India's ties with Kenya a win-win friendship, says PM Modi

Published By : Admin | July 11, 2016 | 20:56 IST
केन्या इकलौता विकासशील देश है जहां संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसियों के मुख्‍यालय है: प्रधानमंत्री मोदी
वर्तमान की हमारी समस्‍याएं एक समान है। हमारे शत्रु भी एक समान ही है। पहले उपनिवेशवाद था, अब गरीबी है: प्रधानमंत्री
विश्‍व बैंक द्वारा कारोबार करने में सुगमता पर ताजा वैश्विक रैंकिंग में भारत 12 अंक ऊपर आया है: प्रधानमंत्री
विश्‍व आर्थिक मंच के वैश्विक प्रतिस्‍पर्धी सूचंकाक में भारत 16वें स्‍थान पर पहुंच गया है: प्रधानमंत्री
चाहे वह भारत में केन्‍या के छात्र हो या केन्‍या में भारतीय पेशेवर, दोनों को चमकना ही चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी

केन्‍या के राष्‍ट्रपति, महामहिम उहुरु केन्‍याता;

कैबिनेट सचिव;

विभिन्‍न मंडलो और वाणिज्‍य एवं उद्योग संघों के अध्‍यक्ष;

केन्‍या और भारत के व्‍यापार जगत के मित्रों;

देवियों और सज्‍जनों!
प्रधानमंत्री के रूप में अपनी पहली केन्‍या यात्रा से मैं प्रसन्‍न हूं। केन्‍या सामान्‍य रूप से भारतीयों और विशेष रूप से गुजरातियों का दूसरा घर है। इस परिप्रेक्ष्‍य में इस महान देश की यात्रा करने में मैंने देरी कर दी है। करीब 35 वर्ष की लंबी अवधि के बाद भारतीय प्रधानमंत्री की यह यात्रा हुई है। हालांकि व्‍यक्तिगत स्‍तर पर मैंने केन्‍या के साथ संबंध कायम रखे हैं। गुजरात के मुख्‍यमंत्री के तौर पर मैंने 2008 में केन्‍या की यात्रा की थी। हमने गुजरात में यहां के प्रतिनिधिमंडलों का भी स्‍वागत किया।

सर्वप्रथम स्‍वतंत्रता के बाद यहां के समग्र विकास और स्थि‍रता के लिए मैं केन्‍या के लोगों और यहां के नेतृत्‍व को बधाई देता हूं। केन्‍या की अर्थव्‍यवस्‍था और बुनियादी ढांचे की सुविधा से यह देश इस क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण बना है। यह इकलौता विकासशील देश है जहां संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसियों के मुख्‍यालय है।

मित्रों!

भारत और केन्‍या के बीच अति विशेष संबंध है। • 19वीं और 20वीं सदी में रेलवे के निर्माण के लिए हजारों भारतीयों को यहां लाया गया।

• उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष में महात्‍मा गांधी प्रेरणा स्रोत रहे हैं।

• 1953 से केन्‍या में भारतीय बैंक कार्यरत है।

• कैरीचो के प्रसिद्ध चाय बागानों की पहली कलम हमारे असम की है।

• केन्‍या के निष्‍ठावान नागरिक होने के अलावा यहां आने वाले पर्यटकों में से भारतीय तीसरे स्‍थान पर है।

• आपके विद्वान और छात्र रहने, सीखने और कार्य करने के लिए भारत को बहुत सुविधाजनक स्‍थान मानते है।

• इसमें कोई आश्‍चर्य नहीं है कि स्‍वाहिली भाषा के कई शब्‍दों का मूल भारतीय भाषा है।

• हिंद महासागर पर दोनों देशों के बीच लंबे समय से समुद्रीय संबंध है।

• कई भारतीय कंपनियों ने संपूर्ण पूर्व अफ्रीका में कार्य करने के लिए केन्‍या को अपना आधार बनाया है।

राष्‍ट्रपति महोदय, मैं जानता हूं कि आपकी सरकार ने दैनिक जीवन में सौर ऊर्जा के उपयोग पर काफी बल दिया है। हम भी एक महत्‍वकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम पर कार्य कर रहे हैं। सौभाग्‍य से भारत और केन्‍या के पास पर्याप्‍त सौर विकिरण उपलब्‍ध है। सौर ऊर्जा ग्‍लोबल वार्मिंग की समस्‍या का असल समाधान है। दूरदराज के गांव और बस्तियों में बिजली उपलब्‍ध कराने के लिए यह बढि़या रणनीति है। हम अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठबंधन के अंतर्गत इस दिशा में मिलकर काम करना चाहते है।

इसी तरह, स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र दोनों पक्षों के लिए अति रूचि का एक अन्‍य क्षेत्र है। हमें खुशी हैं कि केन्‍या के हजारों मरीज भारत में सफल इलाज करवाकर लौटते हैं। मैं समझता हूं कि केन्‍या चिकित्‍सा के क्षेत्र में भारतीय अनुभव का अनुसरण कर इस क्षेत्र में बड़ा चिकित्‍सा केंद्र बनना चाहता है। इस प्रक्रिया में आपका समर्थन कर हमें प्रसन्‍नता होगी।

हमारे गहरे संबंधों और सहयोग की क्षमता के ये कुछेक सूचक है।

मित्रो!

