Quoteप्रधानमंत्री मोदी ने दीनदयाल हस्तकला संकुल का उद्घाटन किया
Quoteपीएम मोदी ने महामना एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई, 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया
Quoteव्यापार सुविधा केंद्र से हस्तशिल्प की मांग बढ़ेगी, वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा: प्रधानमंत्री
Quoteभारत की सभी समस्याओं का समाधान विकास में ही है: वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी
Quoteभारत आज तेजी से प्रगति कर रहा है, राष्ट्र के हित में कठोर निर्णय लिए जा रहे है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वाराणसी में हस्‍तशिल्‍प के लिए एक व्‍यापार सुविधा केंद्र - दीनदयाल हस्‍तकला संकुल राष्‍ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने नवंबर 2014 में इस केंद्र की आधारशिला रखी थी। आज उन्‍होंने इसे राष्‍ट्र को समर्पित करने से पहले मंच पर जाने से पूर्व इस केंद्र का दौरा किया और वहां विकसित सुविधाओं को देखा–परखा।

श्री नरेन्‍द्र मोदी ने वीडियो लिंक के माध्‍यम से महामना एक्‍सप्रेस रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। य‍ह रेल वाराणसी को गुजरात के सूरत और वडोदरा से जोड़ेगी।

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प्रधानमंत्री ने शहर में विभिन्‍न विकास कार्यों की आधारशिला रखने और राष्‍ट्र को समर्पित करने के लिए पट्टिकाओं का अनावरण किया। उन्‍होंने उत्‍कर्ष बैंक की बैंकिंग सुविधाओं का उद्घाटन किया और इस बैंक के मुख्‍यालय भवन की आधारशिला की पट्टिका का भी अनावरण किया।

प्रधानमंत्री ने वीडियो लिंक के माध्‍यम से जल एंबुलेंस सेवा और जल शव वाहन सेवा वाराणसी की जनता को समर्पित किया। उन्‍होंने बुनकरों और उनके बच्‍चों को औजार की किट और सौर ऊर्जा लैंप वितरित किए।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि 1000 करोड़ रूपये से ज्‍यादा लागत की परियोजनाओं का एक मंच से लोकार्पण अथवा उनकी आधारशिला रखी गई है।

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उन्‍होंने व्‍यापार सुविधा केंद्र को वाराणसी के लिए लंबे समय की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक बताया। उन्‍होंने कहा कि इस केंद्र से दस्‍तकारों और बुनकरों को दुनिया के सामने अपनी दक्षता प्रदर्शित करने में मददगार होगा और उन्‍हें अपना भविष्‍य उज्‍जवल बनाने में सुविधा प्रदान करेगा। उन्‍होंने लोगों से कहा कि वे सभी पर्यटकों को इस केंद्र में आने के लिए प्रेरित करें। उन्‍होंने कहा कि इससे हस्‍तशिल्‍प की मांग में बढ़ोतरी होने के साथ-साथ वाराणसी की पर्यटक क्षमता, वस्‍तुत: शहर की अर्थव्‍यवथा में भी तेजी आएगी।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास के माध्‍यम से सभी समस्‍याओं का समाधान मुमकिन है। उन्‍होंने कहा कि सरकार का ध्‍यान गरीब लोगों और उनकी अगली पीढ़ियों के जीवन में सकारात्‍मक परिवर्तन लाने की ओर केंद्रित है। इस संदर्भ में उन्‍होंने उत्‍कर्ष बैंक के प्रयासों की सराहना की।

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आज शुरू हुई जल एंबुलेंस और जल शव सेवा का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये विकास, यहां तक कि जल मार्गों के माध्‍यम से एक अभियान का सूचक है।  

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महामना एक्‍सप्रेस के संबंध में प्रधानमंत्री ने उल्‍लेख किया कि वडोदरा और वाराणसी ऐसे दो निर्वाचन क्षेत्र हैं जहां से उन्‍होंने 2014 में संसदीय चुनाव लड़ा था और अब वे रेलवे के माध्‍यम से जुड़ रहे हैं।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश तेजी से प्रगति कर रहा है और राष्‍ट्र के हित में कड़े निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि पूर्वी भारत की प्रगति देश के पश्चिमी भाग से जरूर मेल खानी चा‍हिए और आज शुरू हो रही परियोजनाओं से इस उद्देश्‍य को प्राप्‍त करने में काफी मदद मिलेगी।  

