अटल टनल इस क्षेत्र के लोगों के जीवन में बदलाव लाएगा : प्रधानमंत्री
अटल टनल सरकार की इस प्रतिबद्धता का सूचक है कि विकास का लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे : प्रधानमंत्री
अब योजनाएं वोटों की संख्या के आधार पर नहीं बनाई जातीं, बल्कि प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी भारतीय पीछे न छूट जाए: प्रधानमंत्री
देवदर्शन और बुद्ध दर्शन के संगम के रूप में लाहौल-स्पीति में अब एक नया आयाम जुड़ने वाला है : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति के सिस्सू गांव में आयोजित ‘आभार समारोह’ में भाग लिया।

टनल का परिवर्तनकारी प्रभाव

प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब वे एक कार्यकर्ता के रूप में यहां पर काम करने के लिए रोहतांग के लम्बे रास्ते से आया-जाया करते थे तथा सर्दियों में रोहतांग दर्रे के बंद होने के कारण लोगों को हो रही कठिनाइयों को देखते थे। उन्होंने उन दिनों श्री ठाकुर सेन नेगी के साथ हुई अपनी बातचीत को भी याद किया। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी इन परेशानियों से पूरी तरह वाकिफ थे। इसलिए उन्होंने वर्ष 2000 में टनल के निर्माण की घोषणा की थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 9 किलोमीटर टनल के माध्यम से लगभग 45-46 किलोमीटर की दूरी कम हो गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस टनल के परिवर्तनकारी प्रभाव से इस क्षेत्र के लोगों के जीवन में बदलाव आने वाला है। यह टनल लाहौल-स्पीति और पांगी के लोगों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। इससे किसान, बागवानी और पशुपालन से जुड़े लोग, छात्र तथा व्यापारी भी लाभान्वित होंगे। यह टनल इस क्षेत्र की कृषि उपज को बर्बाद होने से रोकेगी, क्योंकि इससे ये उपज तेजी से बाजारों तक पहुंच सकेंगी। इससे इस क्षेत्र के चन्द्रमुखी आलू को नये बाजार और नये खरीदार उपलब्ध होंगे। इस टनल से लाहौल-स्पीति में उगने वाले हर्बल औषधीय पौधों और मसालों की पहुंच और इस क्षेत्र की विश्वस्तर पर पहचान बनेगी। इसके अलावा यह टनल अपने बच्चों की शिक्षा के लिए बाहर निकलने वाले परिवारों को जरूरतों को पूरा करेगा।

पर्यटन और रोजगार अवसरों को बढ़ावा

प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र की जबर्दस्त पर्यटन संभावनाओं के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि देवदर्शन और बुद्ध दर्शन के संगम के रूप में लाहौल-स्पीति में अब नया आयाम जुड़ने वाला है। अब स्पीति घाटी में स्थित ताबो मठ तक पहुंचने के लिए दुनियाभर के लोगों को आसानी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरा क्षेत्र न केवल पूर्वी एशिया के बल्कि दुनिया के अन्य देशों के बौद्धों के लिए भी एक बड़ा केन्द्र बन जाएगा। पर्यटन बढ़ने से युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर सृजित होंगे।

अंतिम छोर तक पहुंच

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अटल टनल सरकार की इस प्रतिबद्धता का सूचक है कि विकास का लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि पहले लाहौल-स्पीति और ऐसे ही अनेक क्षेत्रों को उनके ही भरोसे छोड़ दिया जाता था, क्योंकि ये क्षेत्र कुछ लोगों की राजनीतिक इच्छाओं को पूरा नहीं करते थे। लेकिन अब देश नयी सोच के साथ काम कर रहा है और नीतियां अब वोटों की संख्या के आधार पर तैयार नहीं की जाती हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास रहता है कि कोई भी भारतीय पीछे न छूटे। प्रधानमंत्री ने कहा कि लाहौल-स्पी्ति इस परिवर्तन का एक बड़ा उदाहरण है। यह इससे भी स्पष्ट है कि यह उन जिलों में से है, जहां हर घर पाइप से जल की व्यवस्था सुनिश्चित हो गई है।

प्रधानमंत्री ने दलितों, आदिवासियों, पीडितों और वंचितों के लिए सभी आवश्यहक बुनियादी सुविधाएं सुलभ कराने की सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। उन्होंने ग्रामीण विद्युतीकरण, एलपीजी गैस कनेक्शान उपलब्ध कराने, शौचालयों जैसी सुविधाओं का निर्माण, आयुष्मान भारत योजना के तहत कराने के लिए सरकार के प्रयासों को भी सूचीबद्ध किया। उन्होंने अंत में यह भी कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ सतर्क रहें।

 

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.