अफ़गानिस्तान की धरती पर कविता और सौष्ठव, वीरता और सम्मान व गौरव और उदारता वाले महापुरुषों ने जन्म लिया है: पीएम
अफ़गान लोगों ने मतदान व बहस के माध्यम से अपने भविष्य को रूप देने का साहस और संकल्प किया है, न कि बंदूक और हिंसा के माध्यम से: पीएम मोदी
राष्ट्रपति गनी और अफ़गान संसद के सभी सदस्यों के साथ मिलकर लोकतंत्र के इस नए आवास को समर्पित करना मेरे लिए सम्मान की बात: प्रधानमंत्री
यह देखकर हमें काफ़ी अच्छा लगा कि इस भवन के एक विंग का नाम अटल ब्लॉक है: प्रधानमंत्री मोदी
संसद परिसर एक राष्ट्र और एक लोकतंत्र के रूप में अफ़गानिस्तान की प्रगति के लिए एक छोटा-सा सम्मान है: प्रधानमंत्री मोदी
यह भावनाओं और मूल्यों, स्नेह और आकांक्षाओं के एक स्थायी प्रतीक के रूप में बना रहेगा जो हमें विशिष्ट संबंध में जोड़े रखता है: पीएम मोदी
भारत-अफ़गानिस्तान के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं: प्रधानमंत्री मोदी
हर भारतीय और अफ़गानी के दिल में एक-दूसरे के लिए असीम प्यार है: प्रधानमंत्री मोदी
हमारे लिए गर्व की बात है कि अफ़गान भारत को शिक्षा, स्वास्थ्य या एक पारिवारिक गृह के लिए एक स्वाभाविक स्थल के रूप में देखता है: पीएम
हमारी साझेदारी से ग्रामीण समुदायों के बच्चों व महिलाओं को स्कूल, सिंचाई, स्वास्थ्य केन्द्र की सुविधाएँ मिलीं एवं उन्हें मदद मिली: पीएम
भारतीयों की सुरक्षा हेतु अपनी जान खतरे में डालने वाले या अपनी जान गंवाने वाले हरेक अफ़गान व्यक्ति के प्रति भारत सदैव कृतज्ञ रहेगा: पीएम
भारत यहाँ प्रतिस्पर्धा करने या संघर्ष की लौ प्रकाशित करने के लिए नहीं है बल्कि योगदान देने और भविष्य की नींव रखने के लिए है: पीएम मोदी
भारतीय और अफ़गान कभी भी एक-दूसरे के खिलाफ नहीं बल्कि एक-दूसरे के लिए खड़े हुए हैं: प्रधानमंत्री
जब सीमा पर आतंकवाद रूकेगा, अफ़गानिस्तान संपन्न होगा: प्रधानमंत्री
अब अफ़गानों ने अपने भविष्य के लिए जिम्मेदारी ली है, विश्व को एकजुटता और समर्थन में उनके साथ खड़े होना चाहिए: प्रधानमंत्री
अफ़गान केवल अपने भविष्य के लिए नहीं बल्कि हम सभी के लिए और एक सुरक्षित विश्व के लिए लड़ रहे हैं: प्रधानमंत्री

महामहिम राष्ट्रपति गनी

महामहिम मुख्य कार्यकारी डॉ. अब्दुल्ला

वोलेरसी जिरगा के आदरणीय स्पीकर और मेशरौन जिरगा के आदरणीय चेयरमैन

दोनों सदनों के गणमान्य सदस्यों,

आठ शताब्दी पहले, बल्ख प्रांत की मशहूर संतान, मानव इतिहास के बड़े महानतम कवियों में से एक, जलालुद्दीन रूमी ने लिखा था, "शब्दों को ऊंचाई दें, आवाज को नहीं, क्योंकि फूल बारिश में पैदा होते हैं, तूफान में नहीं।

यह इस शानदार भूमि का ज्ञान है और ये एक महान राष्ट्र है।

इस शताब्दी में अफगान लोगों ने अपने साहस और संघर्ष से वोट और बहस के माध्यम से अपने भविष्य को आकार दिया, बंदूक और हिंसा के जरिए नहीं। एक देश, जिसका जिरगा में अटूट विश्वास है, उसने लोकतंत्र का मार्ग चुना।

यह उन अनगिनत, अनाम अफगानियों के लिए एक श्रद्धांजलि है जिन्होंने अपने प्राण न्यौछावर किए और अपने भविष्य का बलिदान दिया।

मैं यहां, आपके 1.25 बिलियन भारतीय दोस्तों की ओर से, आपकी उपलब्धियों की प्रशंसा में, आपकी दोस्ती के प्रति आभार प्रकट करने के लिए और आपके भविष्य को लेकर एकुजटता प्रदर्शित करने के लिए खड़ा हूं।

और आज, मैं राष्ट्रपति गनी और अफगान संसद के सभी सदस्यों के साथ लोकतंत्र का यह नया निवास अफगान राष्ट्र को समर्पित करते हुए काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

