‘मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ के सिद्धांत से प्रेरित हमारी सरकार के अंतर्गत पिछले तीन वर्षों में काफी सुधार हुए हैं: पीएम मोदी
गत 3 वर्षों में राजनीतिक इच्छाशक्ति एवं राजनीतिक स्थिरता से भारत में परिवर्तनकारी सुधार देखने को मिल रहे हैं: प्रधानमंत्री मोदी 
डिजिटल डिवाइड किसी भी देश के विकास के लिए जरूरी: प्रधानमंत्री 
गत 3 वर्षों में वित्तीय समावेशन पर विशेष जोर दिया गया है: प्रधानमंत्री मोदी 
हमने प्रयोग में न आने वाले 1200 से ज्यादा कानूनों को हटा दिया, यह मिनिमम गवर्मेंट में हमारे विश्वास को दिखाता है: पीएम मोदी 
भारत तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाला देश: प्रधानमंत्री मोदी 
हम भारत में एक ऐसा इको-सिस्टम तैयार कर रहे हैं जहां भारत के नौजवान रोजगार तलाशने वाले नहीं बल्कि रोजगार बनाने वाले बनें: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनैशनल इकनॉमिक फोरम (एसपीआईईएफ) के समापन सत्र को संबोधित किया। समापन सत्र का विषय था- 'एचीविंग अ न्‍यू बैलेंस ऑन द ग्‍लोबल स्‍टेज' यानी वैश्विक स्‍तर पर नया संतुलन हासिल करना। 

भारत एसपीआईईएफ में इस साल 'अतिथि देश' है और प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री मोदी 'गेस्‍ट ऑफ ऑनर' हैं। 

अपने वक्‍तव्‍य में प्रधानमंत्री ने सेंट पीटर्सबर्ग के खूबसूरत शहर में एसपीआईईएफ के आयोजन का अवसर प्रदान करने के लिए राष्‍ट्रपति पुतिन को धन्‍यवाद दिया।

भारत-रूस संबंधों के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि वे अच्‍छी रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि ऐसे बहुत कम संबंध हैं जहां रिश्‍ते परस्‍पर विश्‍वास पर आधारित होते हैं। उन्‍होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों से भारत-रूस संबंध विश्‍वास पर आधारित है और बदलती दुनिया में और भी अधिक मजबूत हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एसपीआईईएफ में वह 1.25 अरब लोगों का प्रतिनिधित्‍व कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि दुनिया अब एशिया पर ध्‍यान केंद्रित कर रही है और इसलिए भारत पर ध्‍यान केंद्रित करना स्‍वाभाविक है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार सभी मोर्चों पर प्रगतिशील निर्णय ले रही है। उन्‍होंने कहा कि आज हमारी वार्षिक जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत है।

प्रधनमंत्री मोदी ने कहा कि 'न्‍यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' और 'रेड टेप के बजाय रेड कारपेट' भारत में शासन सुधारों का आधार रहा है। उन्‍होंने कहा कि राजनीतिक इच्‍छाशक्ति और स्‍पष्‍ट दृष्टिकोण सुधार के लिए आवश्‍यक हैं। उन्‍होंने कहा कि अफसरशाही भी जीवंत और नेतृत्‍व के अनुरूप होनी चाहिए।

विविधता ही भारत की ताकत है, का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 1 जुलाई से वस्‍तु एवं सेवा कर लागू होने जा रहा है और इससे पूरे देश में एक समान कर व्‍यवस्‍था सुनिश्चित होगी। 

राष्‍ट्रपति पुतिन, जिन्‍होंने उनसे पहले संबोधित किया था, से सहमति जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी अब एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है और उन्‍होंने इस संदर्भ में डिजिटल इंडिया अभियान का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने कहा कि 'डिजिटल डिवाइड' को समाज में जड़ जमाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

प्रधानमंत्री ने वित्तीय समावेशीकरण के लिए सरकार के कार्यक्रमों- जनधन, आधार, मोबाइल (जेएएम) ट्रिनिटी का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने केंद्र सरकार द्वारा 1200 से अधिक कानूनों को खत्‍म करने का भी उल्‍लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने कारोबारी सुगमता के लिए महज केंद्र सरकार के स्‍तर पर 7000 सुधार किए हैं।

