राष्ट्रपति ओलांद, महानुभावों, औद्योगिक प्रमुखों,
मैं एक बार फिर से फ्रांस के लोगों की एकजुटता के साथ अपने संबोधन की शुरुआत करता हूं। मुश्किल की इस घड़ी में भी दुनिया के लिए इस तरह की उत्कृष्ट मेजबानी सराहनीय है।
सौर-समृद्ध देशों के एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के मेरे लंबे समय से देखे गए स्वप्न को राष्ट्रपति ओलांद ने गहरी रुचि और शीघ्रता के साथ साकार करने में पूर्ण समर्थन दिया। यह जलवायु परिवर्तन पर एक निर्णायक वैश्विक सम्मेलन के उद्घाटन का दिवस है। हर कदम पर उनके समर्थन और सह-अध्यक्षता के उनके निर्णय के लिए मैं बहुत आभारी हूं।
हम सभी की विशिष्ट बौद्धिक क्षमता को हमें स्मरण कराने के लिए दुनियाभर से प्रकृति पर उद्धरण की एक पुस्तक के विचार के प्रति उनकी प्रतिक्रिया बेहद सकारात्मक थी। मैं उनके साथ इस विचार के सह-लेखक के तौर पर अपने को सम्मानित महसूस कर रहा हूं।
प्राचीन काल से, विभिन्न सभ्यताओं ने सूर्य को एक विशेष स्थान दिया है। भारतीय परंपरा में, सूर्य ऊर्जा के सभी स्वरूपों का स्रोत है। जैसा कि ऋगवेद में कहा गया है कि सूर्य भगवान सभी जीव और निर्जीव प्राणियों की आत्मा हैं। भारत में बहुत से लोगों के दिन का शुभारंभ सूर्य देव की प्रार्थना से होता है।
आज जब ऊर्जा के स्रोतों और हमारे औद्योगिक युग की ज्यादतियों ने हमारे ग्रह को संकट में डाल दिया है। ऐसे में दुनिया को हमारी भविष्य की ऊर्जा के लिए सूर्य की ओर रुख करना होगा।
विकासशील देशों में अरबों लोगों ने समृद्धि की ओर कदम बढ़ाया है। ऐसे में एक स्थाई ग्रह के लिए हमारी आशाएं एक मजबूत वैश्विक पहल पर निर्भर हैं।
इसका अभिप्राय होगा कि विकासशील देशों को बढ़ने के लिए विकसित देश प्रर्याप्त कार्बन स्थल उपलब्ध कराएंगे। यह एक प्राकृतिक जलवायु न्याय है। इसका अभिप्राय एक न्यून कार्बन के साथ विकास पथ से भी है। इसलिए अर्थव्यवस्था, पारिस्थ्िातिकी और ऊर्जा के बीच समानता से ही हमारे भविष्य को परिभाषित किया जाना चाहिए।
मानवता का विशाल जनसमूह वर्षभर सूर्य के उदार प्रकाश को वरदान के रूप में प्राप्त करता है। फिर भी बहुत से लोग ऊर्जा के किसी भी स्रोत के बिना रह रहे हैं। यही कारण है कि यह गठबंधन इतना महत्वपूर्ण हैं।
हम सौर ऊर्जा को सस्ता, अधिक विश्वसनीय बनाते हुए इसे आसानी से ग्रिड से जोड़कर अपने जीवन और घरों में लाना चाहते हैं।
हम अनुसंधान और नवाचार पर सहयोग करेंगे। हम ज्ञान साझा करेंगे और सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणालियों का अदान-प्रदान करेंगे।
हम प्रशिक्षण और संस्थानों के निर्माण पर सहयोग करेंगे। हम विनियामक मुद्दों पर चर्चा करेंगे और सामान्य मानकों को प्रोत्साहन देंगे। हम सौर क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करेंगे और संयुक्त उपक्रमों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ नवाचार वित्तीय तंत्रों को विकसित करेंगे।
हम अक्षय ऊर्जा पर अंतरराष्ट्रीय पहलों में एक दूसरे के साथ सहभागी बनेंगे। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक क्रांति पहले से ही है। प्रौद्योगिकी विकसित हो रही है, लागतें नीचे आ रही हैं और ग्रिड संपर्क में सुधार हो रहा है।
स्वच्छ ऊर्जा को अधिक वास्तविक बनाने के लिए यह एक सार्वभौमिक पहुंच की परिकल्पना है। भारत की क्षमता 4 जी डब्ल्यू है और हमने 2022 तक सौर ऊर्जा में 100 जीडब्ल्यू जोड़ने का लक्ष्य तय किया है। इस वर्ष के अंत तक हम अन्य 12 जीडब्ल्यू को जोड़ लेंगे।
मैं उद्योग जगत की प्रतिक्रिया से प्रसन्न हूं जैसा कि आपने सभी की पहुंच के भीतर स्वच्छ ऊर्जा को पहुंचाने का प्रयास किया है। इससे असीमित आर्थिक अवसर पैदा होंगे और यह इस शताब्दी की नई अर्थव्यवस्था की नींव होंगे।
यह एक गठबंधन है जो विकसित और विकासशील देशों, सरकारों और उद्योगों, प्रयोगशालाओं और संस्थानों को एक समान उद्यम के तौर पर साथ लाता है।
भारत अपने सौर ऊर्जा के राष्ट्रीय संस्थान के परिसरों में इस पहल की मेजबानी करने पर प्रसन्नता महसूस करेगा। हम सचिवालय, बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए भूमि और करीब 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान करेंगे।
हम पांच वर्षों के लिए अभियानों को समर्थन देंगे और अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दीर्घावधि कोषों को जुटाएंगे।
आज का दिन न सिर्फ स्वच्छ ऊर्जा के लिए बल्कि आज भी अंधेरे में डूबे हमारे गांवों और घरों के लिए सूर्योदय के साथ एक नई आशा लेकर आया है जिसमें सूर्य की उज्जवल प्रकाश से परिपूर्ण हमारी सुबह और शामें होंगी।
This is inaugural day of defining global conference on climate change: PM at launch of International Solar Alliance https://t.co/rxjyNOkteX
— PMO India (@PMOIndia) November 30, 2015
Since ancient times different civilizations have given a special place to Sun: PM @narendramodi #COP21 @COP21en @India4Climate
— PMO India (@PMOIndia) November 30, 2015
In the Indian tradition Sun is the source of all forms of energy: PM @narendramodi at #COP21 @India4Climate https://t.co/rxjyNOkteX
— PMO India (@PMOIndia) November 30, 2015
Convergence between economy, ecology and energy should define our future: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 30, 2015
India has capacity of 4GW & we have set a target of adding 100 GW of solar power by 2022: PM @narendramodi at @COP21 @COP21en @India4Climate
— PMO India (@PMOIndia) November 30, 2015
This day is the sunrise of new hope – not just for clean energy, but for villages and homes still in darkness: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 30, 2015
.@narendramodi, @fhollande now launching new international solar alliance at #COP21 Webcast https://t.co/yU3h36smm1 pic.twitter.com/FwR1LZ3TXW
— UN Climate Action (@UNFCCC) November 30, 2015
.@narendramodi "The sun is the source of all energy. The world must turn to #solar, the power of our future" #COP21 pic.twitter.com/lGHeqvliIm
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.@narendramodi: "I am delighted by the industry support of #solar energy" Webcast https://t.co/yU3h36smm1 pic.twitter.com/Y34lxelvB7
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.@narendramodi, @fhollande joined by @UN chief Ban for launch of global solar alliance: https://t.co/yU3h36smm1 pic.twitter.com/A97rTj9wB4
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