प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नयी दिल्ली में वैश्विक गतिशीलता शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया।
शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था, आधारभूत ढांचा, युवाओं और अन्य दूसरे मामलों में भारत गतिशील बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि गतिशीलता अर्थव्यवस्था को चलाये रखने वाला एक प्रमुख कारक है और यह आर्थिक विकास को बढ़ा सकती है और रोजगार के अवसरों का सृजन कर सकती है।
प्रधानमंत्री ने सात 'सी' के आधार पर भारत में गतिशीलता के भविष्य की संकल्पना को व्यक्त किया। ये सात 'सी' हैं - कॉमन, कनेक्टेड, कनवीनिएंट, कनजेशन फ्री, चार्जड, क्लीन एवं कटिंग एज़।
प्रधानमंत्री के संबोधन का मूलपाठ निम्नवत है:
“महामहिम,
विश्व भर से यहां उपस्थित गणमान्य प्रतिनिधिमंडल,
देवियों एवं सज्जनों,
मैं वैश्विक गतिशीलता शिखर सम्मेलन में आप सबका स्वागत करता हूं।
मूव - इस शिखर सम्मेलन का नाम आज के भारत की सोच को व्यक्त करता है। यह सच है कि भारत गतिमान है:
हमारी अर्थव्यवस्था गतिमान है। हम विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से विकसित होती हुई अर्थव्यवस्था हैं।
हमारे कस्बे एवं शहर गतिमान हैं। हम 100 स्मॉर्ट शहरों का निर्माण कर रहे हैं।
हमारा बुनियादी ढांचा गतिमान है। हम सड़कों, हवाई अड्डों, रेल की पटरियों और बंदरगाहों का निर्माण तेज गति से कर रहे हैं।
हमारी वस्तुएं गतिमान हैं। वस्तु एवं सेवा कर ने हमें हमारी आपूर्ति प्रणाली और भंडारगृहों के तंत्र को सुव्यवस्थित बनाने में मदद की है।
हमारे सुधार गतिमान हैं। हमने भारत को ऐसे विकसित किया है कि जहां व्यवसाय करना सरल है।
हमारे जीवन गतिमान हैं। परिवारों को घर, शौचालय, धुंआ-मुक्त घरेलू गैस के सिलेंडर, बैंक खाते और कर्ज मिल रहे हैं।
हमारे युवा गतिमान हैं। हम बहुत तेजी से स्टार्ट अप्स के लिये विश्व की राजधानी के तौर पर उभर रहे हैं। भारत एक नयी ऊर्जा, लक्ष्य पर शीघ्र पहुंचने की इच्छा एवं उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रहा है।
साथियों,
हम सभी को पता है कि गतिशीलता मानव की प्रगति के लिये अहम रही है।
गतिशीलता के संबंध में विश्व आज एक नयी क्रांति से गुजर रहा है। इसलिये यह जरूरी है कि गतिशीलता को एक वृहद परिप्रेक्ष्य में समझा जाये।
गतिशीलता अर्थव्यवस्था के लिये एक अहम कारक है। बेहतर गतिशीलता परिवहन और यात्रा के ऊपर दबाव को कम कर सकती है और अर्थव्यवस्था को गति दे सकती है। यह पहले से ही रोजगार का एक बड़ा माध्यम है और अगली पीढ़ी के रोजगार के अवसरों का सृजन कर सकती है।
गतिशीलता शहरीकरण की प्रक्रिया के केंद्र में है। मोटरचालित व्यक्तिगत वाहनों को हमेशा नयी सड़कों, गाड़ी खड़ी करने के स्थानों और बुनियादी ढांचे की जरूरत होती है।
गतिशीलता 'जीवन को सरल' बनाने के लिये एक महत्वपूर्ण अवयव है। जो समय विद्यालय तथा काम पर जाने में लगता है, ट्रैफिक में फंसने की झुंझलाहट, परिजनों से मिलने एवं सामान की आपूर्ति पर आने वाला खर्च, सार्वजनिक परिवहन के साधनों की सुलभता, जिस हवा में हमारे बच्चे सांस लेते हैं उसकी गुणवत्ता और यात्रा के दौरान सुरक्षा ये सारी चीजें एक तरीके से हम सभी के दिमाग में सदैव रहती हैं।
गतिशीलता हमारे ग्रह के संरक्षण की दृष्टि से भी अहम है। कॉर्बन डाइ ऑक्साइड के वैश्विक उत्सर्जन का 20 प्रतिशत सड़क परिवहन से ही पैदा होता है जो कि शहरों में घुटन का वैश्विक तापमान में वृद्धि का खतरा पैदा करता है।
