Quoteअपने जीवन में अपने माता-पिता के योगदान को हमेशा याद रखें। उन्होंने आपकी खुशियों के लिए अपनी खुशियों का बलिदान दिया: प्रधानमंत्री
Quoteआईए, हम प्रतिज्ञा लें कि हम गरीबों के लिए कुछ करेंगे: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteहमारा देश प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रहा है और हम हमारी युवा आबादी के साथ बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं: प्रधानमंत्री
Quoteकुछ बनने का नहीं बल्कि कुछ करने का सपना देखिये: पीएम मोदी
Quoteयह ज्ञान की सदी है और ज्ञान की सदी में हमेशा से भारत ने विश्व को मार्ग दिखाया है: प्रधानमंत्री

उपस्‍थि‍त महानुभाव और आज के केन्‍द्र बि‍न्‍दु, सभी युवा साथि‍यों,

आपके जीवन का यह बड़ा महत्‍वपूर्ण अवसर है। एक प्रकार से KG से प्रारंभ करे तो 20 साल-22 साल-25 साल, एक लगातार तपस्‍या का एक महत्‍वपूर्ण पड़ाव है और मैं नहीं मानता हूं की आप भी यह मानते होंगे कि‍ यह मंजि‍ल पूरी हो गई है। अब तक आपको कि‍सी ने यहां पहुंचाया है। अब आपको अपने आपको कहीं पहुंचाना है। अब तक कोई ऊंगली पकड़कर के यहां लाया है, अब आप अपने मकसद को लेकर के खुद को कसौटी पर कसते हुए, मंजि‍ल को पाने के लि‍ए, अनेक चुनौति‍यों को झेलते हुए आगे बढ़ना है। लेकि‍न वो तब संभव होता है कि‍ आप यहां से क्‍या लेकर जाते हैं। आपके पास वो कौन-सा खजाना है जो आपकी जि‍न्‍दगी बनाने के लि‍ए काम आने वाला है। जि‍सने यह खजाना भरपूर भर लि‍या है, उसको जीवन भर, हर पल, हर मोड़ पर, कहीं न कहीं यह काम आने वाला है। लेकि‍न जि‍सने यहां तक आने के लि‍ए सोचा था।

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ज्‍यादातर अगर युवकों को पूछते हैं कि‍ क्‍या सोचा है आगे? तो कहता है, पहले एक बार पढ़ाई कर लूं। जो इतनी ही सोच रखता है, उसके लि‍ए कल के बाद एक बहुत बड़ा question mark जि‍न्‍दगी में शुरू हो जाता है कि‍ यह तो हो गया, अब क्‍या? लेकि‍न जि‍से पता है कि‍ इसके बाद क्‍या। उसे कि‍सी के सहारे की जरूरत नहीं लगती है। मॉ-बाप जब संतान को जन्‍म देते हैं तो उनकी खुशी का पार नहीं होता है। लेकि‍न जब संतान जीवन में सि‍द्धि‍ प्राप्‍त करता है तो मॉ-बाप अनंत आनंद में समाहि‍त हो जाते हैं। संतान को जन्‍म देने से जो खुशी है, उससे संतान की सि‍द्धि‍ हजारों गुना ज्‍यादा खुशी उन मॉ-बाप को देती है।

आप कल्‍पना कर सकते हैं कि‍ आपके जन्‍म से ज्‍यादा आपके जीवन की खुशी आपके मॉ-बाप को देती है, तब आपकी जि‍म्‍मेवारी कि‍तनी बढ़ जाती हैं। आपके मॉ-बाप ने कि‍न-कि‍न सपनों को लेकर के आपके जीवन को बनाने के लि‍ए क्‍या कुछ नहीं झेला होगा? कभी आपको कुछ खरीदना होगा, मनीऑर्डर की जरूरत होगी, बैंक में money transfer करने की इच्‍छा हो, अगर दो दि‍न late भी हो गए होंगे तो आप परेशान हो गए होंगे कि‍ पता नहीं मम्‍मी-पापा क्‍या कर रहे हैं? और मॉ-बाप ने भी सोचा होगा, अरे! बच्‍चे को दो दि‍न पहले जो पहुंचना था.. देर हो गई। अगली बार कुछ सोचेंगे, कुछ खर्च में कमी करेंगे, पैसे बचाकर रखेंगे ताकि‍ बच्‍चे को पहुंच जाए। जीवन के हर पल को अगर हम देखते जाएंगे तो पता चलेगा कि‍ क्‍या कुछ योगदान होगा, तब हम जि‍न्‍दगी में कुछ पा सकते हैं, कुछ बन सकते हैं। लेकि‍न ज्‍यादातर हम इन चीजों को भूल जाते हैं। जो भूलना चाहि‍ए वो नहीं भूल पाते हैं, जो नहीं भूलना चाहिए उसे याद रखना मुश्‍कि‍ल हो जाता है।

