हम यह कभी नहीं भूल सकते कि गुजरात में 2001 में आए भीषण भूकंप में ईरान सहायता करने वाले पहले देशों में से एक था: प्रधानमंत्री मोदी
भारत को ईरान की विपदा के समय में ईरान के लोगों के साथ खड़े होने पर गर्व है: प्रधानमंत्री मोदी
चाबहार बंदरगाह के विकास के संबंध में द्विपक्षीय अनुबंध; इस उद्देश्‍य के लिए भारत से 500 मिलियन अमरिकी डॉलर की उपलब्‍धता अहम पड़ाव: पीएमभारत-ईरान और अफगानिस्‍तान की भागीदारी वाले त्रिपक्षीय परिवहन और पारगमन समझौते पर हस्‍ताक्षर एक ऐतिहासिक अवसर: प्रधानमंत्री मोदी
हमारे क्षेत्र की शांति, स्थिरता और समृद्धि में भारत और ईरान की महत्‍वपूर्ण हिस्‍सेदारी: प्रधानमंत्री मोदी

महामहिम राष्‍ट्रपति रूहानी,

मित्रों,

आपके गर्मजोशी भरे और बुद्धिमत्‍तापूर्ण शब्‍दों के लिए महामहिम आपका धन्‍यवाद।

आपने मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल को जो आतिथ्‍य सत्‍कार दिया है मैं उसके लिए आपका आभारी हूं। 1.25 अरब भारतीयों की ओर से मैं ईरान के मैत्रीपूर्ण लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं। सदियों से फारसी विरासत के सौंदर्य और समृद्धि ने विश्‍व को ईरान की ओर आकर्षित किया है। मेरे लिए ईरान का दौरा वास्‍तव में बड़े सौभाग्‍य की बात है।

महामहिम,भारत और ईरान नये दोस्‍त नहीं हैं। हमारी दोस्‍ती इतिहास जितनी ही पुरानी है। सदियों से हमारे समाज कला, स्‍थापत्‍य कला, विचार और परंपराओं, संस्‍कृति और वाणिज्‍य के माध्‍यम से जुड़े रहे हैं। दोस्‍तों और पडोसियों के रूप में एक दूसरे की प्रगति और समृद्धि, खुशी और दुख में हमारे साझा हित रहे हैं। हम यह कभी नहीं भूल सकते कि जब मेरे राज्‍य गुजरात में 2001 में भीषण भूकंप आया था तो ईरान सहायता करने वाले पहले देशों में से एक था। इसी प्रकार भारत को भी ईरान की विपदा के समय ईरान के लोगों के साथ खड़े होने पर गर्व है। मैं ईरान के नेतृत्‍व को उनकी दूरदर्शी कूटनीति के लिए बधाई देता हूं।

महामहिम,

हमारी पिछली मुलाकात 2015 में ऊफा में हुई थी। आपके नेतृत्‍व और आपके दृष्टिकोण की स्‍पष्‍टता ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। आज की हमारी बैठक में हमने अपने द्विपक्षीय कार्यक्रमों के पूरे दायरे पर ध्‍यान केंद्रित किया है। हमने उभरती क्षेत्रीय स्थिति और आम महत्‍व के वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया है। हमारी भागीदारी की कार्यसूची और दायरा वास्‍तव में बहुत मजबूत है। आज के निष्‍कर्षों और जिन अनुबंधों पर हस्‍ताक्षर हुए हैं उन्‍होंने हमारी सामरिक भागीदारी में एक नया अध्‍याय खोल दिया है। हमारी जनता का कल्‍याण हमारे व्‍यापक आधार वाले आर्थिक संबंधों का मार्गदर्शन कर रहा है। व्‍यापार संबंधों का विस्‍तार, गहरा जुड़ाव, तेल और गैस क्षेत्र में रेलवे की भागीदारी सहित उर्वरक, शिक्षा और सांस्‍कृतिक क्षेत्र हमारे समग्र आर्थिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रहे हैं। चाबहार बंदरगाह और संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के संबंध में द्विपक्षीय अनुबंध और इस उद्देश्‍य के लिए भारत से लगभग 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की उपलब्‍धता एक महत्‍वपूर्ण मील का पत्‍थर है। इस प्रमुख प्रयास से इस क्षेत्र में आर्थिक प्रगति को बढ़ावा मिलेगा। हम आज हस्‍ताक्षरित अुनबंधों को जल्‍दी लागू करने के लिए कदम उठाने हेतु प्रतिबद्ध हैं।

दोस्‍तों,

आज दिन में हम भारत-ईरान और अफगानिस्‍तान की भागीदारी वाले त्रिपक्षीय परिवहन और पारगमन समझौते पर हस्‍ताक्षर करने वाले हैं। यह एक ऐतिहासिक अवसर होगा। यह भारत-ईरान और अफ‍गानिस्‍तान को आपस में जोड़ने के लिए नये मार्ग खोलेगा। भारत और ईरान की इस क्षेत्र की शांति स्थिरता और समृद्धि में भी महत्‍वपूर्ण हिस्‍सेदारी है। हमने क्षेत्र में अस्थिरता, कट्टरपंथ और आतंक फैलाने वाली ताकतों से संबंधित चिंताओं को भी साझा किया है। हम आतंकवाद, कट्टरपंथ, नशीली दवाओं की तस्‍करी और साइबर अपराधों की चुनौतियों का सामना करने के बारे में नियमित रूप से विचार-विमर्श करने के लिए भी सहमत हो गए हैं। हमने क्षेत्रीय और समुद्री सुरक्षा के बारे में हमारे रक्षा और सुरक्षा संस्‍थानों के मध्‍य बातचीत को आगे बढ़ाने पर भी सहमति व्‍यक्‍त की है।

दोस्‍तों,

हमारे संबंधों के अतीत का इतिहास बहुत समृद्ध रहा है। राष्‍ट्रपति रूहानी और मैं अपने गौरवशाली भविष्‍य के लिए काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हमारी दोस्‍ती अपने क्षेत्र में स्थिरता का एक घटक होगी। मैं आज बाद में अपने संबंधों को और आगे बढ़ाने के लिए ईरान के माननीय सर्वोच्‍च नेता से मिलने के लिए तत्‍पर हूं।

महामहिम रूहानी,

मैं अपने कार्यक्रमों के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भारत में आपका स्‍वागत करने के लिए उत्‍सुक हूं। हम अब जहां हैं और हम कहां हो सकते हैं इसके बारे में गालिब ने अपने शे’र में बड़ा सुंदर वर्णन किया है। मैं इसके साथ ही अपने शब्‍दों को विराम देता हूं-

जनूनत गरबे नफ्से-खुद तमाम अस्त

ज़े-काशी पा-बे काशान नीम गाम अस्त

(जिसका अर्थ है, एक बार अगर हम मन बना लें तो काशी और काशान के बीच की दूरी केवल आधा कदम रह जाती है।)

महामहिम एक बार फिर मैं आपको ईरान यात्रा के लिए आमंत्रित करने पर धन्‍यवाद देता हूं। मैं आप सभी को भी धन्‍यवाद देता हूं।

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Prime Minister lauds the passing of amendments proposed to Oilfields (Regulation and Development) Act 1948
December 03, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi lauded the passing of amendments proposed to Oilfields (Regulation and Development) Act 1948 in Rajya Sabha today. He remarked that it was an important legislation which will boost energy security and also contribute to a prosperous India.

Responding to a post on X by Union Minister Shri Hardeep Singh Puri, Shri Modi wrote:

“This is an important legislation which will boost energy security and also contribute to a prosperous India.”