यात्रा करने वाले एक गुणवत्तापूर्ण जीवन का आनंद लेते रहे हैं।

भारत को अब भी गरीबी से चुनौती मिल रही है। आप जल्द ही वैज्ञानिक बनेंगे लेकिन इन चुनौतियों को कभी भी नजरअंदाज मत कीजिएगा।विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से हमारे विज्ञान की परिपक्वता इस ग्रह के द्वारा परखी जाएगी।आप जल्द ही वैज्ञानिक बनेंगे और इस ग्रह के स्वामी होंगे।

हमें नोबेल प्रदर्शनी और साइंस सिटी का पूरा लाभ लेना चाहिए।

वैश्विक स्तर पर, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सामाजिक और आर्थिक विकास का बड़ा वाहक बनकर उभरे हैं। तेजी से आगे बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था को देखते हुए वैज्ञानिक हस्तक्षेप से उम्मीदें बढ़ जाती हैं।

मैं नोबेल पुरस्कार श्रृंखला से तीन फायदे देख रहा हूं।

पहला, छात्र और उनके शिक्षक। देश भर के छात्र और शिक्षक राष्ट्रीय ‘आइडियाथॉन’ प्रतियोगिता के जरिये यहां पहुंचे हैं। उन्हें अपने मार्ग से भटकना नहीं है। प्रदर्शनी के दौरान, गुजरात भर में शिक्षकों के लिए सत्र आयोजित किए गए हैं जिसमें वे हिस्सा ले सकते हैं।

दूसरा, स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जाए। हमारे युवाओं गजब की उद्यमितता भरी हुई है। हमारे विज्ञान मंत्री गुजरात में कर्ताधर्ता हैं। अगले पांच सप्ताह तक, आप लोगों के लिए एक कार्यशाला होनी चाहिए कि कैसे अत्याधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जरिये स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

मुझे दस नोबेल पुरस्कार जीतने वालों के बारे में बताया गया है कि उन्होंने कि किस तरह उन्होंने एक स्मार्ट फोन का निर्माण किया है। पुरस्कार विजेता भौतिक विज्ञान बिजली बिल और इस ग्रह दोनों को बचा सकते हैं। 2014 में ब्लू लेड के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। यह जापान के तीन वैज्ञानिकों अकासाकी, अमानो और नाकामुरा के बुनियादी अनुसंधान का नतीजा है। पहले इसे संयुक्त रूप से रेड और ग्रीन लेड के रूप में जाना जाता है, श्वेत लाइट उपकरणों को तैयार किया जा सकता है जिसमें सैकड़ों हजार घंटे लगेंगे। ऐसे कई उत्साहजनक खोज हैं जिसे हम उन उद्यमितता के जरिये उपयोग में लाया जा सकता है।

तीसरा, समाज पर प्रभाव
कई नोबल पुरस्कार विजेताओं के स्वास्थ्य एवं कृषि के क्षेत्र में खोजों ने हमारे समाज पर बहुत प्रभाव डाला। उदाहरण के तौर पर, जीन-प्रौद्योगिकियों के उपकरण का उपयोग कर दवा विकसित करना अब एक हकीकत है। हमें इन उपकरणों का कैंसर, मधुमेह और संक्रमित बीमारियों के अध्ययन में इस्तेमाल करना चाहिए।

भारत पहले से ही जेनेरिक और जैव के क्षेत्र का नेता है, जिसका गुजरात एक बड़ा हब है लेकिन अब हमें इसी तरह नई जैव तकनीक के क्षेत्र में नेता बनने की कोशिश करनी चाहिए।
मैं बेहद खुश हूं कि इस प्रदर्शनी को साइंस सिटी में आयोजित करने की योजना तैयार की गई, जो समुदाय को विज्ञान से जोड़े।

यह एक आदर्श मंच है जहां नागरिक उन चुनौतियां का हल तलाश सकें जिनका हम वैश्विक रूप रूप से सामना कर रहे हैं। हम इस साइंस सिटी को देश भर और दुनिया भर से आए युवा छात्रों और विज्ञान के शिक्षकों के लिए विश्व स्तरीय जगह बनाने का प्रयास करना होगा जो इस प्रदर्शनी से लाभ ले सकें। केंद्र और राज्यों को इसमें सहयोग करना चाहिए और इस साल इस चुनौती को स्वीकार करना चाहिए।

मेरे नौजवान दोस्तों!

नोबेल पुरस्कार विजेता विज्ञान की चोटियों का प्रतिनिधित्व करते हैं और आपको उनसे सीखना चाहिए। लेकिन इतना जरूर याद रखिएगा कि महान पर्वत श्रृंखलाओं से ही चोटियां बनती हैं और इसलिए एक जगह खड़े मत रहिए।

आप भारत के भविष्य और आधारशिला हैं। आपको नई श्रृंखलाएं तैयार करनी हैं जहां से चोटियां विकसित हो सकें। अगर हम अपने शिक्षकों के जरिये स्कूलों और कॉलेजों में अपने आधारों पर ध्यान केंद्रित करेंगे तो सभी चमत्कार संभव हैं। भारत से सैकड़ों चोटियां निकलेंगी। लेकिन यदि हमने अपने आधार पर ही कड़ी मेहनत नहीं की या उसकी अनदेखी की तो कोई चोटी नहीं दिखाई देगी।

प्रेरित हो और साहसी बनो, साहसो करो और अपने पर भरोसा करो, नकली मत बनो। यह सोचो कि अपने सम्मानित अतिथियों का आना कैसे सफल हो और उनसे क्या सीखा जा सकता।

मैं नोबेल मीडिया फाउंडेशन, भारत सरकार के बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग, गुजरात सरकार का इस तरह का अभिनव कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आभार जाहिर करता हूं।

मैं इस कार्यक्रम के सफल होने की कामना करता हूं और मुझे पूरा भरोसा है कि आप सभी इसका भरपूर लाभ लेंगे। 

 

 

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
'India Delivers': UN Climate Chief Simon Stiell Hails India As A 'Solar Superpower'

Media Coverage

'India Delivers': UN Climate Chief Simon Stiell Hails India As A 'Solar Superpower'
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के कारण हुई लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया
February 16, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के कारण हुई लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया है। श्री मोदी ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।

एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने कहा;

“नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। अधिकारीगण इस भगदड़ से प्रभावित हुए सभी लोगों की सहायता कर रहे हैं।”