आज से अच्छा दिन इस संसद के उद्घाटन के लिए हो नहीं सकता था, क्योंकि आज उन अटल जी का जन्मदिन है, जिन्होंने 11 साल पहले आपके पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई साहब के साथ मिलकर इस संसद का सपना देखने की शुरुआत की थी।

अफगानी संसद के एक हॉल का नाम अटल ब्लॉक रखे जाने से हम काफी प्रभावित हैं। यह संसद भवन हमारे दोनों देशों को और करीब लाएगा।

और अटल ब्लॉक हमें भावनात्मक रूप से एकजुट करेगा क्योंकि पश्तो में अटल का मतलब हीरो होता है और हिंदी में इसका मतलब दृढ़ होता है। इसमें अफगानिस्तान की भावना और हमारी दोस्ती निहित है।

यह संसद भवन एक राष्ट्र और लोकतंत्र की दिशा में आपकी प्रगति के लिए एक छोटा सा उपहार है। यह हमें एक विशेष संबंध में बांधे रहेगी।

आदरणीय सदस्यों,

हमारे संबंध इतिहास जितने ही प्राचीन हैं।

हिंदुकुश से लेकर और खैबर दर्रे तक, साधुओं, व्यापारियों और सम्राट ने हमें ज्ञान, संस्कृति, क्षेत्र, वाणिज्य और साम्राज्यों से जोड़ा है।

इतिहास में कई बार बदलती परिस्थितों में हम एक साथ दिखाई दिए। ऐसा भी समय आया जब हमने युद्ध देखे। लेकिन हमने हर दौर में एक दूसरे को समृद्ध किया।

बौद्ध प्रतीक आएनक और बामियान से लेकर दिल्ली के आकर्षक स्मारकों में, अपनी संस्कृति और कलाओं में, भाषा और साहित्य, खान-पान और त्योहारों में, हर हर जगह अपने अनन्त संबंधों को देखते हैं।

महाभारत के महान चरित्रों में से एक 'गांधारी' हमें प्राचीन अफगानिस्तान की देन है।

मौर्य साम्राज्य या शेरशाह सूरी की उपलब्धियों में हम कनेक्टिविटी देखते हैं जिसका हम फिर से पुनर्निर्माण करना चाहते हैं।

हर भारतीय और अफगान के दिल में एक दूसरे के प्रति असीमित प्यार है। हम एक दूसरे की संस्कृति, सिनेमा, संगीत और कविताएं, खान-पान और त्योहारों का सम्मान करते हैं। और अब हम एक दूसरे के क्रिकेट की भी तारीफ करते हैं।

हमें इस बात की खुशी है कि अफगान राष्ट्रीय क्रिकेट टीम को दिल्ली के करीब अपना होम ग्राउण्ड मिल गया है और अगले साल होने वाले विश्व कप के लिए वह अभ्यास कर रही है। और मैं अफगान अंडर 19 टीम को हाल ही में हुई पहली घरेलू श्रृंखला में जिम्बाब्वे को हराने के लिए बधाई देता हूं।

इस बात पर गर्व है कि अफगान लोग भारत को शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए भारत को एक प्राकृतिक गंतव्य मानते हैं। भारतीयों को अपने स्वतंत्रता संग्राम में अफगानियों का समर्थन याद है।

आदरणीय सदस्यों,

यह हमारे भाईचारे का प्रतीक है।

और, जब आपने नई शताब्दी में नई यात्रा की शुरुआत की, हमें आपके साथ खड़े होने और चलने में गर्व हुआ।

हमारे साझेदारी ने ग्रामीण समुदायों को स्कूल, सिंचाई सुविधाएं, स्वास्थ्य केंद्र, बाल कल्याण और महिलाओं के लिए अवसर दिए हैं।

हमने साथ में सड़कें बनाई हैं जिनसे क्षेत्र एक दूसरे के करीब आए हैं। हमारे परस्पर सहयोग से पावर ट्रांसमिशन लाइन्स और पावर स्टेशन बनाए जिनसे अफगान घरों में रोशनी आई। सैटेलाइट के जरिए अफगान लोगों को शिक्षा, चिकित्सिय सलाह संबंधी सहूलियतें मिलीं। हम सुरक्षा बलों की भी कई क्षेत्रों में मदद कर रहे हैं।

भारत, अफगानिस्तान में कृषि और खनन क्षेत्र के पुनर्निमाण में मदद कर रहा है और काबुल में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रहा है।

किसी भी देश के लिए मानव संसाधन से महत्वपूर्ण कुछ नहीं होता। मुझे इस बात की खुशी है कि हमारे छात्रवृति कार्यक्रम अफगानिस्तान के युवाओं को आधुनिक शिक्षा और पेशेवर कौशल के लिए सशक्त बना रहा है। इन संसाधनों से अफगान सरकार अपने देश का विकास करेगी। साथ ही अपने सुरक्षा बलों से अपने देश की सुरक्षा करेगी।

