Quoteएक तरफ बंटे हुए, कुछ कुनबों का जमावड़ा है और दूसरी तरफ युवा, कर्मशील नेतृत्व से भरा भाजपा की, महायुति की मजबूत टीम है: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteकांग्रेस के कारनामे ऐसे हैं, जिनसे भारत का अहित चाहने वालों को ऑक्सीजन मिलती है: पीएम मोदी
Quoteकांग्रेस और एनसीपी के नेता जनभावनाओं को नहीं समझ पा रहे, जिसकी सजा उनको लोकसभा चुनाव में भी मिली है और इस बार भी सजा मिलनी तय है: प्रधानमंत्री
Quoteभाजपा-शिवसेना की महायुति महाराष्ट्र को और महान बनाने के मिशन पर निकली है: प्रधानमंत्री मोदी
Quote370 का हटना सिर्फ एक व्यवस्था का हटना नहीं है, इसका मतलब है - इंटीग्रेशन, इन्क्लूजन, इंडस्ट्री, इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन: पीएम मोदी
Quoteजितनी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी, उतनी तेज़ी से हम गरीबी को हरा पाएंगे, जितनी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी, उतनी ही तेजी से मध्यम वर्ग का जीवन स्तर ऊपर उठा पाएंगे, जितनी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी, उतनी ही तेज़ी से युवाओं की आकांक्षाओं को हम पूरा कर पाएंगे: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के परली (बीड), सतारा और पुणे में आयोजित विशाल जन-सभाओं को संबोधित किया और महाराष्ट्र की जनता से ऐतिहासिक बहुमत से देवेन्द्र फड़णवीस के नेतृत्व में भाजपा-शिव सेना महायुति सरकार के गठन की अपील की।

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आज तक भाजपा के पास सिर्फ छत्रपति शिवाजी महाराज के संस्कार थे, अब हमारे पास शिवाजी के संस्कार के साथ-साथ उनका परिवार भी है। संस्कार और परिवार का ये संगम वीर शिवाजी के सपनों का महाराष्ट्र, उनके सपनों का अखंड हिंदुस्तान बनाने में अहम सिद्ध होने वाला है। बीते 5 वर्षों से महायुति की सरकार ने केंद्र में भी और महाराष्ट्र में भी शिवाजी महाराज के संस्कारों के अनुसार ही काम किया है। राष्ट्ररक्षा और राष्ट्रवाद को हमने प्राथमिकता दी है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतर आज और बेहतर कल के लिए, हर घर जल, इसी भाव को लेकर हम चले हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने ‘जल जीवन मिशन’ शुरु किया है। इस मिशन के तहत सिर्फ पानी के लिए आने वाले 5 वर्षों में लगभग साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। पानी के लिए इतना गंभीर प्रयास भारत के तो क्या विश्व के इतिहास में भी नहीं हुआ होगा। सिंचाई से लेकर कमाई तक के तमाम प्रयास हम कर रहे हैं। महाराष्ट्र के सभी किसान परिवारों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ पहुंच रहा है। लघु किसान परिवारों, खेत मजदूरों को, छोटे दुकानदारों को, 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन की सुविधा भी तय हो चुकी है। गन्ना किसानों की मुश्किलों को हल करने के लिए हर संभव कोशिश बीते 5 वर्षों में की गई है। गन्ने के लाभकारी मूल्य को लागत का डेढ़ गुणा से अधिक तय किया गया है। जब भी कोई समस्या हुई है, हमने यह कोशिश की है कि किसानों को उनका बकाया समय पर मिले। गन्ना किसानों को सिर्फ चीनी के भरोसे ना रहना पड़े, इसके लिए इथेनॉल के उत्पादन पर बल दिया जा रहा है। देशभर में इसके लिए आधुनिक फैक्ट्रियां बनाई जा रही हैं। हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल में करीब 10 प्रतिशत तक के इथेनॉल का उपयोग किया जा सके। किसान हो, जवान हो या युवा, महायुति की सरकार हर वर्ग के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि लोक सभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र सहित पूरे देश की जनता ने भाजपा और NDA को इसलिए अवसर दिया था क्योंकि हमने समाज के हर वर्ग के लिए ईमानदारी से काम किया। गरीबों को अपना पक्का घर मिला, मुफ्त में इलाज की व्यवस्था मिली, फ्री में बिजली कनेक्शन मिले, शौचालय का निर्माण हुआ और धुएं से मुक्ति के लिए गैस के सिलिंडर मिले। ऐसे अनेक काम बीते 5 वर्ष में हमने किए हैं। बीते 5 वर्ष अगर घर, गैस, बिजली, शौचालय जैसी व्यवस्था के लिए थे, तो आने वाले 5 वर्षों का सबसे बड़ा संकल्प हमने पानी का लिया है। हर घर जल पहुंचाने के निश्चय के साथ हम खड़े हैं। 

