प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को पश्चिम बंगाल के हल्दिया में एक जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल का विकास और यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण केंद्र सरकार की निरंतर प्राथमिकता रही है। कोलकाता में साढ़े 8 हजार करोड़ रुपए की लागत से मेट्रो प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस साल भी हजारों करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल में नेशनल हाईवे बनाने में लगाने वाली है। पश्चिम बंगाल को पंजाब से जोड़ने वाला पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बहुत जल्दी बनकर तैयार होने वाला है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2011 में पूरे देश की नजरें बंगाल पर थीं। लेफ्ट की हिंसा और भ्रष्टाचार का जर्जर किला ढहने की कगार पर था। उस समय ममता दीदी ने बंगाल से परिवर्तन का वादा किया। उनके इस वादे ने पूरे देश का ध्यान खींचा, लोगों ने भरोसा किया। बंगाल को आस थी ममता की लेकिन उसे निर्ममता मिली। उन्होंने कहा, "बंगाल पहले से जितना आगे था, अगर बीते दशकों में उसकी वो गति और बढ़ी होती, तो आज बंगाल कहां से कहां पहुंच गया होता।"
जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल में आप दीदी से अपने अधिकार की बात पूछ देंगे तो वो नाराज हो जाती हैं। यहाँ तक कि भारत माता की जय के नारे लगा दो, तो भी वो नाराज हो जाती हैं। लेकिन देश के खिलाफ बोलने वाले कितना भी जहर उगल दें, दीदी को गुस्सा नहीं आता। उन्होंने कहा, " मां, माटी मानुष की बात करने वालों में आज भारत माता के लिए आवाज बुलंद करने का साहस नहीं है। साहस इसलिए नहीं है क्योंकि, इतने सालों में इन लोगों ने राजनीति का अपराधीकरण किया है, करप्शन को संस्थागत रूप दिया है और प्रशासन और पुलिस का राजनीतिकरण किया है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खड़ी की गई तमाम अड़चनों के बावजूद, केंद्र सरकार बंगाल के लोगों के विकास के लिए पूरा प्रयास कर रही है। हाईवे, फ्लाइओवर हों, रेल नेटवर्क हो, एयरपोर्ट हों, पोर्ट हों, जलमार्ग हों, इंटरनेट की सुविधा हो, इन सभी पर केंद्र सरकार एक बड़ी राशि खर्च कर रही है। पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल का विकास तेज गति से करने के लिए यहां भी डबल इंजन की सरकार आवश्यक है। करप्शन और टोलाबाजी तब हटेगी, जब यहां “आसोल पोरिबोर्तोन” आएगा, जब यहां भाजपा की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि बंगाल की धरती के गौरव के लिए भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता का त्याग, उनकी तपस्या, उनके बलिदान ने समूचे बंगाल को ये ऐहसास करा दिया है कि इस बार 'पोरिबोर्तोन' होकर रहेगा।