सलमा बांध से बिजली और पानी जल्दी ही शुरू होगा। अफगान छात्रों को हर साल 1000 छात्रवृति देने की हमारी योजना जारी रहेगी।

आज मैं घोषणा करता हूं कि हम अफगान सुरक्षा बलों के शहीदों के बच्चों को 500 छात्रवृतियां देंगे।

आपके देश के पुनर्निर्माण के प्रयासों में हमारा देश साथ खड़ा है। आपने भी अपने देश के लोगों की तरह हमारे लोगों की भी रक्षा की है। हमें रोजाना खतरों का सामना करना पड़ा है, लेकिन हमने आपके बीच हमेशा सुरक्षित महसूस किया है।

मैं हरेक उस अफगान का, जिसने अपने भारतीय अतिथि की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली या उसे गंवाया, भारत की ओर से आभार व्यक्त करता हूं।

भारतीय राजनयिक, अधिकारी, इंजीनियर, डॉक्टर और गर्व से सेवा देने वाले अन्य लोगों तथा भारतीय शहीदों के परिवारों के प्रति भी आभार व्यक्त करता हूं।

कुछ ऐसे लोग हैं जो हमें यहां नहीं देखना चाहते हैं। ये ऐसे लोग हैं जो यहां हमारी मौजूदगी के पीछे नापाक इरादा देखते हैं। कुछ अन्य ऐसे लोग भी हैं जो हमारी सहभागिता की ताकत से असहज महसूस करते हैं। कुछ लोग इसे हतोत्साहित करने का प्रयास भी करते हैं

लेकिन, हम यहां इसलिए हैं क्योंकि आपका हममें विश्वास है। आपने कभी भी हमारी प्रतिबद्धता और साझेदारी की ताकत पर संदेह नहीं किया। और, आपने हमारी साझेदारी का लाभ देखा है।

आपने जो देखा, उसके आधार पर हमें आंका है, दूसरों के कथन के आधार पर नहीं, चाहे वह बात भारतीय वाणिज्यि दूतावास के बारे में ही क्यों न हो।

आप जानते हैं कि भारत यहां योगदान करने के लिए है, प्रतिस्पर्धा करने के लिए नहीं, भविष्य का आधार रखने के लिए है, संघर्ष को बढ़ाने के लिए नहीं । जीवन का पुनर्निमाण करने के लिए है, देश को बर्बाद करने के लिए नहीं ।

आप इतिहास के चौराहे पर खड़े हैं और आपका इतिहास हमें बता रहा है कि आपने किसी को प्रतिस्पर्धा का मंच नहीं बनने दिया।

आपका इतिहास बताता है कि आप कभी भी खुद को प्रतिस्पर्धा का थिएटर नहीं बनने देंगे। और ना ही अन्य के लिए डिजाइन परोसेंगे।

आपने कवि कुशाल खान खट्टक के उन विचारों को जिया कि राष्ट्र के सम्मान और राष्ट्र की कीर्ति सर्वोपरि है।

आपके विश्वास और आपकी गति के साथ भारत सुशासन, सुरक्षा और विकास के लिए अफगान की क्षमता के निर्माण में सहयोग जारी रखेगा, ताकि आप एक उज्ज्वल भविष्य का रचना कर पाए जिसके अफगान लोग अधिकारी हैं।

हम ये कार्य जिम्मेदारी के साथ करेंगे, जो कि हमारी मित्रता से आती है। लेकिन यह हम हमारे क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की प्रतिबद्धता के साथ करना चाहते हैं।

हम जानते हैं कि अफगानिस्तान की सफलता के लिए उसके प्रत्येक पड़ोसी के समर्थन और सहयोग की जरूरत होगी। और इस क्षेत्र में हम सभी. भारत, पाकिस्तान, ईरान एवं अन्य को विश्वास और सहयोग के साथ एकजुट होना चाहिए और हमारे साझा उद्देश्य और हमारी साझी नियति को समझना चाहिए।

जब अफगानिस्तान शांति का स्वर्ग और विचारों के प्रवाह और इस क्षेत्र में वाणिज्य, उर्जा एवं निवेश का केंद्र बनेगा, तब हम सब इससे समृद्ध होंगे।

यही वजह है कि ईरान के चाहबहार समेत समुद्र एवं जमीनी मार्ग से अफगानिस्तान के साथ सम्पर्क को बेहतर बनाने के प्रयास जारी हैं।

इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया और अफगानिस्तान और उससे आगे सेतु का काम करेगा।

मैं उम्मीद करता हूं कि वह दिन जल्द आयेगा जब मध्य एशिया की उर्जा हमारे क्षेत्र को समृद्ध बनायेगी। जब एक काबुलीवाला एक बार फिर आसानी से भारतीयों के दिलों को जीत सकेगा, जब हम भारत में अफगानिस्तान के शानदार फलों का स्वाद ले सकेंगे, जब अफगानिस्तान के लोगों को अपने पसंदीदा भारतीय उत्पाद खरीदने के लिए काफी धनराशि का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।