समय की मांग है कि गतिशीलता के एक ऐसे पारिस्थिकी तंत्र का निर्माण किया जाये जिसका कि प्रकृति के साथ सामंजस्य हो।
जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध हमारी लड़ाई का अगला मोर्चा गतिशीलता ही है। बेहतर गतिशीलता बेहतर नौकरियां और एक बेहतर बुनियादी ढांचा उपलब्ध करा सकती है और जीवन की गुणवत्ता को सुधार सकती है। यह खर्च घटा सकती है, आर्थिक गतिविधियों का विस्तार कर सकती है और धरती की रक्षा कर सकती है। इस प्रकार से यह जनजीवन के कार्यकलाप को व्यापक रूप से प्रभावित करती है।
गतिशीलता, विशेषकर के गतिशीलता का डिजिटलीकरण व्यापक परिवर्तन लाने वाला है। इसमें नयी खोजों के लिये व्यापक संभावना है और यह अत्यधिक तीव्र गति से हो रहा है।
लोग पहले से ही टैक्सियों को फोन के जरिये मंगा रहे हैं, शहरों में साइकिल को साझा कर रहे हैं और बसें स्वच्छ ऊर्जा पर चल रही हैं और कारें बिजली की कारों में बदल रही हैं।
भारत में हम गतिशीलता पर बल दे रहे हैं। हमने राजमार्गों के निर्माण की गति को दोगुना तेज कर दिया है।
हमने अपने ग्रामीण सड़क निर्माण कार्यक्रम में नयी जान फूंक दी है। हम ईंधन की कम खपत वाले और स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। जिन क्षेत्रों में पर्याप्त सुविधायें नहीं थी वहां पर सस्ती हवाई सेवाओं का विकास कर चुके हैं। हम सैकड़ों नये वायुमार्गों पर संचालन भी शुरू कर रहे हैं।
परंपरागत साधनों जैसे रेल और सड़कों के अलावा हम जलमार्गों पर भी जोर दे रहे हैं।
हम अपने शहरों में घरों, विद्यालयों एवं कार्यस्थल की दूरी को स्थानों के बेहतर चयन से कम कर रहे हैं।
हमने आंकड़ों पर आधारित कामों की भी शुरुआत की है जैसे बुद्धिमान यातायात प्रबंधन प्रणालियां।
लेकिन हमें पदयात्रियों एवं साइकिल चलाने वालों को प्राथमिकता देकर और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
मित्रों,
तेजी से बदल रहे गतिशीलता के परिदृश्य में भारत की कुछ अंतर्निहित शक्तियां और तुलनात्मक फायदे हैं। हमारी शुरुआत नयी है और हमारे पास गतिशीलता की ऐसी विरासत भी नहीं है जिसमें संसाधनों को ध्यान में नहीं रखा गया हो।
हमारे पास अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में प्रति व्यक्ति कम वाहन है अत: हम ऐसी अन्य अर्थव्यवस्थाओं के पिछले अनुभवों को नहीं ढो सकते जो निजी कार स्वामित्व की सहायता से निर्मित हुई हैं। इस शिखर सम्मेलन से हमें एकदम नए और समेकित मोबिलिटी मिश्रित नेटवर्क को स्थापित करने का अवसर मिलेगा।
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, हमारी क्षमता सूचना प्रौद्योगिकी, बड़े आंकड़ों, डिजिटल भुगतानों और इंटरनेट सक्षम साझी अर्थव्यवस्था में निहित है। ये तत्व मोबिलिटी के वैश्विक भविष्य के संचालक हैं।
पहचान की हमारी अनोखी योजना, आधार, और भारत की जनसंख्या को डिजिटल युग में लाने के लिए एक समेकित साफ्टवेयर मंच तैयार करने की महत्वाकांक्षी परियोजना ने विस्तृत सार्वजनिक डिजिटल संरचना तैयार की है। इसने हमारे 850 मिलियन नागरिकों को डिजिटल तौर पर अधिकार संपन्न बनाया है। भारत यह दिखा सकता है कि किस प्रकार से ऐसी डिजिटल संरचना को नए मोबिलिटी बिजनेस मॉडल के साथ जोड़ा जा सकता है।