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आप में से बहुत होंगे जि‍न्‍होंने बचपन में अपने मॉ-बाप से सुना होगा कि‍ इसको तो इंजीनि‍यर बनाना है, इसको तो डॉक्‍टर बनाना है, इसको तो क्रि‍केटर बनाना है। कुछ न कुछ मॉ-बाप ने सपने देखे होंगे और धीरे-धीरे वो आपके अंदर inject हो गए होंगे। दसवीं कक्षा में बड़ी मुश्‍कि‍ल से नि‍कले होंगे लेकि‍न वो सपने सोने नहीं देते होंगे क्‍योंकि‍ मॉ-बाप ने कहा था, inject कि‍या हुआ था और कुछ नहीं हुआ तो घूमते-फि‍रते यहां पहुंच गए और जब यहां पहुंच गए तो इस बात का आनंद नहीं है कि‍ इतनी बढ़ि‍या university में आए हैं, बढ़ि‍या शि‍क्षा का माहौल मि‍ला है। लेकि‍न परेशानी एक बात की रहती है कि‍ जाना तो वहां था, पहुंचा यहां। जि‍सके दि‍ल-दि‍माग में, जाना तो वहां था लेकि‍न पहुंच नहीं पाया, इसका बोझ रहता है, वो जि‍न्‍दगी कभी जी नहीं सकता है और इसलि‍ए मेरा आपसे आग्रह है, मेरा आपसे अुनरोध है। ठीक है, बचपन में, नासमझी में बहुत कुछ सोचा होगा, नहीं बन पाए, उसको भूल जाइए। जो बन गए है, उस वि‍रासत को लेकर के जीने का हौसला बुलंद कीजि‍ए, अपने आप जि‍न्‍दगी बन जाएगी।

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कुंठा, असफलता, सपनों में आईं रूकावटें, ये बोझ नहीं बननी चाहि‍ए, वो शि‍क्षा का कारण बनना चाहि‍ए। उससे कुछ सीखना होता है और अगर उसको सीख लेते हैं तो जि‍न्‍दगी में और बड़ी चुनौति‍यों को स्‍वीकार करने का सामर्थ्‍य आ जाता है। पहले के जमाने में कहा जाता था कि‍ भई इस tunnel में चल पडा मैं, तो आखि‍री मंजि‍ल उस छोर पर जहां से tunnel पूरी होगी, वहीं नि‍कलेगी। अब वक्‍त बदल चुका है। इसके बाद भी जरूरी नहीं है कि‍ जि‍स रास्‍ते पर आप चल पड़े हैं वहीं पर आखि‍री छोर होगा, वहीं गुजारा करना पड़ेगा। अगर आप में हौसला है तो jump लगाकर के कहीं और भी चले जा सकते हैं, कोई और नए क्षि‍ति‍ज को पार कर सकते हैं। ये बुलन्‍दी होनी चाहि‍ए, ये सपने होने चाहि‍ए।

बहुत सारे वि‍द्यार्थी इस देश में, university में पढ़ते होंगे। क्‍या आप भी उन करोड़ों वि‍द्यार्थि‍यों में से एक है, क्‍या आप भी उन सैंकड़ों university में से एक university के student है? मैं समझता हूं सोचने का तरीका बदलि‍ए। आप उन सैंकड़ों university में से एक university के student नहीं है। आप उन करोड़ों वि‍द्यार्थि‍यों की तरह एक वि‍द्यार्थी नहीं है, आप कुछ और है। और मैं जब और है कहता हूं तो उसका तात्‍पर्य मेरा यह है कि‍ हि‍न्‍दुस्‍तान में कई university चलती होंगी जो taxpayer के पैसों से, सरकारी पैसों से, आपके मॉ-बाप की फीस से चलती होगी। यही एक university अपवाद है, जि‍समें बाकी सब होने के उपरांत माता वैष्‍णो देवी के चरणों में हैं। जि‍न गरीब लोगों ने पैसे चढ़ाए हैं, उसके पास पैसे नहीं थे घोड़े से पहुंचने के लि‍ए, उसकी उम्र 60-65-70 हुई होगी, वो अपने गांव से बड़ी मुश्‍कि‍ल से without reservation चला होगा, केरल से-कन्‍याकुमारी से, वो वैष्‍णो देवी तक आया होगा। मॉं को चढ़ावा चढ़ाना है इसलि‍ए रास्‍ते में एक वक्‍त का खाना छोड़ दि‍या होगा कि‍ मॉं को चढ़ावा चढ़ाना है। ऐसे गरीब लोगों ने और हि‍न्‍दुस्‍तान के हर कोने के गरीब लोगों ने, कि‍सी एक कोने के नहीं हर कोने के गरीब लोगों ने इस माता वैष्‍णो देवी के चरणों में कुछ न कुछ दि‍या होगा। दि‍या होगा तब तो उसको लगा होगा कि‍ शायद कुछ पुण्‍य कमा लूं लेकि‍न जो दि‍या है उसका परि‍णाम है कि‍ इतना बड़ा पुण्‍य कमाने का सौभाग्‍य प्राप्‍त हुआ है। इसलि‍ए आपकी शि‍क्षा-दीक्षा में इस दीवारों में, इस इमारत में, यहां के माहौल में उन गरीबों के सपनों का वास है। और इसलि‍ए औरों से हम कुछ अलग है और universities से हम कुछ अलग है और शायद ही दुनि‍या में करोड़ों-करोड़ों गरीबों के दो रुपए-पाँच रुपए से कोई university चलती हो, यह अपने आप में एक अजूबा है और इसलि‍ए इसके प्रति‍ हमारा भाव उन कोटि‍-कोटि‍ गरीबों के प्रति‍ अपनेपन के भाव में परि‍वर्ति‍त होना चाहि‍ए। मुझे कोई गरीब दि‍खाई दे, मैं जीवन की कि‍सी भी ऊँचाई पर पहुंचा क्‍यों न हो, मुझे उस पल दि‍खना चाहि‍ए कि‍ इस गरीब के लि‍ए कुछ करूंगा क्‍योंकि‍ कोई गरीब था जि‍सने एक बार खाना छोड़कर के मॉं के चरणों में एक रुपया दि‍या था, जो मेरी पढ़ाई में काम आया था। और इसलि‍ए यहां से हम जा रहे हैं तब आपको इस बात की भी खुशी होगी कि‍ बस ! बहुत हो गया, चलो यार कुछ पल ऐसे ही गुजारते हैं। ऐसा बहुत कुछ होता है। लेकि‍न जि‍न्‍दगी की कसौटी तब शुरू होती है जब अपने आप के बलबूते पर दि‍शा तय करनी होती है, फैसले लेने होते हैं।