अफगानिस्तान केवल तभी सफल हो सकता है जब सीमापार से आतंक का प्रवाह नहीं होगा, जब आतंकवाद के पनाहगाह और नर्सरियां बंद होगी और इनके आका इस कारोबार में लिप्त नहीं होंगे।

आतंकवाद और हिंसा अफगानिस्तान के भविष्य को आकार देने या अफगान लोगों की पसंद को तय करने का माध्यम नहीं हो सकते।

अफगानिस्तान में अपने पड़ोसियों के साथ शांति से रहने की बुद्धिमता है और अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने का साहस भी है।

काबुल नदी में काफी खून बह गया है। पर्वतों की ढलानों पर कई त्रासदियां गहरी छाप छोड़ गई हैं। विवेकहीन संघर्ष की आग में काफी सपने तबाह हो गये।

आप पख्तून, उज्बेक, ताजिक, हजारा कोई भी हो सकते हैं। आप मुस्लिम, हिन्दू, सिख हो सकते हैं। लेकिन आप गर्व के साथ अफगान है जो एक राष्ट्र एक व्यक्ति के साथ एकजुट हैं।

आपने धर्म के नाम पर या अपनी पहचान के नाम पर लड़ाई की होगी लेकिन अफगानिस्तान के लोगों के लिए अब शांतिपूर्वक साथ रहने का समय है।

जो लोग बंदूक के जरिये क्षेत्र लेना चाहते हैं वे बैलेट के जरिये सत्ता मांगे। जिन लोगों ने घरों को तबाह किया है, वे अब राष्ट्र निर्माण करें। यह आपकी भूमि है और ये आपके लोग हैं। यह अफगानिस्तान के सभी लोगों, क्षेत्र के सभी लोगों और शेष दुनिया के लिए साथ आने का समय है।

यह जगह हर अफगानी की होनी चाहिए। प्रत्येक की आकांक्षाओं को यहां जगह मिलनी चाहिए। यह एक ऐसा देश होना चाहिए जहां प्रत्येक नागरिक के अधिकार सुरक्षित हों और वह अपने भविष्य को लेकर आश्वास्त हो।

इस मोड़ पर पूरे विश्व को अफगानिस्तान के साथ खड़े होना चाहिए।

हमें समयसीमा से ऊपर उठकर अफगानिस्तान का समर्थन करना चाहिए क्योंकि कट्टरपंथ के नये बादल मंडरा रहे हैं जबकि पुराने बादल हमारे आसमान पर गहरा रहे हैं, क्योंकि अफगानिस्तान के लोग न केवल अपने भविष्य के लिए लड़ रहे हैं बल्कि हम सभी दुनिया को एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए खड़े हैं।

ये दुनिया तब और बेहतर होगी, जब हम अफगान लोगों की वास्तविक संपत्ति को उनके विविधता और समृद्ध विरासत के साथ अनुभव कर सकेंगे।

बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। उम्मीदें नहीं समाप्त होनी चाहिए। किसी लड़की को अंधकार में नहीं ढकेला जाना चाहिए, अवसरों से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। किसी बेटे को बंदूक या दूसरी भूमि पर शरण लेने में से विकल्प को चुनने की स्थिति का सामना नहीं करना चाहिए।

किसी मां को भय के साये में बच्चों का पालन पोषण करने की स्थिति से नहीं गुजरना चाहिए, मस्जिद में नमाज पढ़ते हुए धर्म के नाम पर किसी को नहीं मारा जाना चाहिए। किसी बुजुर्ग को उस स्थिति का सामना नहीं करना चाहिए कि संघर्ष में उसका युवा जान गवां रहा हो।

अफगानिस्तान के प्रत्येक युवा को आईटी में अपना भविष्य देखना चाहिए और आईटी से आशय इंफार्मेशन टेक्नोलाजी से होना चाहिए, इंटरनेशनल टेररिज्म से नहीं।

21वीं सदी का वादा और भविष्य दुनिया में किसी अन्य के समान अफगानिस्तान के युवाओं का है।

भारत के लिए यह गहरी प्रतिबद्धता है, आपकी पीड़ा हमारा दर्द है। आपके सपने हमारा कर्तव्य हैं। आपकी ताकत हमारा भरोसा है। आपका साहस हमारी प्रेरणा है और इस सबसे उपर आपकी मित्रता हमारा सम्मान है।

हिंदी सिनेमा के एक मशहूर किरदार फिल्म जंजीर के शेरखान ने गाया है, यारी है ईमान मेरा, यार मेरी जिंदगी। भारत सदियों पुराने अपने संबंधों में अफगान लोगों को कुछ इस तरह देखता है।

