आज पूरा विश्व हमारे ग्रह को एक स्थाई पथ पर आगे बढ़ाने के लिए पेरिस में इकट्ठा हुआ है: प्रधानमंत्री मोदी
ऊर्जा, स्वच्छ पर्यावरण, साफ़-सुथरी जगह और एक बेहतर जीवन पूरे विश्व की आकांक्षा: प्रधानमंत्री मोदी
उन्नत देशों को विकासशील देशों के विकास के लिए पर्याप्त जगह देनी चाहिए: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
सभी को स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए पूरे विश्व को एक साझेदार के रूप में एक साथ आना होगा: प्रधानमंत्री मोदी
जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने और जलवायु के प्रति न्याय सुनिश्चित करने के लिए इनोवेशन महत्वपूर्ण: प्रधानमंत्री मोदी
इनोवेशन के साथ ऐसे साधन उपलब्ध कराने होंगे ताकि यह किफायती हो और लोग इसे आसानी से प्रयोग में ला सकें: प्रधानमंत्री मोदी
हम पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था और हमारी विरासत तथा भविष्य के प्रति हमारे दायित्व के बीच के बीच संतुलन स्थापित करना होगा: प्रधानमंत्री मोदी

राष्‍ट्रपति ओलांद, राष्‍ट्रपति ओबामा, महानुभाव, श्री बिल गेट्स, प्रतिष्ठित अतिथिगण,

मैं अपार साहस एवं दृढ़ संकल्‍प के लिए राष्‍ट्रपति ओलांद एवं फ्रांस की जनता को और पेरिस एवं फ्रांस हेतु एकजुटता दर्शाने के लिए पूरी दुनिया को सलाम करता हूं।

यहां पर की गई उल्‍लेखनीय व्‍यवस्‍था इस महान राष्‍ट्र के विशिष्‍ट गुण को प्रतिबिम्बित करती है। हमारी धरती की दिशा को बदल कर उसे टिकाऊ मार्ग पर ले जाने के लिए पूरी दुनिया पेरिस में एकत्रित हुई है।

हमें कार्बन उत्‍सर्जन के लिए तय लक्ष्‍यों और वैश्विक तापमान में हुई वृद्धि के बारे में अपने विचार अवश्‍य व्‍यक्‍त करने चाहिए, लेकिन इसके साथ ही उन उपकरणों पर ध्‍यान केन्द्रित करना भी उतना ही महत्‍वूपर्ण है जिसके बल पर दुनिया के लिए इस रास्‍ते पर चलना स्‍वाभाविक एवं आसान हो जायेगा।

मानवता का एक बड़ा वर्ग गरीबी के मुहाने पर रहने के साथ-साथ सूर्य के अस्‍त होने के बाद अंधकार में रहकर अपना जीवन यापन करता है। उन्‍हें अपने घरों को रोशन करने और अपने भविष्‍य को नई दिशा प्रदान करने के लिए ऊर्जा की जरूरत है। यही नहीं, जीवाश्‍म ईंधन से संचालित औद्योगिक युग के नतीजों को वे ही सबसे ज्‍यादा भुगत रहे हैं।

ऊर्जा तक आसान पहुंच और बेहतर जीवन की कामना पूरी दुनिया करती है। यही बात स्‍वच्‍छ पर्यावरण एवं स्‍वस्‍थ ठौर-ठिकानों पर भी लागू होती है।

चूंकि दुनिया में ज्‍यादातर देश कार्बन की सीमित गुजाइंश के साथ ही इस धरती पर अपनी समृद्धि का रास्‍ता निकालने का प्रयास कर रहे हैं, इसलिए हमें ढेर सारे काम करने होंगे।

हमें जलवायु न्‍याय की भावना के साथ यह सुनिश्चित करना होगा कि कुछ लोगों के विशि‍ष्‍ट जीवन यापन के चलते उन अनगिनत लोगों के लिए अवसर खत्‍म न हो जायें, जो अब भी विकास की सीढ़ी की शुरुआती पायदान पर ही हैं।

विकसित राष्‍ट्रों को निश्चित तौर पर विकासशील देशों के विकास के लिए पर्याप्‍त गुजांइश सुनिश्चित करनी चाहिए और इसके साथ ही हमें भी अपने विकास पथ पर आगे बढ़ने के दौरान कार्बन के सीमित उपयोग के लिए अथक प्रयास करने चाहिए।

इसके लिए हमें आपस में भागीदारी कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्‍वच्‍छ ऊर्जा सभी की पहुंच में आ जाये।

जलवायु परिवर्तन से निपटने और जलवायु न्‍याय सुनिश्चित करने के लिए नवाचार बेहद महत्‍वपूर्ण हैं।

इसी तथ्‍य के मद्देनजर यह नवाचार सम्‍मेलन खास अहमियत रखता है। इसने हम सभी को एक साझा उद्देश्‍य के लिए एकजुट कर दिया है।

हमें नवीकरण ऊर्जा को और ज्‍यादा सस्‍ता, विश्‍वसनीय एवं पारेषण ग्रिडों के साथ इसे जोड़ना आसान करने के लिए अनुसंधान एवं नवाचार पर ध्‍यान केन्द्रित करने की जरूरत है।