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अभी तो इस campus में कुछ भी करते होंगे, कोई तो होगा जो आपको ऊंगली पकड़कर के चलाता होगा। आपका जो senior होता होगा वो भी कहता है नहीं, नहीं ऐसा मत करो यार, तुम इस पर ख्‍याल रखो। अच्‍छा हो जाएगा। अरे campus के बाहर कोई चाय बेचने वाला होगा, वो भी कहता है भाई अब रात देर हो गई, बहुत ज्‍यादा मत पढ़ो, जरा सो जाओ, सुबह तुम्‍हारा exam है। कि‍सी peon ने भी आपको कहा होगा कि‍ नहीं-नहीं भाई ऐसा नहीं करते, अपनी university है, ऐसा क्‍यों करते हो? कि‍तने-कि‍तने लोगों ने आपको चलाया होगा।

और उसमें पहली बार दीक्षांत समारोह की कल्पना को साकार किया गया है। भारत में ये परंपरा हजारों वर्ष से संस्थागत बनी हुई है और एक प्रकार से दीक्षांत समारोह ये शिक्षा समारोह नहीं होता है और इसलिए मुझे आपको शिक्षा देने का हक नहीं बनता है। ये दीक्षांत समारोह है जो शिक्षा हमने पाई है, जो अर्जित किया है उसको समाज, जीवन को दीक्षा के लिए समर्पित करने के लिए लिए हमें कदम उठाने हैं, समाज के चरणों में रखने के लिए कदम उठाने हैं। ये देश विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। 800 Million Youth का देश जो 35 से कम Age Group का है, वो दुनिया में क्या-कुछ नहीं कर सकता है। हर नौजवान का सपना हिंदुस्तान की तरक्की का कारण बन सकता है। हम वो लोग हैं जिन्होंने उपनिषद् से लेकर के उपग्रह तक की यात्रा की है। उपनिषद् से उपग्रह तक की यात्रा करने वाले हम लोग हैं। हम वो लोग हैं जिन्होंने गुरुकुल से विश्वकुल तक अपने आप का विस्तार किया है, हम वो लोग हैं और भारत का नौजवान, जब Mars मिशन पर दुनिया कितने ही सालों से प्रयास कर रही थी।