मुझे यह पूरा विश्वास है कि अफगानिस्तान के घरों में उम्मीद लौटेंगी, स्कूल में हंसी गूंजेगी, गलियों में रौनक लौटेगी, शहरों में समृद्धि आयेगी, समाज में एकता होगी और अफगानिस्तान में अमन चैन कायम होगा।

आपकी यात्रा में हर कदम पर भारत आपके साथ है। धन्यवाद। इस सम्मान और शानदार स्वागत के लिए भी आपका शुक्रिया।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
ISRO's 100th mission takes flight with successful launch of NVS-02 navigation satellite

Media Coverage

ISRO's 100th mission takes flight with successful launch of NVS-02 navigation satellite
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
The National Games are a celebration of India's incredible sporting talent: PM Modi in Dehradun
January 28, 2025
यह भारत की अविश्वसनीय खेल प्रतिभा का उत्सव है और देश भर के एथलीटों की भावना को दर्शाता है: प्रधानमंत्री
हम खेल को भारत के समग्र विकास के लिए प्रमुख चालक मानते हैं: प्रधानमंत्री
हम अपने एथलीटों के लिए अधिक से अधिक अवसर पैदा कर रहे हैं ताकि वे अपनी क्षमता को पूरी तरह से बढ़ा सकें: प्रधानमंत्री
भारत 2036 ओलिम्पिक की मेजबानी के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है: प्रधानमंत्री
राष्ट्रीय खेल सिर्फ खेल आयोजन से कहीं अधिक है, यह 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना को प्रदर्शित करने का बड़ा मंच है, यह भारत की समृद्ध विविधता और एकता का उत्सव है: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय!

देवभूमि उत्तराखंड के गवर्नर गुरमीत सिंह जी, युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी, मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी अजय टम्टा जी, रक्षा खडसे जी, उत्तराखंड असेंबली की स्पीकर रितु खंडूरी जी, स्पोर्ट्स मिनिस्टर रेखा आर्य जी, कॉमनवेल्थ गेम्स के प्रेसिडेंट क्रिस जेनकिंस जी, IOA की प्रेसिडेंट पी.टी. ऊषा जी, सांसद महेंद्र भट्ट जी, राष्ट्रीय खेलों में शामिल होने आए देशभर के सभी खिलाड़ी, अन्य महानुभाव!

देवभूमि आज युवा ऊर्जा से और दिव्य हो उठी है। बाबा केदार, बद्रीनाथ जी, मां गंगा के शुभाशीष के साथ, आज नेशनल गेम्स शुरु हो रहे हैं। ये वर्ष उत्तराखंड के निर्माण का 25वां वर्ष है। इस युवा राज्य में, देश के कोने-कोने से आए हजारों युवा अपना सामर्थ्य दिखाने वाले हैं। एक भारत-श्रेष्ठ भारत की बड़ी सुंदर तस्वीर यहां दिख रही है। नेशनल गेम्स में इस बार भी कई देसी पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है। इस बार के नेशनल गेम्स, एक प्रकार से ग्रीन गेम्स भी हैं। इसमें environment friendly चीजों का काफी इस्तेमाल हो रहा है। नेशनल गेम्स में मिलने वाले सभी मेडल और ट्रॉफियां भी ई-वेस्ट से बनी हैं। मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के नाम पर यहां एक पौधा भी लगाया जाएगा। ये बहुत ही अच्छी पहल है। मैं सभी खिलाड़ियों को, बेहतरीन प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं देता हूं। मैं धामी जी और उनकी पूरी टीम को, उत्तराखंड के हर नागरिक को इस शानदार आयोजन के लिए बधाई देता हूं।

साथियों,

हम अक्सर सुनते हैं, सोना तप कर खरा होता है। हम खिलाड़ियों के लिए भी ज्यादा से ज्यादा मौके बना रहे हैं, ताकि वे अपने सामर्थ्य को और निखार सकें। आज साल भर में कई टूर्नामेंट्स आयोजित किए जा रहे हैं। खेलो इंडिया सीरीज में कई सारे नए टूर्नामेंट्स जोड़े गए हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स की वजह से यंग प्लेयर्स को आगे बढ़ने का मौका मिला है यूनिवर्सिटी गेम्स, यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को नए अवसर दे रहे हैं। खेलो इंडिया पैरा गेम्स से पैरा एथलीट्स की परफॉर्मेंस नए-नए अचीवमेंट कर रही है। अभी कुछ दिन पहले ही लद्दाख में खेलो इंडिया विंटर गेम्स का पांचवां एडिशन शुरू हो चुका है। पिछले साल ही हमने बीच गेम्स का आयोजन किया था।

और साथियों,

ऐसा नहीं है कि ये सारे काम सिर्फ सरकार ही करा रही है। आज भाजपा के सैकड़ों सांसद नए टैलेंट को आगे लाने के लिए अपने क्षेत्रों में सांसद खेल कूद स्पर्धा करा रहे हैं। मैं भी काशी का सांसद हूं, अगर मैं सिर्फ अपने संसदीय क्षेत्र की बात करूं, तो सांसद खेल प्रतियोगिता में हर साल काशी संसदीय क्षेत्र में करीब ढाई लाख युवाओं को खेलने का, खिलने का मौका मिल रहा है। यानि देश में खेलों का एक खूबसूरत गुलदस्ता तैयार हो गया है, जिसमें हर सीजन में फूल खिलते हैं, लगातार टूर्नामेंट होते हैं।

