हमारे 67वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति ओलांद का भारत में तहे दिल से स्वागत है: प्रधानमंत्री मोदी
फ़्रांस ऐसे देशो में से है जिसके साथ हमारी प्राचीनतम और सब से भरोसेमंद रणनीतिक साझेदारी रही है: प्रधानमंत्री मोदी
कल हम पांचवी बार फ़्रांसिसी नेता का अपने गणतंत्र दिवस पर मुख्य अथिति के रूप में स्वागत करेंगे: प्रधानमंत्री मोदी
फ़्रांस उन चंद प्रथम देशो में से है जिसके साथ भारत ने असैनिक परमाणु सहयोग के क्षेत्र में समझौता किया है: प्रधानमंत्री
रक्षा, अंतरिक्ष और मजबूत अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में भारत और फ्रांस का सहयोग मज़बूत, पुराना तथा भरोसेमंद है: प्रधानमंत्री मोदी
36 रफेल लड़ाकू विमानो की खरीद हमारे लिए खुशी की बात है: प्रधानमंत्री मोदी
भारत और फ़्रांस के सबंध वक्त की हर परीक्षा पर खरे उतरे है: प्रधानमंत्री मोदी
परमाणु ऊर्जा से लेकर सौर ऊर्जा तक सभी क्षेत्रों में हमारे संबंध हैं: प्रधानमंत्री मोदी
आतंकवाद मानवता के साथ-साथ मानवीय मूल्यों के लिए भी खतरा है: प्रधानमंत्री मोदी

Excellency,राष्ट्रपति औलांद,

फ़्रांस के मंत्रीगण,

प्रतिनिधि मंडल के सदस्य एवम Media के सदस्य।

राष्ट्रपति औलांद आप भारत के एक अभिन्न मित्र है।

हमारे 67 गणतंत्र दिवस के विशेष अवसर पर आप का भारत मे तहे दिल से स्वागत है। 

आपने हमारा निमंत्रण स्वीकार किया इसके लिए मै आपका अभिनन्दन करता हूँ।

राष्ट्रपति जी, आप एक महान देश के सशक्त नेता है।

फ़्रांस ऐसे देशो मे से है जिस के साथ हमारी प्राचीनतम और सब से भरोसेमंद strategic partnership रही है।

भारत के गणतंत्र दिवस समारोह पर आपका मुख्य अथिति के रूप मे स्वागत करना, मेरे और पूरे भारत के लिये गौरव की बात है।

कल पूरा भारत और पूरे विश्व मे हर भारतीय गणतंत्र दिवस मनायेगा।

कई कारणों से कल का दिन हमारे संबंधों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।

कल हम पांचवी बार फ़्रांसिसी नेता का अपने गणतंत्र दिवस पर मुख्य अथिति के रूप मे स्वागत करेंगे।

साथ ही साथ फ़्रांस पहला ऐसा देश होगा जिस का सैन्य दस्ता कल हमारी राष्ट्रीय परेड पर भारतीय सैन्य टुकडियो के साथ कदम से कदम मिलाकर राज पथ की शान बड़ायेगा।

Friends,

फ़्रांस वह देश है जिसके साथ आज से लगभग 18 वर्ष पूर्व, भारत ने अपनी पहली Strategic Partnership कायम की थी।

फ़्रांस उन चंद प्रथम देशो मे से है, जिसके साथ भारत ने Civil Nuclear Cooperation के क्षेत्र मे समझौता किया है।

रक्षा, अन्तरिक्ष और अन्य strategic क्षेत्रो मे भी हमारा सहयोग मज़बूत, पुराना तथा भरोसेमंद है।

रक्षा सहयोग के सन्दर्भ मे, 36 रफेल लड़ाकू विमानो की खरीद को लेकर, यह खुशी की बात है कि दोनों पक्षों के बीच, कुछ financial aspects को छोड़, शेष Inter-govrnmental Agreement संम्पन हो गया है। हमारी यह भी सहमती हुई है कि financial aspects को अतिशीघ्र resolve किया जायेगा ।

भारत और फ़्रांस के सबंध वक्त की हर परीक्षा पर खरे उतरे है।

उस के हर उतार चढ़ाव से कमज़ोर नहीं अपितु और अधिक सुदृढ़ हो कर निकले है।

पिछले वर्ष April मे मेरी फ़्रांस यात्रा के दौरान, मैने और राष्ट्रपति औलांद ने अपने संबंधों के विस्तार और उनकी गहनता के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे|

