भारत सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है और यह 2030 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो सकती है: प्रधानमंत्री मोदी
ऊर्जा, सामाजिक-आर्थिक वृद्धि का प्रमुख चालक है, ऊर्जा न्याय मेरे लिए भी एक प्रमुख उद्देश्य है और भारत के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है: पीएम मोदी
सौभाग्य योजना के तहत इस साल देश में 100 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंचाई जानी है, एलईडी बल्बों के वितरण से एक साल में 17,000 करोड़ रुपए यानी 2.5 अरब डॉलर की बचत हुई: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नोएडा में पेट्रोटेक-2019 सम्‍मेलन में उद्घाटन भाषण दिया।

नमस्ते।

सबसे पहले, मैं लॉजिस्‍टकल कारणों से देरी के लिए माफी माँगता हूं।

भारत के प्रमुख हाइड्रोकार्बन सम्मेलन के तेरहवें संस्करण, पेट्रोटेक-2019 में आप सभी का स्वागत करते हुए मुझे प्रसन्‍नता हो रही है।

मैं महामहिम डॉ. सुल्तान अल जबेर को ऊर्जा क्षेत्र में उनके योगदान तथा भावी विजन के लिए बधाई देता हूं।

पिछली सदी की अंतिम तिमाही के दौरान, पेट्रोटेक ने ऊर्जा क्षेत्र में उन चुनौतियों के समाधान पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया है, जिनका सामना हमें ऊर्जा क्षेत्र में करना पड़ता है।

हमारे प्रत्येक संबंधित देश में, हम अपने नागरिकों को सस्ती, दक्ष, स्वच्छ और आश्‍वस्‍त ऊर्जा आपूर्ति प्रदान करना चाहते हैं।

यहां साठ से अधिक देशों और सात हजार प्रतिनिधियों की उपस्थिति, उस कॉमन प्रयास का सूचक है।

कई दशकों के सार्वजनिक जीवन ने मुझे विश्‍वास दिलाया है कि ऊर्जा सामाजिक-आर्थिक विकास का एक प्रमुख चालक है। अर्थव्यवस्था की त्‍वरित वृद्धि के लिए उपयुक्त मूल्य-निर्धारित, स्थिर और स्थायी ऊर्जा आपूर्ति आवश्यक है। इससे समाज के गरीब और वंचित वर्गों को आर्थिक लाभ हासिल करने में भी मदद मिलती है।

माइक्रो लेवल पर, ऊर्जा क्षेत्र विकास का मुख्‍य आधार और महत्वपूर्ण केंद्र-बिंदु है।

दोस्तों,

जैसा कि हम वैश्विक ऊर्जा के वर्तमान और भविष्य पर चर्चा करने के लिए यहां एकजुट हुए हैं, वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में हम व्‍यापक परिवर्तन को देख रहे हैं।

ऊर्जा आपूर्ति, ऊर्जा स्रोत और ऊर्जा उपभोग पैटर्न बदल रहे हैं। शायद, यह एक ऐतिहासिक परिवर्तन हो सकता है।

ऊर्जा की खपत में पश्चिम से पूर्व तक बदलाव देखा जा रहा है।

संयुक्त राज्य अमेरिका शेल क्रांति के बाद दुनिया का सबसे बड़ा तेल और गैस उत्पादक बन गया है।

सौर ऊर्जा और ऊर्जा के अन्य नवीकरणीय स्रोत अधिक प्रतिस्पर्धी बन गए हैं। वे पारंपरिक ऊर्जा रूपों के स्थायी विकल्प के रूप में उभर रहे हैं।

प्राकृतिक गैस वैश्विक ऊर्जा मिश्रण में तेजी से सबसे बड़ा ईंधन बनकर उभर रहा है।

सस्ती नवीकरणीय ऊर्जा, प्रौद्योगिकियों और डिजिटल अनुप्रयोगों के बीच कन्‍वर्जेंस के संकेत दिखाई दे रहे हैं। इससे कई सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्‍त किया जा सकता है।

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कई राष्ट्र एक साथ आ रहे हैं। इसका प्रमाण भारत और फ्रांस द्वारा संवर्धित अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसे वैश्विक साझेदारी में स्‍पष्‍ट रूप से दिखाई देता है।