साथियों,

हम स्पोर्ट्स को भारत के सर्वांगीण विकास का एक प्रमुख माध्यम मानते हैं। जब कोई देश स्पोर्ट्स में आगे बढता है, तो देश की साख भी बढ़ती है, देश का प्रोफाइल भी बढ़ता है। इसलिए, आज स्पोर्ट्स को भारत के विकास से जोड़ा जा रहा है। हम इसे भारत के युवाओं के आत्मविश्वास से जोड़ रहे हैं। आज भारत, दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनने की ओर अग्रसर है, इसमें स्पोर्ट्स इकोनॉमी का बड़ा हिस्सा हो, ये हमारा प्रयास है। आप जानते हैं, किसी स्पोर्ट्स में सिर्फ एक खिलाड़ी ही नहीं खेलता, उसके पीछे एक पूरा इकोसिस्टम होता है। कोच होते हैं, ट्रेनर होते हैं, न्यूट्रिशन और फिटनेस पर ध्यान देने वाले लोग होते हैं, डॉक्टर होते हैं, इक्विपमेंट्स होते हैं। यानि इसमें सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग, दोनों के लिए स्कोप होता है। ये जो अलग-अलग स्पोर्ट्स का सामान पूरी दुनिया के खिलाड़ी यूज़ करते हैं, भारत उनका क्वालिटी मैन्युफेक्चरर बन रहा है। यहां से मेरठ ज्यादा दूर नहीं है। वहां स्पोर्ट्स का सामान बनाने वाली, 35 हज़ार से ज्यादा छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां हैं। इनमें तीन लाख से अधिक लोग काम कर रहे हैं। ये इकोसिस्टम देश के कोने-कोने में बने, आज देश इसके लिए काम कर रहा है।

साथियों,

कुछ समय पहले मुझे दिल्ली में अपने आवास पर ओलंपिक्स टीम से मिलने का अवसर मिला। बातचीत के दौरान एक साथी ने, पीएम की नई परिभाषा बताई थी। उन्होंने कहा कि देश के खिलाड़ी मुझे पीएम यानि प्राइम मिनिस्टर नहीं, बल्कि परम मित्र मानते हैं। आपका ये विश्वास ही मुझे ऊर्जा देता है। मेरा आप सभी के टैलेंट पर, आपके सामर्थ्य पर पूरा भरोसा है, हमारी पूरी कोशिश है, आपका सामर्थ्य बढ़े, आपके खेल में और निखार आए। बीते 10 सालों में देखिए, आपके टैलेंट को सपोर्ट करने पर हमने निरंतर फोकस किया है। 10 साल पहले स्पोर्ट्स का जो बजट था, वो आज तीन गुना से ज्यादा हो चुका है। TOPS स्कीम के तहत ही देश के दर्जनों खिलाड़ियों पर सैकड़ों करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। खेलो इंडिया प्रोग्राम के तहत देशभर में आधुनिक स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। आज स्कूल में भी स्पोर्ट्स को मेनस्ट्रीम किया गया है। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी मणिपुर में बन रही है।

साथियों,

सरकार के इन प्रयासों का नतीजा हम ग्राउंड पर देख रहे हैं, मेडल टैली में दिखाई दे रहे हैं। आज हर इंटरनेशनल इवेंट में भारतीय खिलाड़ी अपना परचम लहरा रहे हैं। ओलंपिक्स और पैरालंपिक्स में, हमारे खिलाड़ियों ने कितना अच्छा प्रदर्शन किया है। उत्तराखंड से भी कितने ही खिलाड़ियों ने मेडल जीते हैं। मुझे खुशी है कि बहुत से मेडल विनर आज आपका हौसला बढ़ाने के लिए यहां इस वेन्यू पर भी आए हैं।

साथियों,

हॉकी में पुराने गौरवशाली दिन वापस लौट रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही हमारी खो-खो टीम ने वर्ल्ड कप जीता है। हमारे गुकेश डी. ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीता, तो दुनिया हैरान रह गई। कोनेरू हम्पी, महिला विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन बनीं, ये सफलता दिखाती है कि भारत में कैसे स्पोर्ट्स अब सिर्फ Extra-Curricular Activity नहीं रह गया है। अब हमारे युवा Sports को प्रमुख Career Choice मानकर काम कर रहे हैं।