प्रधानमंत्री ने एफडीआई और प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता के लिए उठाए गए कदमों का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने एफडीआई के लिए भारत को शीर्ष तीन जगहों में से एक के रूप में पहचान की है।

निवेशकों के लिए सुरक्षा के महत्‍व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का जीवंत लोकतंत्र और अंग्रेजी का इस्‍तेमाल सुरक्षा की भावना सुनिश्चित करने में काफी मददगार साबित होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'नए भारत' के दृष्टिकोण के साथ कौशल विकास भारत के 800 मिलियन जबरदस्‍त प्रतिभाशाली युवाओं के लिए पहली प्राथमिकता है। इस संदर्भ में उन्‍होंने पहले ही प्रयास में भारत के मंगल अभियान की सफलता का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने कहा कि नया भारत उन युवाओं का होगा जो रोजगार तलाश करने वाले नहीं बल्कि रोजगार सृजित करने वाले और कुशल मानव संसाधन की वैश्विक जरूरतों को पूरा करने वाले होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में बढ़ते शहरीकरण के लिए मेट्रो नेटवर्क, कचरा प्रबंधन प्रणाली आदि आधुनिक बुनियादी ढांचे की बेहद आवश्‍यकता है। उन्‍होंने रेलवे नेटवर्क के विस्‍तार एवं आधुनिकीकरण के बारे में बात की। प्रधानमंत्री ने गंगा की साफ-सफाई के लिए शुरू किए गए अभियान के बारे में भी चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि इन सब में निवेश के लिए अपार संभावनाएं मौजूद हैं।

कृषि क्षेत्र की गतिविधियों की रूपरेखा तैयार करते हुए प्रधानमंत्री ने निवेश के क्षेत्र के रूप में जैविक खेती और खाद्य प्रसंस्‍करण का उल्‍लेख किया। विनिर्माण क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने चिकित्‍सा उपकरणों एवं रक्षा उपकरणों के विनिर्माण को विदेशी निवेश के लिहाज से प्रमुख क्षेत्र के रूप में उल्‍लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सेवा क्षेत्र में पर्यटन एवं आतिथ्‍य सेवा क्षेत्र को उच्‍च प्राथमिकता प्राप्‍त होगी। 

प्रधानमंत्री ने चार वेदों में से एक- अथर्ववेद- में 5000 वर्ष पहले प्रकृति के प्रति समर्पण का उल्‍लेख करते हुए कहा कि भारत का आर्थिक विकास प्रकृति के शोषण- जो एक अपराध है- पर नहीं, बल्कि उसके उपयोग, संरक्षण एवं सम्‍मान पर आधारित था। उन्‍होंने कहा कि भारत ने 2022 तक 175 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा के उत्‍पादन का लक्ष्‍य रखा है और इसके लिए भारत तापीय के मुकाबले अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में कहीं अधिक बिजली उत्‍पादन क्षमता स्‍थापित कर रही है। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि जलवायु के संबंध में भारत एक जिम्‍मेदार देश होगा और शून्‍य-दोष, शून्‍य-प्रभाव विनिर्माण के लिए काम करेगा ताकि पर्यावरण पर कोई दुष्‍प्रभाव न पड़े। उन्‍होंने कहा कि एलईडी बल्‍ब वितरण जैसे कार्यक्रमों से पहले ही ऊर्जा की काफी बचत हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में निवेश की असीमित संभावनाएं है और साथ ही वैश्विक निवेशकों के निवेश के लिए एक मजबूत जमीन तैयार की गई है।

 

 

 

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Prime Minister greets on the occasion of Urs of Khwaja Moinuddin Chishti
January 02, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi today greeted on the occasion of Urs of Khwaja Moinuddin Chishti.

Responding to a post by Shri Kiren Rijiju on X, Shri Modi wrote:

“Greetings on the Urs of Khwaja Moinuddin Chishti. May this occasion bring happiness and peace into everyone’s lives.