हम अधिक ऊर्जा उपलब्धता के युग में प्रवेश कर रहे हैं।

लेकिन दुनियाभर में एक अरब से अधिक लोगों के पास अभी भी बिजली की सुविधा नहीं है। कई और लोगों के पास खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन तक नहीं है।

भारत ने ऊर्जा पहुंच से संबंधित इन मुद्दों का समाधान करने का बीड़ा उठाया है। हमारी सफलता में, मैं दुनिया के लिए आशा करता हूं कि ऊर्जा उपलब्धता की समस्याओं का समाधान उपयुक्‍त रूप से किया जा सकता है।

लोगों के पास स्वच्छ, सस्ती, स्‍थायी और समान ऊर्जा आपूर्ति के लिए सार्वभौमिक पहुंच होनी चाहिए।

ऊर्जा न्याय पर आधारित युग के आगमन में भारत का योगदान महत्वपूर्ण है।

वर्तमान में, भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है। आईएमएफ और विश्व बैंक जैसी अग्रणी एजेंसियों ने ​​आने वाले वर्षों में इस बढ़ती प्रवृत्ति के जारी रहने का अनुमान लगाया है।

अनिश्चित वैश्विक आर्थिक माहौल में, भारत ने विश्व अर्थव्यवस्था के एक एंकर के रूप में जबरदस्त लचीलापन दिखाया है।

भारत हाल ही में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक, भारत दूसरी सबसे बड़ी विश्व अर्थव्यवस्था बन सकता है।

हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता भी हैं, जहाँ ऊर्जा मांग सालाना पांच प्रतिशत से अधिक बढ़ रही है।

2040 तक ऊर्जा मांग दोगुनी से भी अधिक होने की उम्मीद है जिसके कारण भारत ऊर्जा कंपनियों के लिए एक आकर्षक बाजार बना रहेगा।

हमने ऊर्जा नियोजन के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया है। दिसंबर 2016 में पिछले पेट्रोटेक सम्मेलन के दौरान, मैंने भारत के ऊर्जा भविष्य के लिए चार स्तंभों का उल्लेख किया था। ये हैं : ऊर्जा पहुंच, ऊर्जा दक्षता, ऊर्जा स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा।

दोस्तों,

मेरे लिए ऊर्जा न्याय भी एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसे भारत द्वारा उच्‍च प्राथमिकता दी जा रही है। इस दिशा में, हमने कई नीतियों को विकसित कर कार्यान्वित किया है। इन प्रयासों के परिणाम अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं।

हमारे सभी ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंच गई है।

इस वर्ष हमने सौभाग्य नामक लक्षित कार्यक्रम के माध्यम से भारत में शत-प्रतिशत परिवारों को बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

बिजली उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ, हमारा उद्देश्य ट्रांसमिशन और वितरण में नुकसान को कम करना भी है। हमारी उदय योजना के तहत, हम इस उद्देश्य की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

भारत की वर्ल्‍ड बैंक ईज ऑफ गेटिंग इलेक्ट्रिसिटी रैंकिंग में सुधार आया है, जो 2014 में एक सौ ग्यारह से बढ़कर 2018 में इक्कीस है।

उजाला योजना के तहत देशभर में वितरित एलईडी बल्बों के परिणामस्वरूप, सत्रह हजार करोड़ रुपये या लगभग 2.5 बिलियन डॉलर की वार्षिक बचत हुई है।

खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन तक पहुंच के कई लाभ मिलते हैं, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को जिन्‍हें धुएं के प्रदूषण के जोखिम का सामना करना पड़ता है।

उज्ज्वला योजना के तहत केवल तीन वर्षों में चौसठ मिलियन या 6.4 करोड़ से अधिक परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं। 'ब्लू फ्लेम रिवॉल्यूशन' पर काम चल रहा है। एलपीजी कवरेज नब्बे प्रतिशत से अधिक पहुंच गया है, जो पांच साल पहले पचपन प्रतिशत थी।

