प्रधानमंत्री मोदी ने केरल में विशाल जनसमूह को संबोधित किया, लोगों से विकास उन्मुख भाजपा सरकार चुनने की अपील की
साठ साल तक कांग्रेस पार्टी और वाम दल ने केरल पर शासन किया और इसे लूटा: प्रधानमंत्री
केरल को विकास और सुशासन की जरूरत: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
हमारी सरकार का एकमात्र मंत्र है - विकास। हमारे द्वारा उठाया गया हर कदम गरीबों के कल्याण के लिए होगा: प्रधानमंत्री
भ्रष्टाचार और हिंसा की राजनीति को छोड़कर केरल में विकास की राजनीति करने की जरुरत है: प्रधानमंत्री
केरल के युवाओं को नौकरियों की जरूरत है और हम उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना चाहते हैं: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के कासरगोड, कुट्टनाड एवं तिरुअनंतपुरम में चुनावी रैलियों को संबोधित किया। उनके संबोधन के कुछ अंश:

 

करप्शन के लिए केरल में कांग्रेस और कम्युनिस्टों की जबर्दश्त जुगलबंदी है, दोनों ने तय कर लिया है कि पांच वर्षों तक एक गरीबों का हक़ लूटेगा तो पांच वर्षों तक दूसरा। दोनों ने यह भी तय कर लिया है कि वे एक दूसरे के खिलाफ कुछ नहीं करेंगें और जनता की गाढ़ी कमाई पर मौज उड़ाते रहेंगें।

कांग्रेस और कम्युनिस्ट के बीच जो राजनीतिक समीकरण है, यह पॉलिटिक्स ऑफ़ अडजस्टमेंट है, पॉलिटिक्स ऑफ़ कोम्प्रोमाईज़ है, पॉलिटिक्स ऑफ़ करप्शन है। कांग्रेस के कथनी और करनी में परस्पर विरोधाभास झलकता है, उनकी कोई विचारधारा ही नहीं है। कांग्रेस यहां पर तो लेफ्ट से लड़ती है लेकिन कोलकाता में दोनों हाथ मिला लेते हैं। यह उनका असली चेहरा है। क्या ऐसे लोगों पर किसी को विश्वास करना चाहिए? ऐसे लोग आपकी और हमारी सभी की इंसल्ट करते हैं।

कांग्रेस भ्रष्टाचार करने का अपना स्वभाव नहीं छोड़ती, कम्युनिस्ट हिंसा का अपना स्वभाव नहीं छोड़ते। इन दोनों ने मिलकर केरल को तबाह करके रख दिया है।

देश की जनता में भ्रष्टाचार के प्रति जबर्दश्त गुस्सा है और इसी का परिणाम है कि 400 सीटों वाली कांग्रेस आज 40 सीटों पर सिमट कर रह गयी है।

दिल्ली में केरल के विकास के लिए कितनी ही योजनाएं क्यों न बनें, राज्य के विकास के लिए कितने ही रुपये क्यों न भेजे जाएँ, केरल सरकार इन्हें जनता तक पहुँचने ही नहीं देती।

आज केरल की जनता पर 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है, पब्लिक अंडरटेकिंग इकाइयों की हालत मरणासन्न है, औसत बेरोजगारी दर देश के औसत की तुलना में तीन गुना ज्यादा है, जनजातीय आबादी में शिशु मृत्यु दर काफी अधिक है और केरल अपने कुल उपभोग का केवल 13% खाद्यान्न ही पैदा कर पाता है, आखिर केरल की इन समस्याओं का जिम्मेदार कौन है? केरल की इस बदहाली का श्रेय कांग्रेस-नीत यूडीएफ और लेफ्ट की एलडीएफ सरकारों को जाता है। 70 वर्षों में कांग्रेस और कम्युनिस्टों ने मिलकर केरल को दोनों हाथों से लूटा है। केरल में गरीबों का हक़ मारने वाले सरकारों की विदाई का वक्त आ गया है।

इटली की कोर्ट कह रही है कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद में रिश्वत खाई गई। अगस्ता मामले में जो लोग दोषी हैं उन्हें सजा होनी चाहिए या नहीं? हेलीकॉप्टर घोटाले में चोरी करनेवालों को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं? कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए कि नहीं?

कांग्रेस जब केंद्र में थी तब उसने कोयले, 2 जी, 3 जी और न जाने कितने 'जी' में पैसे खाए। केरल सरकार में उनसे भी बड़े दिग्गज बैठे हैं, उन्होंने (कांग्रेस) कोयले और 2 जी से खाया था, इन्होंने तो सूरज से भी पैसे खा लिए।

जब ये सरेआम तपते सूरज से चोरी कर सकते हैं तो अंधेरी रात में भला क्या नहीं कर सकते।

भ्रष्टाचार इस देश के विकास के लिए सबसे बड़ी समस्या है, सब ने यह मान लिया है कि भ्रष्टाचार से मुक्ति संभव नहीं है, देश में एक निराशा का माहौल बन गया है।

दो साल हमारी सरकार के आये हुए हो गए, आज तक भ्रष्टाचार का एक भी आरोप हमारी सरकार पर नहीं लग पाया है।

हमने गैस कनेक्शन से भ्रष्टाचार ख़त्म किया, गरीबों की सब्सिडी को सीधे उनके बैंक अकाउंट में जमा कराने की योजना शुरू की गई और लगभग 21000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार को ख़त्म करने में सफलता पाई।

इसी तहर हमने यूरिया की कालाबाजारी को ख़त्म किया, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में होने वाले पदों की भर्ती में से इंटरव्यू ख़त्म कर इसमें होनेवाले भ्रष्टाचार के खात्मे में सफलता पाई।