नवीकरणीय ऊर्जा पर हमारा जोर यह सुनिश्चित करेगा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के पर्यावरण संबंधी लाभों को पूरी तरह हासिल किया जा सकता है। हमनें 2022 तक नवीनीकरण योग्य संसाधनों से 175 गीगावॉट ऊर्जा प्राप्त करने की योजना बनाई है। हम पहले से ही विश्व में सौर-ऊर्जा के पांचवें सबसे बड़े उत्पादक है। हम नवीकरणीय ऊर्जा के छठे सबसे बड़े उत्पादक भी हैं। हमने अतंर्राष्ट्रीय सौर संबंधों के जरिए वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा की हिमायत की है।
हमारा तेजी से बढ़ता निर्माण आधार है, खासतौर से स्वचलित क्षेत्र में।
हमारे पास बड़ी संख्या में डिजिटिल तौर पर साक्षर, युवा आबादी है। यह भविष्य को मजबूत बनाने के लिए लाखों शिक्षित मस्तिष्क, कुशल हाथ और आकांक्षापूर्ण स्वप्न प्रदान करती है।
अत: मैं आश्वस्त हूं कि भारत विश्व में श्रेष्ठ स्थान पर स्थित है, जो ‘मोबिलिटी अर्थव्यवस्था’ में पहला प्रवर्तक होगा।
भारत में मोबिलिटी के भविष्य के लिए मेरी कल्पना 7 सी पर आधारित है – कॉमन, कनेक्टेड, कनवीनिएंट, कंजेश्चन फ्री, चार्जड, क्लीन और कटिंग-ऐज।
कॉमन सार्वजनिक परिवहन हमारी मोबिलिटी पहल का आधार होनी चाहिए। डिजिटिलाइजेशन से तैयार नए बिजनेस मॉडल वर्तमान में दोबारा नई मिसाल कायम कर रहे हैं। बड़े आंकड़ों की मदद से हम अपने पैटर्न और जरूरतों को बेहतर तरीके से समझकर स्मार्ट फैसले करने में सक्षम है।
हमारा ध्यान कारों से आगे अन्य वाहनों जैसे स्कूटरों और रिक्शा की तरफ केन्द्रित होना चाहिए। विकासशील देशों का बड़ा तबका मोबिलिटी के लिए इन वाहनों पर निर्भर करता है।
कनेक्टेड मोबिलिटी में भौगोलिक दृष्टि के साथ-साथ परिवहन के तरीकों को जोड़ना शामिल है। इंटरनेट सक्षम जोड़ी गई साझी अर्थव्यवस्था मोबिलिटी के आधार के रूप में उभर रही है।
हमें निजी वाहनों के उपयोग में सुधार लाने के लिए वाहनों की पूलिंग और अन्य नवीन तकनीकी समाधानों की पूरी संभावना देखनी चाहिए। गांव के लोग आसानी और तेजी के साथ अपने उत्पाद शहरों में लाने में सक्षम हो।
कनवीनिएंट मोबिलिटी का अर्थ है सुरक्षित, सस्ती और समाज के सभी वर्गों के लिए सुगम्य। इसमें बुजुर्ग, महिलाएं और विशेष रूप से सक्षम व्यक्ति शामिल है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि निजी वाहनों से यात्रा के बजाय सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दी जाए।
कनजेशन फ्री मोबिलिटी भीड़-भाड़ के आर्थिक और पर्यावरण संबंधी खर्च पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण है। अत: नेटवर्क की कमियों को समाप्त करने पर जोर दिया जाना चाहिए। इससे ट्रैफिक जाम कम होगा और लोगों को यात्रा के समय होने वाला तनाव कम होगा। इससे प्रचालन तंत्र और माल लाने-ले जाने में अधिक तेजी आएगी।
चार्जड मोबिलिटी आगे बढ़ने का रास्ता है। हम बैटरियों से लेकर स्मार्ट चार्जिंग और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण की मूल्य श्रृंखला में निवेश करना चाहते है। भारत के बड़े व्यवसायी अब बैटरी टेक्नोलोजी विकसित करना चाहते हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अंतरिक्ष में सेटेलाइटों के संचालन के लिए बेहतरीन बैटरी प्रणाली का उपयोग करता है। अन्य संस्थान इलेक्ट्रिक कारों के लिए लागत प्रभावी और सक्षम बैटरी प्रणाली विकसित करने के लिए इसरो से साझेदारी कर सकते है। हम भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों के ड्राइवर के रूप में बनाना चाहते है।