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हर किसी को कई बार Failure मिला, कई बार Failure मिला लेकिन ये हिंदुस्तान का नौजवान था, हिंदुस्तान की Talent थी कि पहले ही प्रयास में वो दुनिया में पहला देश बना, पहले ही प्रयास में Mars मिशन में सफल हुआ और हम लोग, हम गरीब देश के लोग हैं तो हम हमारी, सपने कितने ऊंचे नहीं होते, गरीबी में से रास्ता निकालना भी हम लोगों को आता है। Mars मिशन का खर्चा कितना हुआ, यहां से कटरा जाना है तो ऑटो रिक्शा में शायद 1 किलोमीटर का 10 रुपया लगता होगा लेकिन ये देश के वैज्ञानिकों की ताकत है, इस देश के Talent की ताकत देखिए कि Mars मिशन की यात्रा का खर्च 1 किलोमीटर का 7 रुपए से भी कम आया। इतना ही नहीं हॉलीवुड की जो फिल्में बनती हैं उससे कम खर्चे में मेरे हिंदुस्तान का नौजवान Mars मिशन पर सफलतापूर्वक अपने कदम रखा सकता है। जिस देश के पास ये Talent हो, सामर्थ्य हो उस देश को सपने देखने का हक भी होता है, उस देश को विश्व को कुछ देने का मकसद भी होता है और उसी की पूर्ति के लिए अपने आप को सामर्थ्य बनाने का कर्तव्य भी होता है, उस कर्तव्य के पालन के लिए, हम आज जीवन को देश के लिए क्या करेंगे। उसे पाने का अगर प्रयास करते हैं तो आप देखिए जीवन का संतोष कई गुना बढ़ जाएगा। आप यहां से कई सपने लेकर के जा रहे हैं और खुद को कुछ बनाने के सपने गलते हैं, ऐसा मैं नहीं मानता हूं लेकिन कभी-कभार बनने के सपने निराशा के कारण भी बन जाते हैं। जो बनना चाहो और नहीं बन पाए तो जैसा मैंने प्रारंभ में कहा, वो बोझ बन जाता है लेकिन अगर कुछ करने का सपना होता है तो हर पल करने के बाद एक समाधान होता है, एक नई ऊर्जा प्राप्त होती है, एक नई गति मिलती है, एक नया लक्ष्य मिलता है, नया सिद्धांत, आदर्श मिल जाता है और जीवन को कसौटी पर कसने का एक इरादा बन जाता है और वही तो जिंदगी को आगे बढ़ाता है और इसलिए आज जब माता वैष्णो देवी के चरणों से शिक्षा-दीक्षा प्राप्त करके आप जा रहे हैं और माँ भी खुश होती होगी कि लड़कियों ने कमाल कर दिया है, हो सकता है कुछ दिनों के बाद आंदोलन चले पुरुषों के आरक्षण का, वो भी कोई मांग लेकर के निकल पड़े कि इतने Gold Medal तो हमारे लिए रिजर्व होने चाहिए।

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कल ही भारत की एक बेटी दीपिका ने हिंदुस्तान का नाम रोशन कर दिया। रियो के लिए उसका Selection हुआ और पहली बार एक बेटी जिमनास्टिक के लिए जा रही है। यही चीजें हैं जो देश में ताकत देती हैं। घटना एक इस कोने में और कहां त्रिपुरा, छोटा सा प्रदेश, कहां संसाधन होंगे, क्या संसाधन होने से वो रियो पहुंच रही है.... नहीं, संकल्प के कारण पहुंच रही है। भारत का झंडा ऊंचा करने का इरादा है इसलिए पहुंच रही है और इसलिए व्यवस्थाएं, सुविधाएं यही सब कुछ होती है जिंदगी में, ऐसा नहीं है। जीवन में जो लोग सफल हुए हैं, उनका इतिहास कहता है जिस अब्दुल कलाम जी ने एस University का प्रारंभ किया था, कभी अखबार बेचते थे और मिसाइल मैन के नाम से जाने गए। जरूरी नहीं है जिंदगी बनाने के लिए सुख, सुविधा, अवसर, व्यवस्था हों तभी होता है। हौंसला बुलंद होना चाहिए अपने आप चीजें बन जाने लग जाती हैं और रास्ते भी निकल आते हैं। वो दशरथ मांझी की घटना कौन नहीं जानता है। बिहार का एक गरीब किसान, वो पढ़ा-लिखा नहीं था लेकिन उसका मन कर गया एक रास्ता बनाने का और उसने रास्ता बना दिया और उसने इतिहास बना दिया। वो सिर्फ रास्ता नहीं था मानवीय पुरुषार्थ का एक इतिहास उसने लिख दिया है और इसलिए जीवन में उसी चीजों का जो हिसाब लगाता रहता था, यार ऐसा होता तो अच्छा होता, ऐसा होता तो अच्छा होता तो शायद जिनके पास सब सुविधाएं हैं, उनको कुछ भी बनने में दिक्कत नहीं आती लेकिन देखा होगा आपने, जिनके पास सब कुछ है उनको विरासत में मिल गया, मिल गया बाकी ऐसे बहुत लोग होते हैं जिनके पास कुछ नहीं होता है वो अपना नई दुनिया खड़े कर देते हैं इसलिए अगर सबसे बड़ी संपत्ति है और 21वीं सदी जिसकी मोहताज है और वो है ज्ञानशक्ति और पूरे विश्व को 21वीं सदी में वो ही नेतृत्व करने वाला है जिसके पास ज्ञानशक्ति है और 21वीं सदी वो ज्ञान का युग है और भारत का इतिहास कहता है जब-जब मानव जात ज्ञान युग में प्रवेश किया है, भारत ने विश्व का नेतृत्व किया है। 21वीं सदी ज्ञान युग की सदी है।