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श्री मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में पहली बार किसी सरकार ने जल संरक्षण, जल सिंचन, जल संचयन को लेकर सार्थक प्रयास किए हैं। सालों से हमारी नदियों का पानी बिना उपयोग के अरब सागर में गिर रहा है, जबकि मराठवाड़ा पानी के लिए तरस रहा है। अब जो गोदावरी को जलयुक्त करने का जो संकल्प महायुति ने किया है, उसको पीढ़ियों तक याद किया जाएगा। इसी तरह, मराठवाड़ा में वाटर ग्रिड बनाने की योजना, प्रशंसनीय कदम है। इससे पर हज़ारों करोड़ रुपए खर्च होने वाले हैं। जलयुक्त शिवार के कार्यक्रम में तो सरकार के साथ-साथ आप सभी की भी बहुत बड़ी भूमिका रही है। यह महाराष्ट्र की जनता की शक्ति और उनका विश्वास ही है जिसके भरोसे पर हर घर तक जल पहुंचाने का बीड़ा हम उठा पाए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मराठा समाज को आरक्षण हो, सामान्य वर्ग के गरीब परिवारों को इतिहास में पहली बार मिला आरक्षण हो, ये महायुति की ही सरकार ने कर दिखाया है। महायुति की सरकार का हमेशा से ये प्रयास रहा है कि किसी का शोषण ना हो, किसी का हक ना मारा जाए। बीते 5 वर्ष में महिला सशक्तिकरण को भी अभूतपूर्व बल मिला है। हमारी बहनों की सुरक्षा से लेकर सम्मान के लिए पहली बार बड़े कदम उठाए गए हैं। सामाजिक सद्भाव की यही नीति पूरे देश को पसंद आ रही है, इसलिए पूरे देश का स्नेह और आशीर्वाद हमें मिल रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मेहनती शेतकरी समाज के नाम पर बातें और वादे बहुत किए गए, उनके नाम पर नेतागिरी भी बहुतों ने चमकाई। लेकिन सही मायने में शेतकरी समाज के बारे में सोचने का काम महायुति की सरकार ने ही किया है। 

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श्री मोदी ने महाराष्ट्र की जनता को नमन करते हुए कहा कि इस बार तो लगता है कि पहले के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे और सर्वत्र कमल ही कमल दिखेगा। भाजपा को मिल रहे अपार जन-समर्थन से कांग्रेस और NCP के नेताओं की सांसें फूली हुई हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के नेता जन-भावनाओं को नहीं समझ पा रहे जिसकी सज़ा उन्हें लोक सभा चुनाव में भी मिली है और इस बार भी मिलनी तय है। इस बार तो उनकी हालत और भी खस्ता है। पूरे महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में दंगल मचा हुआ है, वहां दलों में भी दंगल है और दलों के नेताओँ व कार्यकर्ताओं में भी दंगल है। वे एक दूसरे को हैसियत बताने के लिए बिसात बिछा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, भाजपा-शिवसेना की महायुति महाराष्ट्र को और महान बनाने के मिशन पर निकली है।

