महामहिम राष्ट्रपति यू हटिन क्याव, मीडिया के मित्रो,
मैं भारत में म्यांमार के राष्ट्रपति महामहिम यू हटिन क्याव और उनके विशिष्ट प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए प्रसन्नता का अनुभव करता हूं।
महामहिम, हम काफी सम्मानित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि आपने अपने विदेश दौरे के लिए सबसे पहले द्विपक्षीय राष्ट्र के रूप में भारत को चुना है।
मित्रो,
म्यांमार का हमारे लिए विशेष महत्व है।
भारत के पड़ोस में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।
एक भूमि-सेतू के रूप में यह भारत को दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ता है।
हमारे समाजों के बीच दीर्घकालिक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संपर्क हमारे संबंधों के एक ठोस आधार का निर्माण करता है।
मेट्टा यानि करुणा और सर्व पंथ समभाव यानि सभी धर्मों की समानता के बौद्ध सिद्धांतों हमारे जीवन के मार्ग को परिभाषित करते हैं।
महामहिम,
आपके महान राष्ट्र ने एक नए युग में प्रवेश किया है।
यह युग आपके नेतृत्व की परिपक्वता और लोकतंत्र के लिए आपकी जनता की प्रतिबद्धता द्वारा परिभाषित है।
और, जो इस क्षेत्र में म्यांमार को एक स्थिर और आर्थिक रूप से समृद्ध देश बनाने के लिए आपके नेतृत्व की स्पष्ट दृष्टि और एक सशक्त कामना के साथ है।
क्योंकि, म्यांमार की नई सरकार इन लक्ष्यों की ओर अपनी यात्रा शुरू कर रही है :
• कृषि को बढ़ावा;
• अपने उद्योग और बुनियादी सुविधाओं का विकास;
• शिक्षा को मजबूती;
• अपने युवाओं के लिए कौशल;
• नये संस्थानों का निर्माण और मौजूदा संस्थानों का विकास;
• अपने समाज की सुरक्षा;
• आर्थिक समृद्धि के लिए समुचित मार्ग की तलाश; और इन सबसे पहले
• एक आधुनिक राष्ट्र के निर्माण की आकांक्षा;मैं आपको आश्वासन देता हूं कि भारत की 1.25 अरब जनता एक साझेदार और एक मित्र के रूप में आपके साथ हर कदम पर खड़ी रहेगी।
मित्रो,
हमारे सम्पूर्ण द्विपक्षीय कार्यों के बारे में राष्ट्रपति और मैंने अभी तुरंत उपयोगी विचार-विमर्श किए हैं।
हम मानते हैं कि हमारे सुरक्षा संबंधी हित निकटतापूर्वक जुड़े हुए हैं।
और, हमने एक दूसरे के रणनीतिक हितों और चिंताओं के प्रति संवेदनशील रहने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की है।
इसके लिए, राष्ट्रपति और मैंने हमारी जनता की संरक्षा और सुरक्षा के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमति की है।
और, हमने अपने क्षेत्र में आतंकवाद और घुसपैठ की गतिविधियों से जुड़ी साझा चुनौतियों से निपटने में सक्रिय सहयोग कायम करने पर भी सहमति की है।
मैंने ‘21वीं सदी पेंगलॉन्ग सम्मेलन’ के अधीन शांति प्रक्रिया से जुड़ी पहल के लिए भारत के पूरे समर्थन का आश्वासन भी दिया है।
मित्रो,
भारत-म्यांमार की साझेदारी न केवल अच्छे शब्दों बल्कि सच्चे इरादे के द्वारा परिभाषित है। इसका विस्तार और इसकी गहराई एक व्यापक विकास सहयोग साझेदारी द्वारा विकसित है, जिसके पास एक सशक्त ‘जनता सर्वप्रथम’ का दर्शन है।
भारत की और से लगभग दो अरब डॉलर मूल्य की विकास सहायता मयांमार की आम जनता के जीवन तक पहुंचती है।
हमारा कार्यक्रम सम्पर्कता, बुनियादी क्षेत्र, क्षमता निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा और कई अन्य क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाओं में सहायता करता है।
हमारी साझेदारी के कुछ ठोस उदाहरण हैं :
• कलादान परियोजना,
• भारत – म्यांमार– थाइलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग,
• उन्नत कृषि अनुसंधान और शिक्षा केंद्र,