भारत के पास विश्व का नेतृत्व करने के लिए ज्ञान का संकुल है और आप लोग हैं, जो उस ज्ञान के वाहक हैं, आप वो हैं जो ज्ञान को ऊर्जा के रूप में लेकर के राष्ट्र के लिए कुछ करने का सामर्थ्य रखते हैं और इसलिए इस दीक्षांत समारोह से अपने जीवन के लिए सोचते-सोचते, जिनके कारण में ये जीवन में कुछ पाया है, उनके लिए भी मैं कुछ सोचूंगा, कुछ करूंगा और जीवन का एक संतोष उसी से मिलेगा और जीवन में संतोष से बड़ी ताकत नहीं होती है। संतोष अपने आप में एक अंतर ऊर्जा है, उस अंतर ऊर्जा को हमें अपने आप में हमेशा संजोए रखना होता है। मुझे महबूबा जी की एक बात बहुत अच्छी लगी कि यहां के लोगों के लिए, हम वो लोग हैं जिनकी बातें हम दुनिया भर में पहुंचाने वाले हैं कि कितने प्यारे लोग हैं, कितनी महान परंपरा के लोग हैं, कितने उदार तरीके के लोग हैं, कैसे प्रकृति के साथ उन्होंने जीना सीखा दिया और एक एबंसेडर के रूप में मैं जम्मू-कश्मीर की इस महान धरती की बात, भारत के मुकुट मणि की बात मैं जहां जाऊं, कैसे पहुंचाऊं, इस University के माध्यम से मैं कर सकता हूं, उसके एक विद्यार्थी के नाम कर सकता हूं और यही ताकत लेकर के हम जाएं, हिंदुस्तान के अनेक राज्य यहां हैं। एक प्रकार ये University, इस सभागृह में मिनी हिंदुस्तान नजर आ रहा है। भारत के कई कोने होंगे जिसको पता नहीं होगा कि जम्मू-कश्मीर की धरती पर भी एक मिनी हिंदस्तान अपने सपनों को संजो रहा है तब हर भारतीय के दिलों में कितना आनंद होगा कि जम्मू-कश्मीर की धरती पर भारत के भविष्य के लिए सपने संजोने वाले नौजवान मेरे सामने बैठे हैं, उनके लिए कितना आनंद होगा।

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इस आनंद धारा को लेकर के हम चलें और सबका साथ, सबका विकास। साथ सबका चाहिए, विकास सबका होना चाहिए। ये संकल्प ही राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है और हम राष्ट्र को एक ऊंचाई पर ले जाने वाले एक व्यक्ति के रूप में, एक ऊर्जा के रूप में हम अपने जीवन में कुछ काम आएं, उस सपनों को लेकर के चलें। मेरी इन सभी नौजवानों को हृदय से बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं, विशेषकर के जिन बेटियों ने आज पराक्रम दिखाया है उनको मैं लाख-लाख बधाईयां देता हूं, उनके मां-बाप को बधाई देता हूं। उन्होंने अपने बेटियों को पढ़ने के लिए यहां तक भेजा है। बेटी जब पढ़ती है तो बेटी का तो योगदान है ही है लेकिन उस माँ का ज्यादा योगदान है, जो बेटी को पढ़ने के लिए खुद कष्ट उठाती है। वरना मां को तो करता होगा अच्छा होगा कि वो घर में है ताकि छोटे भाई के साथ थोड़ा उसको संभाल ले, अच्छा है घर में रहे ताकि मेहमान आए तो बर्तन साफ के काम आ जाए लेकिन वो मां होती है, जिसको अपने सुख के लिए नहीं बच्चों के सुख के लिए जीने का मन करता है तब मां बेटी को पढ़ने के लिए बाहर भेजती है। मैं उन माता को भी प्रणाम करता हूं, जिन माता ने  इन बेटियों को पढाने के लिए आगे आई है, उन सबको मैं प्रणाम करते हुए आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। धन्यवाद।

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रामेश्वरम के लिए नया पंबन ब्रिज टेक्नोलॉजी और ट्रैडिशन का मेल है: पीएम मोदी
April 06, 2025
QuoteI feel blessed that I could pray at the Ramanathaswamy Temple today: PM
QuoteThe new Pamban Bridge to Rameswaram brings technology and tradition together: PM
QuoteToday, mega projects are progressing rapidly across the country: PM
QuoteIndia's growth will be significantly driven by our Blue Economy and the world can see Tamil Nadu's strength in this domain: PM
QuoteOur government is continuously working to ensure that the Tamil language and heritage reach every corner of the world: PM

वणक्कम!

एन अंबू तमिल सोंधंगले !

तमिलनाडु के राज्यपाल एन रवि जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी अश्विनी वैष्णव जी, डॉक्टर एल मुरुगन जी, तमिलनाडु सरकार के मंत्री गण, सांसद, अन्य महानुभाव और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों!

नमस्कार !

