प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज (23 सितबंर 2018) को रांची, झारखंड में स्वास्थ्य बीमा योजना-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना- की शुरूआत की।
प्रधानमंत्री ने पीएमजेएवाई को एक विशाल सार्वजनिक सभा में शुभारंभ करने के लिए मंच पर पहुंचने से पहले इस योजना पर एक प्रदर्शनी का दौरा भी किया।
इसी कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री ने चाईबासा और कोडरमा में मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला की पट्टिका का अनावरण भी किया। उन्होंने 10 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का भी उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना की शुरूआत गरीबों में गरीब, और समाज के वंचित वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा और उपचार प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रति वर्ष प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा की कल्पना की गई है, इससे 50 करोड़ से अधिक लोगों को फायदा होगा, और यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। उन्होंने कहा कि इस योजना के लाभार्थियों की संख्या यूरोपीय संघ की आबादी के बराबर है, या अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको की संयुक्त जनसंख्या के करीब है।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के पहले हिस्से - स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र-की शुरूआत बाबा साहेब अम्बेडकर की जयंती पर किया गया था, और दूसरा भाग - स्वास्थ्य बीमा योजना-दीन दयाल उपाध्याय की जयंती से दो दिन पहले शुरू किया गया था।
पीएमजेएवाई की व्यापकता के बारे में विस्तार से बताते हुए,प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों सहित 1300 बीमारियां शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल भी इस योजना का हिस्सा होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 लाख की राशि में सभी जांच, दवा, अस्पताल में भर्ती के खर्च आदि भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इसके तहत यह पूर्व बीमारियों भी आएंगी। उन्होंने कहा कि लोग 14555 डायल करके या सेवा केंद्र के माध्यम से इस योजना के बारे में अधिक जान सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन राज्यों के लिए जो पीएमजेएवाई का हिस्सा हैं, लोग इन राज्यों में से किसी भी राज्य में जा रहे हैं, तो भी इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में 13,000 से ज्यादा अस्पताल इस योजना में शामिल किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने आज उद्घाटन किए गए 10 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि देश भर में ऐसे केंद्रों की संख्या 2300 तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य आने वाले चार वर्षों के अंदर भारत में 1.5 लाख ऐसे केंद्र खोलना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि उनका ध्यान "वहनीय हेल्थकेयर" और "निवारक हेल्थकेयर" दोनों पर क्रेन्द्रित है।
प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि पीएमजेएवाई से जुड़े सभी लोगों के प्रयासों और डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य प्रदाताओं, आशा, एएनएम आदि के समर्पण के माध्यम से, यह योजना सफल होगी।
समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति को,
— PMO India (@PMOIndia) September 23, 2018
गरीब से भी गरीब को इलाज मिले,
स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा मिले,
आज इस विजन के साथ बहुत बड़ा कदम उठाया गया है।
आयुष्मान भारत के संकल्प के साथ, प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना आज से लागू हो रही है: PM
देश के 50 करोड़ से ज्यादा भाई-बहनों को 5 लाख रुपए तक का हेल्थ-एश्योरेंस देने वाली ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है।
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पूरी दुनिया में सरकारी पैसे से इतनी बड़ी योजना किसी और देश में नहीं चल रही है।
इस योजना के लाभार्थियों की संख्या पूरे यूरोपियन यूनियन की कुल आबादी के बराबर है: PM
अगर आप अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको,
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इन तीनों देशों की आबादी को भी जोड़ दें,
तो उनकी कुल संख्या इस योजना के लाभार्थियों की संख्या के करीब ही होगी: PM
आयुष्मान भारत योजना से दो महापुरुषों का नाता जुड़ा है।
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अप्रैल में जब योजना के पहले चरण शुरु हुआ था तो उस दिन बाबा साहेब अंबेडकर का जन्मदिन था।
अब इसी कड़ी में, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिवस से दो दिन पहले शुरु हुई है: PM
ये योजना कितनी व्यापक है इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि
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कैंसर,
दिल की बीमारी,
किडनी और लीवर की बीमारी,
डायबटीज समेत 1300 से अधिक बीमारियों का इलाज शामिल है।
इन गंभीर बीमारियों का इलाज सरकारी ही नहीं बल्कि अनेक प्राइवेट अस्पतालों में भी किया जा सकेगा: PM
5 लाख तक का जो खर्च है उसमें अस्पताल में भर्ती होने के अलावा जरुरी जांच, दवाई, भर्ती से पहले का खर्च और इलाज पूरा होने तक का खर्च भी शामिल है।
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अगर किसी को पहले से कोई बीमारी है तो उस बीमारी का भी खर्च इस योजना द्वारा उठाया जाएगा: PM
आप 14555, इस नंबर पर फोन करके,
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या फिर अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर भी योजना के बारे में जान सकते हैं: PM
आयुष्मान भारत का ये मिशन सही मायने में एक भारत, सभी को एक तरह के उपचार की भावना को मज़बूत करता है।
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जो राज्य इस योजना से जुड़े हैं, उनमें रहने वाले व्यक्ति किसी भी राज्य में जाएं, उन्हें इस योजना का लाभ मिलता रहेगा।
अभी तक देशभर के 13,000 से अधिक अस्पताल जुड़ चुके हैं: PM
आज ही यहां पर 10 वेलनेस-सेंटर्स का भी शुभारंभ किया गया है।
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अब झारखंड में करीब 40 ऐसे सेंटर्स काम कर रहे हैं और देशभर में इनकी संख्या 2300 तक पहुंच चुकी है।
अगले 4 वर्षों में देशभर में ऐसे डेढ़ लाख सेंटर्स तैयार करने का लक्ष्य है: PM
सरकार देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को सुधारने के लिए Holistic तरीके से कार्य कर रही है।
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एक तरफ सरकार Affordable Healthcare पर ध्यान दे रही है, तो साथ ही Preventive Healthcare पर भी जोर दिया जा रहा है: PM
मैं आश्वस्त हूं कि इस योजना से जुड़े हर व्यक्ति के प्रयासों से,
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आरोग्य मित्रों और आशा-एनएम बहनों के सहयोग से,
हर डॉक्टर, हर नर्स, हर कर्मचारी, हर सर्विस प्रोवाइडर की समर्पित भावना से,
हम इस योजना को सफल बना पाएंगे, एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर पाएंगे: PM