प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली में दशहरा के अवसर पर आयोजित समारोह में भाग लिया
त्योहार हमारे सामाजिक मूल्यों का प्रतिबिंब हैं: पीएम मोदी
रावण दहन की परंपरा हमारे जीवन के मूल्यों को दर्शाती है: प्रधानमंत्री
विजयादशमी के मूल्यों को जीवन में आत्मसात करें, 2022 तक एक ‘नए भारत’ के सपने को साकार करने के लिए काम करें: प्रधानमंत्री

आप सबको विजयादशमी के पावन पर्व पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं। हमारे देश में उत्‍सव एक प्रकार से सामाजिक शिक्षा का माध्‍यम हैं। हमारे हर उत्‍सव के साथ समाज को सामूहिकता की ओर ले जाना, समाज के प्रति संवेदन बनाना, मूल्‍यों के प्रति अ‍हरिष्‍ट याद रखना, और‍ विकृतियों को मिटाने का निरन्‍तर प्रयास करते रहना; इसकी एक प्रशिक्षा के रूप में हमारे उत्‍सवों की परम्‍परा है।

हमारे उत्‍सव खेत-खलिहान से भी जुड़े हुए हैं, हमारे उत्‍सव नदी-पर्वतों से जुड़े हुए हैं, हमारे उत्‍सव इतिहास से जुड़े हुए हैं, हमारे उत्‍सव सांस्‍कृतिक परम्‍पराओं से जुड़े हुए हैं।

हजारों साल हो गए लेकिन प्रभु राम, प्रभु कृष्‍ण; इनकी गाथाएं आज भी समाज जीवन को चेतनाएं देती रही हैं, प्रेरणा देती रही हैं। आज नवरात्रि के पावन पर्व के बाद विजयादशमी के पर्व पर रावण दहन की परम्‍परा है। ये रावण दहन उस परम्‍परा का हिस्‍सा है। लेकिन एक नागरिक के नाते समाज जीवन में ये जो रावण प्रमुक्ति होती है, उसको विनाश करने के लिए भी समाज ने निरन्तर जागृत प्रयास करने होते हैं।

और ऐसे उत्‍सव से सिर्फ मनोरंजन नहीं, कोई मकसद बनना चाहिए। ऐसे उत्सवों से कुछ कर गुजरने का संकल्‍प बनना चाहिए। कोई कल्‍पना कर सकता है कि अयोध्‍या से पहने हुए वस्‍त्र पहन करके निकले हुए राम पूरे रास्‍ते चलते-चलते संगठन शक्ति का इतना बड़ा कौशल्‍य बता देते हैं कि श्रीलंका विजय में समाज के हर तबके के व्‍यक्ति उनके साथ जुड़ गए। नर भी जुड़े, वानर भी जुड़े, प्रकृति ने भी उनका साथ दिया। लोक संग्रह की कितनी बड़ी अद्भुत शक्ति होगी, तब प्रभु रामचंद्र जी ने इतने बड़े सामर्थ्‍य को अपने साथ जोड़ा होगा। और विजय प्राप्‍त करने के बाद भी उसी नम्रता के साथ जन-समाज को अपने-आपको आहुत करने में लगे रहे।

ऐसे आज विजयादशमी के पर्व पर हम भी संकल्‍प करें कि 2022, जब भारत आजादी के 75 वर्ष मनाएगा; हम भी कोई संकल्‍प करें, हम भी कोई सिद्धि के लिए रास्‍ता चुनें और 2022 तक एक नागरिक के नाते देश को कुछ न कुछ सकारात्‍मक योगदान दें, कुछ न कुछ  contribution करें, हम 2022, आजादी के 75 साल को। महापुरुषों ने जिस सपनों से स्‍वतंत्रता दिलाई, उसके अनुरूप बना  पाएंगे, और इसीलिए प्रभु रामजी की तरह हम भी कुछ संकल्‍प लेने का व्रत ले करके चलें, यही मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। फिर एक बार आप सबको विजयादशमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

 

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प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को नई दिल्ली के सीबीसीआई सेंटर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल होंगे
December 22, 2024
प्रधानमंत्री कार्डिनल और बिशप सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत करेंगे
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को शाम 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेता शामिल होंगे।

यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।