साथियों,

आज रामनवमी का पावन पर्व है। अब से कुछ समय पूर्व अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला का सूर्य की किरणों ने भव्य तिलक किया है। भगवान श्रीराम का जीवन, उनके राज्य से मिलने वाली सुशासन की प्रेरणा राष्ट्र निर्माण का बड़ा आधार है और आज रामनवमी है, मेरे साथ बोलिए, जय श्री राम! जय श्री राम! जय श्री राम! तमिलनाडु के संगम कालीन साहित्य में भी श्रीराम के बारे में कहा गया है। मैं रामेश्वरम की इस पवित्र धरती से, समस्त देशवासियों को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

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Friends,

I feel blessed that I could pray at the Ramanathaswamy Temple today. On this special day, I got the opportunity to hand over development projects worth Eight thousand and Three Hundred crore rupees. These rail and road projects will boost connectivity in Tamil Nadu. I congratulate my brothers and sisters in Tamil Nadu for these projects.

Friends,

This is the land of Bharat Ratna Dr. Kalam. His life showed us that science and spirituality complement each other. Similarly, the new Pamban bridge to Rameswaram brings technology and tradition together. A town that is thousands of years old is being connected by a 21st century engineering wonder. I thank our engineers and workers for their hard work. This bridge is India’s first vertical lift railway sea bridge. Big ships will be able to sail under it. Trains will also be able to travel faster on it. I just flagged off a new train service and also a ship a short while ago. Once again, I congratulate the people of Tamil Nadu for this project.

Friends,

For many decades, there was a demand for this bridge. With your blessings, we got the privilege of completing this work. Pamban bridge supports both Ease of Doing Business and Ease of Travel. It will have a positive impact on the lives of the lakhs of people. The new train service will improve the connectivity from Rameswaram to Chennai and other parts of the country. This will benefit both trade and tourism in Tamil Nadu. New job and business opportunities will also be created for the youth.

साथियों,

बीते 10 वर्षों में भारत ने अपनी इकॉनॉमी का साइज़ दोगुना किया है। इतनी तेज ग्रोथ का एक बड़ा कारण हमारा शानदार मॉर्डन इंफ्रास्ट्रक्चर भी है। बीते 10 सालों में हमने रेल, रोड, एयरपोर्ट, पोर्ट, बिजली, पानी, गैस पाइपलाइन, ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट करीब 6 गुणा बढ़ाया है। आज देश में बहुत तेजी से मेगा प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है। आप नॉर्थ में देखेंगे, तो जम्मू कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज में से एक, चिनाब ब्रिज बना है। West में जाएंगे, तो मुंबई में देश का सबसे लंबा सी ब्रिज, अटल सेतु बना है। ईस्ट में जाएंगे, तो असम के बोगीबील ब्रिज के दर्शन होंगे। और साउथ में आते हैं, तो दुनिया के गिने-चुने वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज में से एक, पंबन ब्रिज का निर्माण पूरा हुआ है। इसी तरह, ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी तैयार हो रहे हैं। देश की पहली बुलेट ट्रेन पर तेजी से काम चल रहा है। वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें रेल नेटवर्क को और आधुनिक बना रही हैं।

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साथियों,

जब भारत का हर रीजन आपस में कनेक्ट होता है, तो डेवलप्ड नेशन बनाने का रास्ता मजबूत होता है। दुनिया के हर डेवलप्ड नेशन, हर डेवलप्ड रीजन में यही हुआ है। आज जब भारत का हर स्टेट आपस में कनेक्ट हो रहा है, तो पूरे देश का potential सामने आ रहा है। इसका बेनिफिट भी देश के हर रीजन को हो रहा है, हमारे तमिलनाडु को हो रहा है।

साथियों,

विकसित भारत के सफर में तमिलनाडु का बहुत बड़ा रोल है। मैं मानता हूं, तमिलनाडु का सामर्थ्य जितना ज्यादा बढ़ेगा, भारत की ग्रोथ उतनी ही तेज होगी। बीते दशक में तमिलनाडु के विकास के लिए, 2014 से पहले की तुलना में तीन गुणा ज्यादा पैसा सेंटर से दिया गया है। जब INDI Alliance की सरकार थी, DMK उस सरकार में विराजमान थे, तब जितना पैसा मिला, उससे तीन गुना मोदी सरकार ने दिया है। इससे तमिलनाडु की इकोनॉमिक और इंडस्ट्रियल ग्रोथ में बहुत बड़ी मदद मिली है।