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विपक्ष पर हमला जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विरोधी दल के नेताओं को को चिंता हो रही है कि भाजपा के कार्यकर्ता इतनी मेहनत क्यों कर रहे हैं? तो आज मैं उन्हें महाराष्ट्र की धरती से उन्हें बताना चाहता हूँ कि भारतीय जनता पार्टी के पास लगन से कार्य करनेवाले कार्यकर्ता हैं, तभी वो दिलों को जीतते हैं और दलों को जिताते हैं। एक तरफ बंटे हुए, कुछ कुनबों का जमावड़ा है और दूसरी तरफ युवा, कर्मशील नेतृत्व से भरा भाजपा नीत महायुति की मजबूत टीम है। आज अगर भाजपा-शिव सेना के पक्ष में माहौल है तो इसके पीछे बीते पांच वर्ष की हमारी कार्यशक्ति है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं की स्वार्थशक्ति है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी कार्यशक्ति के दम पर, ज़मीन पर जनहित-जनकल्याण के कार्यक्रम उतारे और ये अपनी स्वार्थशक्ति की वजह से उसका मजाक उड़ाते रहे, हर योजना, हर फैसले की आलोचना करते रहे। इनके कारनामे ऐसे हैं, जिनसे भारत का अहित चाहने वालों को ऑक्सीजन मिलती है। 

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श्री मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र ने देश की रक्षा के लिए अनेक शूरवीर दिए हैं जो राष्ट्र रक्षा का संकल्प लेकर निकले हैं। ऐसे संस्कार जहां के हों, वहां राष्ट्र का अहित करने वाली राजनीति को जगह भला कैसे सहन हो सकती है? यही कारण है कि कांग्रेस और NCP के नेता जब हमारे वीर जवानों के शौर्य पर सवाल उठाते हैं, तो महाराष्ट्र की जनता को ठेस पहुंचती है। जब ये राफेल जैसे आधुनिक जहाज को लेकर दुष्प्रचार करते हैं, तो राष्ट्रभक्तों की धरती को अपार पीड़ा होती है। जब ये आर्टिकल-370 को लेकर अफवाहें फैलाते हैं, तब पूरा महाराष्ट्र निराश होता है। जब वीर सावरकर जैसे राष्ट्रनायकों को ये बदनाम करने का प्रयास करते हैं, तब प्रदेश की जनता का पारा सातवें आसमान पर चढ़ जाता है। जहां कार्यकर्ताओं में, गठबंधन में ही बंटवारा है, वो महाराष्ट्र के समाज को एकजुट भला कैसे कर सकते हैं? इनकी राजनीति का एक ही आधार है, बांटो, बांटो, बांटो और मलाई खाओ। ये संस्कार छत्रपति शिवाजी के बिल्कुल नहीं हैं। उन्होंने तो समभाव और सद्भाव से राष्ट्रसेवा का मार्ग हमको दिखाया है। इसी रास्ते को बीते 5 वर्षों में महायुति की सरकार ने सशक्त किया है।
 

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प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र रक्षा और राष्ट्र के एकीकरण के लिए महायुति की सरकार ने ऐसे फैसले लिए हैं, जिनको लेने की हिम्मत पहले नहीं दिखाई गई लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि आज यहां महाराष्ट्र में जो हमारे विरोध में खड़े हैं, उन्होंने राष्ट्ररक्षा के लिए उठाए गए हर कदम का विरोध किया। हाल ही में जब भारत ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला लिया, जब वहां के दलितों को, वहां की बेटियों को, महिलाओं को, देश के अन्य राज्यों की तरह अधिकार दिए, तब एक बार फिर इनका स्वार्थ जाग गया और देश के खिलाफ ही बयान देने लगे। इतिहास में जब भी आर्टिकल 370 की चर्चा होगी, तो इन लोगों के बयानों का जिक्र भी होगा। मैं आपको याद दिलाता हूं: 