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प्रधानमंत्री ने मत्स्य पालन क्षेत्र को और मजबूत बनाने के उपायों पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता की
May 15, 2025
Quoteचर्चा का मुख्य विषय ईईजेड और क्षेत्रीय जल से बाहर के समुद्र में मत्स्य पालन रहा
Quoteप्रधानमंत्री ने मत्स्य पालन और मछुआरों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी के उपयोग का आह्वान किया
Quoteप्रधानमंत्री ने स्मार्ट बंदरगाहों, ड्रोन परिवहन और मूल्यवर्धित आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ मत्स्य पालन के आधुनिकीकरण पर जोर दिया
Quoteकृषि क्षेत्र में कृषि तकनीक की तर्ज पर, प्रधानमंत्री ने उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन की कार्य प्रणाली में सुधार के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र में मछली तकनीक को अपनाने का सुझाव दिया
Quoteप्रधानमंत्री ने अमृत सरोवरों में मत्स्य पालन और आजीविका में प्रोत्साहन के लिए सजावटी मत्स्य पालन को बढ़ावा देने पर चर्चा की
Quoteप्रधानमंत्री ने ईंधन के प्रयोजनों, पोषण संबंधी इनपुट के रूप में, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य क्षेत्रों में समुद्री शैवाल के विविध उपयोग की खोज का सुझाव दिया
Quoteप्रधानमंत्री ने जमीन से घिरे क्षेत्रों में मछली आपूर्ति बढ़ाने के लिए रणनीति बनाने का आह्वान किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर मत्स्य पालन क्षेत्र की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) और क्षेत्रीय जल से बाहर के समुद्र में मत्स्य पालन पर ध्यान केन्द्रित किया गया।

प्रधानमंत्री ने मछली संसाधनों के बेहतर उपयोग और मछुआरों को सुरक्षा निर्देश देने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने स्मार्ट बंदरगाहों और बाजारों के माध्यम से इस क्षेत्र के आधुनिकीकरण, पकड़ी गई मछलियों के परिवहन और उसके विपणन में ड्रोन के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला में मूल्य जोड़ने के लिए कामकाज की एक स्वस्थ प्रणाली की ओर बढ़ने की आवश्यकता है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने नागरिक उड्डयन के परामर्श से उत्पादन केन्द्रों से शहरों/कस्बों में बड़े नजदीकी बाजारों तक ताजी मछली ले जाने के लिए तकनीकी प्रोटोकॉल के अनुसार ड्रोन के उपयोग की खोज करने का सुझाव दिया।

प्रधानमंत्री ने उत्पादन के प्रसंस्करण और पैकेजिंग में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। निजी क्षेत्र से निवेश को सुविधाजनक बनाने पर भी चर्चा की गई।

प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में एग्रो टेक की तरह ही मत्स्य पालन क्षेत्र में भी मछली प्रौद्योगिकी को अपनाया जाना चाहिए ताकि उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन की कार्य प्रणालियों में सुधार हो सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृत सरोवरों में मत्स्य उत्पादन से न केवल इन जल निकायों की जीविका में सुधार होगा, बल्कि मछुआरों की आजीविका में भी सुधार होगा। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आय सृजन के एक अवसर के रूप में सजावटी मत्स्य पालन को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भूमि से घिरे क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक रणनीति तैयार की जानी चाहिए, जहां मछली की मांग अधिक है, लेकिन आपूर्ति पर्याप्त नहीं है।

प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि समुद्री शैवाल का उपयोग ईंधन के लिए, पोषण संबंधी इनपुट के रूप में, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य क्षेत्रों में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों को मिलकर काम करना चाहिए और समुद्री शैवाल क्षेत्र में आवश्यक आउटपुट और परिणाम बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए, जिससे पूर्ण स्वामित्व सुनिश्चित हो सके।

प्रधानमंत्री ने मछुआरों को मछली पकड़ने की आधुनिक पद्धतियों में सक्षम बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने इस क्षेत्र के विकास में बाधा डालने वाली वस्तुओं की एक नकारात्मक सूची बनाए रखने का भी सुझाव दिया, ताकि इनसे निपटने के लिए कार्ययोजना बनाई जा सके और मछुआरों के लिए व्यापार करने में आसानी और जीवनयापन में आसानी को बढ़ाया जा सके।

बैठक के दौरान, महत्वपूर्ण पहलों में हुई प्रगति, पिछली समीक्षा के दौरान दिए गए सुझावों के अनुपालन तथा भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) और क्षेत्रीय जल से बाहर के समुद्रों से निरंतर मत्स्य पालन के लिए प्रस्तावित सक्षम ढांचे पर एक प्रस्तुति भी दी गई।

सरकार ने 2015 से विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों जैसे कि नीली क्रांति योजना, मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ), प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई), प्रधानमंत्री मत्स्य समृद्धि योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई) और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से निवेश को बढ़ाकर 38,572 करोड़ रुपये कर दिया है। भारत ने 2024-25 में 9 प्रतिशत से अधिक की क्षेत्रीय वृद्धि दर के साथ 195 लाख टन का वार्षिक मछली उत्पादन दर्ज किया है।

बैठक में केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव-2 श्री शक्तिकांत दास, प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री अमित खरे, मत्स्यपालन विभाग के सचिव और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।