प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सिविल सेवा दिवस के अवसर पर सिविल सेवकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह सराहना, मूल्यांकन और आत्मनिरीक्षण करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पुरस्कार सिविल सेवकों को प्रेरित करने की ओर उठाया गया एक कदम है। साथ ही उन्होंने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार सरकार की प्राथमिकताओं को भी इंगित करता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, दीनदयाल उपाध्याय कौशल्या योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और डिजिटल भुगतान जैसे प्राथमिकता वाले कार्यक्रम नए भारत के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं। इन्हीं प्रमुख कार्यक्रमों के लिए पुरस्कार भी दिए गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री पुरस्कार और प्रेरक जिलों में शुरू किए गए पहलों पर दो पुस्तकों का भी उल्लेख किया जिन्हें आज ही जारी किया गया था।
प्रधानमंत्री ने प्रेरक जिले के विषय पर बोलते हुए कहा कि ये 115 जिले अपने पूरे राज्य के लिए विकास का वाहक बन सकते हैं। उन्होंने विकास में जन भागीदारी अथवा सार्वजनिक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2022 में आजादी की 75वीं सालगिरह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने के भारत को साकार करने की दिशा में काम करने के लिए एक प्रेरणा बन सकती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहित सभी उपलब्ध प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल प्रशासन में सुधार के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे दुनिया भर में उभरती प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बरकरार रखें।
उन्होंने सिविल सेवकों को जबरदस्त क्षमतावान लोगों के रूप में वर्णित किया और कहा कि ये क्षमताएं राष्ट्रहित के लिए व्यापक योगदान कर सकती हैं।