अगर इरादे साफ़ हों, नीयत साफ़ हो और नीति स्पष्ट हो तो देश को भ्रष्टाचार से मुक्त किया जा सकता है। हमें अगर देश का सर्वांगीण और चहुँमुखी विकास विकास करना है तो देश से भ्रष्टाचार ख़त्म करना होगा।

केरल में चारों तरफ पानी है फिर भी लोगों को पीने का पानी उपलब्ध नहीं है। आजादी के बाद से लेकर केरल में कांग्रेस और कम्युनिस्ट गठबंधन की ही सरकारें रही है, केंद्र में भी लगभग 50 वर्षों तक कांग्रेस ही सत्ता में रही लेकिन फिर भी उन्हें आज तक पानी पहुंचाने की चिंता भी नहीं है। जो लोग आपको पीने का पानी तक नहीं दे पाये, क्या ऐसे लोगों को वोट देना चाहिए, मैं आपसे इसका जवाब सुनना चाहता हूँ।

केरल में सरकारें तो बदलती रही, लेकिन केरल की जनता का भविष्य नहीं बदला। आप तय करिये, आपको सिर्फ सरकार बदलना है या भविष्य बदलना है। कांग्रेस और कम्युनिस्ट - एक बार जब आप दोनों को घर भेज देंगें तब इन्हें पता चलेगा कि सरकार गरीबों के लिए होती है, खुद के लिए नहीं।

मेरे लिए पूरा हिन्दुस्तान एक है। केरल से हमारा एक भी एमपी नहीं है लेकिन केरल मेरा है, केरल का सुख-दुःख मेरा है।

सबरीमाला हादसे के समय देश के तब के प्रधानमंत्री के पास राज्य की जनता का दुःख-दर्द बांटने तक का समय नहीं था, आज आपका प्रधान सेवक आपके बीच आपके हर दुःख-दर्द बांटने को खड़ा है।

जब मैं सऊदी अरब गया तो सबसे पहले केरल के मजदूरों से मिला, उनके साथ खाना खाया और मिलकर उनके सुख दुःख बांटे, इसी तरह जब मैं आबूधाबी और दुबई गया, वहां भी केरल के लोगों से मिला क्योंकि केरल मेरा अपना है।

मौजूदा सरकार ने यहां के किसानों के लिए कभी कुछ नहीं किया। उनकी प्राथमिकताएं कुछ और थीं, वहीं केंद्र की सरकार ने किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की है।

केरल में हर होने वाले चुनाव ने राज्य की जनता को जाति और धर्म में बांटा लेकिन मैं यह सब ख़त्म करने यहां आया हूँ, हम सब मलयालवी हैं और हम सब मलयालवी मिलकर एक होकर चुनाव लड़े, ये माहौल बनना चाहिए, केरल का भाग्य जरूर बदलेगा ।

केरल की जनता को राज्य का विकास चाहिए। इसके लिए ऐसी सरकार चाहिए जो यहां पर विकास की गति को तेज कर सके और बेरोजगारों को काम दे सके। यह केवल भाजपा की सरकार ही कर सकती है।

मेरी सरकार का एक ही मंत्र है 'सबका साथ, सबका विकास', हमारी सरकार का केवल एक ही मंत्र है- विकास, विकास और विकास।

पहले जहां भ्रष्टाचार और दंगों की राजनीति होती थी वहां अब विकास की राजनीति होने लगी है।

हम केरल के विकास के लिए वोट मांगने आये है, केरल को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए वोट मांगने आये है, हम केरल की समृद्धि और आम जनता के जीवन में बदलाव लाने के लिए राज्य की जनता से वोट मांगने आये हैं।

यह चुनाव जीत-हार का नहीं है, यह चुनाव केरल के भविष्य का चुनाव है, यह केरल के नौजवानों, मछुआरों, किसानों, माताओं एवं बहनों के भविष्य का चुनाव है।

समृद्ध केरलम, सुरक्षित केरलम, स्वच्छ केरलम, विकसित केरलम।

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PM Modi meets the Amir of Kuwait
December 22, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi met today with the Amir of Kuwait, His Highness Sheikh Meshal Al-Ahmad Al-Jaber Al-Sabah. This was the first meeting between the two leaders. On arrival at the Bayan Palace, he was given a ceremonial welcome and received by His Highness Ahmad Al-Abdullah Al-Ahmad Al-Sabah, Prime Minister of the State of Kuwait.

The leaders recalled the strong historical and friendly ties between the two countries and re-affirmed their full commitment to further expanding and deepening bilateral cooperation. In this context, they agreed to elevate the bilateral relationship to a ‘Strategic Partnership’.

Prime Minister thanked His Highness the Amir for ensuring the well-being of over one million strong Indian community in Kuwait. His Highness the Amir expressed appreciation for the contribution of the large and vibrant Indian community in Kuwait’s development.

Prime Minister appreciated the new initiatives being undertaken by Kuwait to fulfill its Vision 2035 and congratulated His Highness the Amir for successful holding of the GCC Summit earlier this month. Prime Minister also expressed his gratitude for inviting him yesterday as a ‘Guest of Honour’ at the opening ceremony of the Arabian Gulf Cup. His Highness the Amir reciprocated Prime Minister’s sentiments and expressed appreciation for India's role as a valued partner in Kuwait and the Gulf region. His Highness the Amir looked forward to greater role and contribution of India towards realisation of Kuwait Vision 2035.

 Prime Minister invited His Highness the Amir to visit India.