प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के राजघाट स्थित गांधी स्मृति और दर्शन समिति में, राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र- स्वच्छ भारत मिशन पर एक संवाद एवं अनुभव केंद्र का उद्घाटन किया। महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह के अवसर पर, गांधीजी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र (आरएसके) की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार 10 अप्रैल 2017 को की थी। इस अवसर पर श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जल शक्ति मंत्री और श्री रतन लाल कटारिया, जल शक्ति राज्यमंत्री भी उपस्थित थे।
राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का दौरा
राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र (आरएसके) के पास डिजिटल और आउटडोर प्रतिष्ठानों का एक संतुलित मिश्रण है जो कि 2014 में 50 करोड़ से ज्यादा लोगों के खुले में शौच करने से लेकर 2019 में खुले में शौच से मुक्त भारत के परिवर्तनों पर नज़र डालता है। प्रधानमंत्री ने आरएसके के तीन अलग-अलग खंडों का दौरा किया। उन्होंने सबसे पहले हॉल 1 में एक अद्वितीय 360° ऑडियो विजुअल इमर्सिव शो का अनुभव प्राप्त किया जो स्वच्छ भारत यात्रा के लिए अवलोकन प्रदान करता है। इसके बाद वे हॉल 2 में गए, जिसमें संवादात्मक एलईडी पैनल, होलोग्राम बॉक्स, संवादात्मक खेलों और स्वच्छ भारत अभियान पर बहुत कुछ शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री ने आरएसके से सटे हुए लॉन में प्रतिष्ठानों को भी देखा, जो तीन प्रदर्शनियों का प्रदर्शन करते हैं जो स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) का पर्याय हैं - महात्मा गांधी लोगों को स्वच्छता की प्रतिज्ञा दिलाते हुए, ग्रामीण झारखंड की रानी मिस्त्री और स्वच्छाग्रही बच्चे जो खुद को वानर सेना कहते हैं।
स्कूली छात्रों से बातचीत
संपूर्ण आरएसके का दौरा करने के बाद, प्रधानमंत्री ने आरएसके स्मारिका केंद्र का संक्षिप्त दौरा किया। इसके पश्चात, उन्होंने आरएसके के एम्फीथिएटर में भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले दिल्ली के 36 स्कूली छात्रों के साथ बातचीत की, जिसमें सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉल का पालन किया गया। प्रधानमंत्री के साथ बच्चों ने अपने घरों और स्कूलों में स्वच्छता गतिविधियों के अनुभवों और आरएसके द्वारा अपने ऊपर पड़ने वाले छापों को साझा किया। उनमें से एक छात्र ने प्रधानमंत्री से यह भी पूछा कि आरएसके में उनका पसंदीदा भाग क्या है, जिसका प्रधानमंत्री ने उत्तर दिया कि उन्हें एसबीएम, महात्मा गांधी की प्रेरणा के लिए समर्पित भाग को देखकर सबसे ज्यादा आनंद प्राप्त हुआ।
राष्ट्र को संबोधन
बच्चों के साथ बातचीत करने के बाद, प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान की यात्रा को याद किया और आरएसके को श्रद्धांजलि के रूप में महात्मा गांधी को समर्पित किया। उन्होंने स्वच्छता को जन आंदोलन बनाने के लिए भारत के नागरिकों की सराहना की और उनसे भविष्य में भी ऐसा करते रहने का आग्रह किया। उन्होंने हमारे दैनिक जीवन में स्वच्छता के महत्व को फिर से दोहराया, विशेष रूप से कोरोना वायरस के खिलाफ हमारी लड़ाई के दौरान।
इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्वच्छता के लिए एक विशेष सप्ताह अभियान- 'गंदगी मुक्त भारत' की शुरुआत की, जिसमें 15 अगस्त तक प्रत्येक दिन स्वच्छता को फिर से जन आंदोलन में तब्दील करने के लिए शहरी और ग्रामीण भारत में विशेष स्वछता पहल की जाएगी।
राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का भ्रमण
राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र को सामाजिक दूरी और स्वच्छता के लिए जारी निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार, 9 अगस्त से सुबह 8 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक आम लोगों के लिए खोला जाएगा। चूंकि आरएसके का भ्रमण करने वाले लोगों की संख्या को एक निश्चित समय में सीमित रखना होगा, इसलिए अल्पावधि में छात्रों के लिए किसी प्रकार की यात्रा का आयोजन नहीं किया जाएगा। हालांकि, आरएसके के लिए जब तक भौतिक भ्रमण संभव नहीं हो जाता तब तक वर्चुअल भ्रमण का भी आयोजन किया जाएगा। 13 अगस्त को इस प्रकार की पहली वर्चुअल यात्रा का आयोजन, जल शक्ति मंत्री, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ किया जाएगा। आरएसके के लिए टिकट बुकिंग करने और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए rsk.ddws.gov.in पर लॉग इन किया जा सकता है।
The first such virtual tour will be organized on 13th August with Minister for Jal Shakti, Shri Gajendra Singh Shekhawat. For ticket bookings and more information on the RSK, one may log on to rsk.ddws.gov.in
आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है।
— PMO India (@PMOIndia) August 8, 2020
देश की आजादी में आज की तारीख यानि 8 अगस्त का बहुत बड़ा योगदान है।
आज के ही दिन, 1942 में गांधी जी की अगुवाई में आज़ादी के लिए एक विराट जनांदोलन शुरू हुआ था, अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा था: PM @narendramodi
ऐसे ऐतिहासिक दिवस पर, राजघाट के समीप, राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का लोकार्पण अपने आप में बहुत प्रासंगिक है।
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ये केंद्र, बापू के स्वच्छाग्रह के प्रति 130 करोड़ भारतीयों की श्रद्धांजलि है, कार्यांजलि है: PM @narendramodi
पूज्य बापू, स्वच्छता में स्वराज का प्रतिबिंब देखते थे।
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वो स्वराज के स्वपन की पूर्ति का एक मार्ग स्वच्छता को भी मानते थे।
मुझे संतोष है कि स्वच्छता के प्रति बापू के आग्रह को समर्पित एक आधुनिक स्मारक का नाम अब राजघाट के साथ जुड़ गया है: PM @narendramodi
राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र, गांधी जी के स्वच्छाग्रह और उसके लिए समर्पित कोटि-कोटि भारतीयों के विराट संकल्प को एक जगह समेटे हुए है।
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थोड़ी देर पहले जब मैं इस केंद्र के भीतर था, करोड़ों भारतीयों के प्रयासों का संकलन देखकर मैं मन ही मन उन्हें नमन कर उठा: PM @narendramodi
इस केंद्र में सत्याग्रह की प्रेरणा से स्वच्छाग्रह की हमारी यात्रा को आधुनिक टेक्नॉलॉजी के माध्यम से दर्शाया गया है, दिखाया गया है।
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और मैं ये भी देख रहा था कि स्वच्छता रोबोट तो यहां आए बच्चों के बीच में काफी लोकप्रिय है: PM @narendramodi
आज के विश्व के लिए गांधी जी से बड़ी प्रेरणा नहीं हो सकती।
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गांधी जी के जीवन और उनके दर्शन को अपनाने के लिए पूरी दुनिया आगे आ रही है।
बीते वर्ष जब पूरी दुनिया में गांधी जी की 150वीं जन्मजयंति को भव्य रूप से मनाया गया, वो अभूतपूर्व था: PM @narendramodi
गांधी जी की स्वीकार्यता और लोकप्रियता देशकाल और परिस्थिति से परे है।
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इसकी एक बड़ी वजह है, सामान्य माध्यमों से अभूतपूर्व परिवर्तन लाने की उनकी क्षमता: PM @narendramodi
जबतक जनता में आत्मविश्वास पैदा नहीं होता, तबतक वो आजादी के लिए खड़ी कैसे हो सकती था?