  • एक ने कहा कि ये फैसला, किसी की हत्या करने जैसा है। वाह क्या सीन है।
  • एक नेता ने कहा कि ये भारत की राजनीति का काला दिन है। 
  • एक नेता ने कहा - केंद्र ने जो फैसला लिया, वह लोकतंत्र के खिलाफ है। 
  • एक और बड़े नेता ने कहा कि भारत में लोकतंत्र ही खत्म हो गया है। 
  • एक और नेता ने कहा कि इस फैसले से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। 
  • कांग्रेस के एक नेता ने बयान दिया कि अगर कश्मीर में हिंदू होते तो बीजेपी सरकार ऐसा फैसला कभी नहीं करती। 
  • कांग्रेस के एक और नेता ने कहा कि कश्मीर का मसला भारत का अंदरूनी मामला नहीं है। कांग्रेस के ही एक और दिग्गज नेता ने कहा कि ये देश को बर्बाद करने वाला फैसला है। 
  • कांग्रेस के ही एक नेता ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाकर हमने कश्मीर को खो दिया है।
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विपक्ष पर बरसते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत भूमि पर बुरी नज़र रखने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा लेकिन इन लोगों के बयानों, इनकी साजिशों को देश ने देखा है। देश इन्हें इनके किए की सज़ा देगा लेकिन आज महाराष्ट्र के पास सबसे पहला अवसर आया है। शिवाजी महाराज ने राष्ट्ररक्षा के लिए एक सशक्त सेना को प्राथमिकता दी। उस काल में भी उन्होंने एक सशक्त नौसेना का निर्माण किया था। बीते 5 वर्षों में हमारी सरकार ने भारत की सेना को दुनिया की ताकतवर सेनाओं की श्रेणी में खड़ा कर दिया है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि 370 का हटना सिर्फ एक व्यवस्था का हटना नहीं है। इसका मतलब है: इंटीग्रेशन, इन्क्लूजन, इंडस्ट्री, इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन। इंटीग्रेशन से इन्क्लूजन और इन्क्लूसिव सोसाइटी से इन्वेस्टमेंट को बल मिलता है। इन्वेस्टमेंट से इंडस्ट्री बढ़ती है और इससे इनोवेशन की संस्कृति विकसित होती है। उन्होंने कहा कि एक बार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में ये संस्कृति यदि हम तैयार कर पाए तो एक्सक्लूजन, अलगाव, आतंक और हिंसा के लिए स्कोप अपने आप बहुत कम हो जाएगा। इसका असर सिर्फ जम्मू कश्मीर और लद्दाख तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि संपूर्ण भारत पर इसका सकारात्मक असर होगा।
 

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श्री मोदी ने कहा कि आज दुनिया में तेज़ी से बदलाव हो रहे हैं, अभूतपूर्व बदलाव हो रहे हैं। देशों के बीच के रिश्ते हों या फिर अर्थव्यवस्था से जुड़े सवाल, पूरी दुनिया में अभूतपूर्व हलचल है। ऐसी दुनिया से डील करने के लिए एक सशक्त और स्थाई सरकार की ज़रूरत देश को थी जो 130 करोड़ भारतीयों ने दी। देश की जनता ने 5 साल के लिए सरकार चुनी है। अभी 5 महीने भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन इतने कम समय में ही 5 वर्षों का खाका हमने खींच लिया है। नए भारत का नया आत्मविश्वास जो दुनिया को दिख रहा है, इसके पीछे वह प्रचंड जनादेश है जो देश की जनता ने दिया है। इसके पीछे 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक ताकत है। हमने सिर्फ इतना प्रयास किया है कि राष्ट्र निर्माण में देश का हर नागरिक जुड़ा महसूस कर सके। हमने सिर्फ इतनी कोशिश की है कि भारत के विकास में हर भारतीय का योगदान काउंट हो।