स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। हम अप्रैल 2020 तक बीएस चार से बीएस छह ईंधन में सीधे परिवर्तित हो जाएंगे। यह यूरो छह मानक वाले ईंधन के के बराबर है।

सौ प्रतिशत विद्युतीकरण, और बढ़ती एलपीजी कवरेज जैसी उपलब्धियां लोगों की भागीदारी से ही संभव हुई हैं। ऊर्जा न्याय तभी हो सकता है, जब लोग अपनी सामूहिक शक्ति पर विश्वास करें। सरकार उस विश्वास को एक वास्तविकता में बदलने में केवल एक सुविधाकारक है।

पिछले पांच वर्षों में भारत ने तेल और गैस क्षेत्र में बड़े सुधार किए हैं। हमने अपनी अपस्ट्रीम नीतियों और नियमों को नया रूप दिया है। हमने इस क्षेत्र में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा लाने के लिए हाइड्रोकार्बन अन्वेषण और लाइसेंसिंग नीति शुरू की है।

बोली मानदंड को राजस्व साझेदारी में बदल दिया गया है। इससे सरकारी मध्‍यस्‍ता कम करने में मदद मिली है। भारतीय तेल क्षेत्रों में अन्वेषण के प्रति रुचि बढ़ाने में एक ओपन एक्रेज लाइसेंसिंग पॉलिसी और एक नेशनल डेटा रिपॉजिटरी सहायता कर रही है।

गैस मूल्य-निर्धारण सुधार भी शुरू किए गए हैं। द इन्‍हांस्‍ड ऑयल रिकवरी पॉलिसी का उद्देश्य अपस्ट्रीम फील्‍ड्स की उत्पादकता में सुधार लाने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना है।

हमारे डाउनस्‍ट्रीम सेक्‍टर का पूरी तरह से उदारीकरण किया गया है। बाजार संचालित पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल के मूल्य में परिवर्तन को स्‍पष्‍ट रूप से परिलक्षित करती हैं। भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रिफाइनिंग क्षमता है। इसमें 2030 तक लगभग 200 मिलियन मीट्रिक टन की बढ़ोत्तरी होगी।

पिछले साल एक राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति लागू की गई थी। दूसरी और तीसरी पीढ़ी के जैव ईंधन पर शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है। बारहवीं पीढ़ी की जैव-रिफाइनरियों की स्थापना ग्यारह राज्यों में की जा रही है। इथेनॉल सम्मिश्रण और बायोडीजल कार्यक्रम कार्बन उत्सर्जन को कम कर रहा है, और इससे किसानों की आय भी बढ़ रही है। बायो एविएशन टरबाइन फ्यूल हमारे नागरिक उड्डयन क्षेत्र में पहले ही आजमाया जा चुका है।

हमारी सरकार ने संपूर्ण तेल और गैस मूल्य श्रृंखला में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किया है। भारत एक आकर्षक एफडीआई स्‍थल बन रहा है। सऊदी अरामको, एडीएनओसी, टोटल, एक्सॉन-मोबिल, बीपी और शेल जैसी कंपनियां मूल्य श्रृंखला में अपने निवेश को बढ़ाना चाह रही हैं।

भारत गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। सोलह हजार किलोमीटर से अधिक गैस पाइपलाइन का निर्माण किया गया है और ग्यारह हजार किलोमीटर अतिरिक्त निर्माणाधीन है।

पूर्वी भारत में तीन हजार दो सौ किलोमीटर गैस पाइपलाइन का कार्यान्‍वयन शुरू हो गया है। यह नॉर्थ ईस्ट इंडिया को नेशनल गैस ग्रिड से जोड़ेगा।

सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन के लिए दसवीं दौर की बोली प्रक्रिया एक महीने में पूरी हो जाएगी। यह चार सौ से अधिक जिलों को कवर करेगा। यह हमारी आबादी के सत्तर प्रतिशत तक सिटी गैस वितरण की कवरेज का विस्तार करेगा।