साथियों,

जैसे हमारे खिलाड़ी हमेशा बड़े लक्ष्य लेकर चलते हैं, वैसे ही, हमारा देश भी बड़े संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। आप सभी जानते हैं कि भारत, 2036 ओलंपिक्स की मेज़बानी के लिए पूरा ज़ोर लगा रहा है। जब भारत में ओलंपिक होगा, तो वो भारत के स्पोर्ट्स को एक नए आसमान पर ले जाएगा। ओलंपिक्स सिर्फ एक खेल का आयोजन भर नहीं होता, दुनिया के जिन देशों में भी ओलंपिक्स होता है, वहां अनेक सेक्टर्स को गति मिलती है। ओलंपिक्स के लिए जो स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है, उससे भी रोजगार बनता है। भविष्य में खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं बनती हैं। जिस शहर में ओलंपिक होता है, वहां नया कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है। इससे कंस्ट्रक्शन से जुड़ी इंडस्ट्री को बल मिलता है, ट्रांसपोर्ट से जुड़ा सेक्टर आगे बढ़ता है। और सबसे बड़ा फायदा तो देश के टूरिज्म को मिलता है। अनेकों नए होटल बनते हैं, दुनिया भर से लोग ओलंपिक्स में हिस्सा लेने और गेम्स देखने आते हैं। इसका पूरे देश को फायदा होता है। जैसे ये नेशनल गेम्स का आयोजन, यहां देवभूमि उत्तराखंड में हो रहा है। यहां जो दर्शक, देश के दूसरे हिस्से से आएंगे, वो उत्तराखंड के दूसरे हिस्सों में भी जाएंगे। यानि स्पोर्ट्स के एक इवेंट से सिर्फ खिलाड़ियों को ही फायदा नहीं होता, बल्कि बहुत से अन्य सेक्टर्स की इकोनॉमी भी इससे ग्रो करती है।

साथियों,

आज दुनिया कह रही है, 21वीं सदी भारत की सदी है। और यहां बाबा केदार के दर्शन के बाद मेरे मुंह से, मेरे दिल से अचानक ही निकला था- ये उत्तराखंड का दशक है। मुझे खुशी है कि उत्तराखंड तेज़ी से प्रगति कर रहा है। कल ही उत्तराखंड देश का ऐसा राज्य बना है, जिसने यूनिफॉर्म सिविल कोड, समान नागरिक संहिता लागू की, मैं कभी-कभी इसे सेक्‍युलर सिविल कोड भी कहता हूं। समान नागरिक संहिता, हमारी बेटियाँ, माताओं-बहनों के गरिमापूर्ण जीवन का आधार बनेगी। यूनिफॉर्म सिविल कोड से लोकतंत्र की स्पिरिट को मजबूती मिलेगी, संविधान की भावना मजबूत होगी। और मैं आज यहां स्पोर्ट्स के इस इवेंट में हूं, तो इसे मैं आपसे जोड़कर भी देखता हूं। स्पोर्ट्स-मैन-शिप हमें भेदभाव की हर भावना से दूर करती है, हर जीत, हर मेडल के पीछे का मंत्र होता है- सबका प्रयास। स्पोर्ट्स से हमें टीम भावना के साथ खेलने की प्रेरणा मिलती है। यही भावना यूनिफॉर्म सिविल कोड की भी है। किसी से भेदभाव नहीं, हर कोई बराबर। मैं उत्तराखंड की भाजपा सरकार को इस ऐतिहासिक कदम के लिए बधाई देता हूं।

साथियों,

उत्तराखंड में पहली बार, इतने बड़े पैमाने पर इस तरह के नेशनल इवेंट का आयोजन हो रहा है। ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है। इससे यहां रोजगार के भी ज्यादा अवसर बनेंगे, यहां के युवाओं को यहीं पर काम मिलेगा। उत्तराखंड को अपने विकास के लिए और भी नए रास्ते बनाने ही होंगे। अब जैसे उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था सिर्फ चार धाम यात्राओं पर निर्भर नहीं रह सकती। सरकार आज सुविधाएं बढ़ाकर इन यात्राओं का आकर्षण लगातार बढ़ा रही है। हर सीजन में श्रद्धालुओं की संख्या भी नए रिकॉर्ड बना रही है। लेकिन इतना काफी नहीं है। उत्तराखंड में शीतकालीन आध्यात्मिक यात्राओं को भी प्रोत्साहित करना जरूरी है। मुझे खुशी है कि इस दिशा में भी उत्तराखंड में कुछ नए कदम उठाए गए हैं।

साथियों,

उत्तराखंड एक प्रकार से मेरा दूसरा घर है। मेरी भी इच्छा है कि मैं शीतकालीन यात्राओं का हिस्सा बनूं। मैं देशभर के युवाओं से भी कहूंगा कि सर्दियों में जरूर उत्तराखंड आएं। तब यहां श्रद्धालुओं की संख्या भी उतनी नहीं होती। आपके लिए एडवेंचर से जुड़ी एक्टिविटीज़ की बहुत संभावना यहां पर है। आप सभी एथलीट्स भी नेशनल गेम्स के बाद इनके बारे में जरूर पता करिएगा और हो सके तो देवभूमि के आतिथ्य का और ज्यादा दिनों तक आनंद उठाइएगा।