युवाओं के लिए उठाये गए क़दमों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तेज़ी से बदलती टेक्नॉलॉजी से एम्प्लॉयमेंट का नेचर बदल रहा है। स्किल सेट्स की डिमांड बदल गई हैं। ये हमारे युवा साथियों के सामने, हमारे इंजीनियर्स के सामने बहुत बड़ी चुनौती है। स्किल डेवलपमेंट के साथ-साथ निरंतर स्किल अपग्रेडेशन की ज़रूरत है। न्यू इंडिया की नई इकॉनॉमी के लिए हमें तैयारी करनी ही होगी। उन्होंने कहा कि कोई कितनी भी निराशा फैलाने की कोशिश करे लेकिन मैं देश के युवाओं को आश्वस्त करता हूं, कि आने वाले वर्ष संभावनाओं से भरे हुए हैं। विश्व भर में जितने भी बिजनेस लीडर्स से मेरी बात होती है, हर कोई भारत आने के लिए आतुर हैं। बीते पांच वर्षों में भारत में इन्वेस्टमेंट की ग्रोथ में 5 गुणा बढ़ोतरी हुई है।

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प्रधानमंत्री 23 से 25 फरवरी तक मध्य प्रदेश, बिहार और असम का दौरा करेंगे
February 22, 2025
Quoteप्रधानमंत्री छतरपुर, मध्य प्रदेश में बागेश्वर धाम चिकित्सा एवं विज्ञान अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखेंगे
Quoteप्रधानमंत्री भोपाल, मध्य प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 का उद्घाटन करेंगे
Quoteप्रधानमंत्री भागलपुर, बिहार में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त जारी करेंगे
Quoteप्रधानमंत्री गुवाहाटी, असम में एडवांटेज असम 2.0 निवेश एवं बुनियादी ढांचा शिखर सम्मेलन 2025 का उद्घाटन करेंगे
Quoteप्रधानमंत्री गुवाहाटी, असम में झुमोइर बिनंदिनी (मेगा झुमोर) 2025 कार्यक्रम में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 से 25 फरवरी तक मध्य प्रदेश, बिहार और असम का दौरा करेंगे। 23 फरवरी को वे मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में जाएंगे और दोपहर करीब 2 बजे बागेश्वर धाम चिकित्सा एवं विज्ञान अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखेंगे। 24 फरवरी को सुबह करीब 10 बजे प्रधानमंत्री भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वे बिहार के भागलपुर जिला जाएंगे और दोपहर करीब 2:15 बजे पीएम किसान योजना की 19वीं किस्त जारी करेंगे और बिहार में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके बाद वे गुवाहाटी जाएंगे और शाम करीब 6 बजे झुमोइर बिनंदिनी (मेगा झुमोर) 2025 कार्यक्रम में शामिल होंगे। 25 फरवरी को सुबह करीब 10:45 बजे प्रधानमंत्री गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 निवेश और बुनियादी ढांचा शिखर सम्मेलन 2025 का उद्घाटन करेंगे।

मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में बागेश्वर धाम चिकित्सा एवं विज्ञान अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखेंगे। सभी वर्गों के लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए, 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले कैंसर अस्पताल में सुविधा से वंचित कैंसर रोगियों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी और यह अत्याधुनिक मशीनों से लैस होगा और इसमें विशेषज्ञ डॉक्टर होंगे।

प्रधानमंत्री भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) 2025 का भी उद्घाटन करेंगे। मध्य प्रदेश को वैश्विक निवेश केन्‍द्र के रूप में स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करते हुए, जीआईएस में विभागीय शिखर सम्मेलन; फार्मा और मेडिकल उपकरणों, परिवहन और रसद, उद्योग, कौशल विकास, पर्यटन और एमएसएमई आदि पर विशेष सत्र शामिल होंगे। इसमें वैश्विक दक्षिण देशों के सम्मेलन, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन सत्र जैसे अंतर्राष्ट्रीय सत्र और प्रमुख भागीदार देशों के लिए विशेष सत्र भी शामिल होंगे।

शिखर सम्मेलन के दौरान तीन प्रमुख औद्योगिक प्रदर्शनियाँ आयोजित की जाएँगी। ऑटो शो में मध्य प्रदेश की ऑटोमोटिव क्षमताओं और भविष्य की गतिशीलता समाधानों का प्रदर्शन किया जाएगा। टेक्सटाइल और फैशन एक्सपो में पारंपरिक और आधुनिक वस्त्र निर्माण दोनों में राज्य की विशेषज्ञता को उजागर किया जाएगा। "एक जिला-एक उत्पाद" (ओडीओपी) गांव में राज्य की अनूठी शिल्पकला और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा।