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इसलिए, साउथ अफ्रीका से लेकर चंपारण और साबरमती आश्रम तक, उन्होंने स्वच्छता को ही अपने आंदोलन का बड़ा माध्यम बनाया: PM @narendramodi
मुझे संतोष है कि गांधी जी की प्रेरणा से बीते वर्षों में देश के कोने-कोने में लाखों-लाख स्वच्छाग्रहियों ने स्वच्छ भारत अभियान को अपने जीवन का लक्ष्य बना दिया है।
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यही कारण है कि 60 महीने में करीब-करीब 60 करोड़ भारतीय शौचालय की सुविधा से जुड़ गए: PM @narendramodi
इसकी वजह से, देश की लाखों बेटियों को बिना रुके पढ़ाई का भरोसा मिला।
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इसकी वजह से, लाखों गरीब बच्चों को बीमारियों से बचने का उपाय मिला।
इसकी वजह से देश के करोड़ों दलितों, वंचितों, पीड़ितों, शोषितों, आदिवासियों को समानता का विश्वास मिला: PM @narendramodi
स्वच्छ भारत अभियान ने हर देशवासी के आत्मविश्वास और आत्मबल को बढ़ाया है।
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लेकिन इसका सबसे अधिक लाभ देश के गरीब के जीवन पर दिख रहा है।
स्वच्छ भारत अभियान से हमारी सामाजिक चेतना, समाज के रूप में हमारे आचार-व्यवहार में भी स्थाई परिवर्तन आया है: PM @narendramodi
देश के बच्चे-बच्चे में Personal और Social hygiene को लेकर जो चेतना पैदा हुई है, उसका बहुत बड़ा लाभ कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में भी हमें मिल रहा है।
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आप ज़रा कल्पना कीजिए, अगर कोरोना जैसी महामारी 2014 से पहले आती तो क्या स्थिति होती: PM @narendramodi
क्या तब लॉकडाउन जैसी व्यवस्थाएं संभव हो पातीं, जब भारत की 60 प्रतिशत आबादी खुले में शौच के लिए मजबूर थी?
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स्वच्छाग्रह ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमें बहुत बड़ा सहारा दिया है, माध्यम दिया है।
स्वच्छता का अभियान एक सफर है, जो निरंतर चलता रहेगा: PM @narendramodi
देश को कमजोर बनाने वाली बुराइयां भारत छोड़ें, इससे अच्छा और क्या होगा।
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इसी सोच के साथ बीते 6 साल से देश में एक व्यापक भारत छोड़ो अभियान चल रहा है।
गरीबी- भारत छोड़ो !
खुले में शौच की मजबूरी- भारत छोड़ो !
पानी के दर-दर भटकने की मजबूरी- भारत छोड़ो: PM @narendramodi
भारत छोड़ो के ये सभी संकल्प स्वराज से सुराज की भावना के अनुरूप ही हैं।
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इसी कड़ी में आज हम सभी को ‘गंदगी भारत छोड़ो’ का भी संकल्प दोहराना है।
आइए, आज से 15 अगस्त तक यानि स्वतन्त्रता दिवस तक देश में एक सप्ताह लंबा अभियान चलाएं: PM @narendramodi
जैसे गंगा जी की निर्मलता को लेकर हमें उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं, वैसे ही देश की दूसरी नदियों को भी हमें गंदगी से मुक्त करना है।
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यहां पास में ही यमुना जी हैं।
यमुना जी को भी गंदे नालों से मुक्त करने के अभियान को हमें तेज़ करना है: PM @narendramodi
ये करते समय दो गज़ की दूरी, मास्क है ज़रूरी, इस नियम को ना भूलें।
— PMO India (@PMOIndia) August 8, 2020
कोरोना वायरस हमारे मुंह और नाक के रास्ते ही फैलता भी है और फलता-फूलता भी है।
ऐसे में मास्क, दूरी और सार्वजनिक स्थानों पर ना थूकने के नियम का सख्ती से पालन करना है: PM @narendramodi