अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पूर्वी अफ्रीका में विभिन्न कल्याणकारी कार्यों में कच्छी लेवा पटेल समाज के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने केन्या के स्वाधीनता आंदोलन में भारतीय समुदाय के सदस्यों को योगदान का भी स्मरण किया।
प्रधानमंत्री ने सर्वांगीण विकास में कच्छी समाज के योगदान विशेषकर के कच्छ में 2001 में आये भूकंप के बाद पुन:निर्माण और पुनर्वास कार्यों में उनके योगदान की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, "कच्छ जिसे कभी रेगिस्तानी क्षेत्र माना जाता था, वह अब एक पर्यटन स्थल में बदल चुका है।" प्रधानमंत्री ने जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे उस दौरान कच्छ क्षेत्र के दूर-दराज के इलाकों में नर्मदा का पानी लाने के लिये उनकी सरकार के अथक प्रयासों पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में विकास कार्य करने के लिये केंद्र और राज्य सरकार के दोहरे इंजन की शक्ति का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र को विकास के लिये हजारों करोड़ रुपये मिले हैं।” उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों को गुजरात के कच्छ और जामनगर के बीच प्रस्तावित रो-रो फेरी सर्विस के बारे में भी बताया।
प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि भारत और अफ्रीकी देशों के बीच संबंध बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत में भारत-अफ्रीका शिखर बैठक और अफ्रीकन डेवलपमेंट बैंक की बैठक आयोजित की गयी थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी खुद की, इन सब को मिलाकर 20 अवसरों पर विभिन्न अफ्रीकी देशों की यात्रा हो चुकी है।
अपने संबोधन के दौरान, प्रधानमंत्री ने समारोह में उपस्थित व्यक्तियों को, विशेषकर के जो पहले भारत नहीं आ चुके हैं, उन्हें भारत की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक परंपरा का अनुभव करने के लिये जनवरी 2019 में आयोजित होने वाले कुंभ मेले में आने के लिये आमंत्रित भी किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नैरोबी-वेस्ट भवन में श्री कच्छी लेवा पटेल समाज के रजत जयंती समारोह के आयोजन के अवसर पर सभा में उपस्थित लोगों को बधाई दी।