राष्ट्रपति जी के साथ मेरी आज की वार्ता मे लिए गए ठोस कदम हमारी बहुमुखी सहभागिता के साझे स्वपन की उपलब्धी मे कारगर सिद्ध होंगे।

Railway engine से satellite के निर्माण तक; सीमा सुरक्षा से लेकर अंतरिक्ष की सीमाओ तक; सांझी archeological excavations से smart cities तक; सूर्य उर्जा से nuclear power तक; "Namaste" India" से लेकर "Bonjour France"तक— आज लिए गए निर्णय इन सभी कार्य क्षेत्रों मे हमारी द्विपक्षीय साझेदारी को विकसित करेगे।

हम सहयोग के मार्ग पर अग्रसर है। किन्तु साथ ही साथ हम उभरती चुनौतियों के प्रति भी सजग है।

Paris, Pathankot तथा विश्व के अन्य शहरो पर हुए आतंकवादी हमले एक ऐसी ही चुनौती का एक भीषण स्वरूप है। आतंकवाद, मानवता तथा मानव मूल्यों का दुश्मन है। मेरा यह मानना है कि इससे लड़ने के लिए मानवता मे विश्वास रखने वाले सभी देशो और शक्तियों का एकत्रित होना नितांत आवश्यक है।

Excellency,

हमारे द्विपक्षीय सहयोग के इन्द्रधनुष मे पर्यावरण सुरक्षा एक अहम प्राथमिकता है। राष्ट्रपति महोदय, Paris मे हुए ऐतहासिक COP-21 के दौरान आपकी समझ-बूझ से भरपूर नेतृत्व का मै हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। COP-21 के दौरान विश्व ने इस धरती के लिए एक नए Climate framework की सफल उत्पत्ति देखी है। साथ ही साथ, COP-21 मे मैने और राष्ट्रपति जी ने मिलकर International Solar Alliance को launch किया था।

मेरे लिए यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि अब से थोड़ी ही देर मे हम इसके Interim Secretariat का उद्घाटन करेगे और permanent Secretariat का शिलान्यास करेंगे। हमारे सम्बन्धो की एक खूबसूरती है इसका dynamism. इसी कारण हम समय के साथ और समय अनुरूप अपने relationship मे उभरती आर्थिक तथा राजनैतिक सहयोग की opportunities को उपलिब्धयों मे परिवर्तित करने मे सफल रहे है।

इसमे दो राय नहीं है, और यह कल Chandigarh मे स्पष्ट था, कि दोनों देशो के businesses के बीच व्यापार तथा निवेश संपर्क हमारे सशक्त संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।

Chandigarh मे CEO Forum और Business Summit की वार्ता उत्साहपूर्ण, लाभकारी एवम सार्थक थी।

राष्ट्रपति औलांद और मैने द्विपक्षिय सहयोग की ऐसी नई नीवं डाली है जो की भारत और फ़्रांस के बीच नयी commercial partnerships को जन्म देंगी।

शहरी विकास, खासतौर से smart cities का विकास; भारत मे Railway engines का निर्माण; railway tracks का upgradation; railway stations का विकास; nuclear power की उत्पत्ति ---यह ऐसे बीज है जिनकी सिंचाई दोनों देशो की अर्थव्यवस्थाओ को, तथा भारत और फ़्रांस को और समीप लाएगी।

इस सन्दर्भ मे मै फ़्रांसिसी businesses तथा industry कों भारत मे निवेश के लिए आमंत्रित करता हूँ।

भारत की आर्थिक उन्नति, हमारी विकास की प्राथमिकताये, भारत के skilled human resources, यह सभी फ़्रांस और French industry के लिए एक अभूतपूर्व अवसर है।

Excellency औलांद, भारत और फ़्रांस एक सुरक्षित और संपन्न भविष्य के लिए न केवल प्रतिबद्ध है अपितु उसकी और तीव्रता से अग्रसर है।

इस यात्रा की सफलता मे मै आपके सहयोग और प्रयासों का आभारी हूँ।

इन शब्दों के साथ मै एक बार फिर राष्ट्रपति औलांद का भारत के गणतंत्र दिवस समारोह पर मुख्य अथिति के रूप मे हार्दिक स्वागत करता हूँ।

धन्यवाद।

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प्रधानमंत्री 23 दिसंबर को नई दिल्ली के सीबीसीआई सेंटर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल होंगे
December 22, 2024
प्रधानमंत्री कार्डिनल और बिशप सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से बातचीत करेंगे
यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को शाम 6:30 बजे नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेंगे।

प्रधानमंत्री ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेता शामिल होंगे।

यह पहली बार होगा, जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेंगे।

कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।