• अतीत के हमारे हालात एक समान है;

• वर्तमान की हमारी समस्‍याएं एक समान है;

• हमारे शत्रु भी एक समान ही है;

• पहले उपनिवेशवाद था;

• अब गरीबी है।

इसलिए जिस प्रकार अतीत में हमने एक साथ मिलकर कार्य किया था उसी तरह अब भी हमें मिलकर कार्य करना होगा। केन्‍या की तरह ही भारत भी एक युवा देश है। अफ्रीका में आपके कर्मियों की बड़ी मांग है, इसी प्रकार संपूर्ण विश्‍व में भारतीय कर्मियों की मांग है। पूरी दुनिया में अपनी सेवाएं दे सकने वाली इस मानव पूंजी को विकसित और प्रशिक्षित करने के लिए हम एक साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते है।

आज भारत विश्‍व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था है। न केवल हमारी वृद्धि दर उच्‍च है बल्कि हम विभिन्‍न वैश्विक संकेतकों पर भी ऊपर आ रहे हैं।

• विश्‍व बैंक द्वारा कारोबार करने में सुगमता पर ताजा वैश्विक रैंकिंग में हम 12 अंक ऊपर आये है।

• विश्‍व आर्थिक मंच के वैश्विक प्रतिस्‍पर्धी सूचंकाक में भारत 16वें स्‍थान पर पहुंच गया है।

मित्रो!

पिछले दो वर्षों में भारत में काफी बदलाव आया है। अब हम प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश के लिए पसंदीदा गंतव्‍य हैं। वर्ष 2015 में हमें अब तक का सबसे अधिक प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश प्राप्‍त हुआ है और आपके लिए अच्‍छी खबर यह है कि भारत केन्‍या का सबसे बढ़ा व्‍यापारिक साझेदार है। भारत यहां निवेश करने वाला दूसरा सबसे बड़ा निवेशक भी है। हमारे बीच व्‍यापार में असंतुलन को दूर कर हमें खुशी होगी। केन्‍या में हमारे निवेश के स्‍तर को भी बढ़ाकर हमें प्रसन्‍नता होगी। मैं यहां के लोगों और केन्‍या की सरकार को आश्‍वासन देता हूं कि भारत आपके साथ है। हमारी मित्रता केवल लाभदायक है। चाहे वह भारत में केन्‍या के छात्र हो या केन्‍या में भारतीय पेशेवर, दोनों को चमकना ही चाहिए। चाहे वह खान, खनिज या मशीन हो; सभी लाभदायक क्षेत्र हैं। हमें संयुक्‍त रूप से अवसरों को तलाशना चाहिए। इस बैठक सहित मेरी यात्रा के दौरान की गई विभिन्‍न पहल इस दिशा में उठाए गए कदम है।

मित्रो!

मैं केन्‍या को आश्‍वासन देता हूं कि भारत हमेशा आपकी प्रक्रियाओं को मजबूत करने और आपके संसाधनों को समृद्ध बनाने के लिए कार्य करेगा।

आप जानते होंगे कि हमने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान शुरू किया है। भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए; इसी प्रकार आपने ‘मेक इट केन्‍या’ शुरू किया है; कारोबार और छुट्टी के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए; वास्‍तव में ये दोनों एक दूसरे के पूरक बन सकते है। चूंकि हमारी प्रतिबद्धता है, लोगों के भविष्‍य निर्माण के लिए; और काफी हद तक लोग वही हैं;

इस राष्‍ट्र की नींव भारतीयों के पसीने से मजबूत हुई हैं; भारतीय रक्‍त से इसकी आजादी की पंख रंगे हैं; इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि चाहे यह मेक इट केन्‍या हो या मेक इन इंडिया।

और मित्रो!

मेक इट केन्‍या के लिए हमारी प्रतिबद्धता दर्शाने के रूप में; केन्‍या में कारोबार करने पर हमने एक मार्गदर्शन पुस्तक छापी है

इसमें भारतीय निवेशकों यहां निवेश करने के लिए मार्गदर्शन दिया गया है।

केन्‍या के महामहिम राष्‍ट्रपति को यह पुस्तक भेंट करते हुए मुझे प्रसन्‍नता हो रही है।

धन्‍यवाद!

 

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PM to attend Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India
December 22, 2024
PM to interact with prominent leaders from the Christian community including Cardinals and Bishops
First such instance that a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India

Prime Minister Shri Narendra Modi will attend the Christmas Celebrations hosted by the Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) at the CBCI Centre premises, New Delhi at 6:30 PM on 23rd December.

Prime Minister will interact with key leaders from the Christian community, including Cardinals, Bishops and prominent lay leaders of the Church.

This is the first time a Prime Minister will attend such a programme at the Headquarters of the Catholic Church in India.

Catholic Bishops' Conference of India (CBCI) was established in 1944 and is the body which works closest with all the Catholics across India.