साथियों,

आप सभी अपने-अपने राज्यों को रिप्रज़ेंट करते हैं। आने वाले दिनों में आप यहां कड़ी स्पर्धा करेंगे। अनेक नेशनल रिकॉर्ड टूटेंगे, नए रिकॉर्ड बनेंगे। आप पूरे सामर्थ्य के अनुसार अपना शत-प्रतिशत देंगे, लेकिन मेरा आपसे कुछ आग्रह भी हैं। ये नेशनल गेम्स सिर्फ खेल की ही स्पर्धा नहीं है, ये एक भारत श्रेष्ठ भारत का भी एक मजबूत मंच है। ये भारत की विविधता को सेलिब्रेट करने का आयोजन है। आप कोशिश करें, आपके मेडल में, भारत की एकता और श्रेष्ठता की चमक भी नजर आए। आप यहां से देश के अलग-अलग राज्यों की भाषा, खान-पान, गीत-संगीत की बेहतर जानकारी लेकर जाएं। मेरा एक आग्रह स्वच्छता को लेकर भी है। देवभूमि के निवासियों के प्रयासों से उत्तराखंड प्लास्टिक मुक्त बनने की दिशा में काफी मेहनत कर रहा है, आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है। प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड का संकल्प, आपके सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता। इस अभियान को सफल बनाने में जरूर अपना योगदान दें।

साथियों,

आप सभी फिटनेस का महत्व समझते हैं। इसलिए मैं आज एक ऐसी चुनौती की बात भी करना चाहता हूं, जो बहुत जरूरी है। आंकड़े कहते हैं कि हमारे देश में Obesity की, मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। देश का हर एज ग्रुप, और य़ुवा भी इससे बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। और ये चिंता की बात इसलिए भी है, क्योंकि Obesity, मोटापे की वजह से Diabetes, Heart disease जैसी बीमारियों का रिस्क बढ़ रहा है। मुझे संतोष है कि आज देश Fit India Movement के माध्यम से फिटनेस और Healthy Lifestyle के लिए जागरूक हो रहा है। ये नेशनल गेम्स भी, हमें ये सिखाते हैं कि Physical Activity, Discipline और Balanced Life कितनी जरूरी है। आज मैं देशवासियों से कहूंगा, दो चीजों पर जरूर फोकस करें। ये दो चीजें, Exercise और Diet से जुड़ी हैं। हर दिन, थोड़ा सा समय निकालकर एक्सरसाइज जरूर करिए। टहलने से लेकर वर्क-आउट करने तक, जो भी संभव हो अवश्य कीजिए। दूसरा ये कि अपनी Diet पर फोकस कीजिए। Balanced Intake पर आपका फोकस हो और खाना न्यूट्रिशियस हो, पौष्टिक हो।

एक और चीज हो सकती है। अपने खाने में अन-हेल्दी फैट, तेल को थोड़ा कम करें। अब जैसे हमारे सामान्य घरों में, महीने की शुरुआत में राशन आता है। अब तक अगर आप हर महीने दो लीटर खाने का तेल घर लाते थे, तो इसमें कम से कम 10 प्रतिशत की कटौती करिए। हम हर दिन जितना तेल यूज करते हैं, उसको 10 परसेंट कम करें। ये Obesity से बचने के कुछ रास्ते हमें खोजने पड़ेंगे। ऐसे छोटे-छोटे कदम उठाने से आपकी हेल्थ में बहुत बड़ा चेंज आ सकता है। और यही तो हमारे बड़े-बुजुर्ग करते थे। वो ताजी चीजें, नैचुरल चीजें, Balanced Meals खाते थे। एक स्वस्थ तन ही, स्वस्थ मन और स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। मैं राज्य सरकारों, स्कूलों, ऑफिसों और Community Leaders से भी कहूंगा कि वो इसे लेकर जागरूकता फैलाएं, आप सभी को तो बहुत सारा प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस है। मैं चाहता हूं कि आप सही Nutrition की जानकारी निरंतर लोगों तक पहुंचाएं। आइए, हम सब मिलकर एक ‘फिट इंडिया’ बनाएं, इसी आह्वान के साथ।

साथियों,

वैसे मेरा दायित्व होता है नेशनल गेम्स की शुरुआत करवाने का, लेकिन मैं आज आप सबको जोड़कर करना चाहता हूं। तो इस गेम्‍स के शुभारंभ के लिए आप अपने मोबाइल के फ्लैश लाइट चालू कीजिए, आप सब। आप सब अपने मोबाइल के फ्लैश लाइट चालू कीजिए। सबके-सबके मोबाइल के फ्लैश लाइट चालू हों, आप सबके मोबाइल के फ्लैश लाइट चालू हों। आप सबके साथ मिलकर मैं 38वें नेशनल गेम्स की शुरुआत की घोषणा करता हूं। एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद !