प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रयागराज में स्वच्छ कुंभ, स्वच्छ आभार कार्यक्रम को संबोधित किया। वह प्रयागराज में पवित्र संगम के जल में डुबकी लगाने के बाद, और एक स्वच्छ कुंभ सुनिश्चित करने के चुनिंदा स्वच्छता कार्यकर्ताओं के उनके प्रयासों के सम्मान के रूप में, "चरण वंदना" करने के बाद मंच पर पहुंचे।
उन्होंने उन सभी लोगों का "कर्म-योगियों" के रूप में उल्लेख किया, जो कुंभ के लिए प्रयागराज में एकत्रित होने वाले भक्तों के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था सुनिश्चित करने में शामिल रहे हैं। इस संदर्भ में, उन्होंने एनडीआरएफ, नाविकों, स्थानीय लोगों और स्वच्छता कर्मियों का भी उल्लेख किया। यह उल्लेख करते हुए कि पिछले कुछ सप्ताहों में 21 करोड़ से अधिक लोगों ने कुंभ का दौरा किया है, उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शित किया है कि कुछ भी असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस साल कुंभ को मिली सराहना के वे सबसे सुपात्र हैं। उन्होंने कहा कि वह क्षण, जब उन्होंने कुछ सफाई कर्मचारियों की चरण वंदना की, उनके स्मरण में हमेशा बने रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज घोषित स्वच्छ सेवा सम्मान कोष स्वच्छता कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों की जरूरत के समय मदद करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश इस वर्ष 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती से पहले खुले में शौच मुक्त बनने की ओर बढ़ रहा है।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि गंगा नदी की स्वच्छता इस वर्ष भी बहुत चर्चा का विषय रही है। उन्होंने कहा कि आज, उन्होंने इसे पहली बार इसका अनुभव किया है। उन्होंने कहा कि यह नमामि गंगे और केंद्र सरकार के प्रयासों का भी परिणाम है। उन्होंने कहा कि नदी में गिरने वाले नालों को अवरुद्ध किया जा रहा है, और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले, उन्हें सियोल शांति पुरस्कार मिला, जिसमें लगभग 1.30 करोड़ रूपये की राशि शामिल थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने उस राशि को नमामि गंगे मिशन के लिए दान कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें मिले उपहार और स्मृति चिन्ह भी नीलाम कर दिए गए हैं, और उनकी आय भी नमामि गंगे मिशन को दे दी गई है।
प्रधानमंत्री ने कुंभ से जुड़े नाविकों की भी विशेष रूप से प्रशंसा की। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के बाद पहली बार, कुंभ के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों को अक्षय वट की यात्रा करने का मौका मिला।
प्रधानमंत्री ने वहां उपस्थित सभी व्यक्तियों को कुंभ के अपने विजन, जो आध्यात्मिकता, विश्वास और आधुनिकता का मिश्रण था, को पूरा करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने इस बारे में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा निभाई जा रही भूमिका की भी सराहना की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष कुंभ के लिए की गई व्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे का विकास शामिल है, जो कि कुंभ मेला समाप्त होने के बाद भी शहर की सेवा करता रहेगा।
इस साल 2 अक्टूबर से पहले पूरा देश खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने की तरफ आगे बढ़ रहा है।
— PMO India (@PMOIndia) February 24, 2019
और मैं समझता हूं, प्रयागराज के आप सभी स्वच्छाग्रही, पूरे देश के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा बनकर सामने आए हैं: PM
गंगाजी की ये निर्मलता नमामि-गंगे मिशन की दिशा और सरकार के सार्थक प्रयासों का भी उदाहरण है।
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इस अभियान के तहत प्रयागराज गंगा में गिरने वाले 32 नाले बंद कराए गए हैं।
सीवर-ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से गंगा नदी में प्रदूषित जल को साफ करने के बाद ही प्रवाहित किया गया: PM
नमामि-गंगे के लिए अनेक स्वच्छाग्रही तो योगदान दे ही रहे हैं, आर्थिक रूप से भी मदद कर रहे हैं।
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मैंने भी इसमें छोटा सा योगदान किया है।
सियोल पीस प्राइज़ के तौर पर मुझे जो 1 करोड़ 30 लाख रुपए की राशि मिली थी, उसको मैंने नमामि-गंगे मिशन के लिए समर्पित कर दिया है: PM
बीते साढ़े चार वर्षों में प्रधानमंत्री के नाते मुझे जो उपहार मिले हैं,
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उनकी नीलामी करके भी जो राशि मिली है,
वो भी मां गंगा की सेवा में लगाई जा रही है: PM
पिछली बार मैं जब यहां आया था तो मैंने कहा था कि इस बार का कुंभ
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अध्यात्म,
आस्था और
आधुनिकता की त्रिवेणी बनेगा।
मुझे खुशी है कि आप सभी ने अपनी तपस्या से इस विचार को साकार किया है।
तपस्या के क्षेत्र को तकनीक से जोड़ कर जो अद्भुत संगम बनाया गया उसने भी सभी का ध्यान खींचा है: PM