जुलू राष्ट्र के महामहिम राजा,
राजा गुडविल ज्वेलीथिनिका भेकुजुलू
क्वाजुलू नाटाल प्रॉविंस के माननीय प्रधानमंत्री
ईथेकविनी म्युनिसिपैलिटी के माननीय मेयर,
सम्मानित अतिथियों, बंधुओं और बहनों,
नमस्ते, वणक्कम,
सैनिबोनानी,
इस सुंदर शहर में शानदार स्वागत के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। आज दक्षिण अफ्रीका में मेरा दूसरा दिन है। क्वाजुलू नाताल में होना मेरे लिए बड़ी खुशी की बात है। यह जुलू योद्धाओं की धरती है। यह वह धरती है, जिससे अल्बर्ट लुथूली ताल्लुक रखते थे। यही वह जमीन है, जहां गांधी महात्मा बन गए थे।
ऐसी धरती जिससे भारत के ऐसे संबंध विकसित हुएः
• मजबूत ऐतिहासिक संबंध
• गहरे सांस्कृतिक संबंध
• आर्थिक भागीदारी बढ़ी
• मजबूत खेल संबंध
इस सुंदर राष्ट्र की एक बड़ी खूबी उसकी जीवंत विविधता है।
और, डरबन और क्वाजुलू नाटाल प्रांत से ज्यादा विविधता किसी अन्य शहर में नहीं है। यह अनेकता का उत्सव है;
• बोलियों और भाषाओं की
• कई धर्मों में विश्वास और
• सांस्कृतिक परंपराओं।
यह शहर की विरासत का एकीकृत हिस्सा है।
एक तरफ हिंदमहासागर की गर्मजोशी और दूसरी तरफ ड्रैकेन्सबर्ग पर्वत की श्रृंखला तक संपन्न विविधता का लुत्फ उठा रहे हैं। और आपने अपनी अनेकता को संरक्षित करके मंडेला के एक विविधतापूर्ण राष्ट्र का निर्माण करने और आगे बढ़ाने में मदद मिली। डरबन शहर के लोगों द्वारा किए गए सत्कार से मैं अभिभूत हूं। आप लोगों ने सिर्फ मेरा सम्मान नहीं किया है, बल्कि आपने मेरे 1.25 अरब देशवासियों को भी सम्मान दिया है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि 1860 में दक्षिण अफ्रीका में पहले भारतीय ने कदम रखे थे। 16 नवंबर, 1860 को जहाज ट्रूरो 342 भारतीयों के साथ नाताल बंदरगाह के तट पर पहुंचा था। मैं समझता हूं कि पहले उतरने वाले चार लोगों में देवारुम, उनकी पत्नी और दो छोटी बेटियां थीं। आज डेढ़ सदी से ज्यादा वक्त के बाद डरबन भारत के बाहर दूसरा सबसे बड़ा भारतीय शहर है। यहां पर दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल सबसे ज्यादा संख्या में रहते हैं। भारतीयों की शुरुआती पीढ़ियों ने रंगभेद और औपनिवेशिक शासन में जिन मुश्किलों का सामना किया, उनके बारे में सभी जानते हैं। लेकिन सभी मुश्किलों के बीच उन्होंने अपनी संस्कृति और मूल्यों को बचाकर रखा है।
और आज वह सम्मान से जी रहे हैं, सफल हैं और इस देश के समर्पित नागरिक हैं। वे अपने देश के लिए ऐसे योगदान कर रहे हैं:
• शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान में
• उद्यमी और कारोबारी लीडर्स के रूप में
• वकील और न्यायमूर्तियों के रूप में और
• बैंकर, चिकित्सक और इंजीनियर्स के रूप में
लेकिन वे सिर्फ अपने लिए नहीं जीते हैं।
अपने लिए और समुदायिक संगठन के साथ ही वे गरीब और वंचितों के उत्थान के लिए प्रयास कर रहे हैं। वे मरीजों और बुजुर्गों की भी देखभाल करते हैं। वे वृद्धाश्रम, ज्यादा बीमार लोगों, एडंस और कैंसर मरीजों और अनाथों के लिए केंद्र चला रहे हैं। मित्रों, हमारे लोगों के बीच संबंधों का इतिहास हमारी आधुनिक साझेदारी के लिए मजबूत आधार उपलब्ध कराती है। आज भारत आर्थिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है। और दक्षिण अफ्रीका, अफ्रीका की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हमारी कारोबार और निवेश साझेदारी खासी बढ़ चुकी है।
कल प्रिटोरिया में राष्ट्रपति जुमा और मैंने सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों तक में अपनी रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर सहमति दी थी, जिसमें शामिल हैः
• कारोबार और निवेश
• छोटे और मझोले उपक्रमों का विकास
• सूचना और संचार प्रौद्योगिकी और
• क्षमता और संस्थान निर्माण।
इनमें से कई क्वाजुलू नाटाल की मुख्य ताकत हैं, और इस प्रकार डरबन के साथ हमारे पारंपरिक संबंधों को मजबूत बनाया जाएगा। हम सुरक्षा और रक्षा संबंधों को मजबूत बनाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हैं।
मित्रों,
दक्षिण अफ्रीका में होते हुए, विशेषकर डरबन में, यदि मैं क्रिकेट की बात न करूं यह नो बॉल होगी। हमारे समाजों में इस खेल के प्रति जुनून और प्यार काफी ज्यादा है। क्रिकेट हमारे संबंधों के लिए काफी अहम है। किंग्समीड का मैदान कई यादगार मैचों का गवाह बना है, जिनमें से कई भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुए हैं।
मित्रों,
अंत में यह कहना चाहूंगा कि आज दुनिया एक दूसरे पर निर्भर है और भारत इसके लिए ब्राइट स्पॉट है। लेकिन भारत का आर्थिक विकास सिर्फ हमारे समाज के फायदे के लिए नहीं है। हमारी साझेदारी अफ्रीका और दक्षिण अफ्रीका जैसे हमारे मित्रों के लिए खुली हुई है। आज मैंने फीनिक्स का दौरा किया। गांधी दक्षिण अफ्रीका में फीनिक्स में ही रहा करते थे। गांधी सबसे पहले अपने दक्षिण अफ्रीका के साथियों के लिए चिंतित रहा करते थे। वहीं अब 21वीं सदी की हमारी चुनौतियां बदल चुकी हैं और विकास सभी की प्राथमिकता है। मैं प्रयास करूंगा कि हमारी साझेदारी से हमारे उस समाज विशेषकर युवा वर्ग को फायदा हो, जिन्हें इसकी जरूरत है।
चलो, एक दूसरे के साथ साझेदारी करें और अवसरों का फायदा उठाएं। एक बार फिर स्वागत और सम्मान देने के लिए आपका धन्यवाद।
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
A special dance performance symbolizing the diversity of South Africa before PMs address pic.twitter.com/BbZDlzr6NA
— Vikas Swarup (@MEAIndia) July 9, 2016
Thank you very much, for your wonderful welcome to this beautiful city: PM @narendramodi at the civic reception in Durban
— PMO India (@PMOIndia) July 9, 2016
One of the hallmarks of this beautiful nation is its vibrant diversity: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 9, 2016
Durban is the largest Indian city outside India. It is home to the largest population of people of Indian origin in SA: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 9, 2016
Being in South Africa, and especially in Durban, If I don’t talk about cricket, it would be a 'no ball': PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 9, 2016
In our inter-dependent world India's growth story is one of the brightest spots: PM @narendramodi in Durban
— PMO India (@PMOIndia) July 9, 2016