हम शीघ्र ही इलेक्ट्रिक तथा अन्य वैकल्पिक ईंधन वाहनों के लिए स्थायी नीति व्यवस्था बनाएंगे। नीतियां सभी के लिए अच्छी बनेगी और ऑटोमोटिव क्षेत्र में अपार अवसर प्रदान करेगी।
स्वच्छ ऊर्जा प्रेरित स्वच्छ मोबिलिटी जलवायु परिवर्तन के विरूद्ध हमारी लड़ाई में सर्वाधिक शक्तिशाली हथियार है। इसका अर्थ यह है कि प्रदूषण मुक्त स्वच्छ वातावरण से हवा स्वच्छ होती है और यह हमारे लोगों को बेहतर जीवन मानक प्रदान करता है।
हमें ‘क्लिन किलोमीटर्स’ के विचार को अपनाना चाहिए। यह जैव ईंधन इलेक्ट्रिक या सौर चार्जिंग से हासिल किया जा सकता है। इलेक्ट्रिक वाहन विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा में हमारे निवेश का पूरक हो सकते है।
हम इसमें जो भी लगता है करेंगे, क्योंकि यह विरासत के प्रति हमारी वचनबद्धता है और आने वाली पीढियों के लिए हमारा वायदा।
कटिंग-ऐज : अपने शुरूआती दिनों में कटिंग ऐज इंटरनेट की तरह है। यह कटिंग ऐज है। पिछले सप्ताहों में ‘मूव हैक’ तथा ‘पीच टू मूव’ जैसे आयोजन दिखाते है कि किस तरह आपका दिमाग सृजनात्मक समाधान के साथ आगे बढ़ रहा है।
उद्यमियों को मोबिलिटी क्षेत्र को नवाचार के लिए अपार संभावनाओं वाले क्षेत्र के रूप में देखना चाहिए। यह वह क्षेत्र है, जहां नवाचार लोक कल्याण के लिए समस्याओं के समाधान में मदद कर सकते हैं।
मित्रों,
मुझे विश्वास है कि ‘मोबिलिटी रिवोल्युशन’ हमारी वृद्धि और विकास में सहायक है, जब भारत मोबिलिटी परिवर्तन करता है, तो इसका लाभ मानवता के पांचवे हिस्से को मिलता है। यह दूसरों के लिए दोहराने वाली सफलता गाथा है।
आइए, हम विश्व के लिए एक टेम्पलेट तैयार करें
निष्कर्ष रूप में मैं भारत के युवाओं से अपील करूगां।
मेरे युवा, सक्रिय मित्रों, यह नवाचार के नये युग का नेतृत्व करने के लिए आपका अवसर है। यह भविष्य है। यह वह क्षेत्र है, जिसमें डॉक्टर से लेकर इंजीनियर तथा मैकेनिक तक सब खप जाएंगे। हमें इस क्रांति को शीघ्र अपना लेना चाहिए और अपनी शक्तियों का लाभ उठाते हुए अपने तथा दूसरों के लिए मोबिलिटी नवाचार प्रणाली की अगुवाई करनी चाहिए।
आज यहां एकत्रित योग्यता और टेक्नोलॉजी में भारत और विश्व के लिए परिवर्तनकारी मोबिलिटी तैयार करने की क्षमता है। यह बदलाव ‘केयरिंग फॉर आवर वर्ल्ड’ तथा ‘शेयरिंग विद अदर्स’ के विचार पर आधारित होगा।
प्राचीन काल में हमारे ग्रंथों में कहा गया है -
ॐ सह नाववतु
सह नौ भुनक्तु
सह वीर्यं करवावहै
तेजस्वि ना वधीतमस्तु मा विद्विषावहै
मित्रों,
मैं आशांवित हूं कि हम एक साथ क्या कर सकते हैं।
यह शिखर बैठक केवल प्रारंभ है, आईये हम सब आगे बढ़ें।
धन्यवाद,
बहुत-बहुत धन्यवाद।
Indeed, India is on the MOVE:
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2018
Our economy is on the MOVE. We are the world’s fastest growing major economy
Our cities and towns are on the MOVE. We are building 100 smart cities
Our infrastructure is on the MOVE. We are speedily building roads, airports, rail lines & ports: PM
Our goods are on the MOVE. GST has helped us rationalize supply chains & warehouse networks.
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2018
Our reforms are on the MOVE. We have made India an easier place to do business.
Our lives are on the MOVE. Families are getting homes, toilets, LPG cylinders, bank accounts & loans: PM