• स्वास्थ्य, शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण क्षेत्र की छोटी-छोटी परियोजनाएं।
आज दो संचालनात्मक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इससे त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना के 69 पुलों और कालेवा-यारगी मार्ग खंड के निर्माण और उन्नयन में सुविधा मिलेगी।
हम कृषि, बैंकिंग, बिजली और ऊर्जा के क्षेत्र में अपने सहयोग को बढ़ाने की दिशा में दृढ़प्रतिज्ञ हैं।
अक्षय ऊर्जा और पारंपरिक औषधि प्रणालियों के क्षेत्र में सहयोग पर आधारित समझौते के बल पर हम इन क्षेत्रों में सहयोग जारी रखेंगे।
हमने दलहनों के व्यापार के लिए दीर्घकालिक और परस्पर लाभदायक व्यवस्था की दिशा में काम करने के लिए भी सहमति कायम की है।
इस वर्ष अप्रैल में, हमने म्यांमारके टामू में बिजली आपूर्ति के लिए एक छोटा कदम उठाया है।
हमने राष्ट्रपति को बताया है कि हम बिजली आपूर्ति में महत्वपूर्ण वृद्धि करना चाहते हैं।
महामहिम,
भारत म्यांमार के साथ अपनी विकास साझेदारी बढ़ाने के लिए तैयार है।
और, इसे म्यांमार सरकार की प्राथमिकताओं के अनुसार किया जाना है।
मित्रो,
संस्कृति हमारे संबंधों के आधार का एक प्रमुख केंद्र है।
मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि हमारी साझेदारी से म्यांमार के बागन में आनंद टेम्पल का पुनर्निर्माण किया जा रहा है।
हम अन्य ऐतिहासिक धरोहरों और पगोडाओं के पुनर्निर्माण के लिए भी तैयार है, जो पिछले सप्ताह म्यांमार में आए भूकंप से क्षतिग्रस्त हो गए थे।
महामहिम
आपका दौरा काफी समय पर हुआ है।
और, हमारी बातचीत से हम अपने सहयोग के लिए एक मार्गनिर्देश और कार्य सूची तैयार करने में सक्षम हुए हैं।
अपने संबंधों को नई ऊंचाईयों तक ले जाने के लिए मैं आपके साथ मिलकर काम करना चाहता हूं।
म्यांमार का स्वर्णिम भविष्य न केवल आपका उद्देश्य है, बल्कि यह हमारी आकांक्षा भी है। महामहिम, भारत में एक बार फिर अत्यंत गर्मजोशी से आपका स्वागत करता हूं।
धन्यवाद।
बहुत-बहुत धन्यवाद।
I am delighted to welcome H.E U Htin Kyaw, President of Myanmar and his distinguished delegation to India: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 29, 2016
Myanmar is special for us. It holds a unique position in India's neighbourhood: PM @narendramodi https://t.co/Iy8hu3vQmx
— PMO India (@PMOIndia) August 29, 2016
Moving Forward with Myanmar! PM and President witness the exchange of 4 agreements between the two sides pic.twitter.com/REeFP8gpyU
— Vikas Swarup (@MEAIndia) August 29, 2016
The longstanding cultural and historical linkages between our societies form a solid foundation of our ties: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 29, 2016
Let me assure you that at every step of the way 1.25 billion people of India will stand by you- as partners and as friends: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 29, 2016
President and I agreed to work together for the safety and security of our people: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 29, 2016
Also conveyed India’s full support to the peace process initiative under the ‘21st Century Panglong Conference: PM https://t.co/Iy8hu3vQmx
— PMO India (@PMOIndia) August 29, 2016
Our engagement is supporting projects in connectivity, infrastructure, capacity building education, healthcare and many other sectors: PM
— PMO India (@PMOIndia) August 29, 2016