Quoteप्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय माइक्रो क्रेडिट द्वारा आयोजित समारोह में ई-रिक्शा वितरित किये
Quoteप्रधानमंत्री मोदी ने लखनऊ में रिक्शा चालक के परिवारों के साथ बातचीत की
Quoteसरकार का मुख्य उद्देश्य - युवाओं के लिए रोजगार और गरीबों का कल्याण: प्रधानमंत्री
Quoteयुवाओं को रोजगार खोजने की बजाय रोजगार बनाने पर ध्यान देना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteप्रधानमंत्री मोदी ने 2100 ई-रिक्शा को हरी झंडी दिखाई, लाभार्थियों को रूपे कार्ड वितरित किये

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज लखनऊ में ई-रिक्शा के वितरण के लिए ‘भारतीय माइक्रो क्रेडिट’ द्वारा आयोजित एक समारोह में शि‍रकत की।

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प्रधानमंत्री ने एक चौपाल में रिक्शा चालकों के परिवारों से बातचीत की। बातचीत के दौरान अतिरिक्त आय के एक हिस्से की बचत करने और बच्चों की शिक्षा जैसे विषयों पर चर्चाएं हुईं।

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इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया ने यह मान लिया है कि भारत ही आज विश्‍व में सबसे तेजी से विकास करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक मंदी के बावजूद इस तरह की उल्‍लेखनीय स्‍थि‍ति देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य गरीबों का कल्याण करना और युवाओं को रोजगार देना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं को नौकरी मांगने के बजाय नौकरी सृजित करने वाला बन जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इस संदर्भ में उन्होंने इस बात का उल्‍लेख किया कि ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ की शुरुआत के बाद एक साल से भी कम समय में इससे 2 करोड़ लोग लाभान्वित हो चुके हैं।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ई-रिक्शा हासिल करने वाले लोगों के लिए यह सिर्फ पेडल रिक्शा से ई-रिक्शा की तरफ उन्‍मुख होने का एक साधारण परिवर्तन नहीं है, बल्कि एक संपूर्ण परिवर्तनकारी प्रक्रिया है।

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प्रधानमंत्री ने चयनित लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के साथ-साथ प्रतीकात्मक तौर पर ‘रुपे कार्ड’ भी सौंपे। प्रधानमंत्री ने 2100 ई-रिक्शा की रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया।

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June 07, 2025
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Quoteआपदाओं से उबरने संबंधी सीख एवं सर्वोत्तम तरीकों का एक वैश्विक डिजिटल संग्रह पूरी दुनिया के लिए लाभकारी होगा: प्रधानमंत्री

महामहिम,

विशिष्‍ट प्रतिनिधिगण, प्रिय मित्रों, नमस्कार।

आपदा रोधी अवसंरचना 2025 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में आपका स्वागत है। यूरोप में यह सम्मेलन पहली बार आयोजित किया जा रहा है। मैं अपने मित्र, राष्ट्रपति मैक्रों और फ्रांस सरकार की ओर से दिए गए सहयोग के लिए उनका आभार प्रकट करता हूँ। आगामी संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन के लिए भी मैं अपनी शुभकामनाएँ देता हूँ।

मित्रों,

इस सम्मेलन का विषय है ‘तटीय क्षेत्रों के लिए सुदृढ़ भविष्य को आकार देना'। प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के कारण तटीय क्षेत्र और द्वीप अतिशय जोखिम में हैं। हाल के दिनों में, हम : भारत और बांग्लादेश में चक्रवात रेमल, कैरिबियन में तूफान बेरिल, दक्षिण-पूर्व एशिया में तूफान यागी, अमेरिका में तूफान हेलेन, फिलीपींस में तूफान उसागी और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में चक्रवात चिडो के घटित होने के साक्षी बनें। ऐसी आपदाओं ने जान-माल को हानि पहुँचायी है।

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मित्रों,

भारत ने भी 1999 के सुपर-साइक्लोन और 2004 की सुनामी के दौरान इस दर्द को झेला है। हमने मजबूती को ध्यान में रखते हुए अनुकूलन और पुनर्निर्माण किया। संवेदनशील क्षेत्रों में चक्रवात आश्रयों का निर्माण किया गया। हमने 29 देशों के लिए सुनामी चेतावनी प्रणाली बनाने में भी मदद की।

मित्रों,

आपदा रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन 25 छोटे द्वीपीय विकासशील देशों के साथ काम कर रहा है। मजबूत मकान, अस्पताल, स्कूल, ऊर्जा, जल सुरक्षा और पूर्व चेतावनी प्रणाली का निर्माण किया जा रहा है। इस सम्मेलन की थीम को देखते हुए, मुझे प्रशांत, हिंद महासागर और कैरिबियन के मित्रों को यहाँ देखकर प्रसन्‍नता हो रही है। इसके अलावा, मुझे खुशी है कि अफ्रीकी संघ भी सीडीआरआई में शामिल हो गया है।

मित्रों,

मैं आपका ध्यान कुछ महत्वपूर्ण वैश्विक प्राथमिकताओं की ओर आकर्षित करना चाहूंगा।

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प्रथम : आपदा से निपटने के लिए पाठ्यक्रम, मॉड्यूल और कौशल विकास कार्यक्रम को उच्च शिक्षा का हिस्सा बनाना चाहिए। इससे कुशल कार्यबल का निर्माण होगा, जो भविष्य की चुनौतियों से निपट सकता है।

द्वितीय : कई देश आपदाओं का सामना करते हैं और मजबूती के साथ पुनर्निर्माण करते हैं। उनकी सीख और सर्वोत्तम प्रथाओं का एक वैश्विक डिजिटल संग्रह तैयार करना लाभकारी होगा।

तृतीय : आपदा से निपटने के लिए अभिनव वित्तपोषण की आवश्यकता है। हमें कार्रवाई योग्य कार्यक्रम तैयार करने चाहिए और वित्त तक विकासशील देशों की पहुँच सुनिश्चित करनी चाहिए ।

चतुर्थ : हम छोटे द्वीपीय विकासशील देशों को बड़े महासागरीय देशों के रूप में देखते हैं। उनकी अतिसंवेदनशीलता के कारण उन पर विशेष रूप पर ध्यान देने की आवश्‍यकता है।

पंचम : प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों की मज़बूती और समन्वय बहुत महत्‍वपूर्ण है। इससे समय पर निर्णय लेने और अंतिम-सिरे तक प्रभावी संचार में मदद मिलती है। मुझे यकीन है कि इस सम्मेलन में होने वाली चर्चाओं में इन पहलुओं पर विचार किया जाएगा।

मित्रों,

आइए, हम ऐसे बुनियादी ढाँचे का निर्माण करें, जो हर चुनौती के खिलाफ मजबूती से डटा रहे। आइए, हम दुनिया के लिए एक मजबूत और लचीला भविष्य बनाएं।

धन्यवाद।