Our youth are on the MOVE. We are fast emerging as the start-up hub of the world.
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2018
India is MOVING ahead with new energy, urgency and purpose: PM
Mobility is a key driver of the economy.
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2018
Better mobility reduces the burden of travel and transportation, and can boost economic growth.
It is already a major employer and can create the next generation of jobs: PM
We have doubled our pace of construction of highways.
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2018
We have re-energized our rural road building programme.
We are promoting fuel efficient and cleaner fuel vehicles.
We have developed low-cost air connectivity in under-served regions: PM
My vision for the future of mobility in India is based on 7 C’s:
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2018
Common,
Connected,
Convenient,
Congestion-free,
Charged,
Clean,
Cutting-edge: PM
Common Public Transport must be the cornerstone of our mobility initiatives.
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2018
New business models driven by digitization, are reinventing the existing paradigm.
Our focus must also go beyond cars, to other vehicles such as scooters and rickshaws: PM
Connected mobility implies integration of geographies as well as modes of transport.
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2018
The Internet-enabled Connected Sharing Economy is emerging as the fulcrum of mobility.
We must leverage the full potential for vehicle pooling to improve private vehicle utilization: PM
Convenient mobility means safe, affordable and accessible for all sections of the society.
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2018
This includes the elderly, the women and the specially abled.
We need to ensure that public transport is preferred to private modes of travel: PM
Congestion free mobility is critical to check the economic and environmental costs of congestion.
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2018
Hence, there should be emphasis on de-bottlenecking of networks.
This would result in fewer traffic jams and lower levels of stress for commuters: PM
Charged mobility is the way forward.
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2018
We want to drive investments across the value chain from batteries to smart charging to Electric Vehicle manufacturing.
India’s entrepreneurs & manufacturers are now poised to develop and deploy break-through battery technology: PM
Clean Mobility powered by Clean Energy is our most powerful weapon in our fight against Climate Change.
— PMO India (@PMOIndia) September 7, 2018
This means a pollution-free clean drive, leading to clean air and better living standards for our people.
We should champion the idea of ‘clean kilometres’: PM