शिखर सम्मेलन में 60 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अधिकारी, भारत के 300 से अधिक प्रमुख उद्योग नेता और नीति निर्माता भाग लेंगे।

बिहार में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री किसान कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी के तहत भागलपुर में उनके द्वारा कई महत्वपूर्ण पहल की जाएंगी। भागलपुर में वे पीएम किसान की 19वीं किस्त जारी करेंगे। देशभर के 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को 21,500 करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष वित्तीय लाभ प्राप्त होगा।

. प्रधानमंत्री का एक महत्वपूर्ण फोकस यह सुनिश्चित करना रहा है कि किसानों को उनकी उपज का बेहतर पारिश्रमिक मिल सके। इसे ध्यान में रखते हुए, 29 फरवरी, 2020 को उन्होंने 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन और संवर्धन के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजना का शुभारंभ किया, जो किसानों को सामूहिक रूप से अपने कृषि उत्पादों का विपणन और उत्पादन करने में मदद करता है। पांच साल के भीतर, किसानों के लिए प्रधानमंत्री की यह प्रतिबद्धता पूरी हो गई है, उन्होंने कार्यक्रम के दौरान देश में 10,000वें एफपीओ के गठन को मील का पत्थर चिह्नित किया।

प्रधानमंत्री मोतिहारी में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत निर्मित स्वदेशी नस्लों के लिए उत्कृष्टता केन्‍द्र का उद्घाटन करेंगे। इसके प्रमुख उद्देश्यों में अत्याधुनिक आईवीएफ तकनीक की शुरूआत, आगे के प्रजनन के लिए स्वदेशी नस्लों के उत्कृष्ट पशुओं का उत्पादन और आधुनिक प्रजनन तकनीक में किसानों और पेशेवरों को प्रशिक्षण देना शामिल है। वह बरौनी में दुग्ध उत्पाद संयंत्र का भी उद्घाटन करेंगे जिसका उद्देश्य 3 लाख दुग्ध उत्पादकों के लिए एक संगठित बाजार बनाना है।

कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री 526 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से वारिसलीगंज-नवादा-तिलैया रेल खंड के दोहरीकरण और इस्माइलपुर-रफीगंज रोड ओवर ब्रिज को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

असम में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री झुमोइर बिनंदिनी (मेगा झुमोर) 2025 में भाग लेंगे, जो एक शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम है जिसमें 8,000 कलाकार झुमोर नृत्य में भाग लेंगे। झुमोर नृत्य असम चाय जनजाति और असम के आदिवासी समुदायों का एक लोक नृत्य है जो समावेशिता, एकता और सांस्कृतिक गौरव की भावना का प्रतीक है और असम के समन्वित सांस्कृतिक मेलजोल का प्रतीक है। मेगा झुमोर कार्यक्रम चाय उद्योग के 200 वर्षों और असम में औद्योगीकरण के 200 वर्षों का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री 25 से 26 फरवरी तक गुवाहाटी में आयोजित होने वाले एडवांटेज असम 2.0 निवेश और अवसंरचना शिखर सम्मेलन 2025 का भी उद्घाटन करेंगे। इसमें एक उद्घाटन सत्र, सात मंत्रिस्तरीय सत्र और 14 विषयगत सत्र शामिल होंगे। इसमें राज्य के आर्थिक परिदृश्य को दर्शाने वाली एक व्यापक प्रदर्शनी भी शामिल होगी, जिसमें इसके औद्योगिक विकास, वैश्विक व्यापार साझेदारी, तेजी से बढ़ते उद्योग और जीवंत एमएसएमई क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें 240 से अधिक प्रदर्शक शामिल होंगे।

शिखर सम्मेलन में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठन, वैश्विक नेता और निवेशक, नीति निर्माता, उद्योग विशेषज्ञ, स्टार्टअप और छात्र आदि भाग लेंगे।