साथियों,

तमिलनाडु का इंफ्रास्ट्रक्चर भारत सरकार की priority है। बीते एक दशक में तमिलनाडु का रेलवे बजट, सेवन टाइम्स से ज्यादा increase किया गया है। इसके बावजूद भी कुछ लोगों को बिना कारण रोते रहने की आदत है, वो रोते रहते हैं। 2014 से पहले, रेल प्रोजेक्ट्स के लिए हर साल सिर्फ only nine hundred crore rupees ही मिलते थे और आपको पता है उस समय INDI Alliance के मुख्य कर्ताधर्ता कौन थे, ये आपको पता है। इस वर्ष, तमिलनाडु का रेल बजट, six thousand crore rupees से ज्यादा है। भारत सरकार, यहां के 77 रेलवे स्टेशन्स को मॉडर्न भी बना रही है। इसमें रामेश्वरम का स्टेशन भी शामिल है।

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साथियों,

Last ten years में, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों के रोड्स और हाईवेज़ के क्षेत्र में भी बहुत सारा काम हुआ है। 2014 के बाद तमिलनाडु में केंद्र सरकार की मदद से, 4000 किलोमीटर रोड्स बनी हैं। चेन्नई पोर्ट को कनेक्ट करने वाला, elevated corridor, शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर का एक बेहतरीन उदाहरण बनेगा। आज भी करीब 8000 crore rupees के रोड प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। ये प्रोजेक्ट्स, तमिलनाडु के अलग अलग डिस्ट्रिक्स के साथ ही, आंध्र प्रदेश के साथ भी कनेक्टिविटी बेहतर करेंगे।

साथियों,

चेन्नई मेट्रो जैसा मॉडर्न पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी, तमिलनाडु में ease of travel को बढ़ा रहा है। हमें याद रखना है, जब इतने सारे इंफ्रास्ट्रक्चर का काम होता है, तो इससे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट होती हैं। मेरे नौजवानों को रोजगार के नए अवसर मिलते हैं।

साथियों,

बीते दशक में भारत ने सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी रिकॉर्ड निवेश किया है। मुझे खुशी है कि तमिलनाडु के करोड़ों गरीब परिवारों को इसका बेनिफिट मिल रहा है। बीते 10 साल में 4 करोड़ से ज्यादा पक्के घर, देश भर के गरीब परिवारों को मिले हैं और इसमें, पीएम आवास योजना के तहत twelve lakh से ज्यादा पक्के घर, यहां तमिलनाडु में मेरे गरीब परिवार के भाई-बहनों को मिले हैं। पिछले 10 सालों में गांवों में करीब Twelve करोड़ परिवारों तक पहली बार पाइप से वॉटर, नीर पहुंचाया गया है। इसमें, one crore eleven lakh families, मेरे तमिलनाडु की हैं। इनके घर में पहली बार टैप वॉटर पहुंचा है। इसका बहुत बड़ा लाभ तमिलनाडु की मेरी माताओं-बहनों को मिला है।

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साथियों,

देशवासियों को क्वालिटी और सस्ता इलाज देने से, ये हमारी सरकार की कमिटमेंट है। आप देखिए, आयुष्मान योजना के तहत, तमिलनाडु में वन करोड़ से ज्यादा ट्रीटमेंट्स हो चुके हैं। इससे तमिलनाडु के इन परिवारों के eight thousand crore rupees जो उनकी जेब में से खर्च होना था, वो खर्च बच गया है। मेरे तमिलनाडु के भाई-बहनों के जेब में eight thousand crore rupees, ये बहुत बड़ा आंकड़ा है। तमिलनाडु में fourteen hundred से अधिक, जन-औषधि केंद्र हैं। ये मैं जरा तमिलनाडु का बताता हूं, यहां जन-औषधि केंद्र में eighty percent डिस्काउंट पर दवाएं मिलती हैं। इन सस्ती दवाओं से भी लोगों की जेब में seven hundred crore rupees, मेरे तमिलनाडु भाई-बहनों की जेब seven hundred crore rupees की सेविंग हुई है और इसलिए मैं तमिलनाडु के मेरे भाई-बहनों को कहूंगा, अगर आपको दवाई खरीदनी है, तो जन-औषधि केंद्र से खरीदीए। आपको एक रुपये की चीज 20 पैसे में, 25 पैसे में, 30 पैसे में मिल जाएगी।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि देश के नौजवानों को डॉक्टर बनने के लिए abroad जाने की मजबूरी ना रहे। बीते सालों में तमिलनाडु को 11 नए मेडिकल कॉलेज मिले हैं।

साथियों,

देशभर में कई राज्यों ने मातृभाषा में डाॅक्‍टरी की शिक्षा आरंभ की है। अब गरीब से गरीब मां का बेटा-बेटी भी जिसने अंग्रेजी नहीं पढ़ी है, वो भी डॉक्टर बन सकते हैं। मैं भी तमिलनाडु सरकार से आग्रह करूंगा कि वो तमिल भाषा में डाॅक्‍टरी के कोर्सेस चालू करें, ताकि गरीब मां के बेटे-बेटी भी डॉक्टर बन सकें।

साथियों,

टैक्स पेयर का दिया हर पैसा, गरीब से गरीब के काम आए, यही गुड गवर्नेंस है। तमिलनाडु के लाखों small farmers को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत, लगभग twelve thousand crores rupees दिए गए हैं। तमिलनाडु के farmers को पीएम फसल बीमा स्कीम से भी fourteen thousand eight hundred crore rupees का क्लेम मिला है।