हम परंपरागत ऊर्जा को और स्‍वच्‍छ बना सकते हैं। इसके साथ ही हम नवीकरणीय ऊर्जा के कई और नये स्रोत विकसित कर सकते हैं।

यह हमारे सामूहिक भविष्‍य के लिए एक वैश्विक जवाबदेही है।

नवाचार से जुड़ी हमारी पहल महज बाजार प्रोत्‍साहनों के बजाय सार्वजनिक उद्देश्‍य से प्रेरित होनी चाहिए, जिसमें बौद्धिक सम्‍पदा भी शामिल है।

यहां पर इससे आशय विकासशील देशों के प्रति आपूर्तिकर्ताओं की मजबूत सार्वजनिक प्रतिबद्धता से भी है।

इसकी बदौलत स्‍वच्‍छ ऊर्जा से जुड़ी तकनीक सभी के लिए उपलब्‍ध, सुलभ और सस्‍ती हो जायेगी।

यह भागीदारी सरकारों की जवाबदेही को निजी क्षेत्र की नवाचार क्षमता के साथ जोड़ देगी। हम अनुसंधान एवं नवाचार पर अपने निवेश को दोगुना करेंगे और आपसी सहयोग को और गहरा करेंगे।

हमारे पास 30-40 विश्‍वविद्यालयों और प्रयोगशालाओं का एक ऐसा अन्‍तर्राष्‍ट्रीय नेटवर्क होना चाहिए, जो अगले दस वर्षों तक नवीकरणीय ऊर्जा पर अपना ध्‍यान केन्द्रित रखे।

नवाचार के साथ-साथ उन साधनों का होना भी अत्‍यावश्‍यक है जिनके बल पर इन्‍हें सस्‍ता करने के साथ-साथ अपनाया जा सकता है।

यहां मौजूद अनेक राष्‍ट्रों के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी का एक अत्‍यंत सफल मॉडल हमारे पास है। भारत छोटे द्वीप देशों के साथ-साथ विकासशील राष्‍ट्रों में भी नवीकरणीय क्षमता सुनिश्चित कर रहा है।

स्‍वच्‍छ ऊर्जा से जुड़ी प्रौद्योगिकी एवं लागत की दिशा में हुई प्रगति बेहद प्रभावशाली है अगर हम अपने प्रयासों में और तेजी ला दें तो हम पूरी दुनिया में अहम बदलाव ला सकते हैं। हम कार्बन उपयोग वाले नये युग में नई अर्थव्‍यवस्‍था की नींव भी डालेंगे।

हम भविष्‍य के लिए पारिस्थितिकी एवं अर्थव्‍यवस्‍था के साथ-साथ अपनी विरासत एवं दायित्‍व के बीच भी संतुलन बहाल करेंगे और इसके साथ ही हम गांधी जी के आह्वान पर खरा उतरते हुए भावी दुनिया का भी ख्‍याल रखेंगे जिसे हम देख भी नहीं पायेंगे।

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PM chairs 45th PRAGATI Interaction
December 26, 2024
PM reviews nine key projects worth more than Rs. 1 lakh crore
Delay in projects not only leads to cost escalation but also deprives public of the intended benefits of the project: PM
PM stresses on the importance of timely Rehabilitation and Resettlement of families affected during implementation of projects
PM reviews PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana and directs states to adopt a saturation approach for villages, towns and cities in a phased manner
PM advises conducting workshops for experience sharing for cities where metro projects are under implementation or in the pipeline to to understand the best practices and key learnings
PM reviews public grievances related to the Banking and Insurance Sector and emphasizes on quality of disposal of the grievances

Prime Minister Shri Narendra Modi earlier today chaired the meeting of the 45th edition of PRAGATI, the ICT-based multi-modal platform for Pro-Active Governance and Timely Implementation, involving Centre and State governments.

In the meeting, eight significant projects were reviewed, which included six Metro Projects of Urban Transport and one project each relating to Road connectivity and Thermal power. The combined cost of these projects, spread across different States/UTs, is more than Rs. 1 lakh crore.

Prime Minister stressed that all government officials, both at the Central and State levels, must recognize that project delays not only escalate costs but also hinder the public from receiving the intended benefits.

During the interaction, Prime Minister also reviewed Public Grievances related to the Banking & Insurance Sector. While Prime Minister noted the reduction in the time taken for disposal, he also emphasized on the quality of disposal of the grievances.

Considering more and more cities are coming up with Metro Projects as one of the preferred public transport systems, Prime Minister advised conducting workshops for experience sharing for cities where projects are under implementation or in the pipeline, to capture the best practices and learnings from experiences.

During the review, Prime Minister stressed on the importance of timely Rehabilitation and Resettlement of Project Affected Families during implementation of projects. He further asked to ensure ease of living for such families by providing quality amenities at the new place.

PM also reviewed PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana. He directed to enhance the capacity of installations of Rooftops in the States/UTs by developing a quality vendor ecosystem. He further directed to reduce the time required in the process, starting from demand generation to operationalization of rooftop solar. He further directed states to adopt a saturation approach for villages, towns and cities in a phased manner.

Up to the 45th edition of PRAGATI meetings, 363 projects having a total cost of around Rs. 19.12 lakh crore have been reviewed.