हम उद्योग 4.0 के लिए कमर कस रहे हैं। नई प्रौद्योगिकी और प्रक्रियाओं के साथ यह उद्योग के संचालन के तरीके को बदल देगा। हमारी कंपनियां दक्षता में सुधार लाने, सुरक्षा बढ़ाने और लागत कम करने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियों को अपना रही हैं। ऐसा ही डाउनस्ट्रीम रिटेल और तथा अपस्ट्रीम ऑयल एंड गैस प्रोडक्शन, एसेट मेंटेनेंस और रिमोट मॉनिटरिंग में किया जा रहा है।

हाल के वर्षों में, हमने अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी और ओपेक जैसे संगठनों के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव को गहरा किया है। हमने 2016 से 2018 तक अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा फोरम की अध्यक्षता की। हम अपने पारंपरिक बायर-सेलर अनुबंधनों को द्विपक्षीय निवेशों के माध्‍यम से रणनीतिक साझेदारियों में परिवर्तित करने में सफल हुए हैं। हमने नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान और म्यांमार के साथ ऊर्जा संबंध को मजबूत कर अपनी ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति को भी बढ़ावा दिया है।

मैं तेल और गैस क्षेत्र के वैश्विक सीईओ के साथ नियमित रूप से जुड़ा रहा हूं। विश्व के नेताओं और मुख्य कार्यकारी अधिकारों के साथ मेरी बातचीत में, मैंने हमेशा इस बात पर बल दिया है कि तेल और गैस न केवल व्यापार करने की कमोडिटी है, बल्कि यह एक आवश्यकता भी है। चाहे यह आम आदमी की रसोई के लिए हो या एयरक्राफ्ट के लिए, ऊर्जा आवश्यक है।

बहुत लंबे समय तक, दुनिया ने कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा है। हमें एक जिम्मेदार मूल्य-निर्धारण की ओर बढ़ने की जरूरत है, जो उत्पादक और उपभोक्ता दोनों के हितों को संतुलित करता है। हमें तेल और गैस दोनों के लिए पारदर्शी और उदारवादी बाजारों की ओर बढ़ने की भी जरूरत है। तभी हम मानवता की ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति उपयुक्‍त रूप से कर सकते हैं।

एक और प्रमुख मुद्दा है जलवायु परिवर्तन जिस पर दुनिया को एक साथ आने की जरूरत है। एक साथ आकर, हम उन लक्ष्‍यों को हासिल कर सकते हैं जिन्‍हें हमने स्‍वयं के लिए पेरिस में सीओपी-21 में निर्धारित किया था। भारत ने अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए तेजी से प्रगति की है। हम लक्ष्य तक पहुंचने की राह पर हैं।

पेट्रोटेक ऊर्जा क्षेत्र के भविष्य पर विचार-विमर्श करने के लिए एक उपयुक्‍त मंच प्रदान कराता है। यह इस बात पर विचार करने के लिए एक अच्छा मंच है, जहाँ वैश्विक बदलाव, परिवर्तन, नीतियां और नई प्रौद्योगिकियां ऊर्जा क्षेत्र में बाजार की स्थिरता और भविष्य के निवेश को कैसे प्रभावित करेंगी।

मैं आप सभी को सफल और सकारात्‍मक सम्मेलन की शुभकामना देता हूं।

धन्यवाद।

 

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Prime Minister condoles passing away of former Prime Minister Dr. Manmohan Singh
December 26, 2024
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji: PM
He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic policy over the years: PM
As our Prime Minister, he made extensive efforts to improve people’s lives: PM

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has condoled the passing away of former Prime Minister, Dr. Manmohan Singh. "India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji," Shri Modi stated. Prime Minister, Shri Narendra Modi remarked that Dr. Manmohan Singh rose from humble origins to become a respected economist. As our Prime Minister, Dr. Manmohan Singh made extensive efforts to improve people’s lives.

The Prime Minister posted on X:

India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic policy over the years. His interventions in Parliament were also insightful. As our Prime Minister, he made extensive efforts to improve people’s lives.

“Dr. Manmohan Singh Ji and I interacted regularly when he was PM and I was the CM of Gujarat. We would have extensive deliberations on various subjects relating to governance. His wisdom and humility were always visible.

In this hour of grief, my thoughts are with the family of Dr. Manmohan Singh Ji, his friends and countless admirers. Om Shanti."