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साथियों,

भारत की ग्रोथ में हमारी ब्लू इकोनॉमी का बहुत बड़ा रोल होने वाला है। इसमें तमिलनाडु की ताकत, दुनिया देख सकती है। तमिलनाडु का हमारा फिशरीज़ से जुड़ा समाज, बहुत मेहनती है। तमिलनाडु के फिशरीज इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए स्टेट को जो भी मदद चाहिए, वो केंद्र सरकार दे रही है। पिछले 5 साल में, पीएम मत्स्य संपदा स्कीम के तहत भी, तमिलनाडु को करोड़ों रुपए मिले हैं। हमारी कोशिश यही है कि मछुआरों को ज्यादा फैसिलिटीज़ मिले, आधुनिक सुविधाएं मिलें। चाहे सीवीड पार्क हो या फिर फिशिंग हार्बर और लेंडिंग सेंटर हों, केंद्र सरकार यहां सैकड़ों करोड़ रुपए इन्वेस्ट कर रही है। हमें आपकी रक्षा-सुरक्षा की भी चिंता है। भारत सरकार फिशरमेन के हर संकट में उनके साथ खड़ी है। भारत सरकार के प्रयासों से बीते 10 साल में Three Thousand Seven Hundred से ज्यादा फिशरमेन श्रीलंका से वापस लौटे हैं। इनमें से Six Hundred से अधिक फिशरमेन तो पिछले एक साल में फ्री हुए हैं और आपको याद होगा, कुछ हमारे मछुआरे साथियों को फांसी की सजा हुई थी, उनको भी हम जिंदा भारत लौटकर के लाकर के उनके परिवार को सुपुर्द किया है।

साथियों,

आज दुनिया में भारत के प्रति आकर्षण बढ़ा है। लोग भारत को जानना चाहते हैं, भारत को समझना चाहते हैं। इसमें भारत के कल्चर का, हमारी सॉफ्ट पावर का भी बड़ा रोल है। Tamil language और हैरीटेज, दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचे, इसके लिए भी सरकार लगातार कोशिश कर रही है। मैं तो कभी-कभी हैरान हो जाता हूं, तमिलनाडु के कुछ नेताओं की चिट्ठीयां जब मेरे पास आती हैं, कभी भी कोई नेता तमिल भाषी में सिग्नेचर नहीं करता है, अरे तमिल का गौरव हो, मैं सबसे कहूंगा कम से कम तमिल भाषा में अपने सिग्नेचर तो करो। मैं मानता हूं कि ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी में इस ग्रेट ट्रेडिशन को हमें और आगे ले जाना है। मुझे विश्वास है कि रामेश्वरम और तमिलनाडु की ये धरती, हमें ऐसे ही निरंतर नई ऊर्जा देती रहेगी, नई प्रेरणा देती रहेगी। और आज भी देखिए कितना सुपर संयोग है, रामनवमी का पवित्र दिवस है, रामेश्वरम की धरती है और यहां पर जिस पंबन ब्रिज का आज उद्घाटन हुआ, सौ साल पहले जो पुराना ब्रिज था, उसको बनाने वाला व्यक्ति गुजरात में जन्म लिया था और आज सौ साल के बाद, उसका नया ब्रिज बनाने का उद्घाटन करने के बाद भी उस व्यक्ति को मिला है, वो भी गुजरात में पैदा हुआ है।

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साथियों,

आज जब रामनवमी है, रामेश्वर की पवित्र भूमि है, तब मेरे लिए कुछ भावुक पल भी है। आज भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस है। सशक्त, समृद्ध और विकसित भारत के जिस लक्ष्य को लेकर हम चल रहे हैं, उसमें बीजेपी के हर एक कार्यकर्ता का परिश्रम है। तीन-तीन, चार-चार पीढ़ियां, मां भारती की जय-जयकार के लिए खप गई हैं। मेरे मिल गर्व की बात है कि भारतीय जनता पार्टी के उस विचार ने, भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के परिश्रम ने आज हमें देश की सेवा करने का अवसर दिया है। आज देश के लोग बीजेपी सरकारों की गुड गवर्नेंस देख रहे हैं, राष्ट्रहित में लिए जा रहे, वो निर्णय देख रहे हैं और हर हिंदुस्तानी का सीना चौड़ा हो रहा है। देश के हर राज्य, हर कोने में जिस तरह बीजेपी के कार्यकर्ता जमीन से जुड़कर कार्य करते हैं, गरीबों की सेवा करते हैं, वो देखकर मुझे गर्व होता है। मैं भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूं, मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूं। एक बार फिर आप सभी को तमिलनाडु के इन सभी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

नंडरि! वणक्कम! मीनडुम संधिप्पोम!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!