पिछले छह सालों में तमिलनाडु में कार्यान्‍वयन के लिए 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की तेल और गैस परियोजनाओं को मंजूरी दी गई : प्रधानमंत्री
हमारी सरकार मध्‍यम वर्ग की चिंताओं के प्रति संवदेनशील : प्रधानमंत्री
हमने पांच वर्ष में तेल और गैस बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए साढ़े सात लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तमिलनाडु में तेल और गैस क्षेत्र की प्रमुख परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की और कुछ की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने रामनाथपुरम - थूथुकुडी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन और चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, मनाली में गैसोलीन डीसल्‍फराइजेशन इकाई राष्ट्र को समर्पित की। उन्होंने नागपट्टीनम में कावेरी बेसिन रिफाइनरी की आधारशिला भी रखी। इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल और मुख्यमंत्री और केन्‍द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने 2019-20 की भारत की मांग को पूरा करने के लिए 85 प्रतिशत तेल और 53 प्रतिशत गैस को आयात करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल किया, क्या हमारे जैसा विविध और प्रतिभाशाली राष्ट्र ऊर्जा आयात पर इतना निर्भर हो सकता है? उन्होंने जोर देकर कहा कि हमने इन विषयों पर बहुत पहले ध्यान दिया था, हमारे मध्य वर्ग पर बोझ नहीं पड़ेगा। अब, ऊर्जा के स्वच्छ और हरित स्रोतों की दिशा में काम करना, ऊर्जा निर्भरता को कम करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है। उन्होंने जोर देकर कहा, "हमारी सरकार मध्यम वर्ग की चिंताओं के प्रति संवेदनशील है"।

इसे हासिल करने के लिए भारत अब किसानों और उपभोक्ताओं की मदद करने के लिए इथेनॉल पर ध्यान केन्‍द्रित कर रहा है। इस क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित किया जा रहा है और एलईडी बल्बों जैसे वैकल्पिक स्रोतों को अपनाया जा रहा है ताकि मध्यम वर्ग के परिवारों की भारी बचत हो सके।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए काम कर रहा है, यह हमारी ऊर्जा आयात निर्भरता को कम कर रहा है और आयात स्रोतों में विविधता ला रहा है। इसके लिए क्षमता निर्माण किया जा रहा है। 2019-20 में, रिफाइनिंग क्षमता में भारत दुनिया में चौथे स्थान पर था। प्रधानमंत्री ने कहा कि लगभग 65.2 मिलियन टन पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात किया गया है। यह संख्या और भी अधिक बढ़ने की उम्मीद है।

भारतीय तेल और गैस कंपनियों की 27 देशों में उपस्थिति के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इनमें लगभग दो लाख सत्तर हजार करोड़ रुपये का निवेश है।

‘वन नेशन वन गैस ग्रिड’ के दृष्टिकोण की चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा “हमने पांच वर्षों में तेल और गैस बुनियादी ढांचे को बनाने में साढ़े सात लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। 407 जिलों को शामिल करके शहर के गैस वितरण नेटवर्क के विस्तार पर जोर दिया गया है।”

प्रधानमंत्री ने बताया कि पहल और पीएम उज्जवला योजना जैसी उपभोक्ता केंद्रित योजनाएँ प्रत्येक भारतीय परिवार की मदद कर रही हैं। तमिलनाडु के 95 प्रतिशत एलपीजी ग्राहक पहल योजना में शामिल हो गए हैं। 90 प्रतिशत से अधिक सक्रिय ग्राहकों को सीधे सब्सिडी हस्तांतरण होता है। उज्जवला योजना के तहत तमिलनाडु में 32 लाख से अधिक बीपीएल परिवारों को नए कनेक्शन दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत गैस मुफ्त भरवाने से 31.6 लाख से अधिक परिवार लाभान्वित हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि रामनाथपुरम से तूतिकोरिन तक इंडियन ऑयल की 143 किलोमीटर लंबी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का आज शुभारंभ हो रहा है जो ओएनजीसी गैस क्षेत्रों से गैस का उपयोग करेगी। यह 4,500 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जा रही एक बड़ी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना का एक हिस्सा है। इससे एन्नोर, थिरुवल्लूर, बेंगलुरु, पुदुचेरी, नागपट्टीनम, मदुरै और तूतीकोरिन को लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन गैस पाइपलाइन परियोजनाओं से शहर की गैस परियोजनाओं में वृद्धि हो सकेगी जिन्‍हें 5000 करोड़ रुपये के निवेश से तमिलनाडु के 10 जिलों में विकसित किया जा रहा है। ओएनजीसी क्षेत्र से गैस अब दक्षिणी पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज कॉर्प लिमिटेड तूतीकोरिन तक पहुंचाई जाएगी। यह पाइपलाइन उर्वरक के निर्माण के लिए एसपीआईसी को सस्ती कीमत पर फीडस्टॉक के रूप में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करने जा रही है। फीडस्टॉक अब लगातार बिना स्टोरेज आवश्यकताओं के उपलब्ध होगा। इससे प्रतिवर्ष उत्पादन लागत में 70 से 95 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है। इससे खाद के उत्पादन की अंतिम लागत में भी कमी आएगी।

प्रधानमंत्री ने वर्तमान में हमारी ऊर्जा बास्‍केट में गैस की हिस्सेदारी 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की देश की योजना की जानकारी दी।

स्थानीय शहरों के लिए लाभ की गणना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नागपट्टीनम में सीपीसीएल की नई रिफाइनरी में सामग्री और सेवाओं की 80 प्रतिशत स्वदेशी सोर्सिंग का अनुमान लगाया गया है। रिफाइनरी परिवहन सुविधाओं, डाउनस्ट्रीम पेट्रोकेमिकल उद्योगों और सहायक और लघु उद्योगों के विकास को बढ़ावा देने वाली है।

अक्षय स्रोतों से 2030 तक ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने पर भारत द्वारा जोर दिए जाने के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी प्रकार की ऊर्जा का 40 प्रतिशत हरित ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न होगा। उन्होंने कहा कि सीपीसीएल की मनाली में अपनी रिफाइनरी में नई गैसोलीन डिसल्फराइजेशन इकाई का आज उद्घाटन किया गया, जो हरित भविष्य के लिए एक और प्रयास है।

पिछले छह वर्षों में, तमिलनाडु में तेल और गैस परियोजनाओं के लिए 50,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इसी अवधि में, 2014 से पहले स्वीकृत 9100 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं पूरी हुईं। इसके अलावा, 4,300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं। श्री मोदी ने अंत में कहा कि तमिलनाडु में सभी परियोजनाएं भारत के स्‍थायी विकास के लिए हमारी सुसंगत नीतियों और पहल के संयुक्त प्रयासों का परिणाम हैं।

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Under Rozgar Mela, PM to distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will distribute more than 71,000 appointment letters to newly appointed recruits on 23rd December at around 10:30 AM through video conferencing. He will also address the gathering on the occasion.

Rozgar Mela is a step towards fulfilment of the commitment of the Prime Minister to accord highest priority to employment generation. It will provide meaningful opportunities to the youth for their participation in nation building and self empowerment.

Rozgar Mela will be held at 45 locations across the country. The recruitments are taking place for various Ministries and Departments of the Central Government. The new recruits, selected from across the country will be joining various Ministries/Departments including Ministry of Home Affairs, Department of Posts, Department of Higher Education, Ministry of Health and Family Welfare, Department of Financial Services, among others.